भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत का केंद्रीय बैंक है, जिसे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है. इस लिए जब आप प्रतिभूति बाजार संरचना बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं तो आपको RBI के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. क्योंकि RBI से सम्बंधित प्रश्न बैंकिंग परीक्षाओं में पूछे जाते हैं. बैंकिंग जागरूकता की तैयारी के लिए RBI को विस्तृत रूप से समझना बहुत आवश्यक है. इस लेख के माध्यम से हम RBI के सभी पहलुओं को कवर करेंगे.

प्राथमिक बाजार से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंप्राथमिक बाजार (Primary Market): प्राथमिक बाजार प्रतिभूतियों के नए मुद्दे के लिए एक बाजार है, जो पहली बार जनता के लिए जारी किया जाता है। नए शेयरों और डिबेंचर के खरीदार व्यवसायी, कंपनी के ग्राहक, कंपनी के कर्मचारी, मौजूदा शेयरधारकों, आदि हो सकते हैं। प्रतिभूतियों का मुद्दा प्रोस्पेक्टस के माध्यम से बनाया गया है।

इसे सुनेंरोकेंपूंजी बाजार की परिभाषा। पूंजी बाजार में, इक्विटी शेयर और प्राथमिकताएं, जैसे कि इक्विटी शेयर, प्रतिभूति बाजार संरचना वरीयता शेयर, डिबेंचर, शून्य-कूपन बॉन्ड, सुरक्षित प्रीमियम नोट और जैसे खरीदे और बेचे जाते हैं, साथ ही यह उधार और उधार के सभी रूपों को कवर करता है। दोनों निजी प्लेसमेंट स्रोत और संगठित बाजार जैसे प्रतिभूति विनिमय इसमें शामिल हैं।

सहायक बाजार क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंडेरिवेटिव्स व्यापार का प्रारम्भ ( Commencement of Derivatives Business ) :- सहायक बाजार में डेरिवेटिव्स के व्यापार को सेबी द्वारा अनुमति प्रदान की है । कुछ डेरिवेटिव्स प्रमाणीकृत एवं विनिमय व्यापार से सम्बन्धित होती हैं । डेरिवेटिव्स में सट्टे एवं जोखिम की प्रवृत्ति अधिक होती है । इससे परिवर्तनशीलता बढ़ती है ।

वित्तीय बाजार से आप क्या समझते हैं इसके उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय बाजार बाजार और विभिन्न वित्तीय परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। यह निवेशकों को विभिन्न निवेश विकल्पों की तुलना करने और सर्वश्रेष्ठ चुनने में मदद करता है। यह उनके धन के पोर्टफोलियो आवंटन को चुनने में निर्णय लेने में मदद करता है। वित्त सरकार की जरूरत।

इसे सुनेंरोकेंपूंजी बाजार की विशेषता | punji bajar ki vhishestayen 1. पूंजी बाजार निगमों और सरकारी ब्रांड प्रतिभूतियों आदि में लेन-देन करता है। 2. पूंजी बाजार में कार्य करने वाले व्यक्ति, व्यापारिक बैंक, वाणिज्य बैंक, बीमा कंपनियां और औद्योगिक बैंक, औद्योगिक वित्त निगम, यूनिट ट्रस्ट, निवेश ट्रस्ट, भवन समिति आदि प्रमुख होते हैं।

SEBI: बायबैक नियमों में बदलाव के बाद एक और प्रतिभूति बाजार संरचना अहम फैसला, 7 कृषि जिंसों में नहीं होगा वायदा कारोबार

बाजार के जोखिमों को कम करने के लिए सेबी बोर्ड ने क्वलीफाइएड स्टॉक ब्रोकर्स (क्यूएसबी) की शुरुआत की है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड एग्रीगेटर्स को फीस लेने की भी इजाजत होगी। महंगाई को देखते हुए 7 जिंसों में वायदा कारोबार की अनुमति नहीं होगी।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पूंजी बाजार नियामक SEBI ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए गेहूं और मूंग सहित सात कृषि जिंसों के वायदा एवं विकल्प कारोबार पर रोक को एक और साल प्रतिभूति बाजार संरचना के लिए बढ़ा दिया है। नई रोक दिसंबर 2023 तक जारी रहेगी। सेबी द्वारा निलंबित किए गए अन्य कृषि जिंसों में धान (गैर-बासमती), चना, कच्चा पाम तेल, सरसों के बीज और उनके डेरिवेटिव और सोयाबीन और प्रतिभूति बाजार संरचना प्रतिभूति बाजार संरचना इसके डेरिवेटिव शामिल हैं।

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क्या है इस फैसले की वजह

मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दिसंबर 2021 में एक्सचेंजों को सोयाबीन, सरसों, चना, गेहूं, धान, मूंग और कच्चे पाम तेल के नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू करने से रोक दिया। ये निर्देश एक साल के लिए लागू थे। इस महीने की शुरुआत में कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CPAI) ने सरकार और सेबी से आग्रह किया था कि एक्सचेंजों को इन सात कृषि डेरिवेटिव अनुबंधों में व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए।

