जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी कम हो रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह किसी भी समय मंदी के ट्रेंड में बदल सकता हैं ।
शेयर बाजार में Volume को कैसे समझे ? हिंदी में।
शेयर बाजार में Volume क्या होता हैं ?
Table of Contents
Volume क्या होता हैं ?
Share market में दिन के दौरान जो Buying और Selling होती हैं उसके आधार पर जितनी trading हुई हैं वह संख्या हम Volume के आधार पर जान सकते हैं।
या फिर दिन के दौरान जो खरेदी और बिक्री की संख्या होती हैं उसे हम volume कहते हैं।
चार्ट पर Volume को कैसे देखे ?
१.Trend Continuation
Trend Continuation में शेयर का कोईभी ट्रेंड हो वह वॉल्यूम के साध बढ़ता ही जाता हैं।
१. Volume Increase – Price Up Trend
Volume Increase – Price Up Trend
जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी बढ़ रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह आगे और तेजी से चलेगा।
अभी बाजार में बिकवाली नहीं करनी चाहिए।
२.Volume Decrease- Price Down Trend
Volume को देखने का तरीका।
volume में ध्यान देने वाली बात यह हैं की एक या २ candle वॉल्यूम घटने या बढ़ने से बाजार के trend में कोई फरक नहीं पड़ता। कई लोग हैं जो हर candle में volume बढ़ता या घटता देखकर उससे प्रभावित होते हैं शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते हैं? और अपने position में बदलाव करते है।
लेकिन ध्यान रहे वॉल्यूम को परख़ने ने के लिए हर candle को देखने की जरुरत शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते हैं? नहीं हैं।
इस प्रकार से वॉल्यूम को analyses करने का तरीका पूरीतरह से गलत हैं।
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पहले पैरामीटर के तौर पर स्टॉक मार्केट की उस कंपनी की पहचान करें जिसके बिजनेस करने का मौका बाजार में बहुत अधिक हो. साथ ही जिस इंडस्ट्री में यह कंपनी बिजनेस कर रही हो उसका ग्रोथ हाई हो. साथ ही यह कंपनी अपने सेगमेंट में लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हो. जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा.
दूसरा पैरामीटर यह है कि कंपनी को संभालने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो. साथ ही कंपनी अपने गवर्नेंस और एक्जीक्यूशन में अच्छी हो.
तीसरे पैरामीटर के तौर पर शाह बताते हैं कि कंपनी की उस योग्यता को देखते हैं जिसमें वह अपने फ्री कैश फ्लोर को व्यापार में वापस लाने में कितनी सक्षम है साथ ही उसको कितना बढ़ा सकती है.
ट्यूब इन्वेस्टमेंट व फीनिक्स मिल्स स्टॉक पर शाह का व्यू
एक्सपर्ट शाह के अनुसार ट्यूब इन्वेस्टमेंट (Tube Investments) कंपनी ऑटो एंसिलरी स्पेस से आगे बढ़कर ऑटो ओईएम (ईवी स्पेस) में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि ईवी स्पेस के अंदर कंपनी अपना ध्यान तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन पर, सीवी और ट्रैक्टर सेगमेंट पर कर रही है जो कि बहुत अच्छा है. बात अगर कागज पर मौजूद आंकड़ों की बात की जाए तो की की जाएं तो उस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि कंपनी अपने मार्जिन पर सुधार कर रही है. इसके अलावा कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री कैश फ्लो है. इसके अलावा कंपनी भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रही है.
TradingView में कौन कौन से Features हैं?
अगर आप आज की बात करें तो यह Platform काफी लोकप्रिय बन गया है क्योंकि यह काफी सिंपल और समझने में आसान है और बहुत सारे फिचर्स है जो आपको दुसरे प्लॅटफाॅर्म पर नहीं मिलते। चलिये देखते हैं कौन कौन से Function हैं जो कि इसे दुसरो से Unique बनाते हैं।
- प्रोफाईल ( TradingView Profile)
इसमें आपके अकाउंट कि सारी डिटेल्स मिलेंगी जहां पर आप आपकी प्रोफाइल इडिट कर सकते हैं। सेंटिंग में आपको भाषा, अलर्ट, डार्क थिम, वाचलिस्ट, चार्ट जैसे अनेकों ऑप्शन आप पसंद के अनुसार सेट कर सकते हों।
इसमें आप आपके फोलोवर्स, फोलोइंग, आपके प्बलिश आयडिया,रेप्युटेशन आदी दिखाई पड़ेंगे।
इसमें आपको Bonds, Futures, Indices, Stocks, Currencies, Crypto आदी विषय के Latest खबरों को पढ़ने मिलेंगी जिसे पढ़कर आप हमेशा मार्केट में अपडेट रहेंगे। इसमें आप अलग अलग देश कि खबरें पड़ सकते हैं।
TradingView Chart in Hindi
अगर ट्रेडिंग व्हिव कि बात करे तो यह सबसे ज्यादा Chart देखने के लिये इस्तमाल किया जाता हैं और यह समझने में बहुत ही आसान हैं। इसमें आप अलग अलग प्रकार के
Indiactor Chart
Horizontal Vertical Lines
Parallel Lines
Fib Retracement, Fib Circles
Text, Arrow, Balloon
Short position,Long Position
Prize Range, Bars Pattern
ऐसे कईसारे ढेरों फंक्शन देखनें को मिलेंगे।
TradingView का Bank Nifty और Nifty 50 में इस्तमाल?
इस प्लॅटफाॅर्म का ज्यादातर इस्तमाल ट्रेडिंग करनेवाले करते हैं इस वजह से Index में Option Trading में Real Time Fast Data मिलने कि वजह से लोग इसे काफी पसंद करते हैं।
Tradeview Nifty 50 और Bank Nifty में Tradeline , Technical Chart Analysis में इस Platform में काफी आसानी होती है इसलिये यह काफी अच्छा हैं।
इसमें बिटकॉइन, गोल्ड के भी चार्ट अच्छी तरिके से देखें जा सकते हैं।
What timeframe to choose for the chart
Traders use monthly, weekly, daily, 4-hour, hourly, 15-minute शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते हैं? and even 1-minute timeframes.
Ideally, traders pick the main timeframe they are interested in and then choose a longer and a shorter timeframe to complement the main one.
The longer timeframes typically contain fewer and more reliable signals. The shorter timeframes usually contain more signals with less accuracy.
There are several types of traders, and they have different trading styles.
Swing or position traders prefer holding trades for days or weeks.
They mainly focus on the daily charts for their trades. They can also make use of a weekly chart when defining the long-term trend, as you can see on the example. And track a 4-hour chart when defining the immediate short-term trend.
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दोस्तों अभी तक मैंने अपने इस ब्लॉग में बहुत कुछ बताया किन्तु जैसा कि मैंने आपको बताया था कि ट्रेडिंग के लिए , शार्ट टर्म के लिए ही नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म के लिए भी चार्ट हमें काफी महत्वपूर्ण जानकारी देता है कि हमें कब स्टॉक लेना है या कब इससे बाहर निकलना है
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