तुवर में तेजी का रुख

प्याज के आंसू अभी ठीक से रुके भी नहीं हैं कि दाल की कीमतें लोगों को बेहाल करने लगी हैं। दो सप्ताह के अंदर अरहर (तुअर) दाल 30 फीसदी से भी ज्यादा महंगी हो गई। लगभग सभी दालों की तेजी से बढ़ रही कीमत की प्रमुख वजह अटकलों का बाजार गर्म होना है। बढ़ा चढ़ा कर फसल खराब होने की अफवाह फैला कर सटोरिये बाजार पर हावी होते जा रहे हैं और लोगों की थाली में दाल पतली होती जा रही है।
मौसम की बेवफाई और सटोरियों की कारगुजरी के चलते थाली में दाल पतली होने लगी है। कारोबारियों का मानना है कि यही हाल रहा तो जल्द ही तुअर दाल के दाम सैकड़े को लांघ सकते हैंं। दो सप्ताह पहले तुवर में तेजी का रुख थोक बाजार में तुअर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी जबकि इस समय 4,800 रुपये प्रति क्ंिवटल बिक रही है। तुअर की बढ़ी कीमतें दाल पर भी दिखाई दे रही हैं। 15-20 दिन पहले तुअर दाल 60-65 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रही थी जो इस समय 85-90 रुपये किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए लग रहा है कि तुअर दाल की कीमतें बेलगाम होने वाली हैं। क्योंकि कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं है चारों तरफ अटकलों का बाजार गर्म हो रहा है जिससे कीमतों को और भी हवा लग रही है।
कमोडिटी विशेषज्ञ मेहुल अग्रवाल कहते हैं कि प्रमुख दाल उत्पादक क्षेत्रों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि तुअर की फसल खराब हुई है। लोग 20 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक फसल खराब होने की बात कर रहे हैं। बाजार में इस तरह की अफवाहें कीमतों को बढ़ा रही हैं। क्योंकि सटोरिये पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। जमाखोरी बढ़ी है, कारोबारी और किसान भी इस समय अपना माल बेचना नहीं चाह रहे हैं जिससे आपूर्ति कम हो रही है जबकि मांग तेज हैं। ऐसे में कीमतों का बढऩा तो लाजिमी है। अग्रवाल कहते हैं कि सबसे पहले सरकार को स्थिति की स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए जिससे अटकलों का बाजार खत्म हो और कारोबारी एवं किसान अपना माल बेचने के लिए तैयार हों। जब तक अफवाहों पर काबू नहीं किया जाएगा तब तक कीमतें तेजी से ऊपर की तरफ भागती रहेंगी।
तुअर सहित दूसरे दलहनों की कीमतें बढऩे की वजह बताते हुए जियोजित कॉमटे्रड की अंकिता पारिख कहती हैं कि अधिक ठंड और कुछ जगहों पर बारिश के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में 20-30 फीसदी फसल तुवर में तेजी का रुख खराब होने की खबर है। इसकी वजह से किसान और स्टॉकिस्ट ने तुअर का स्टॉक रोककर रख लिया है जिससे बाजार में तुअर दाल की कमी हो रही है और कीमतें ऊपर की तरफ भाग रही हैं। उनके अनुसार फिलहाल नई फसल आने तक कीमतें ऊपर की तरफ जाती रहेगी ऐसे में तुअर दाल की कीमत के अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
तुअर दाल की कीमतें बढ़ाने में सरकार का भी हाथ है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस बार तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,000 रुपये प्रति क्ंिवटल घोषित किया था। इसके बाद 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया। केन्द्र सरकार के अलावा कर्नाटक सरकार ने अतिरिक्त 500 रुपये प्रति क्ंिवटल बोनस देने का ऐलान करके कीमतों को और हवा दी है। इस तरह देखा जाए तो तुअर का सरकरी दाम 4,000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच चुका है जबकि पिछले साल यह कीमत 2,300 रुपये प्रति क्विंटल थी। सरकार को उम्मीद थी कि सरकार कीमत बढ़ाने से किसानों को फायदा होने के साथ ही जमाखोरी भी रुकेगी। फायदा देखकर किसान उत्पादन ज्यादा करेंगे जिससे बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार किसानों ने 25 फीसदी ज्यादा रकबे पर तुअर की बुआई की थी जो सरकारी नीति की वजह से ही हुआ है। सरकार को अनुमान था कि इस बार तुअर का उत्पादन 35 लाख टन से भी ज्यादा हो सकता है जबकि पिछले साल तुअर की पैदावार महज 25 लाख टन थी।