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वित्त मंत्रालय और सेबी को लिखे अपने पत्र में एसोसिएशन ने कहा था कि लंबे समय तक प्रतिबंध भारतीय जिंस बाजार के लिए हानिकारक हैं और भारत के कारोबारी माहौल को गंभीर प्रतिभूति बाजार संरचना रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान, इनमें से कुछ वस्तुओं की कीमत एमएसपी के नीचे या उसके आसपास रही है, और कई अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकला है कि कमोडिटी की कीमतें मुख्य रूप से आपूर्ति और मांग कारकों द्वारा नियंत्रित होती हैं, इसलिए एक्सचेंजों पर व्यापार का मूल्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

Mutual Fund निवेश में बदलाव

ऑनलाइन म्यूचुअल फंड (एमएफ) निवेश प्लेटफॉर्म, जो सीधे एमएफ योजनाओं में मुफ्त में निवेश की अनुमति देते हैं, जल्द ही लेनदेन करने के लिए अपने ग्राहकों या फंड हाउसों से शुल्क वसूल कर सकेंगे। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने मंगलवार को कहा कि वे कुछ पैसे ले सकते हैं, लेकिन कमीशन जैसी संरचना की अनुमति नहीं दी जाएगी। सेबी ने मंगलवार को विशेष रूप से ऐसे निवेश प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक ढांचा शुरू करने की घोषणा की।

सिफ्टी

आवास इकाइयों (डीयू) का अर्थ है एक इकाई जिसमें रहने के क्षेत्र के साथ डबल बेड रूम, 60 वर्ग मीटर तक का रसोई, शौचालय और बाथरूम @ या रहने वाले क्षेत्र के साथ सिंगल बेड रूम, रसोई, शौचालय और 30 वर्ग मीटर तक का बाथरूम शामिल है। कालीन क्षेत्र @।

शयनगृह इकाइयों का अर्थ है 30 वर्ग मीटर कालीन क्षेत्र में सामान्य रसोई, शौचालय और स्नानघर के साथ 3 शयनगृह बिस्तर का एक सेट @ जिसका अर्थ है 10 वर्ग मीटर कालीन क्षेत्र @ प्रति छात्रावास बिस्तर।

@ "कार्पेट एरिया" का वही अर्थ होगा जो रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 2 के खंड (के) में दिया गया है।

प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र" को प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर परियोजनाओं के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें न्यूनतम निर्मित मंजिल क्षेत्र * 100,000 वर्ग मीटर का विशेष रूप से प्रदर्शनी स्थान या सम्मेलन स्थान या दोनों संयुक्त हैं।

म्युचुअल फंड की संरचना और इसमें कैसे करें निवेश

नए वित्त वर्ष के आरंभ से निवेशकों का रुझान अन्य साधनों के साथ-साथ बाजार संबंधी निवेशों की ओर भी बढ़ा है तथा इसी संदर्भ में पाठकों के कुछ प्रश्नों को संबोधित करते हुए म्युचुअल फंड संरचना एवं निवेश कैसे करें। इस विषय को समझते हैं। ऐसे निवेशक जो सही चुनाव करने की क्षमता और समझ नहीं रखते, जिनके पास समय का अभाव है और जो मुद्रास्फीति से उच्च दर पाने की अपेक्षा करते हैं, उनके लिए म्युचुअल फंड उपयुक्त उत्पाद हो सकता प्रतिभूति बाजार संरचना है।

लेखक : करुणेश देव

म्युचुअल फंड क्या है: छोटे निवेशकों को निवेश संबंधी चुनाव व शोध का न तो अधिक ज्ञान होता है और न ही समय, लेकिन बहुत सारे ऐसे छोटे निवेशक एक साथ आकर धन एकत्र करें तो यह बड़ी राशि में परिवर्तित हो जाती है। इस राशि को वे पेशेवर प्रबंधक को प्रदान करते हैं, जो उसे विविध परिसंपत्तियों प्रतिभूति बाजार संरचना में निवेश करता है और रिटर्न अर्जित करता है। ये परिसंपत्तियां शेयर, बांड अन्य वित्तीय साधनों में से कुछ या सभी हो सकते हैं। यही म्युचुअल फंड है।

RBI Structure

रिज़र्व बैंक के मामले केंद्रीय निदेशक मंडल( central board of directors) के एक विस्तृत पैनल द्वारा शासित होते हैं. बोर्ड के कुछ सदस्यों को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुसार भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है. उन्हें चार साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है.

  • Shaktikanta Das (Governor)
  • Shri Dr. M. D. Patra (Deputy Governor)
  • Shri M. K. Jain (Deputy Governor)
  • Shri B.P. Kanungo (Deputy Governor)

Fully owned: डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (DICGC), भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रा प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL).

I. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रशासित अधिनियम

6. वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 (अध्याय II)

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