ट्रांसफॉर्मर मूवी से प्रेरित बाइक, देसी बंदे का कमाल

विदेशां में जैसी कस्टम बाइक्स तैयार की जाती हैं, उनसे भी बेहतर कस्टम बाइक भारत में तैयार की गई है जिसका नाम बंबलबी रखा गया है. ये इंडिकेटर क्या है? कस्टम मोटरसाइकिल होंडा की एक्स4 पर आधारित है और बेहद खूबसूरती से तैयार की गई है.

ट्रांसफॉर्मर मूवी से प्रेरित

हैदराबाद बेस्ड आरएच कस्टम ने इस जानदार मोटरसाइकिल को इंडिया बाइक वीक 2022 में पेश किया जो आकर्षक का केंद्र बनी रही. ट्र्रांसफॉर्मर मूवी अगर आपने देखी हो तो इसे बाइक को देखते ही आपको सबसे पहले वही याद आएगी.

कस्टम में क्या-क्या मिला

बंबलबी नामक इस कस्टम बिल्ड बाइक के अगले हिस्से में बंबलबी वाला चेहरा दिया गया है जो खूबसूरती से तैयार हुआ है. यहां कस्टम हेडलैंप दिया गया है जो बाइक के बाकी स्टाइल और डिजाइन से बिल्कुल मिलता-जुलता है.

पिछला हिस्सा है जोरदार

इस बाइक को दिखने में सभी एंगल से धाकड़ बनाया गया है, खासतौर पर इसका पिछला हिस्सा. यहां कस्टम मेकर्स ने 21-इंच व्हील के साथ 300 मिमी चौड़ा दमदार टायर दिया है जो कस्टम बाइक के लुक में चार चांद लगाता है.

कस्टम चेसी और एग्ज्हॉस्ट

बंबलबी के साथ आरएच कस्टम्स ने पूरी तरह कस्टम चेसी दिया है जो कस्टम एग्ज्हॉस्ट से लैस है. इसे नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाने वालों का कहना है कि बाइक पर 2020 में काम शुरू किया गया था, लेकिन लॉकडाउन से इसमें देरी आई है.

खास है छोटा इंडिकेटर

बंबलबी कस्टम मोटरसाइकिल को मिले फ्यूल टैंक के ढक्कन पर छोटा सा इंडिकेटर दिया गया है जहां पेट्रोल और इंजन के तापमान की जानकारी मिलती है. इसे साउथ कोरिया से इंपोर्ट किया गया है और इसकी कीमत 20,000 रुपये है.

किसने बनाई ये कस्टम बाइक

बंबलबी कस्टम बाइक को 1300 सीसी होंडा एक्स4 पर तैयार किया गया है जो इसे मिस्टर राजू और मिस्टर रघु ने तैयार किया है. पीले और काले कॉम्बिनेशन वाली ये कस्टम बाइक खूबसूरती से डिजाइन की गई है.

हर एंगल से लाजवाब लुक

कस्टम मोटरसाइकिल का ये नेक्स्ट लेवल भारतीय सड़कों पर कम ही देखने को मिलता है, हालांकि बंबलबी के ज्यादातर पुर्जे विदेश से आयात किए गए हैं. इस बाइक को किसी भी एंगल से देखने पर आपको ये सिर्फ धांसू ही लगेगी.

इंडिकेटर का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकें2 – बोललिंगर बैंड्स ( Bollinger Bands ) – यह इंडिकेटर भी ट्रेडर के बीच काफी लोकप्रिय है। इसमें कुछ बैंड्स होते हैं। जब किसी स्टॉक का भाव इनके ऊपरी बैंड्स के आसपास होता है तो ये अनुमान लगाया जाता है कि इस स्टॉक का भाव बढ़ रहा है।

इंडिकेटर कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंटेक्निकल इंडिकेटर्स दो प्रकार के होते हैं लीडिंग (Leading) और लैगिंग (Lagging)। एक लीडिंग इंडिकेटर कीमत के आगे चलता है, जिसका अर्थ है कि आम तौर पर यह पहले से ही ट्रेंड में रिवर्सल (यानी बदलाव) या एक नए ट्रेंड के बनने का इंडिकेटर क्या है? संकेत दे देता है।

कैसे MACD संकेतक का उपयोग करने के?

