Technical analysis in hindi

टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Technical analysis kya hai?

आज का हमारा टॉपिक रहेगा टेक्निकल एनालिसिस क्या है, कैसे करते है,और इसका उपयोग क्या है?

NIFTY 2022 05 15 17 19 58

टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) कैसे करे :-

देखिए किसी भी शेयर का चार्ट खोलो और उसमे ट्रेंडलाइन खींचे

या फिर होरिजेंटल लाइन लाइन खींचे या कोई भी मूविंग एवरेज लगाए

किसी भी प्रकार के इंडिकेटर्स लगाए ये सभी टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करने के तरीके है

इनसे हमे क्या पता चलता है इनसे हमे केवल और केवल प्राइस का सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता चलता है।

नोट :- सबसे टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है पहले तो आप को पास एक डीमैट अकाउंट ( Demat account) होना चाहिए नही तो आप शेयर खरीद और बेच नही सकते तो आप यहा click कर के अपना डीमैट अकाउंट जेरोधा (Zerodha) में खोल ले ।

अगर आप के पास पहले से ही zerodha का अकांउट है तो भी आप अपने फैमिली में से किसी का account खोल ले

अब इससे होगा क्या आप को जो हमारी वेबसाइट www. niftycharting.com में टेक्निकल एनालिसिस मिलते है

वो कुछ ही होते है आप को बड़ा फ्रॉफिट चाहिए तो zrodha में अकाउंट खोल के अपनी यूजर आईडी (user ID) हमे मेल कर दे या कमेंट्स कर दे

और इसके बाद हमारी वेबसाइट पर फ्री में रजिस्टर करे और स्टॉक,निफ्टी, बैंकनिफ्टी, सभी के बेहतर टेक्निकल एनालिसिस फ्री में पाए।

टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग हम intraday और swing treding (short term) के लिए करते है।

इससे हम ये पता लगाते है की कब हमे शेयर खरीदने है और कब बेचने है।

ट्रेडर के प्रकार-

1.इंट्राडे ट्रेडर –इंट्राडे ट्रेडर (intraday) वो होते है जो उसी दिन शेयर खरीदते है

और मुनाफा हो या घाटा उसी दिन उसे बेच देते है।

2.स्विंग ट्रेडर — स्विंग ट्रेडर (swing trader) वो होते है जो किसी भी शेयर को खरीद कर एक से अधिक दिन अपने पास रखते है

मतलब आज खरीदा और वो कल बेचे या परसों बेचे या फिर 25 दिन बाद बेचे उन्हें हम स्विंग ट्रेडर कहते

चार्ट टाइमफ्रेम –

इंट्राडे ट्रेडर (intraday) के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम 5 मिनट का होता है

या 15 मिनट भी देख सकते है। गलती से भी इंट्राडे ट्रेडर (intraday)को

1घंटा का टाइम ,या 1दिन का टाइम में ट्रेड नहीं करना है।

स्विंग ट्रेडर (swing trader)–

स्विंग ट्रेडर (swing trader) के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम जो उनको देख कर ट्रेड करना है

वो है 1घंटा का टाइम।

Note—- फॉरेक्स और क्रिप्टो या जिनमे 24 घंटे ट्रेडिंग होती है उनमें हम 4घंटा का टाइम फ्रेम देखते है

कैसे पकड़ें शेयर बाजार की नब्ज व जानिए टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ

दरअसल अनिश्चितता से भरे शेयर ट्रेडिंग में भावों के उतार-चढ़ाव को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। जो ट्रेडर यह समझते हैं कि मुनाफा कमाना बड़ा लक्ष्य है, वे अक्सर घाटा खाते हैं, जबकि भावों की भाषा को पढ़ने वाले कुल मिलाकर फायदे में रहते हैं, क्योंकि किसी भी शेयर के भावों में ही छिपा रहता है उसका भूत, वर्तमान और भविष्य, बस इसे पढ़ने के लिए सधी और पैनी नजर चाहिए। अब सवाल है कि भावों की भाषा पढ़ी कैसे जाए। इसका एक प्रमुख माध्यम है टेक्निकल एनालिसिस।

