कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज हमारा देश विविधीकरण के प्रकार कृषि के उत्पाद में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है कि 2030 तक हम विश्व के नंबर एक उत्पादक होंगे। इसके लिए प्रदेश में जैविक खेती और प्राकृतिक खेती लगातार कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही नई तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है ओर उत्पादों को बढ़ाया जा रहा है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री विविधीकरण के प्रकार किसान प्रोत्साहन राशि जिसमे किसानों को दो हजार रुपए किसानो को विविधीकरण के प्रकार दिए जाएंगे।

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वेस्टेड फाइनेंस ने निवेशकों को नए जमाने की तकनीकों और विश्व स्तर पर विविध ईटीएफ में निवेश करने की अनुमति देने के लिए दो नए पूर्व-निर्मित पोर्टफोलियो लॉन्च किए

मुंबई , 0 7 दिसंबर , 2022: एक अमेरिकी निवेश प्लेटफॉर्म वेस्टेड फाइनेंस और एक एफआईएनआरए - पंजीकृत अमेरिकी ब्रोकर - डीलर ( इसके सहयोगी वीएफ सिक्योरिटीज के माध्यम से ) ने आज खुदरा निवेशकों को विश्व स्तर पर विविध ईटीएफ में विविधीकरण के प्रकार निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए दो अतिरिक्त प्री - बिल्ट वेस्ट जूमिट कैपिटल और एथिकल एडवाइजर्स के साथ साझेदारी में फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी स्टॉक लॉन्च किए। इस घोषणा के साथ , वेस्टेड फाइनेंस ने तीसरे पक्ष के पोर्टफोलियो की पेशकश करने के लिए पांच उद्योग विशेषज्ञों के साथ साझेदारी की है।

वेस्ट क्यूरेटेड पोर्टफोलियो होते हैं जिनमें स्टॉक और / या ईटीएफ शामिल होते हैं और विभिन्न लक्ष्यों या विशिष्ट विषयों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। वेस्ट में निवेश निष्क्रिय रूप से प्रबंधित म्युचुअल फंड या पीएमएस में निवेश करने के समान है क्योंकि यह ग्राहकों को वैश्विक पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए विशिष्ट शेयरों का अध्ययन करने के बजाय अपने जोखिम सहनशीलता और थीम के आधार पर वेस्ट चुनने की अनुमति देता है। सब्सक्रिप्शन विकल्प का उपयोग करके वेस्ट निवेश किया जाता है , जो तिमाही और वार्षिक योजनाओं में पेश किया जाता है।

Gwalior agriculture news: रासायनिक खेती के दुष्परिणामों से हमें प्राकृतिक खेती बचाएगी : केन्द्रीय कृषिमंत्री तोमर

Gwalior agriculture news: कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का अधिक विविधीकरण के प्रकार प्रयोग के दुष्परिणाम सामने आए हैं। हालांकि इससे हरित क्रांति कर अपनी खाद्यान्न जरुरतों को पूरा किया गया। लेकिन अब जरुरत है होने वाले दुष्परिणामों से निपटा जाए और इसमें सहायक होगी हमारी प्राकृतिक खेती।

Gwalior agriculture news: रासायनिक खेती के दुष्परिणामों से हमें प्राकृतिक खेती बचाएगी : केन्द्रीय कृषिमंत्री तोमर

