प्रत्याशित जोख़िम

सट्टा जोखिम जोखिम की एक श्रेणी है, जो जब किया जाता है, तो लाभ या हानि की अनिश्चित डिग्री का परिणाम होता है। विशेष रूप से, सट्टा जोखिम यह है कि निवेश की तुलना में संभावना मूल्य में सराहना नहीं करेगी। सट्टा स्टॉक किंग विकल्प क्या है जोखिमों को सचेत विकल्पों के रूप में किया जाता है और ये केवल बेकाबू परिस्थितियों का परिणाम नहीं होते हैं। चूंकि उच्च स्तर या जोखिम के बावजूद बड़े लाभ की संभावना है, सट्टा जोखिम एक शुद्ध जोखिम नहीं है, जो केवल नुकसान की संभावना और लाभ के लिए कोई संभावना नहीं है।

लगभग सभी निवेश गतिविधियों में कुछ हद तक सट्टा जोखिम होता है, क्योंकि एक निवेशक को यह पता नहीं होता है कि निवेश एक धमाकेदार सफलता होगी या पूरी तरह से असफल। कुछ संपत्तियाँ- जैसे कि एक विकल्प अनुबंध – जोखिमों के संयोजन से जुड़ा होता है, जिसमें सट्टा जोखिम भी शामिल है, जिसे हेज या सीमित किया जा सकता है ।

चाबी छीन लेना

  • सट्टा जोखिम से तात्पर्य कीमत अनिश्चितता और निवेश में नुकसान की संभावना से है।
  • सट्टा जोखिम मानते हुए आमतौर पर एक विकल्प का परिणाम है और न कि बेकाबू परिस्थितियों का।
  • शुद्ध जोखिम, इसके विपरीत, नुकसान की संभावना है जहां स्टॉक किंग विकल्प क्या है किसी भी लाभ के लिए व्यवहार्य अवसर नहीं है।
  • खेल सट्टेबाजी, शेयरों में निवेश और कबाड़ बॉन्ड खरीदना गतिविधियों के कुछ उदाहरण हैं जिनमें सट्टा जोखिम शामिल है।

सट्टा जोखिम को समझना

एक सट्टा निवेश वह है जहां मूल तत्व तत्काल शक्ति या एक स्थायी व्यापार स्टॉक किंग विकल्प क्या है मॉडल नहीं दिखाते हैं। इसके बजाय, व्यापारी को उम्मीद है कि अन्य कारणों से कीमत बढ़ सकती है, या भविष्य की संभावनाएं वर्तमान परिस्थितियों को दूर कर देंगी। इस तरह की सुरक्षा में उच्च स्तर का संभावित उल्टा हो सकता है, लेकिन यह बहुत बड़ा जोखिम भी है। यह एक पैसा स्टॉक या एक उभरता हुआ बाजार स्टॉक हो सकता है जो व्यापारी भविष्य में बहुत अधिक अनुकूल बनने की उम्मीद करता है।

कुछ निवेश दूसरों की तुलना में अधिक सट्टा हैं। उदाहरण के लिए, सरकारी बॉन्ड में निवेश करने से रद्दी बांड में निवेश करने की तुलना में बहुत कम सट्टा जोखिम होता है क्योंकि सरकारी बॉन्ड में डिफ़ॉल्ट का जोखिम बहुत कम होता है। कई मामलों में, सट्टा जोखिम जितना अधिक होता है, निवेश पर लाभ या रिटर्न की संभावना अधिक होती स्टॉक किंग विकल्प क्या है है।

एक सट्टा जोखिम में लाभ या हानि का परिणाम है। इसमें जोखिम ग्रहण करने वाले व्यक्ति से इनपुट की आवश्यकता होती है और इसलिए यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है। उसी समय, सट्टा जोखिम का परिणाम अनुमानित करना कठिन होता है, क्योंकि लाभ या हानि की सही मात्रा अज्ञात है। इसके बजाय, स्टॉक खरीदते समय कंपनी के इतिहास और बाजार के रुझान जैसे विभिन्न कारक – लाभ या हानि की संभावना का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