मंडी रेट : सरसों को छोड़ सभी तेल-तिलहनों में तेजी, अरहर-उड़द दाल के गिरे भाव

नई दिल्ली ,27 जुलाई । दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में सरसों तेल-तिलहन को छोड़कर लगभग सभी तेल-तिलहनों में मजबूती का रुख रहा तथा कीमतें लाभ दर्शाती बंद हुईं। वही, इंदौर में मंगलवार को सोयाबीन रिफाइंड तेल 10 रुपये और पाम तेल के भाव में 10 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी हुई। तिलहन में सरसों 100 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती बिकी। जबकि, संयोगितागंज अनाज मंडी मंगलवार को तुअर (अरहर) की दाल 100 रुपये और उड़द की दाल के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की कमी हुई। दलहन में मसूर 75 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती बिकी।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग दो प्रतिशत की तेजी है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज आधा प्रतिशत मजबूत है। विदेशी बाजारों की इस तेजी के कारण मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ एवं पामोलीन जैसे सभी तेल-तिलहनों के भाव लाभ के साथ बंद हुए। मांग होने के बावजूद सस्ते में बाजार में उपलब्धता कम होने से सरसों के भाव में स्थिरता रही। दूसरी ओर नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग से बिनौला और मूंगफली में सुधार रहा।
मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 7,120-7,170 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,845 – 6,970 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,685 – 2,875 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,250-2,330 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,280-2,395 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,050 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,700 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 6,275-6,325 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 6,050- 6,125 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड तेल, पाम तेल के भाव में तेजी
तिलहन
सरसों (निमाड़ी) 6000 से 6200,
नया रायड़ा 5900 से 6100 रुपये प्रति क्विंटल।
तेल
मूंगफली तेल 1630 से 1650,
सोयाबीन रिफाइंड तेल 1215 से 1220,
सोयाबीन साल्वेंट 1185 से 1190,
पाम तेल 1270 से 1275 रुपये प्रति 10 किलोग्राम।
कपास्या खली
कपास्या खली इंदौर 2250
कपास्या खली देवास 2250,
कपास्या खली उज्जैन 2250,
कपास्या खली खंडवा 2225,
कपास्या खली बुरहानपुर 2225 रुपये प्रति 60 किलोग्राम बोरी।
कपास्या खली अकोला 3150 रुपये प्रति क्विंटल।
इंदौर में तुअर दाल, उड़द दाल के भाव में कमी
दलहन
चना (कांटा) 4900 से 4925,
मसूर 6800 से 6850,
तुअर (अरहर) निमाड़ी (नई) 6000 से 6600, तुअर सफेद (महाराष्ट्र) 7100 से 7200, तुअर (कर्नाटक) 7300 से 7400,
मूंग 6300 से 6500, मूंग हल्की 5400 से 5900,
उड़द 6800 से 7300, उड़द मीडियम 5500 से 6700, नया उड़द 6800 से 7100 रुपये प्रति क्विंटल। दाल
तुअर (अरहर) दाल सवा नंबर 8900 से 9000
तुअर दाल फूल 9100 से 9300,
तुअर दाल बोल्ड 9600 से 10300,
आयातित तुअर दाल 8700 से 8800,
चना दाल 6050 से 6550,
मसूर दाल 8000 से 8300,
मूंग दाल 8300 से 8600,
मूंग मोगर 8900 से 9200,
उड़द दाल 9000 से 9300,
उड़द मोगर 9800 से 10100 रुपये प्रति क्विंटल।
चावल
बासमती (921) 10000 से 11000,
तिबार 8000 से 8500,
दुबार 7000 से 7500,
मिनी दुबार 6500 से 7000,
मोगरा 3500 से 6000,
बासमती सैला 6500 से 9000,
कालीमूंछ 7500 से 8000
राजभोग 6800 से 7000,
दूबराज 3500 से तुवर में तेजी का रुख 4500,
परमल 2500 से 2650,
हंसा सैला 2450 से 2650,
हंसा सफेद 2350 से 2450,
पोहा 3700 से 4100 रुपये प्रति क्विंटल।

