म्यूचुअल फंड्स में निवेश शुरू करने का सबसे आसान तरीका क्या है?
जैसे बैंक अकाउंट खोलने के लिए शुरुआत में कुछ कागज़ी कार्रवाई करने की ज़रूरत होती है और फिर आप आसान तरीके से उसकी सभी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना भी समान अनुभव देता है। आपके म्यूचुअल फंड के सफ़र को शुरू करने की निवेश करने के तरीके मूलभूत आवश्यकता सत्यापन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करके आपका KYC पूरा करना है। KYC पूरा होने पर, आप किसी भी समय किसी भी म्यूचुअल फंड में कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं।
KYC एक बार की प्रक्रिया है जिसमें म्यूचुअल फंड्स की दुनिया की चाबी छुपी है। यह किसी भी म्यूचुअल फंड में आपके प्रवेश को बाधा-मुक्त करता है और अपना KYC सत्यापित होने के बाद आप आराम से घर बैठे ही यह सब कुछ कर सकते हैं। आजकल, आप ई-KYC का विकल्प भी चुन सकते हैं जो पूरी तरह से ऑनलाइन है। लेकिन ई-KYC आपके निवेश को रु. 50,000 प्रति वर्ष प्रति फंड हाउस तक सीमित कर देता है।
KYC सत्यापन पूरा करने के बाद, आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से या सीधे ही किसी भी म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश कर सकते हैं। आप किसी भी समय म्यूचुअल फंड में रिडेम्प्शन अनुरोध जमा करके अपनी रकम निकाल सकते हैं और 3-4 दिनों में वह रकम सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी। दरअसल, अब आप आराम से घर बैठे ही अपने ज़्यादातर लेन-देन ऑनलाइन कर सकते हैं जैसे SIP के माध्यम से या एकमुश्त निवेश करना, बेचना और एक स्कीम से दूसरी स्कीम में स्विच करना।
500 रुपये से करें निवेश की शुरुआत, देखते ही देखते बन जाएंगे करोड़पति!
निवेश की शुरुआत करने के लिए कोई मोटी रकम की जरूरत नहीं होती है. आप हर निवेश करने के तरीके महीने नियमित तौर पर एक छोटी राशि निवेश कर बड़ा फंड बना सकते हैं. अगर आप घर, गाड़ी, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी या फिर अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान कर रहे हैं, तो इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए निवेश के रास्ते पर चलना होगा. (Photo: Aajtak)निवेश करने के तरीके
निवेश को लेकर अक्सर लोग कहते हैं कि कुछ समय बाद शुरू करेंगे. लेकिन उनके लिए वो वक्त कभी नहीं आता. क्योंकि वो निवेश को गंभीरता से नहीं लेते. आज की तारीख में जितना जरूरी बचत पर फोकस करना है, उतना ही निवेश को लेकर भी गंभीर होने की जरूरत है. लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल ये होता है कि निवेश कहां करें.?
दरअलस, बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं. लेकिन कम उम्र में निवेश की शुरुआत करने पर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है. (Photo: Getty)निवेश करने के तरीके
बैंक खातों पर लगातार घट रहे ब्याज से म्यूचुअल फंड निवेश का एक बेहतर माध्यम बनकर उभरा है. म्यूचुअल फंड में SIP तीन तरीके से शुरू किया जा सकता है. पहला- म्यूचुअल फंड एजेंट के जरिये. दूसरा- ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर SIP करें. इसके अलावा तीसरा तरीका है कि म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करें. इसके लिए म्यूचुअल फंड की कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर निवेश करना पड़ता है.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक तरीका है. इसके जरिये निवेश करने पर अच्छा रिटर्न पाना आसान हो जाता है. SIP के जरिए किसी भी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में 500 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. यानी म्यूचुअल फंड में निवेश के कोई बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है.
अगर आपको बड़ा फंड चाहिए तो निवेश को हर महीने जारी रखना पड़ेगा. इसके अलावा निवेश करने के तरीके आमदनी बढ़ने के साथ निवेश की राशि को भी बढ़ाने की जरूरत होगी. उदाहरण के तौर के अगर कोई 25 साल का युवा 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करता है, तो उसे हर 6 महीने में कम से कम 500 रुपये का निवेश बढ़ाना चाहिए. इस तरह से 5 साल के बाद यानी 30 की उम्र में निवेश की राशि बढ़कर 5000 रुपये महीने हो जाएगी. यह बिल्कुल संभव है, क्योंकि लगभग हर साल नौकरी-पेशा लोगों की सैलरी बढ़ती है. यही नहीं, जब आप शुरुआती दो साल में अपने निवेश से रिटर्न को देखेंगे तो उससे आपका निवेश के प्रति उत्साह बढ़ेगा.
