क्रिप्टोकरेंसी

Crypto मार्केट में आज आया सुधार, अधिकतर पॉपुलर ऑल्टकॉइन्स की कीमत में इजाफा

ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी पिछले 24 घंटों में लगभग 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

अरबपति Jeffrey Gundlach ने मार्केट मंदी में क्रिप्टो निवेश से किया किनारा

Jeffrey Gundlach का कहना है कि वो मार्केट के बियरिश ट्रेंड में क्रिप्टो पर्चेज नहीं करेंगे क्योंकि अभी फेडरेल रिजर्व की ओर से कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जो कि मार्केट पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं.

Shiba Inu की कीमत में गिरावट, ETH व्हेल्स ने खरीदे 1.6 लाख करोड़ SHIB

भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर शिबा इनु की कीमत ₹ 0.000977 पर ट्रेड कर रही है जो कि पिछले 24 घंटों में 3.75% की गिरावट है.

Grayscale के फाउंडर को है Bitcoin के 1 लाख डॉलर पर पहुंचने का इंतजार

पिछले कुछ वर्षों में Nicholas ने बिटकॉइन को लेकर प्रतिकूल रवैया रखा है. उन्होंने मार्च में कहा था कि अगर बिटकॉइन एक लाख डॉलर पर भी पहुंचता है तो भी यह एक नाकामी होगी

Crypto एक्सचेंज ने 68 डॉलर रिफंड के बजाए कस्टमर को दिए 72 लाख डॉलर

इस मामले में कस्टमर ने एक्सचेंज को गलत रिफंड की सूचना देने के बजाय एक ज्वाइंट एकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी थी और अपनी बहन के लिए एक लग्जरी अपार्टमेंट खरीदने पर लगभग नौ लाख डॉलर खर्च किए थे

मार्केट एक्सपर्ट Jim Cramer ने दी क्रिप्टोकरेंसीज से बड़ा नुकसान होने की चेतावनी

पिछले महीने उन्होंने क्रिप्टो को सट्टेबाजी का आखिरी गढ़ बताया था. उनका कहना था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सेगमेंट की कुर्बानी दे सकता है

ईरान में ट्रेडर्स इम्पोर्ट के लिए कर सकेंगे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल

ईरान के कारोबारी व्हीकल्स और अन्य गुड्स के इम्पोर्ट के लिए डॉलर या यूरो में भुगतान के बजाय क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम से ईरान बाहर है

Bitcoin 20 हजार डॉलर के पार, Ether ने भी पकड़ी रफ्तार, जानें क्रिप्‍टो क्रिप्टोकरंसी के नुकसान मार्केट का ताजा हाल

ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमत 20,406 डॉलर (लगभग 16.3 लाख रुपये) है.

बिटकॉइन समेत क्रिप्टो मार्केट में आज दिखा लाल रंग

शिबा इनु खबर लिखे जाने के समय पर $0.000013 (लगभग 0.001066 रुपये) पर ट्रेड कर रहा था

बिटकॉइन फैन माइक एल्फ्रेड 1 करोड़ Cardano टोकन चाहते हैं बांटना!

ट्विटर यूजर्स ने माइक की पोस्ट पर चुटकी भी ली और सवाल खड़े किए कि इतनी बड़ी होल्डिंग को कोई कैसे भूल सकता है

Gemini एक्सचेंज में व्हेल ने ट्रांसफर किए 4 हजार BTC

भेजे गए बिटकॉइन्स की कीमत 8.6 करोड़ डॉलर बताई गई है

अफगानिस्तान में Crypto पर सख्ती, पुलिस ने बंद करवाए एक्सचेंज

अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था

ETH व्हेल ने खरीदे 5300 करोड़ शिबा इनु, कीमत में 5% उछाल

Etherscan के आंकड़ों के अनुसार, व्हेल ने 5300 करोड़ शिबा इनु टोकनों की खरीद की है

बिलिनेयर Mark Cuban ने बताया Ethereum के लिए सपोर्ट का कारण

Cuban ने इसके प्राइस को लेकर को पूर्वानुमान नहीं दिया है. वह मानते हैं कि इस ब्लॉकचेन की उपयोगिता अधिक होने के कारण यह सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin से बेहतर है

हैकर्स ने चुराए 10 करोड़ डॉलर से अधिक के ​NFT

इस सेगमेंट में कारोबार बढ़ने के साथ ही स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है. ऐसे कुछ मामलों में NFT खरीदने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अमेरिका में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामलों का खुलासा हुआ है

ईरान में गैर कानूनी क्रिप्टो माइनिंग के कारण जब्त हुए हजारों माइनिंग इक्विपमेंट

चीन में Bitcoin की माइनिंग पर पिछले वर्ष बैन लगाया गया था. कैम्ब्रिज बिटकॉइन इलेक्ट्रिसिटी कंजम्प्शन इंडेक्स (CBECI) से पता चला है कि चीन में बिटकॉइन माइनिंग एक्टिविटीज में दोबारा तेजी आई है

