Published at : 22 Feb 2021 01:02 PM (IST) Tags: liquid fund liquid fund return AMFI Mutual fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

How to Become Millionaire investing in stock market

क्या है लिक्विड फंड, जानें मौजूदा निवेश क्या होता हैं दौर में निवेश फायदेमंद है या नहीं

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 22 Feb 2021 01:02 PM (IST)

लिक्विड फंड , डेट फंड की एक कैटेगरी है जो डेट और मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है. इसमें 91 दिनों तक की मैच्योरिटी अवधि होती है. लिक्विड फंड में निवेश करने सबसे बड़ा फायदा लिक्विडिटी का है. लिक्विडिटी का मतलब किसी संपत्ति को कितनी जल्दी बेच या खरीद कर उसे कैश में बदला जा सकता है.

लिक्विड फंड में जोखिम कम लेकिन अभी निवेश करना ठीक ? चूंकि लिक्विड फंड डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं, जो निश्चित ब्याज दर की पेशकश करते हैं, इसलिए इसमें निवेश से मिलने वाले रिटर्न तय होता है. सिक्योरिटीज़ के मैच्योर होने पर, निवेशक को निश्चित ब्याज के साथ मूल राशि मिल जाती है. शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी अवधि के कारण, लिक्विड फंड ज्यादा आकर्षक होते हैं. लिक्विड फंड में निवेश पर कोई लॉक-इन अवधि नहीं है. निवेश के 7 दिनों के बाद निवेश की गई पूंजी को वापस लेने पर कोई एग्जिट फीस शुल्क नहीं है. लेकिन इस वक्त लिक्विड फंड उतने आकर्षक नहीं रह गए हैं. हाल में म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी में लिक्विड फंडों से सबसे ज्‍यादा निकासी देखने को मिल रही है. जनवरी में निवेशकों ने लिक्विड फंडों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये निकाले. दरअसल मार्केट में लिक्विडिटी की अधिकता के कारण लिक्विड फंड में रिटर्न घट रहा है और निवेशक इनसे निकल रहे है.

मेक इन इंडिया

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भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और निवेश क्या होता हैं व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

IPO: क्या होता है आईपीओ, कैसे किया जाता है इसमें निवेश? आसान भाषा में समझें सबकुछ

IPO New

IPO: ये दौर निवेश का है। आज बड़े पैमाने पर कई लोग अच्छी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी को अपनाकर करोड़ों रुपयों की कमाई कर रहे हैं। हाल में भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भी अपने आईपीओ के जरिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुकी है। ऐसे में कई लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर आईपीओ होता क्या है और इसमें निवेश कैसे किया जाता है? पिछले साल भी आईपीओ टर्म काफी ट्रेंड में था। पारस डिफेंस, पेटीएम, जोमेटो जैसी कई बड़ी कंपनियां आईपीओ के जरिए अपने स्टॉक मार्केट में लेकर आई थीं। वहीं दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं, जो आईपीओ के विषय में नहीं जानते। वो अक्सर आईपीओ को लेकर कई सवाल करते हैं। अगर आप भी आईपीओ के बारे में नहीं जानते, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। आज हम जानेंगे कि आईपीओ क्या होता है और इसमें इन्वेस्ट कैसे किया जाता है?

क्या होता है आईपीओ

आईपीओ से तात्पर्य प्रारंभिक पब्लिक पेशकश (Initial Public Offering) से है। आईपीओ एक कंपनी के द्वारा लाया जाता है। आईपीओ के जरिए एक कंपनी स्टॉक मार्केट में शेयर के बदले लोगों से धन उठाती है। कोई भी कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार पब्लिक के लिए लेकर आती है, उसे ही आईपीओ कहा जाता है।

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कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए आईपीओ को जारी करती हैं। एक बार जब कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाती है, उसके बाद निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आईपीओ की मदद से कंपनियां कैपिटल इकट्ठा करने का काम करती हैं। कंपनियां आईपीओ को तभी जारी करती हैं, जब उन्हें ज्यादा मात्रा में पूंजी की जरूरत होती है।

आईपीओ में निवेश कैसे करें?

आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास एक वैलिड डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। इसके बाद आप जिस स्टॉक ट्रेडिंग एप्स से अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाया है। उस स्टॉक ट्रेडिंग एप के जरिए आसानी से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं।

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देश में इस समय लोग बड़े पैमाने पर एलआईसी के आईपीओ में निवेश कर रहे हैं। एलआईसी आईपीओ की बिडिंग डेट 4 से 9 मई के बीच है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना में है।

SIP में पैसे लगाने का फायदा: हर महीने 25000 की बचत से पा सकते हैं 3.32 करोड़, जानिए कैसे और क्या करना होगा

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कुछ हजार रुपये जमा कर लखपति या करोड़पति बनना चाहते हैं निवेश क्या होता हैं तो एसआईपी (SIP) सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. म्चूचुअल फंड का सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) जमा राशि पर चक्रवृद्धि निवेश क्या होता हैं का फायदा देता है. इसका फायदा तब और अधिक मिलता है जब लंबी अवधि में निवेश किया जाता है. आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि 5 हजार, 10 हजार और 25 हजार रुपये एसआईपी में जमा करते हैं तो 20 साल में कितना रिटर्न मिलेगा.