सट्टा जोखिम बनाम शुद्ध जोखिम

सट्टा जोखिम के विपरीत, शुद्ध जोखिम में ऐसी परिस्थितियां शामिल होती हैं जहां एकमात्र परिणाम नुकसान होता है। आमतौर पर, इस प्रकार के जोखिम स्वैच्छिक रूप से नहीं लिए जाते हैं और इसके बजाय, अक्सर निवेशक के नियंत्रण से बाहर होते हैं। शुद्ध जोखिम का उपयोग आमतौर पर बीमा आवश्यकताओं के मूल्यांकन में किया जाता है । उदाहरण के लिए, क्या किसी व्यक्ति को दुर्घटना में कार को नुकसान पहुंचाना चाहिए, कोई भी मौका नहीं है कि इसका परिणाम एक लाभ होगा। चूंकि उस घटना के परिणाम में केवल नुकसान हो सकता है, इसलिए यह एक शुद्ध जोखिम है।

सट्टा जोखिम के उदाहरण

अधिकांश वित्तीय निवेश, जैसे स्टॉक की खरीद, सट्टा जोखिम शामिल है। शेयर मूल्य के लिए ऊपर जाना संभव है, जिसके परिणामस्वरूप लाभ होता है, या नीचे जाता है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होता है। हालांकि डेटा किसी निश्चित परिणाम की संभावना के संबंध में कुछ मान्यताओं की अनुमति दे सकता है, परिणाम की गारंटी नहीं है।

सट्टे के जोखिम के रूप में खेल सट्टेबाजी भी योग्य है। यदि कोई व्यक्ति शर्त लगा रहा है कि कौन सी टीम फुटबॉल का खेल जीतेगी, तो इसका परिणाम लाभ या हानि हो सकता है, जिसके आधार पर टीम जीतती है। जबकि परिणाम समय से पहले नहीं जाना जा सकता है, यह ज्ञात है कि लाभ या हानि दोनों संभव हैं।

यदि आप एक कॉल विकल्प खरीदते हैं, तो आप पहले से जानते हैं कि विकल्प अनुबंध समाप्त होने पर आपका अधिकतम नकारात्मक जोखिम प्रीमियम का नुकसान है । उसी समय, आपको नहीं पता कि आपका संभावित उल्टा लाभ क्या होगा क्योंकि कोई भी भविष्य को नहीं जान सकता है।

दूसरी ओर, कॉल विकल्प को बेचना या स्टॉक किंग विकल्प क्या है लिखना प्रीमियम एकत्र करने के बदले में असीमित जोखिम होता है। हालांकि, सट्टा जोखिम के कुछ अन्य रणनीतियों के साथ बचाव किया जा सकता है, जैसे स्टॉक के शेयरों के मालिक या उच्च स्ट्राइक मूल्य के साथ कॉल विकल्प खरीदकर। अंत में, सट्टा जोखिम की मात्रा इस बात पर निर्भर करेगी कि विकल्प खरीदा गया है या बेचा गया है और यह हेज किया गया है या नहीं।

आटे की कीमतों में उछाल, क्या गेहूं का कम है स्टॉक? आया सरकार का बयान

गेहूं की खुदरा कीमतों में पिछले साल से लेकर अब तक 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. इसमें से 21 लाख टन गेहूं का निर्यात प्रतिबंध लगाने से पहले हुआ था. सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था.

गेहूं की कीमतों में उछाल.

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 20 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 20 सितंबर स्टॉक किंग विकल्प क्या है 2022, 11:30 AM IST)

देश में बढ़ती गेहूं की कीमतों (Wheat Price) पर काबू पाने के लिए सरकार ने मई के महीने में इसके निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. अब सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए जमाखोरी करने वालों स्टॉक किंग विकल्प क्या है के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि भारत में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक (Wheat Stock) है, लेकिन खुदरा कीमतों में उछाल सट्टा कारोबार के कारण है. उन्होंने जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की 82वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि देश में गेहूं की कोई समस्या नहीं है.

कितनी बढ़ी गेहूं और आटे की कीमत?

गेहूं की खुदरा कीमतों में पिछले साल से लेकर अब तक 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीते साल गेहूं का रेट 26.01 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो पांच रुपये बढ़कर बढ़कर 31.02 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. इस अवधि में गेहूं के आटे की कीमतों में भी उछाल देखने को मिली है. आटे का रेट 18 फीसदी बढ़कर 36 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. एक साल पहले गेंहू के आटे की कीमत 29 रुपये के करीब थी. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में 2.4 करोड़ टन गेहूं उपलब्ध है.