उदाहरण के लिए अगर कोई 30 की उम्र से म्यूचुअल फंड में अगले 30 साल तक हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है, तो उसे 60 साल की उम्र में 1,76,49,569 रुपये मिलेगा. यह आंकलन 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 12% ब्याज हिसाब से लगाया गया है. अगर उसपर 15 फीसदी का ब्याज मिलता है तो फिर कुल रिटर्न 3,50,49,103 रुपये मिलेगा. वहीं अगर ब्याज 10 फीसदी भी मिलता है तो 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 30 साल के बाद कुल 1,13,96,627 रुपये रिटर्न मिलेगा.
हालांकि कुछ म्यूचुअल फंड ने उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं दिए हैं. छोटे निवेशकों के लिए फंड का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि सही फंड का चयन करने के लिए काफी शोध की जरूरत होती है. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर लें, किसी वित्तीय जानकार से सलाह जरूर लें. क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है.
म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से चार्ज लेती हैं. खासकर जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपको चुनने की आजादी होती है.
कम पैसे में करना चाहते ज्यादा कमाई, ये हैं आपके पास निवेश के बेस्ट ऑप्शन
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। क्या आप निवेश की योजना बना रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं कि पैसा कहां लगाएं, तो चिंता न करें आप अकेले नहीं हैं जो निवेश करने के तरीके इस दुविधा से गुजर रहे हैं। आम धारणा है कि लोग पैसा न होने की वजह से निवेश नहीं कर पाते। हालांकि निवेश न कर पाने की मुख्य वजह पैसा नहीं होती, वास्तविकता में लोग ये चुनाव ही नहीं कर पाते कि उन्हें अपना पैसा कहां लगाना है और इसी सवाल का जवाब तलाशते हुए वो गैर-जरूरी कामों में पैसा खर्च कर देते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि निवेश कितनी तरह के होते हैं जिससे आप वक्त पड़ने पर निवेश का सही फैसला ले सकें।
आज ही शुरू करें अपना शेयर मार्केट का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX
नए जमाने के निवेश
नए जमाने में स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, कमोडिटी ट्रेडिंग की खूब बातें होती है। स्टॉक ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की ज़रूरत पड़ेगी. डीमैट अकाउंट वो खाता है जिसमें शेयर डीमैटीरियलाइज़ फॉर्म (डिजिटिल फॉर्म) में होते हैं। दूसरा है ट्रेडिंग अकाउंट, जिसमें आप इंट्राडे कारोबार कर सकते हैं।
कमोडिटी मार्केट ( सोना, चांदी आदि)
स्टॉक मार्केट में दो तरह की ट्रेडिंग होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन में शेयर ख़रीदकर निवेश करने के तरीके बेचने होते हैं. यानी बाज़ार खुला, आपने शेयर खरीदे और बाज़ार बंद होने से पहले बेच दिए. जो मिला वो आपकी जेब में गया.अगर आप मुनाफ़े की हाफ़ और फुल सैंचुरी लगाना चाहते है, तो 6 महीने से ज़्यादा लंबा खेलना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कहते है. यानी डीमैट अकाउंट में शेयर 6 महीने से ज़्यादा रखे होने चाहिए.
अब आते हैं कमोडिटी मार्केट ट्रेडिंग पर.इसे यूँ समझें कि ट्रेडिंग हर चीज़ की हो सकती है. मिसाल के लिए अगर ये सामान आलू, प्याज, गेहूँ, चना है तो इसे कहेंगे एग्रीकमोडिटी ट्रेडिंग. ये भी बिल्कुल शेयर मार्केट की तरह होती है. इसमें भी डीमैट अकाउंट चाहिए. यानी न तो आपको अपने हाथ से कुछ बेचना है और न खरीदना.कुछ ऐसा ही होता है मेटल ट्रेडिंग में यानी सोने और चांदी की ट्रेडिंग में। मोबाइल उठाया और सौदा कर लिया. फ़ायदा दिखा, सौदा बेच दिया। अकाउंट में पैसे आ गए।
शेयर बाजार में रिस्क के अपने अपने स्तर होते हैं जो कई अलग अलग बातों पर निर्भर करते हैं। इस तरह के निवेश विकल्पों का सबसे बड़ा फायदा इनमें ऊंचे रिटर्न की संभावना और सबसे बड़ा नुकसान इससे जुड़े जोखिम होते हैं। कोरोना संकट में गिरावट के बाद शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिए हैं।
जिन्हें शेयर बाजार से डर लगता है लेकिन कम समय में ज्यादा कमाई करना चाहते है। उनके लिए म्युचूअल फंड एक अच्छा ऑप्शन है। शेयर बाजार के बड़े एक्सपर्ट्स इस काम को आम आदमी के लिए करते है. अगर आसान शब्दों में समझें तो म्युचूअल फंड हाउस एक फंड मैनेजर को नियुक्त करता है। वो निवेशक के पैसों को शेयरों में लगाकर निवेशकों को एफडी के मुकाबले कई गुना तक रिटर्न दिलाते है।
इन दिनों एसआईपी की बातें बहुत होती है. SIP (सिप) क्या है- सिप (SIP) या सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको हर महीने एक निश्चित रकम को आपकी पसंदीदा Mutual Fund स्कीम में डालने का अवसर देता है. यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शुरू किया जाता है.