- प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

Gwalior agriculture news: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग के दुष्परिणाम सामने आए हैं। हालांकि इससे हरित क्रांति कर अपनी खाद्यान्न जरुरतों को पूरा किया गया। लेकिन अब जरुरत है होने वाले दुष्परिणामों से निपटा जाए और इसमें सहायक होगी हमारी प्राकृतिक खेती। प्राकृतिक खेती से किसान की आय भी बढ़ेगी और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। यह कहना था केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का। वह शनिवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगडी सभागार में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबाेंधित कर रहे थे। श्री तोमर ने प्राकृतिक खेती व पशुपालन पर बल देने के लिए हम सभी को विचार करना होगा। हमारे देश में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि कृषि केवल आजीविका ही नहीं है बल्की वह मनुष्य को आजीविका के साधन जुटाने में भी सहयोग करती है। केन्द्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस तरह से एक सैनिक बिना जाति,ऊंच, नीच के भेदभाव के बार्डर पर देश की रक्षा करता है ठीक वैसे ही एक किसान पूरे समाज व देश के लिए खेत में पसीना बहाता है। इसलिए सरकार का लक्ष्य है कि किसान की फसल को किसी भी बाजार में अच्छा मूल्य मिले,इसलिए वैज्ञानिकों को इस दिशा में अनुसंधान व शिक्षा देने का काम करना होगा। प्राकृतिक खेती है घातक बीमारियों से बचाया जा सकता है। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के उद्यानिकी एवं नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने की। उन्होंने किसानों से आव्हान किया कि वह प्राकृतिक खेती करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए और आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य और समृद्ध बनाएं। कार्यशाला में देश के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के 425 वैज्ञानिक, कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान के नोडल अधिकारी एवं लगभग 300 कृषक

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दो दिवसीय कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ कर वहां लगे विभिन्न स्टालों का किया निरीक्षण, प्रदेश में जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को लेकर लगातार किया जा रहा है कार्य

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दो दिवसीय कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ कर वहां लगे विभिन्न स्टालों का किया निरीक्षण, प्रदेश में जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को लेकर लगातार किया जा रहा है कार्य

देहरादून । प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी मंगलवार को सेलाकुई स्थित माया ग्रुप आफ कालेजेस में दो दिवसीय कृषि विज्ञान मेले में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वहां लगे विभिन्न स्टालों का भी निरीक्षण किया। अपने सम्बोधन में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि चूंकि उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण फसलों की उपज बहुत कम है जो उत्पादन को प्रभावित करता है। तो, जरूरत है जमीनी हकीकत पर आधारित एक वैकल्पिक रणनीति तैयार करने की जो कृषि और संबंधित उद्यमों के लिए मजबूत हो। ऊंचाई और जलवायु में बदलाव फसल विविधीकरण के लिए प्राकृतिक लाभ प्रदान करते हैं। प्रदेश सरकार ने भी कुछ चयनित फसलों की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनायी है जैसे- बासमती, सुगंधित बासमती और औषधीय पौधे, सब्जियां, फूल, फल और दूध उत्पादन। इस प्रकार, इस नयी नीति का उद्देश्य भोजन, पोषण और आजीविका को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।

2023 के लिए इन्वेस्टिंग टिप्स: अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए 10 युक्तियाँ

शेयर बाजार 22 घंटे पहले (07 दिसम्बर 2022 ,13:34)

2023 के लिए इन्वेस्टिंग टिप्स: अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए 10 युक्तियाँ

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डॉ. भीमराव अम्बेडकर दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ

जैसलमेर / सरकार की बजट घोषणा संख्या 182 के अनुसार राज्य के समग्र औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की भागीदारी बढाने के उदेष्य से डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरू की गई।

जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र जैसलमेेर के महाप्रबंधक संतोष कुमारी ने बताया कि योजनांतर्गत इन वर्गो के पात्र व्यक्तियों को नवीन उद्यम स्थापित करना/विस्तार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से योजनांतर्गत कम लागत पर ऋण सुविधा, सीजीटीएमएसई अंतर्गत गारंटी फीस, मार्जिन मनी अनुदान, ब्याज अनुदान सहित विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का प्रावधान किया गया, जिससे उक्त वर्गों का आर्थिक सषक्तिकरण हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि इस योजना की पात्रता में आवेदक राजस्थान का मूल निवासी, आवेदक अनुसूचित जाति विविधीकरण के प्रकार व अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए तथा आवेदक की उम्र 18 वर्ष या अधिक होनी चाहिए। केन्द्र/राज्य सेवा में कार्यरत नही होना चाहिए। भागीदारी एव एलएलपी फर्म, सहकारी समिति व कम्पनी के मामले में आवेदक संस्थान में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों का 51 प्रतिषत अथवा अधिक स्वामित्व होना चाहिए। आवेदक पूर्व में बैंक/वितीय संस्थान से लिए गये ऋण में डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।

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