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जमाखोरी को रोकने का विकल्प

गेहूं की बढ़ती कीमतों ने सरकार को न केवल इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया है, बल्कि गेहूं के कुछ बाइ-प्रोडक्ट के आउटबाउंड शिपमेंट को भी प्रतिबंधित किया है. पांडे ने कहा कि केंद्र के पास गेहूं के स्टॉक की जमाखोरी को रोकने के लिए विकल्प हैं. इससे व्यापारियों को अपने पास रखे स्टॉक का खुलासा करना अनिवार्य हो जाएगा. इसके अलावा खुदरा विक्रेताओं स्टॉक किंग विकल्प क्या है और थोक विक्रेताओं दोनों पर स्टॉक रखने की सीमा भी लागू हो जाएगी.

सट्टा कारोबार के कारण बढ़ी कीमतें

उन्होंने यह भी कहा स्टॉक किंग विकल्प क्या है कि भारतीय खाद्य निगम के पास 24 मिलियन टन गेहूं का भंडार उपलब्ध है. हालांकि, सचिव ने कहा कि सट्टा कारोबार के कारण कीमतों पर असर पड़ा है. सट्टेबाजों ने आगे कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद में गेहूं की जमाखोरी की है. उन्होंने कहा कि व्यापारी और सट्टेबाज बाजार में कम मात्रा में गेहूं की सप्लाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम अनाज को बाजार में लाने के लिए कदम उठाएंगे.

भारत ने कितना किया निर्यात

पांडे ने आगे कहा कि 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के रबी सीजन में सरकार का गेहूं उत्पादन का अनुमान लगभग 105 मिलियन (10.5 करोड़ टन) टन है. वहीं, व्यापारियों को स्टॉक किंग विकल्प क्या है अनुमान है कि उत्पादन 9.5 करोड़ टन रहेगा. उन्होंने बताया कि भारत ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. इसमें से 21 लाख टन गेहूं का निर्यात प्रतिबंध लगाने से पहले हुआ था. सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. इस वित्तीय वर्ष के बाकी महीनों में निर्यात की कोई और गुंजाइश नहीं है. भारत ने पिछले साल 72 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था.

बर्गर किंग इंडिया की शेयर बाजार में शानदार शुरुआत, शेयर 92 प्रतिशत बढ़े

बर्गर किंग इंडिया के शेयर सोमवार को शेयर बाजार में 92 प्रतिशत प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुए। बर्गर किंग के शेयर सोमवार को बीएसई में 60 रुपये निर्गम मूल्य के मुकाबले 115.35 रुपये पर खुले। इसके बाद.

बर्गर किंग इंडिया की शेयर बाजार में शानदार शुरुआत, शेयर 92 प्रतिशत बढ़े

बर्गर किंग इंडिया के शेयर सोमवार को शेयर बाजार में 92 प्रतिशत प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुए। बर्गर किंग के शेयर सोमवार को बीएसई में 60 रुपये निर्गम मूल्य के मुकाबले 115.35 रुपये पर खुले। इसके बाद शुरुआती कारोबार में शेयर बढ़कर 119.80 के स्तर पर आ गए, जो 99.66 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है।

एनएसई में शुरुआती कारोबार के दौरान शेयर 87.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 112.50 पर थे। बीएसई में कंपनी का बाजार मूल्यांकन 4,535.96 करोड़ रुपये था।
बर्गर किंग इंडिया के शेयरों को इस महीने की शुरुआत में 156.65 गुना अभिदान मिला था और 810 करोड़ रुपये की शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बोली का दायरा 59-60 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।

कंपनी इस समय भारत में 268 स्टोर का संचालन करती है। इनमें से आठ फ्रेंचाइजी हैं, जो मुख्य रूप से हवाई अड्डों पर स्थित हैं। बाकी स्टोर कंपनी के स्वामित्व में हैं।

Burger King के शेयर में 125 फीसदी का उछाल, पहले ही दिन मालामाल हुए निवेशक, एक्सपर्ट्स से जानें बेचें या करें होल्‍ड

बर्गर किंग के शेयर ने अपने निवेशकों को पहले ही दिन मालामाल कर दिया.

बर्गर किंग के शेयर ने अपने निवेशकों को पहले ही दिन मालामाल कर दिया.