महंगाई के बीच ये है बेस्ट ऑप्शन
इस समय सब बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. वहीं, एक आम आदमी खर्चों में हर साल 10-12% की दर से बढ़ोतरी होती है। मेडिकल और शिक्षा का खर्च भी हर साल बढ़ रहा है। इक्विटी को इन्वेस्टमेंट प्लानिंग का हिस्सा बनाएं, क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होता है। इक्विटी में लंबी अवधि के लिए निवेश करें. लंबी अवधि में 12-15% रिटर्न मिल सकता है. बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे लक्ष्यों के लिए इक्विटी बेहतर होते हैं।
निवेश के कुछ ऑप्शन ये भी हैं
निश्चित रिटर्न वाले निवेश में आपको निवेश के वक्त ही पता चल जाता है कि एक खास समयअवधि के बाद निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा। क्योंकि इनका रिटर्न और समयसीमा तय होती है इसलिए इन्हें सबसे कम जोखिम का निवेश भी माना जाता है। निवेश की इस कैटेगरी में जोखिम के स्तर इस बात से तय होते हैं कि निवेश का ये विकल्प किस संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। इस तरह के निवेश की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि निवेशकों को इसमें अपनी तरफ से खास मेहनत नहीं करनी पड़ती, साथ ही इसमें निवेश की लागत भी न के बराबर होती है। भारत सरकार से लेकर निजी कंपनियां तक ऐसे प्रोडक्ट ऑफर करती हैं। यहां ऐसे ही कुछ निवेश विकल्प दिए गए हैं।
सरकारी योजनाएं, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम, किसान विकास पत्र, बैंक के द्वारा ऑफर निवेश विकल्प-सेविंग बैंक अकाउंट, बैंक फिक्सड डिपॉजिट,रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट,स्पेशल बैंक टर्म डिपॉजिट, अन्य-ये निवेश विकल्प सरकार और निजी कंपनियों दोनो के द्वारा ऑफर किये जा सकते हैं. बॉन्ड,डिबेंचर,कंपनियों की एफडी.
Investment Tips: अगर अपनी लीं ये 7 टिप्स, तो बन जाएंगे करोड़पति, बस करना होगा छोटा सा काम
Investment Tips: अगर आप भी करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपको इसके लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. अगर अभी से आप छोटी-छोटी बातों का ख्याल रख अपना पैसा बचाते हैं, तो आपके लिए ये खबर काफी फायदेमंद है. आइए आपको बताते हैं सात ऐसी टिप्स के बारे में, जिन्हें फॉलो करके आप काफी पैसा बचा सकते हैं.
Investment Tips: अपने मेहनत के पैसों को यहां करें निवेश, शानदार रिटर्न के साथ टैक्स में मिलेगी छूट!
