👍 संक्षेप में डीमैट खाता शेयर बाजार में प्रवेश करने का प्रारंभिक बिंदु है । जो हमारे शेयर बाजार से संबंधित लेनदेन को रखता है और मदद करता है ।

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What is Demat Account in Hindi – डीमैट अकाउंट क्या है और इसे कैसे ओपन कराए?

What is Demat Account in Hindi -डीमैट अकाउंट क्या है और इसे कैसे ओपन कराए : दोस्तों आप सभी ने डिमैट अकाउंट (Demat Account) का नाम तो सुना ही होगा और इससे रिलेटेड आपने सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप, एवं यूट्यूब चैनल पर वीडियो भी देखा होगा। तो चलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि डिमैट अकाउंट क्या है (What is Demat Account in Hindi) डिमैट अकाउंट कैसे ओपन कराया जाता है और डिमैट अकाउंट ओपन करने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट लगते हैं जानते हैं इसके बारे में सब कुछ हमारे आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

लोग शेयर बाजार में डिमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते हैं। यदि इसे हम आसान शब्दों में समझे तो जिस प्रकार से आप अपने सेविंग अकाउंट (Saving Account) में अपना पैसा रखते हैं। ठीक उसी तरह लोग डिमैट अकाउंट (Demat Account) में अपने खरीदे हुए शेयर को रखते हैं। यानी कि शेयर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने की प्रक्रिया को ही डिमैट अकाउंट कहा जाता है।

डीमैट अकाउंट कैसे ओपन करें – (How to Open Demat Account in Hindi)

How to Open Demat Account in Hindi

डिमैट अकाउंट ओपन कराने के लगने वाले जरूरी दस्तावेज निम्नलिखित इस प्रकार है-

  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • आधार कार्ड ( Aadhaar card)
  • पासपोर्ट साइज 2 फोटो ( Passport Size two photos)
  • कैंसिल चेक बुक ( Cancelled Cheque Book)
  • बचत खाता पासबुक ( Savings Account Passbook)
  • एड्रेस प्रूफ के लिए मतदाता पहचान पत्र (Voter ID Card)
  • ड्राइविंग लाइसेंस (driving license)
  • बैंक स्टेटमेंट (Bank statement)

डिमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया – (Demat Account Opening Process in Hindi)

डीमैट अकाउंट (Demat Account) हम आसानी से घर बैठे ऑनलाइन खोल सकते हैं। इसके लिए हमें कहीं जाने के लिए आवश्यकता नहीं है।

Demat Account Opening Process in Hindi

  • डिमैट अकाउंट ऑनलाइन ओपनिंग के लिए सबसे पहले अपने पसंदीदा ब्रोकिंग वेबसाइट पर जाकर Open Account के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • उसके बाद वहां पूछे गए डिटेल्स जैसे- नाम, पूरा पता, फोन नंबर इत्यादि भर दे। इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा।
  • फिर अगले प्रोसेस में जाने के लिए उस ओटीपी को दर्ज करें। इसके बाद अपना केवाईसी विवरण जैसे पैन कार्ड, डेट ऑफ बर्थ, सेविंग अकाउंट डिटेल्स, संपर्क नंबर इत्यादि भर दे।
  • लीजिए अब आपका डिमैट अकाउंट तैयार है। डीमैट खाता संख्या आपके ईमेल या मोबाइल नंबर पर S.M.S. के माध्यम से मिल जाएंगा।
  • डिमैट अकाउंट ओपनिंग के लिए स्टॉक ब्रोकर 600 रुपए से लेकर 900 रुपए तक शुल्क लेते हैं।

Demat अकाउंट क्या है ? hindi me

Demat अकाउंट वो अकाउंट है जिसके द्वारा Share बाजार में खरीद फरोख्त की जाती हैं. सिक्योरिटीज को फिजिकल फार्मेट में बदलने की प्रक्रिया को ‘डीमेटिरियलाइजेशन’ कहते हैं। और इसी का शार्ट फॉर्म ‘डीमैट’ है। इसे खुलवाने के लिए पैन कार्ड होना डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? जरुरी होता है, इसे आपके बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है.

कुछ साल पहले तक अगर आप किसी कंपनी का शेयर ख़रीदते थे तो वह आप को उस के कागज़ भेजती थी. जो इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी के शेयर ख़रीदे हैं. और जब आप उस कपंनी के शेयर बेच देते थे तो वह कागज़ आप कंपनी के दफ्तर भेज देते थे. फिर कंपनी यह देखती थी कि जब आप ने शेयर बेचे तो शेयर का क्या भाव था.

फिर आप को वह पैसे देती थी-जिस में बहुत वक़्त लगता है. अब सब कंप्यूटर की मदद से होता है, आपने जैसे ही शेयर खरीदा वह आपके अकाउंट में कुछ देर में ही आ जायेगा और जैसे ही आप ने शेयर बेचा आपका पैसा आपके बैंक अकाउंट में भेज दिया जाएगा.

क्या एक से ज्यादा Demat account रख सकते हैं?