Burger King Share Price: बर्गर किंग के शेयर्स 92 फीसदी स्टॉक किंग विकल्प क्या है तक की प्रीमियम दर पर सोमवार को लिस्ट हुए. बीएसई पर बर्गर किंग के . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 14, स्टॉक किंग विकल्प क्या है 2020, 22:01 IST

नई दिल्‍ली. बर्गर किंग के आईपीओ (Burger King IPO) में शेयर खरीदने वाले निवेशक पहले ही दिन मालामाल हो गए. बर्गर किंग को आज नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (NSE) में ट्रेडिंग के पहले दिन 87.7 फीसदी प्रीमियम पर धमाकेदार लिस्टिंग मिली. वहीं, बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (BSE) पर इसकी लिस्टिंग 92 फीसदी प्रीमियम पर हुई. कंपनी के शेयर 60 रुपये के इश्यू प्राइस (Issue Price) के मुकाबले एनएसई पर 112.5 रुपये और बीएसई पर 115.35 रुपये पर लिस्ट हुए. दिन बढ़ने के साथ इसके स्टॉक्स की कीमतों में तेजी आती गई और आज यह 125 फीसदी के उछाल के साथ एनएसई पर 135 रुपये पर बंद हुआ. वहीं, बीएसई पर इसकी कीमतें 138.40 रुपये प्रति शेयर तक पहुंच गई.

होल्‍ड करें या बेचकर कमा लें मुनाफा
बर्गर किंग के शेयर में पहले दिन ही दर्ज की गई तेजी के बाद कई निवेशक इसे निकालने या होल्‍ड करने पर विचार कर रहे होंगे. आइए एक्‍सपर्ट्स से जानते हैं कि बर्गर किंग के निवेशक अभी इसके शेयर्स को होल्ड करें या बेचकर मुनाफा कमा लें. बता दें कि बर्गर किंग नौवीं ऐसी कंपनी है, जिसने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के पहले दिन अपने निवेशकों को सबसे ज्‍यादा मुनाफा दिया है. अब तक के इतिहास में पहले ही दिन सिर्फ आठ कंपनियों ने बर्गर किंग से ज्यादा रिटर्न दिया है. मार्केट एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई है कि इस कंपनी की ग्रोथ की बड़ी संभावनाएं हैं. ब्रोकरेज फर्म्स की तरफ से इसे अच्छी रेटिंग्स भी मिली हैं.

लॉन्‍ग टर्म में शेयर्स देंगे बंपर रिटर्न
एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि बर्गर किंग को उम्‍मीद के मुताबिक ओपनिंग मिली है. कंपनी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों मैडोनाल्‍ड्स (McDonalds) और डॉमिनोज पिज्‍जा (Dominos Pizza) के मुकाबले शेयर का इश्यू प्राइस काफी कम रखा था. ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोक्रिंग (Angel Broking) के एसोसिएट इक्विटी एनालिस्ट केशव लाहोटी ने बताया कि कंपनी का ग्रोथ पोटेंशियल काफी शानदार है. ऐसे में लॉन्ग टर्म के लिए शेयर खरीदने वाले निवेशक इसे होल्ड करें. भविष्य में उन्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा, क्योंकि कंपनी भारत में अपना विस्तार करेगी. ज्यादा स्टोर होने पर कंपनी को ज्‍यादा मुनाफा होगा. वहीं, शॉर्ट टर्म इनवेस्टर अभी अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.

अभी कुछ शेयर बेचकर लें फायदा
केशव लाहोटी के अलावा मेहता इक्विटीज (Mehta Equities) के प्रशांत तापसे ने भी सलाह दी है कि निवेशक अभी शेयर को होल्ड करें. उनका कहना है कि यह स्टॉक लंबी अवधि में निवेशकों को बंपर रिटर्न देगा. आने वाले समय में यह मल्टीबैगर स्टॉक साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगले दो साल कंपनी निवेशकों को बंपर मुनाफा देगी. वहीं, रेलीगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) के अजित मिश्रा ने सलाह दी है कि निवेशक अभी अपना कुछ शेयर बेचकर मुनाफा कमा लें. आधे से ज्‍यादा शेयर लॉन्ग टर्म के लिए रखें. कंपनी लॉन्ग टर्म में भी अच्छा परफॉर्म करेगी.

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