Investment Tips: फिक्स्ड डिपॉजिट या सावधि जमा उन लोगों के लिए एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट का ऑप्शन है जो जोखिम से बचते हैं। ये ऐसे लोगों के लिए ठीक है जो चाहते हैं भले ही उन्हें कम रिटर्न मिले लेकिन जोखिम कम हो। इसमें एक तय समय के लिए एक निश्चित ब्याज दर पर बैंक में में निवेश का ऑप्शन मिलता है।
म्यूचुअल फंड (MF) में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड का एक पोर्टफोलियो होता है
हाइलाइट्स
- सावधि जमा एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट का ऑप्शन है
- पीपीएफ एक बेहद सुरक्षित निवेश है
- बाॅन्ड उनके लिए अच्छा है जो सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं
1 - बीमा
किसी भी इनवेस्टर के पोर्टफोलियों में कमाई शुरू करने के तुरंत बाद बीमा (Insurance) सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल टूल (Financial Tool) है। बीमा (Insurance) एक कम जोखिम वाला निवेश है जो आपकी बचत को प्रोत्साहित करता है और आपको और आपके परिवार को मृत्यु, दुर्घटना या गंभीर बीमारी जैसी जीवन की किसी भी अनिश्चितताओं के खिलाफ सुरक्षा कवर देता है। बीमा (Insurance Plan) आपके जीवन में आने वाले बड़े खर्चों जैसे शादी, शिक्षा, लोन और मेडिकल बिल आदि में भी मदद करता है। एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) क्लिक 2 प्रोटेक्ट निवेश करने के तरीके लाइफ एक ऐसी ही जीवन बीमा योजना है जो आपको और आपके परिवार को पूरे जीवन के लिए कवर प्रदान करती है। एचडीएफसी लाइफ क्लिक 2 प्रोटेक्ट लाइफ प्लान (HDFC Life Click 2 Protect Life Plan) चुनने के लिए आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं।
लाइफ प्रोटेक्ट ऑप्शन
यह ऑप्शन आपके परिवार के लिए बुनियादी सुरक्षा देता है। पॉलिसी (Policy) अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु की स्थिति में एकमुश्त राशि और लाइफ कवर देता है।
जीवन और सीआई रीबैलेंस ऑप्शन
यह ऑप्शन मृत्यु और गंभीर बीमारी के बीच में संतुलन बनाता है। इसमें गंभीर बीमारी कवर बढ़ता है और प्रत्येक पॉलिसी की एनिवर्सरी पर जीवन कवर कम होता है। इसी के साथ कवर की गई गंभीर बीमारियों का पता चलने पर गंभीर बीमारी कवर दिया जाता है। वहीं भविष्य के प्रीमियम को माफ कर दिया जाता है और जीवन कवर जारी रहता है।
आय प्लस ऑप्शन
यह ऑप्शन पूरी पॉलिसी की अवधि के लिए बीमित व्यक्ति को कवर करता है। वहीं मैच्योरिटी पर एकमुश्त भुगतान और 60 वर्ष की आयु से नियमित इनकम भी देता है।
2 - शेयर
स्टाॅक (Stock) किसी भी कंपनी या यूनिट में होल्डिंग या स्वामित्व का पार्ट होते हैं। निवेशक अपने शेयरों पर मुनाफा कमाते हैं। शेयरों में लंबी अवधि के होल्डिंग आमतौर पर हाई रिटर्न देते हैं। निवेश करने के तरीके शेयर क्योंकि बाजार से जुड़े होते हैं ऐसे में वो अस्थिर होते हैं। इनमें नुकसान का रिस्क भी होता है।
3 - म्युचुअल फंड
म्यूचुअल फंड (Mutual Funds ) में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड का एक पोर्टफोलियो होता है। ये आमतौर पर फंड मैनेजरों की देखरेख में होता है, जो कम, मध्यम या हाई जोखिम वाले फंडों में निवेश करने के लिए लोगों से रुपये जमा कराते हैं। पर्सनल इनवेस्टमेंट स्कीम्स सेविंग्स को बढ़ाती हैं, जबकि म्यूचुअल फंड (MF) में छोटे निवेशों के साथ भी ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
4- फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या सावधि जमा उन लोगों के लिए एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट का ऑप्शन है जो जोखिम से बचते हैं। ये (Fixed Deposits) ऐसे लोगों के लिए ठीक है जो चाहते हैं भले ही उन्हें कम रिटर्न मिले लेकिन जोखिम कम हो। इसमें लोगों को एक तय समय के लिए एक निश्चित ब्याज दर पर बैंक में में निवेश का ऑप्शन मिलता है। इसमें मैच्योरिटी पर आपके जमा किए गए रुपये ब्याज के साथ आपको वापस मिल जाते हैं।
5 - पब्लिक प्राॅविडेंट फंड
पब्लिक प्राॅविडेंट फंड (Public Provident Fund) या पीपीएफ (PPF) आपको 15 साल की लाॅक-इन अवधि के लिए आपकी सैलरी से एक छोटे पार्ट को बचाने और उसे निवेश करने निवेश करने के तरीके निवेश करने के तरीके की सुविधा देता है। इसमें कुछ निश्चित अवधि के बाद थोड़ा सा फंड निकालने की अनुमति मिलती है। इसमें आप अपने मूलधन, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसमें भले ही पीपीएफ बहुज ज्यादा रिटर्न न दे रहा हो, लेकिन यह एक बेहद सुरक्षित निवेश जरूर है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 587