इसे सुनेंरोकेंMACD indicator Hindi का उपयोग स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग में किया जाता है, और यह व्यापारियों को खरीदने और बेचने का संकेत प्रदान करता है। एमएसीडी ट्रेडिंग बहुत लोकप्रिय है, खासकर इसके उपयोग में आसानी और दक्षता के लिए। व्यापारी व्यापारिक अवसरों की पहचान करने के लिए वित्तीय बाजारों में इस सूचक का उपयोग करते हैं।

सूचक क्या है उदाहरण सहित?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक सूचक :-वैसे सूचक जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है प्राकृतिक सूचक कहलाता है । जैसे – लिटमस, हल्दी ,प्याज, लाल पत्ता गोभी,वैनिला,लौंग आदि । मानव निर्मित सूचक :- वे सूचक जिन्हें प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है मानव निर्मित सूचक कहलाता है जैसे -फेनाॅल्फथैलीन,मिथाईल आॅरेंज आदि ।

सूचक कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित बताइये?

इसे सुनेंरोकेंसूचक दो प्रकार के होते हैं-(1) प्राकृतिक सूचक, (2) संश्लेषित सूचक। 1. प्राकृतिक सूचक-ऐसे सूचक जो प्राकृतिक पदार्थों, जैसे हल्दी, लिटमस आदि से प्राप्त हों, प्राकृतिक सूचक कहलाते हैं।

सूचक क्या है नाम लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंअम्ल और क्षार की पहचान करने मे सूचकों का उपयोग तो हम सबने किया है, लिटमस, फिनॉफ्थेलीन, मिथाइल ऑरेंज… वगैरह कितने ही सूचक हम जानते भी हैं। इन सबकी विशेषता यह है कि ये अम्लीय माध्यम में किसी एक रंग के होते हैं तो क्षारीय माध्यम में किसी और रंग के।

सूचक क्या है एक प्राकृतिक सूचक तथा एक गंधीय सूचक का उदाहरण दे?

इसे इंडिकेटर क्या है? सुनेंरोकें➲ गंधीय संसूचक पदार्थ से तात्पर्य उन पदार्थों से होता है, जिन पदार्थों की गंध अम्लीय माध्यम या क्षारकीय माध्यम में परिवर्तित हो जाती है। इस तरह के पदार्थों को ‘गंधीय संसूचक’ कहा जाता है। उदाहरण के लिए वैनिला, प्याज, लौंग का तेल आदि गंधीय संसूचक के उदाहरण हैं। लौंग का तेल एक गंधीय संसूचक का उदाहरण है।

सूचक क्या है सूचक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूचक (Indicator) : वे पदार्थ जो अपने रंग परिवर्तन के द्वारा पदार्थ के अम्लीय (Acidic), क्षारीय (Alkaline) तथा लवणीय (Saline) होने की सूचना देते है, उसे सूचक कहते है। जैसे – लिटमस पत्र, फिनॉल्फथेलीन, मेथिल ऑरेंज, हल्दी पत्र इत्यादि।

सूचक क्या है १०६ का नाम बताएं?

प्राकृतिक सूचक किसे कहते है?…सूचक और रंग या गन्ध परिवर्तन ::

इंडिकेटर क्या है?
सूचक रंग या गन्ध में परिवर्तन ( अम्ल के साथ ) रंग या गन्ध में परिवर्तन( क्षार के साथ)
प्राकृतिक सूचक
1.लिटमस लाल नीला

सूचक कितने प्रकार के होते?

इसे सुनेंरोकेंसूचक दो प्रकार के होते हैं-(1) प्राकृतिक सूचक, (2) संश्लेषित सूचक।

Share Market Divergence क्या होता है

Share Market Divergence का मतलब होता है, जब हम किसी Stock का Analysis कर रहे होते है, Indicator के द्वारा तब जब दो Indicator मिल कर कोई Conformation नहीं देता, यानी एक आपको शेयर में गिरावट का संकेत दे और एक तेज़ी का तब हम उसको Divergence कहते है!

शेयर मार्केट में किसी भी चीज़ की चाल निश्चित नहीं होता है आप किसी भी Idicator या System का उपयोग कर ले वह हर समय सही Result दे ऐसा जरुरी नहीं है, इसलिए हम किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने से पहले हम बहुत से Tool का उपयोग करते है ताकि हमरा गलत होने की संभावना कम से कम हो ! जैसे आप किसी शेयर का एनालिसिस कर रहे हैं और एक इंडिकेटर उस शेयर को खरीदारी की राय देता है जबकि दूसरा इंडिकेटर उसे बेचने की तब इसी को ही हम Divergence कहते है!

आमतौर पर आपने देखा होगा की कोई शेयर अपने Uptrend में है, शेयर अपने High के ऊपर High बंद हो रहा है, लेकिन Indicator जैसे MACD, RSI, Band, etc Downtrent में होता है य़ह Share Market Divergence के कारण होता है!

Types of Stock Divergence in Hindi

Positive Divergence:- जब शेयर ( प्राइस ) में गिरावट हो रही है और इससे जुड़ा हुआ जो इंडिकेटर है वह ऊपर की ओर जा रहा हो तब हम इसे Positive Divergence कहते है, इसमें आपको शेयर में खरीदारी करनी होती है!