आज का मंडी भाव 2022 | Today Mandi Rate – Chana, Gehun, Sarso [Live]

आज का मंडी भाव से सम्बंधित जानकरी

देश की मंडियों में अनाज के दाम आय-दिन ऊपर नीचे होते रहते है | किसान भाई भी फसल के दामों को लेकर भ्रमित रहते है, और रोजाना मंडियों में फसल के दामों को पता करते रहते है | ऐसे में यहाँ पर आपको देश की प्रमुख अनाज मंडियों में मूंग, सोंठ, गेहूं, सरसो, चना, ग्वार, दलहन, तिलहन, मूंगफली, जौ, तुवर, मक्का, मसूर, धनिया, जीरा, अरंडी, इसबगोल जैसी फसलों के भाव क्या है, बताया जाएगा | इस बार पंजाब में मूंग की खेती का रकबा 97,250 एकड़ के क्षेत्र में फैलकर दोगुना हो गया है, जो पिछले वर्ष सिर्फ 50,000 एकड़ था |

पंजाब में प्रति एकड़ में 4 से 5 क्विंटल मूंग के औसत से 4 लाख क्विंटल दलहन के उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है, तथा राज्य सरकार भी किसानो को फसल पर MSP लागु करने आश्वासन दे चुकी है | इसके अलावा भी कई फैसले है, जिनका मंडी में काफी अच्छा भाव चल रहा है | इस लेख में आपको आज का मंडी भाव 2022 (Today Mandi Rate – Chana, Gehun, Sarso [Live]) की जानकारी दी जा रही है |

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उत्पादन में कमी बनी महंगी तुअर दाल का कारण

उत्पादन में कमी बनी महंगी तुअर दाल का कारण

नई दिल्ली : दालों की बादशाह तुअर दाल की कीमत फिर से 100 रुपए प्रति किलोग्राम होने जा रही है. दाल में तेजी चल रही है और अभी यह रुख जारी रहेगा. तुअर दाल के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 30-35 प्रतिशत की कमी बताई जा रही है. वहीं उड़द दाल के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 15-20 प्रतिशत की गिरावट है. तुअर एवं उड़द में तेजी के रुख से चना दाल में भी मजबूती शुरू हो गई है.

फिलहाल ऐसी है स्तिथि

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार थोक मंडी में तुअर दाल की कीमत 5,700-5,800 रुपए प्रति क्विंटल चल रही है. चना दाल की थोक कीमत 4,500 रुपए प्रति क्विंटल के आस-पास चल रही है. पिछले 2 माह के दौरान दालों के थोक भाव में 800 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी आई है. ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि तुअर दाल की थोक कीमत अगर 58 रुपए प्रति किलो होगी तो इसकी खुदरा कीमत 90 रुपए से अधिक आएगी क्योंकि दाल को तैयार करने के दौरान 25 प्रतिशत छिलका या चूरी निकलती है.

जल्द पार करेगी यह स्तर

इसी के साथ उन्होंने बताया कि जिस गति से तेजी चल रही है उस हिसाब से तुअर दाल के थोक भाव 6,000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक हो जाएंगे. अग्रवाल ने बताया कि दाल की खुदरा कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर को जल्द ही छू लेगी. हालांकि दाल के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार दाल मिलर्स को आयात का लाइसैंस जारी करने जा रही है. दाल मिलर्स 2 लाख टन दाल का आयात कर सकेंगे. पिछले 2 साल से तुअर दाल के आयात पर भारत सरकार की तरफ से रोक के कारण अफ्रीका में तुअर दाल के उत्पादन में कमी आई है.

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