  • आप एक साथ कई Demat account रख सकते हैं। लेकिन एक कंपनी में आप अधिकतम तीन अकाउंट खुलवा सकते हैं।
  • भारत में दो संस्थायें डीमैटअकाउंट खोलती है
  • नेशनल सेक्योरिटीज डिपोज्रिटी लिमिटेड (एनएसडीएल) एवं सेंट्रल डिपोज्रिटी सर्विसेज लिमिलटेड (सीएसडीएल)।
  • इन डिपोज्रिटीज के करीब 500 से ज्यादा एजेंट हैं जिन्हें डिपोज्रिटी पार्टिसिपेंट्स (डीपी) कहा जाता है।
  • यह जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो। दूसरी वित्तीय संस्थाएं जैसे शेयर खान, रिलायंस मनी, इंडिया इनफोलाईन आदि के पास भी डी-मैट अकाउंट खोला जा सकता है।

Demat अकाउंट का कौन इस्तेमाल कर सकता है ?

यह जानना जरूरी है कि जो व्यक्ति खुद शेयर खरीदते-बेचते नहीं हैं उनके ब्रोकर प्रतिनिधि के रूप में खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं इन ब्रोकर्स को आप के शेयर ख़रीदने या बेचने पर कुछ फीस मिलती है – कई बार कुछ ब्रोकर इस मुनाफे के लिए आप से बिना पूछे आपका शेयर बेच देते है डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? इसलिए आप अपना ब्रोकर चुनते वक्त सावधानी रखे और अगर आप और आप के ब्रोकर में किसी बात पर लड़ाई है तो आप इस की शिकायत सेबी में कर सकते हैं|

  • डी-मैट खाता खुलवाने वाले व्यक्ति से डीपी कई तरह के फीस वसूलता है। यह फीस कंपनी दर कंपनी अलग हो सकती है।
  • अकाउंट ओपनिंग फीस – खात खुलवाने के लिए वसूला जाने वाला फीस। कुछ कंपनियां जैसे ICICI , HDFC , UIT आदि यह फीस नहीं लेती है। जबकि कुछ SBI और कार्वी कंसलटेंट्स आदि इसे वसूलती हैं। वैसे कुछ कंपनियां इसे रिफंडेबल (खाता बंद कराने पर लौटा देती हैं) भी रखती हैं।
  • एनुअल मेंटेनेंस फीस – सालाना फीस जिसे फोलियो मेंटेनेंस चार्ज भी कहते हैं। आमतौर पर कंपनी यह फीस साल के शुरुआत में ही ले लेती है।
  • कसटोडियन फीस – कंपनी इसे हर महीने ले सकती है या फिर एक बारी में ही। यह फीस आपके शेयरों की संख्या पर निर्भर करता है।
  • ट्रांजेक्शन फीस – डीपी चाहे तो इसे हर ट्रांजेक्शन पर चार्ज कर सकता है या फिर चाहे तो ट्रेडिंग की राशि पर (न्यूनतम फीस तय कर)।
  • इनके अलावा कंपनी री-मैट, डी-मैट, प्लेज चार्जेज, फील्ड इंस्ट्रक्शन चार्जेज आदि भी वसूल सकती हैं

🎯 डीमैट खाता के प्राथमिक ३ प्रकार ( डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ? )

डीमैट खाता के प्रमुख ३ प्रकारो मे से पहला प्रकार भारत मे रह्ने वालो के लिय है और दुसरे दो प्रकार के डिमैट अक्कौट अनिवासी भारतीयो के लिए है। य़ह ३ प्रमुख प्रकार इस तरह से है.


🎯 नियमित डीमैट खाता (Regular Demat Account): भारत में रहने वाले निवेशकों के लिए एक नियमित और प्रमुख डीमैट खाता है।


🎯 प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता ( Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता अनिवासी भारतीयों जो विदेशो मे रह्ते है (एनआरआई) उनके लिए है। एक विदेशी देश से भारत में Liquid Financial Assets को स्थानांतरित कर सकते हैं|


🎯 गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता फिर से अनिवासी भारतीयों के लिए है। एक विदेशी देश से भारत में Liquid Financial Assets को स्थानांतरित नहि कर सकते हैं।

3-In-1 Demat Account क्या होता है ?