Negative Divergence:- जब शेयर ऊपर की और जा रहा हो और इससे जुड़ा हुआ जो इंडिकेटर नीचे की तरफ यानी उसमे गिरावट आ रही है तब हम इसे Negative Divergence कहते हैं इसमें आपको शेयर में मंदी करनी होती है !

Share Market Divergence क्यों होता है

जब कोई शेयर ट्रेंड में है तेज़ी या मंदी की ओर एक समय ऐसा आता है जब उसका Trend कमजोर होने लगता है ऐसे में उससे जुड़े हुए जो इंडिकेटर है वह इस बात का संकेत करते हैं लेकिन जब हम इसी के साथ कोई दूसरा इंडिकेटर उपयोग करते हैं जो कि Trend पर आधारित नहीं होता या वह Trend मे हुए इस बदलाव की गणना नहीं कर पाता जैसे Price Action, ADX तब हमें चार्ट में Divergence देखने को मिलता है !

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Stock Market Divergence Trading

जब आपको किसी शेयर में Divergence नजर आए तो केवल इसी के आधार पर आप किसी शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला नहीं करते आपको इसके साथ और भी दूसरे Indicator या Signal का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद ही किसी शेयर को खरीदने इंडिकेटर क्या है? या बेचने का फैसला करना चाहिए ! आप केवल इसी के आधार पर Trading नहीं करना चाहिए, किसी शेयर में Divergence का मतलब है कि शेयर की चाल अब कमजोर हो रही है और इसमे Correction इंडिकेटर क्या है? आने की संभावना है!

डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर संभागीय प्रशिक्षण सम्पन्न

रायपुर। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं की निगरानी, निरंतर सुधार और कमियों की पहचान करते हुए संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से लक्ष्य हालिस किया जा सकता है। श्री सिंह आज सरगुजा जिला मुख्यालय में योजना आयोग द्वारा आयोजित डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर आधारित एसडीजी डैश बोर्ड के संबंध में एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे।

राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण सत्र में कहा कि एसडीजी लक्ष्य की प्राप्ति एक दृढ़ मैराथन है, जहां सफलता केवल साक्ष्य आधारित योजनाएं, निगरानी, निरंतर सुधार और कमियों की पहचान करते हुए संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने विभाग में संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन एवं प्रगति लाकर लक्ष्य हासिल कर सकते है। उन्होंने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा संबंधित सभी विभागो के साथ समन्वय कर तैयार किये गये डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क'' को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अगस्त 2022 में जारी किया था। यह अपेक्षित किया गया था कि विभागीय व जिला प्रशासन के अधिकारी इसके आधार पर प्रभावी अनुश्रवण व अनुशीलन करेंगे। डी.आई.एफ. में कुल 82 इंडिकेटर्स का समावेश किया गया है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ''जिला स्तरीय एस.डी.जी. क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति'' भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित की गयी है। डैशबोर्ड का उपयोग विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन के अधिकारी योजनाओं के अनुश्रवण हेतु एक प्रभावी ''टूल'' के रूप में कर सकेंगे।

संभागायुक्त डॉ. एस. अलंग ने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया ''डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क'' बहुत उपयोगी फ्रेमवर्क है, जो वैश्विक एस.डी.जी. लक्ष्यों को जिलो में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक होगा। फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित विभागो के जिला अधिकारी उनके विभाग की योजनाओं का प्रभावी रूप से मॉनिटरिंग कर सकेंगे। ''एस.डी.जी. डैशबोर्ड'' के माध्यम से फ्रेमवर्क के इंडिकेटर्स अंतर्गत प्राप्त प्रगति परिलक्षित हो सकेगी। जिलों को स्कोर व रैंकिंग प्रदान की जाएगी। जिससे प्रतिस्पर्धात्मक परिवेश में अंतिम व्यक्ति तक योजनओं का लाभ प्रदाय करने में तत्परता से कार्य होगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विश्वदीप ने कहा कि डी.आई.एफ. में इंडिकेटर्स सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय पहलुओं पर मुख्यतः केन्द्रित है जिनमें प्रगति लाने से सामाजिक-आर्थिक विकास होना सुनिश्चित है। ''एस.डी.जी. डैशबोर्ड'' के माध्यम से प्रत्येक लक्ष्य विरूद्ध प्रगति की जानकारी त्वरित रूप से प्राप्त होगी। राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया द्वारा ''डी.आई.एफ.'' ''एस.डी.जी. डैशबोर्ड'' तथा डाटा की महत्ता संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गयी तथा प्रतिभागियों की पृच्छता का समाधान भी किया गया।

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