SHARE MARKET FULL GUIDE IN HINDI

टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ है किसी स्टॉक के मार्केट डाटा का सूक्ष्म अध्ययन करके उसकी संभावित कीमत का अनुमान लगाना। इसमें मुख्य रूप से दो बातों पर गौर किया जाता है। भाव और ट्रेडिंग की मात्रा यानी वॉल्यूम। सरल शब्दों में कहा जाए तो टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी स्टॉक की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया। इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यदि किसी स्टॉक में औसतन रोजाना एक लाख शेयर ट्रेड होते हैं और अगर किसी एक दिन अचानक इनकी तादाद बढ़कर एक लाख 70 हजार हो जाए तो इसका मतलब है कि जरूर उस स्टॉक में कोई हलचल मची है।

टेक्निकल से अलग फंडामेंटल: आगे बढ़ने टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है से पहले हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है। फंडामेंटल एनालिसिस में जहां हम लंबे निवेश के नजरिए से कंपनी के अतीत और वर्तमान को कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं, वहीं टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से भावों की तात्कालिक गणना पर आधारित पद्धति है। इसका उद्देश्य ट्रेडर की मदद करना होता है। फिर चाहे वह ट्रेडर इंट्रा डे हो या फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडर। फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की आय, उसके द्वारा दिए गए लाभांश और शोध जैसी बातों को अपने अध्ययन का आधार बना सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में इनमें से कुछ संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य रूप से कुछ विशेष टूल्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जता है। इन विशेष साधनों में एक है चार्ट का अध्ययन। चाटरें के जरिए टेक्निकल एनालिसिस करने वाला ट्रेडर दो अहम चीजों पर ध्यान देता है- पहला प्राइस मूवमेंट और दूसरा शेयर का ट्रेंड। अगर कोई शेयर आपके द्वारा निर्धारित कीमत से दो फीसदी गिर भी जाता है तो मुमकिन है कि वह अपट्रेंड हो। यानी उसमें मुनाफा वसूली या किसी और वजह से थोड़े वक्त के लिए करेक्शन आया हो लेकिन वह जल्द ही फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के जरिए हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस सीमा के बाद कोई शेयर अपनी दिशा बदल सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस को समझने व ट्रेड के लिए चार्ट पैटर्न की मदद कैसे ली जाती है: टेक्निकल एनालिसिस में काम आने वाले चार्ट पैटर्न भी कई तरह के होते हैं। जैसे- हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप या बॉटम वगैरह। इसके अलावा जो चीज टेक्निकल एनालिसिस में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, वह है मूविंग एवरेज। मूविंग एवरेज पर अलग से चर्चा करेंगे, फिलहाल हम आपको उसका एक परिचय देते चलें। मूविंग एवरेज का अर्थ है कि कोई शेयर किसी खास अवधि में किस औसत भाव के साथ मूव कर रहा था। इसका आकलन लगाने में हम कुछ और तकनीकी बिंदुओं पर गौर कर करते हैं, जैसे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस।


आगे की पोस्टो में हम टेक्निकल एनालिसिस के एक एक पहलू पर विस्तार से गौर करेंगे। टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है हम इसके जरिए शेयर के भावों का अर्थशास्त्र समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन ये याद रखिए कि एक सफल ट्रेडर के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है तो फंडामेंटल एनालिसिस की समझ भी आवश्यक है। शेयर बाजार में कीमतें किसी एक सिद्धांत के आधार पर तय नहीं होती हैं। यहां सबसे बड़ा नियम है अनिश्चितता का। इसलिए आप बाजार के विश्लेषण की जितनी ज्यादा विधाओं को समझेंगे, आपका एप्रोच और एक्शन उतना ही सटीक होगा।

शेयर ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडर को नुकसान क्यों होता है? सीधा जवाब है- वह एंट्री और एक्जिट टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है के सही भाव का अनुमान लगाने में विफल रहा। अगर सही प्राइस प्वाइंट मिल गया तो फिर समझिए कि मंजिल आधी फतह हो गई।

Technical analysis in hindi | Technical Analysis क्या है?

Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi कैसे करें इस आर्टिकल में आपको बताएंगे Technical Analysis क्या है? करने के लिए यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं और टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं

जो लोग Share Market में मुनाफा कमाना चाहते हैं तो वह शेयर मार्केट में अपने पैसे को Invest करने से पहले वह एक बार जरूर Technical Analysis करता है अगर वह टेक्निकल एनालिसिस नहीं करता है तो वह शेयर मार्केट में पैसे नहीं कमा पाते हैं

Share Market में अपने पैसे Invest करने से पहले आपको सबसे पहले Share Market के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अगर आपके पास शेयर मार्केट की बारे में पूरी जानकारी नहीं है तब आप शेयर मार्केट में ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे

आप बहुत सारे पैसे Share Market में गवां देंगे इसलिए आपको सबसे पहले Technical Analysis करना बहुत जरूरी होता है

अगर आप शेयर मार्केट के बारे में पूरी तरह जानना चाहते हैं कि शेयर मार्केट क्या है? शेयर मार्केट कैसे काम करता है? तब आप हमारा Ebook पढ़ सकते हैं इस Ebook के माध्यम से हमने आपको शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी दिए हैं जो कि एक नए लोगों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है तो चलिए जानते हैं Technical analysis in hindi

प्रश्न पर पर क्लिक करे और उत्तर पर जाए

Technical analysis in hindi

Technical analysis in hindi : जितने भी लोग Share Market से पैसा कमाते हैं वह लोग टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है Technical Analysis एक ऐसा तरीका है प्रॉफिट कमाने का जो कोई इस सीख लेता है वह शेयर मार्केट में प्रॉफिट बना लेता है

Share Market के 417 साल की इतिहास में किसी चीज को सबसे ज्यादा पसंद किया है तो वह है टेक्निकल एनालिसिस टेक्निकल ऐसा तरीका है जिससे इन्वेस्टर को शेयर मार्केट में प्रॉफिट बनाना बहुत ही आसान लगता है

इन सबके बाद भी Share Market में बहुत ही काम investor है जिनको शेयर टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस करना अच्छी तरह से आता है तो चलिए जानते हैं कि Technical Analysis in hindi और Technical analysis of stocks in hindi

Technical analysis kya hai? (WHAT IS TECHNICAL ANALYSIS)

जब हम Stock Market में Trading करते हैं तो हम किसी भी कंपनी के शेयर का Price देखकर उस कंपनी का Share खरीद लेते हैं और Short Term में Share Price के मूवमेंट को देख कर अपना प्रॉफिट बनाना चाहते हैं लकिन Short Term में किसी भी Company का Share Price काफी जल्दी बदल जाता है कभी जल्दी से नीचे आ जाता है और कभी जल्दी से ऊपर चला जाता है

इस तरह हमें कैसे पता चलेगा कि हमें किस प्राइस पर किस तरह से ट्रेडिंग करना है ताकि हमें Profit हो सके तो इसी समस्या का समाधान करने के लिए Technical Analysis को बनाया गया था

Technical Analysis शेयर मार्केट का वह तरीका है किसी भी Share Price के हिस्ट्री को देखते हुए हम उस शेयर का प्राइस के मूवमेंट को जान सकते हैं की प्राइस ऊपर जाएगा या शेयर का प्राइस नीचे जाएगा

इन्हें जरूर पढ़ें

Technical analysis क्या होता है? (What is technical analysis in Hindi)

Technical Analysis को हम इसे थोड़ा Example के साथ समझते हैं कई बार आपने तो TV पर मौसम का हाल तो सुना होगा मौसम विभाग टीवी पर बादलों की वर्तमान स्थिति और हवाओं का रुख देखकर आने वाले 24 घंटे में कैसा मौसम रहेगा और कहां बारिश होगी और कहां पर मौसम साफ रहेगा यह स्थिति स्पष्ट रूप से बता देता है

मौसम का बात हम इसलिए बताते हैं क्योंकि Technical Analysis कुछ इसी तरह काम करता है किसी भी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए किसी भी शेयर का भूतकाल और भविष्य काल को देख कर उसके शेयर का अंदाजा लगाता है