🔑 बैंक से बचत खाता (Savings account ),
🔑 एनएसडीएल और सीडीएसएल से डीमैट खाता (Demat account )और अंत में
🔑 विभिन्न वित्तीय साधनों को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाता (Trading account )। सभी खाते एक ब्रोकर (डीपी) द्वारा संयुक्त रूप से खोले जाते हैं।

वैसे तो सभी डीमैट ब्रोकर एक ही तरह का काम करते डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? हैं। सभी का काम करने का मूलभूत तरीका एक जैसा ही होत हैं। फिर भी कुछ बाते ऐसी होति है, जिनके ऊपर से हम सर्वश्रेष्ठ डीमैट या ट्रेडिंग अकॉउंट का चयन कर सकते हैं।

आसान और मुफ़्त होना चाहिए।
डीमैट/ ट्रेडिंग सुरक्षित होनी चाहिये।
शेयर की खरेदी/बिक्री तुरंत होनी चाहिए।
ट्रेडिंग/ ब्रोकर चार्ज कम से कम होना चाहिए।
डिलीवरी फ्री होनी चाहिये।
अकॉउंट रखरखाव के charges कम से कम होने चाहिये।
डिमैट कंपनी सेवा में ततपर होनी चाहिए।
अगर इन सभी बातों को देखे तो, यह ३ डीमैट अक्कौन्ट BEST है।

गोल्ड बचत खाता

Loan Against Property

  • आपके प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए, शाखाओं में विशेष विशेषाधिकार बैंकिंग क्षेत्र में प्राथमिकता सेवा।
  • आपके प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए, शाखाओं में विशेष विशेषाधिकार बैंकिंग क्षेत्र में प्राथमिकता सेवा।
  • वार्षिक लॉकर किराए पर 20% छूट।
  • किसी भी बैंक के एटीएम में नि:शुल्क असीमित नकद निकासी लेनदेन।

टाइटेनियम बचत खाता

Balance Transfer

  • आपको सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित प्रिविलेज बैंकर।
  • वार्षिक लॉकर किराये पर 40% की छूट।
  • किसी भी बैंक के एटीएम से निशुल्क असीमित नकद निकासी करें।

Balance Transfer

निवेश और टैक्स बचत खाता

  • एसआईपी के माध्‍यम से इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में झंझट रहित निवेश।
  • ईएलएसएस में निवेश करने पर धारा 80 सी अंतर्गत कर लाभ
  • शेष राशि के गैर-रखरखाव पर कोई शुल्क नहीं 1

1 जब तक‍ कि मासिक एसआईपी के लिए भुगतान और एक्सप्रेशन डेबिट कार्ड वार्षिक शुल्क को बचत खाते से काट लिया जाता रहता है।

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👉 What Is The Meaning Of Demat Account In Hindi?

Demat Account या Demat erialized Account एक ऐसा खाता है जिसमे आपके द्वारा ख़रीदे गए शेयर , को रखा जाता है। इस लिए डीमैट खाता एक स्टोरेज की तरह है , जिसमे कोई शेयर खरीदने पर जमा होता है , और बेचने पर शेयर निकल जाता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India: SEBI ) ने 1996 में देश में डीमैट खाते कि सुरुवात की। तब से , भारतीय बाजारों में Demat Account के आने से Securities को खरीदना , बेचना और व्यापार करना आसान हो गया है।

🎯 डीमैट खाता के प्राथमिक ३ प्रकार ( डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ? )

डीमैट खाता के प्रमुख ३ प्रकारो मे से पहला प्रकार भारत मे रह्ने वालो के लिय है और दुसरे दो प्रकार के डिमैट अक्कौट अनिवासी भारतीयो के लिए है। य़ह ३ प्रमुख प्रकार इस तरह से है.


🎯 नियमित डीमैट खाता (Regular Demat Account): भारत में रहने वाले निवेशकों के लिए एक नियमित और प्रमुख डीमैट खाता है।


🎯 प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता ( Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता अनिवासी भारतीयों जो विदेशो मे रह्ते है (एनआरआई) उनके लिए है। एक विदेशी देश से भारत में Liquid Financial Assets को स्थानांतरित कर सकते हैं|


🎯 गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता फिर से अनिवासी भारतीयों के लिए है। एक विदेशी देश से भारत में Liquid Financial Assets को स्थानांतरित नहि कर सकते हैं।

3-In-1 Demat Account क्या होता है ?

🔑 बैंक से बचत खाता (Savings account ),
🔑 एनएसडीएल और सीडीएसएल से डीमैट खाता (Demat account )और अंत में
🔑 विभिन्न वित्तीय साधनों को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाता (Trading account )। सभी खाते एक ब्रोकर (डीपी) द्वारा संयुक्त रूप से खोले जाते हैं।

वैसे तो सभी डीमैट ब्रोकर एक ही तरह का काम करते हैं। सभी का काम करने का मूलभूत तरीका एक जैसा ही होत हैं। फिर भी कुछ बाते ऐसी होति है, जिनके ऊपर से हम सर्वश्रेष्ठ डीमैट या ट्रेडिंग अकॉउंट का चयन कर सकते हैं।

आसान और मुफ़्त होना चाहिए।
डीमैट/ ट्रेडिंग सुरक्षित होनी चाहिये।
शेयर की खरेदी/बिक्री तुरंत होनी चाहिए।
ट्रेडिंग/ ब्रोकर चार्ज कम से कम होना चाहिए।
डिलीवरी फ्री होनी चाहिये।
अकॉउंट रखरखाव के charges कम से कम होने चाहिये।
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? डिमैट कंपनी सेवा में ततपर होनी चाहिए।
अगर इन सभी बातों को देखे तो, यह ३ डीमैट अक्कौन्ट BEST है।

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