आइए पहले ये जानते हैं कि एसआईपी का क्या फायदा है. जब आप SIP के माध्यम से निवेश क्या होता हैं निवेश करते हैं, तो आप एक निश्चित अवधि में एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं. यह राशि आपको एक निश्चित संख्या में फंड यूनिट खरीदने की सुविधा देती है. यदि आप इसे लंबे समय तक जारी रखते हैं, तो आपको उतार-चढ़ाव के दौरान फंड में निवेश करने को मिलता है. दूसरे शब्दों में, आपको अपना निवेश करने के लिए बाजार को समय देने की आवश्यकता नहीं है. मार्केट टाइमिंग एक जोखिम भरा काम हो सकता है क्योंकि कोई गलत समय पर निवेश कर सकता है. SIP निवेश जोखिम के इसी फैक्टर को दूर करता है. आप हर महीने (या तिमाही) की एक निश्चित तारीख को अपने बैंक को सीधे अपने बैंक खाते से अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड एसआईपी में फंड ट्रांसफर करने के लिए कह सकते हैं.

5 हजार पर कितना मिलेगा रिटर्न

अगर कोई व्यक्ति हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करता है तो 20 साल में उसे 66.35 लाख रुपये मिलेंगे. 5 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से वह व्यक्ति 12 लाख रुपये जमा करेगा. अगर इस राशि पर 8 परसेंट के हिसाब से रिटर्न मिलता है तो 28.53 लाख रुपये अंत में मिलेंगे. अगर 12 फीसदी के हिसाब से जोड़ें तो कुल रिटर्न 45.99 लाख का होगा. 15 फीसदी के हिसाब से रिटर्न जोड़ें तो 20 साल में 66.35 लाख रुपये मिलेंगे.

अगर आप हर महीने SIP में 10 हजार रुपये 20 साल के तक जमा करें तो अंत में 1.32 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है. परसेंटेज के हिसाब से देखें तो 10 हजार रुपये 8 फीसदी की दर से 20 साल में 57.26 लाख रुपये का रिटर्न देगा. अगर रिटर्न 12 परसेंट की दर से देखें तो यह 91.98 लाख रुपये होंगे. अंत में, अगर 15 फीसदी के हिसाब से रिटर्न देखें तो 10 रुपये की डिपॉजिट 1.32 करोड़ रुपये देगी. पूरे 20 साल में प्रति महीने 10 हजार की जमा राशि 24 लाख रुपये जुटाएगी जिस पर आपको SIP का लाभ मिलेगा.

25 हजार जमा पर कितना रिटर्न

अब मान लें आप हर महीने 25 हजार रुपये 20 साल तक जमा करते हैं. इस पूरी अवधि में आप 60 लाख रुपये जोड़ लेंगे. SIP में जमा यह राशि अगर 8 फीसदी का रिटर्न देती है तो आपको 1.43 करोड़ रुपये मिलेंगे. यही रिटर्न अगर 12 परसेंट के लिहाज से देखें तो कुल रकम 2.30 करोड़ रुपये होगी. आपकी 60 लाख रुपये की जमा राशि अगर 15 फीसदी की दर से रिटर्न देती है तो 20 साल बाद 3.32 करोड़ रुपये मिलेंगे.

जब आप एसआईपी में लगातार निवेश करते हैं तो आपके रिटर्न का पैसा री-इनवेस्ट होता है. यानी कि रिटर्न का पूरा पैसा फंड में दोबारा जमा कर दिया जाता है. इसे चक्रवृद्धि कहते हैं और इसका नतीजा होता है कि आपका पैसा कई गुना तक बढ़ जाता है. हालांकि रिटर्न को कई गुना तक बढ़ाने के लिए आपको अधिक के लिए पैसे जमा करना होगा. यह भी जरूरी है कि जितनी जल्द हो सके, निवेश शुरू कर दें.