जिस तरह हवा का रुख बदल जाता है तो बादलों की भी स्थिति बदल जाती है उसी प्रकार जब Technical Analysis में कैंडल की स्थिति बदलती है तो बाजार का ट्रेंड भी बदल जाता है आसान भाषा में से समझे तो चार्ट के आधार पर किसी भी कंपनी के भविष्य का पता लगाया जा सकता है इसी चार्ट को Technical Analysis कहा जाता है

Technical analysis क्यों करना चाहिए

मान लीजिए की आपको कोई शहर जाना चाहते हैं और आपको किसी खास लोकेशन पर जाना है और आप गाड़ी लेकर चले गए हैं बिना किसी नक्शे के इस इस्थिति में आपको गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर लगा हुआ रहता है कुछ इसी प्रकार Technical Analysis टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है काम करता है

मतलब की Technical Analysis आपके लिए एक तरह से नक्शे का काम करता है अगर आप चार्ट को को बिना सोचे समझे अपने पैसे को इन्वेस्ट किया तो वह अंधेरे में तीर चलाने जैसा होगा

Technical Analysis में चार्ट शेयर में कैसी स्थिति चल रही है यह आपको बताता है और यह तरीका काफी सटीक है आप इससे से अंदाजा लगा सकते हैं कि अब शेयर ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा

Note : जो लोग intraday Trading करते हैं उनके लिए मेरा हमेशा से ही Request है कि आप Technical Analysis अच्छे से करना सीख जाए उसके बाद ही intraday Trading करना शुरू करें नहीं तो आप अपना पैसा गवां सकते हैं

Conclusion This Article

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया कि टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Technical Analysis in hindi में पूरी जानकारी दिए हैं अगर आप अभी टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं तब आप हमें कमेंट में जरूर बताएं हम उस पर भी एक न्यू आर्टिकल लिखेंगे और यह पोस्ट पसंद आया है तो कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें

Technical Analysis in hindi FAQ

Q. टेक्निकल किसे कहते हैं

Ans. Technical Analysis से आप पता लगा सकते हैं शेयर का प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे

Q. Technical Analysis क्यों करना चाहिए

Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें

Q. Technical Analysis नहीं करे तो क्या होगा

Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? किसी शेयर में निवेश से पहले जानें इसकी अहमियत

शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है। इसके लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के एनालिसिस होते हैं। पहला फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाता है व कभी एक एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति को अपनाया जाता है।

Commodity market is affected by these reasons, you should also know the reason

5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX

शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए। तो ऐसे में आइए जानते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है।

टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में अधिक कांप्लेक्स है। इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर का एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रुझानों ध्यान में रखकर का अनुमान लगाया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं। अब अगर जैसे P/E Ratio की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की बहूत उम्मीद है जब P/B Ratio कम होता है तो स्टॉक अंडरवैल्यूड है। साथ ही, इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी ध्यान देखते हैं जो अगर एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है। जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली होती हैं और कर्ज से मुक्त होती हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत होते हैं।

इन दोनों तरीकों से आप शेयर की प्राइस का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको काफी मदद मिलेगी।

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

Fundamental vs Technical Analysis: स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए.

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)

Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.

कुछ निवेशक किसी एक एनालिसिस के सहारे शेयरों का चयन करते हैं लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि टेक्निकल एनालिसिस करते समय भी कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय कुछ टेक्निकल भी देखना चाहिए. इसके अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है.

Sula Vineyards ने तय किया अपने IPO का प्राइस बैंड, 12 दिसंबर को खुलेगा इश्यू, कंपनी से जुड़ी तमाम डिटेल

Stock Market: IT शेयरों ने तोड़ा बाजार, सेंसेक्‍स 389 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 18497 पर, टॉप लूजर्स में HCL-Infosys

Stocks in News: फोकस में रहेंगे HUL, Paytm, Adani Enterprises, Lupin समेत ये शेयर, इंट्राडे में दिखेगा एक्‍शन

Fundamental Analysis

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.

Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.

Fundamental vs Technical Analysis

फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, रिस्क और ट्रैकिंग.

  • समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
  • रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
  • ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
  • वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 762