Last updated on Nov 28, 2022
दो थैले हैं - एक में 3 एक रुपये के सिक्के, 6 पाँच रुपये के सिक्के और दूसरे में 2 एक रुपये के सिक्के, 7 पाँच रुपये के सिक्के हैं। एक बैग यादृच्छिक पर चुना जाता है और उसमें से एक सिक्का यादृच्छिक पर खींचा जाता है। क्या प्रायिकता है कि यह 5 रुपये का सिक्का है?
एक यौगिक घटना [(A और B) या (B और C)] की प्रायिकता की गणना निम्नप्रकार की जाती है:
P[(A और B) या (B और C)] = [P(A) × कौन सा सिक्का चुनना है? P(B)] + [P(C) × P(D)]
( 'और' का अर्थ '×' है और 'या' का अर्थ '+' है )
आवश्यक घटना को इस प्रकार लिखा जा सकता है:
घटना = (पहले बैग का चयन करें और उसमें से 5 रुपये का सिक्का चुनें) या (दूसरा बैग चुनें और उसमें से 5 रुपये का सिक्का चुनें)।
∴ आवश्यक प्रायिकता की गणना निम्न प्रकार से की जा सकती है:
प्रायिकता = [P (पहले बैग का चयन करें) × P(इसमें से 5 रुपए का सिक्का चुनें)] + [P(दूसरे बैग का चयन करें) × P(इसमें से 5 रुपए का सिक्का चुनें)]
प्राचीन भारतीय मुद्राओं का क्या इतिहास है और इनकी वैल्यू कितनी होती थी?
फूटी कौड़ी (Footie Cowrie), धेला (Dhela), दमड़ी (Damri), पाई और पैसा ये भारतीय सिक्कों की ऐसी इकाइयाँ हैं जो कि बहुत पहले ही चलन से बाहर हो गयी हैं. वर्तमान पीढ़ी के बच्चों ने इन सिक्कों को शायद कभी नही देखा होगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने यह लेख प्रकशित किया है, जिसमें यह बताया गया है कि किस कौन सा सिक्का चुनना है? सिक्के की वैल्यू कितनी होती थी?
मनुष्य के बहुत से अविष्कारों में से एक है, रुपये या मुद्रा का अविष्कार. इस अकेले अविष्कार कौन सा सिक्का चुनना है? कौन सा सिक्का चुनना है? ने पूरी दुनिया का नक्सा ही बदल दिया है. रुपये के विकास ने ना केवल पूरी दुनिया में आर्थिक और सामाजिक तत्रों का विकास किया है बल्कि लोगों के जीने के तरीकों को ही बदल दिया है.
1818 के भारतीय सिक्के में राम और कमल के फूल की फोटो? झूठा है दावा
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि साल 1818 में भारत मुद्गा के सिक्के पर एक तरफ राम और एक तरफ कमल का फोटो था . दावे के साथ सिक्के की दो तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं. वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा फेक निकला.
दावा
फेसबुक पर भी फोटो इसी दावे के साथ वायरल है, कई लोगों ने इसे शेयर किया है
पड़ताल में हमने क्या पाया
गूगल पर ‘Two anna coins with Hindu deity’ कीवर्ड सर्च करने से हमें ‘’ वेबसाइट मिली. वेबसाइट पर दी गई जानकारी से पता चलता है कि ये सिक्के ईस्ट इंडिया कंपनी या सरकार की तरफ से जारी नहीं किए गए थे.
ये सिक्के तीर्थयात्री खरीदते थे, एक अच्छे प्रतीक के रूप में. इन सिक्कों का इस्तेमाल मुद्रा (करेंसी) के रूप में नहीं होता था .
हमने भारतीय रिजर्व कौन सा सिक्का चुनना है? बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर वह सभी वैद्य सिक्के ( लीगल टेंडर) देखे जो भारत में जारी हो चुके हैं. ऐसा कोई सिक्का हमें नहीं कौन सा सिक्का चुनना है? मिला, जैसा कि वायरल मैसेज में दावा किया गया है.
मेष राशि वालों के लिए तांबे तो सिंह वालों के लिए सोने का सिक्का पर्स में रखना हो सकता है फायदेमंद
राशि अनुसार इन सिक्कों को रखना माना जाता है शुभ।
हर व्यक्ति अपने बेहतर भविष्य की कामना करता है जिसके लिए वह भरपूर मेहनत भी करता है। लेकिन उसके बावजूद भी कई बार आपकी किस्मत या कौन सा सिक्का चुनना है? किसी वजह से आपको तरक्की मिलने में देरी हो जाती है। ज्योतिष अनुसार हर एक राशि का अपना स्वामी ग्रह होता है और अगर आप उसके अनुसार ही कुछ उपाय करेंगे तो इससे आपको शुभ फल प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी। यहां आप जानेंगे कि किन राशि कौन सा सिक्का चुनना है? वालों को कौन सा सिक्का अपने पर्स या आस-पास की जगह पर रखना होता है शुभ…
सिक्के
देवास स्टेट की स्थापना सन् 1726 ए. डी. में तुकोजीराव तथा जीवाजीराव द्वारा की गई जो कि पंवार वंश के थे । ये बाजीराव पेशवा की सेना के साथ मालवा के विजयी अभियान मे सेना के साथ आए थे । इन्हे अपनी सेवाओं के बदले में, देवास, सारंगपुर तथा आलोट जिले दिए गए ।
इस राज्य के सिक्कों की और विद्वानो का ध्यान सन् 1904 ए. डी. में आकर्षित हुआ । सिक्का सम्बन्धी (मुद्रा विद्या) से सम्बन्धित कुछ नई तिथि की जानकारी प्राप्त हुई इसके सिक्कों से सम्बन्धित शिक्षा के बारे में इस राज्य की नई जानकारी प्राप्त हुई ।
प्रारम्भ में राज्य के अपने सिक्के नहीं थे बल्कि, इंदौर, उज्जैन, प्रतापगढ़ और कोटा के सिक्कों का ही लेन- देन होता था, परन्तु इन्हे देने से पहले, देवास स्टेट के कुछ सुनारों को यह दायित्व दिया गया कि वे “जालाधारी” फूलों पर शिव लिगों कों, उभरे हुए फूलों के आकर की नक्काशी करें । इसी प्रकार से, आलोट तथा गढ़गुच्चा से भी चन्द्रमा के गोलाकार कौन सा सिक्का चुनना है? प्रतीक चिन्ह के तांबे के सिक्के पाए जाते थे ।
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