मान लें तरुण, वरुण और अरुण तीन भाई हैं निवेश क्या होता हैं जिन्होंने एसआईपी में निवेश शुरू किया है. तरुण ने हर महीने 2000 का निवेश शुरू किया और 40 साल तक पैसे जमा करते रहे. इस तरह वे कुल अवधि में 9.6 लाख रुपये जमा कर सकेंगे. इससे एसआईपी में 2.3 निवेश क्या होता हैं करोड़ रुपये की राशि तैयार होगी. फाइनल फंड 2.4 करोड़ रुपये का होगा. वरुण ने 30 साल के लिए हर निवेश क्या होता हैं महीने 2000 रुपये जमा करना शुरू किया तो वे 7.2 लाख रुपये की राशि जुटा पाएंगे. एसआईपी में वे 63.4 लाख रुपये जुटा पाएंगे और अंत में उन्हें 70.6 लाख का रिटर्न मिलेगा.

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

न्यू फंड ऑफर यानी NFO में निवेश से पहले इन्हेें ठीक से परख लें.

एनएफओ (NFO) यानी न्यू फंड ऑफर. जब भी कोई म्यूचुअल फंड कंपनी एनएफओ लॉन्च करती है तो इसका जबरदस्त प्रचार किया जाता है. चैनलों और अखबारों में फंड मैनेजरों के इंटरव्यू आते हैं, जिनमें न्यू फंड की निवेश स्ट्रैटजी बताई जाती है. इसकी खूबियां गिनाई जाती हैं. ऐसा माहौल बनाया जाता है कि म्यूचुअल फंड ग्राहकों ने इसमें पैसा लगाया तो जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन क्या यह सच है? क्या एनएफओ में फंड निवेशकों को निवेश करना चाहिए?

इस सवाल से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर न्यू फंड ऑफर यानी NFO है क्या? दरअसल, जब भी कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ( AMC) कोई नया फंड लॉन्च करती है तो यह सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही खुला होता है. फंड पोर्टफोलियो के लिए शेयर खरीदना इसका मकसद होता है और इसलिए इसके जरिये पैसा जुटाया जाता है. एक तरह से एक नए फंड की शुरुआत करने के लिए पैसा जुटाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को न्यू फंड ऑफर कहा जाता है.

कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं

चूंकि यह फंड नया होता है इसलिए इसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है, जिसे देख कर हम निवेश का फैसला कर सकें. इसलिए ज्यादातर निवेशक फंड हाउस के पिछले प्रदर्शन को देख कर इसके एनएफओ में निवेश करते हैं. लेकिन यह सही रणनीति नहीं है. क्योंकि नई निवेश रणनीति के सामने नई चुनौतियां होती हैं और आपको पता नहीं होता कि यह फंड कामयाब होगा या नहीं. इसलिए हमेशा ऐसे फंड में निवेश करना बेहतर होता है, जिसका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो.

एनएफओ, आईपीओ की तरह लगता है लेकिन लेकिन यह इसकी तरह नहीं होता. बहुत सारे निवेशक इसे आईपीओ जैसा समझते हैं और उन्हें लगता है कि जिस तरह शेयरों में डिमांड बढ़ने पर उन्हें फायदा होता है, वैसा ही इसमें भी ऐसा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. म्यूचअल फंड के एनएवी पर डिमांड और सप्लाई के नियम का कोई असर नहीं होता. किसी म्यूचुअल फंड में कितने यूनिट्स होंगे यह तय नहीं होता. यूनिट्स जरूरत पड़ने पर बना ली जाती हैं.

ऊंची लागत

हर फंड का एक एक्सपेंस रेश्यो निवेश क्या होता हैं होता है. ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो का मतलब यह है कि आप अपने फंड को मैनेज करने के लिए ज्यादा पैसा दे रहे हैं. जाहिर है इससे आपका रिटर्न घटेगा. भारत में रेगुलेशन नियमों के मुताबिक छोटे एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) वाले फंड ज्यादा एक्सपेंस चार्ज वसूल कर सकते हैं. एनएफओ जब लॉन्च होता है तो आमतौर पर इसका एयूएम छोटा होता है . इसलिए इसका एक्सपेंस चार्ज ज्यादा होने की संभावना रहती है. इसलिए यह महंगा होता है.

अगर कोई एनएफओ किसी खास वक्त लॉन्च हुआ है तो जरूरी नहीं है कि इसमें निवेश का यही सही वक्त है. एएमसी अपने प्रोडक्ट बास्केट को बड़ा करने या पूरा करने के लिए भी एनएफओ लाते हैं. इसलिए एनएफओ लॉन्च हुआ है इसलिए इसमें निवेश करना है, यह ठीक रणनीति नहीं है.

कुल मिला कर , एनएफओ में निवेश अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. इसलिए अनिश्चितता की बजाय ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो. अगर एनएफओ कुछ खास हो और आपके पोर्टफोलियो के हिसाब से यह फिट बैठ रहा है तो थोड़ा इंतजार करके देखें कि क्या इसकी थीम और निवेश रणनीति बताए गए मकसद के लिए मुफीद है.

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