Ethereum ब्लॉकचेन में बग पकड़ने वालों के लिए रिवॉर्ड में बढ़ोतरी

Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है

Crypto मार्केट में आया सुधार, Bitcoin, Ether समेत लगभग सभी टोकनों में बढ़त

Bitcoin Cash और Tron उन टोकनों में शामिल थे जिनमें आज हल्का नुकसान देखने को मिला है

Dogecoin अब अमेरिका में ग्रोसरी स्टोर्स पर भी खरीद के लिए उपलब्ध

खरीदारों को इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए अपना Coinme अकाउंट बनाना होगा. जिसके बाद वो Coinstar मशीन पर कैश के बदले एक क्रिप्टो वाउचर पा सकेंगे

Ethereum व्हेल्स ने सेल किए 3 लाख करोड़ शिबा इनु, 1.29% तक सिमटी होल्डिंग

इससे पहले शिबा इनु होल्ड किए जाने टॉप 10 क्रिप्टो एसेट्स की लिस्ट में पहले स्थान पर था, लेकिन अब यह पांचवें स्थान पर आ गया है

क्रिप्‍टोकरंसी में निवेश से पहले जानें क्‍या हैं इसके जोखिम और फायदे की बात

आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryptocurrency market में निवेश को लेकर लोगों में दिलचस्‍पी बढ़ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin की एक साल में कीमत 90 फीसद तक बढ़ी है। यह इस समय 60 हजार डॉलर के आसपास चल रही है। जबकि कुछ दिन पहले यह 69 हजार डॉलर पर थी। दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्‍टोकरंसी Ether की कीमत 4075 डॉलर है। हालांकि इसमें निवेश से पहले इसके जोखिम और फायदों को समझना जरूरी है।

जानें क्‍या हैं फायदे

जानकारों की मानें तो क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के फायदे भी हैं और खतरे भी। मसलन अगर इसमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो यह बेहतर रिटर्न का जरिया बन सकता है। हालांकि ये डिसेंट्रलाइज्‍ड हैं। इसमें सरकारी नियमन का कोई दखल नहीं होता। इसके जरिए निवेशक अपने पैसे पर सीधा अधिकार रखता है। इसमें निवेश के लिए वैश्विक स्‍तर पर पैसा लगाया जा सकता है। आप किसी भी देश के हों, इसमें निवेश कर सकते हैं।

स्‍टॉक मार्केट से अलग

एक और अच्‍छी बात है कि क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के लिए कोई समय तय नहीं है। आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

जानें क्‍या है नुकसान

क्रिप्‍टो करंसी में निवेश में जोखिम भी बड़ा है। यह किसी सरकारी या फाइनेंशियल संस्‍थान के नियंत्रण में नहीं है। यह नियमन के दायरे में नहीं आता। इसमें पैसे की सेफ्टी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है। इसकी खरीद-फरोख्‍त डिजिटली होती है। इसे हैक किया जा सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपने वित्‍तीय सलाहकार की राय जरूर लें।

निवेश से पहले क्‍या करें

अगर आप इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो यह जान लें कि यह काफी नया है। हर कोई इसमें निवेश नहीं कर सकता। इसके लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। सिस्‍टम को समझना चाहिए। साथ ही इसमें उतार-चढ़ाव का काफी चांस रहता है, जिससे आपका निवेश फंस भी सकता है। ज्‍यादा उतार-चढ़ाव को रोक पाना आम निवेशक के बस के बाहर की बात है।

क्रिप्टोकरंसी के नुकसान

Photo used for representation purpose only. File | Photo Credit: Reuters

‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।

दरअसल, देश में बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरंसी को लेकर संशय का माहौल बना हुआ है। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को बैन कर देगी। अब इसी कश्मक्श के बीच मंगलवार को लोकसभा ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना की जानकारी सार्वजनिक की। जिसमें क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल मुद्रा पर क़ानून बनाने का बिल भी दर्ज है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है।

देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर लग सकता है प्रतिबंध?

लोकसभा की कार्य योजना के मुताबिक इस बिल को लाने का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है।

बता दें कि 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार को 'कोई निर्णय लेते हुए इस मामले पर क़ानून बनाना चाहिए।' जिसके बाद पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है। भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था।

क्या है पूरा मामला?

क्रिप्टोकरेंसी को अगर आसान भाषा में समझेें तो ये किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन मुद्रा है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। यही कारण है कि इसकी सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।

आरबीआई जारी करेगा अपनी डिजिटल करेंसी!

मीडिया में आई खबरों की मानें तो आरबीआई काफ़ी समय से अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने की दिशा में सोच रहा है, लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि इसका पायलट प्रॉजेक्ट कब तक शुरू होगा। अभी तक इस बिल की सटीक रूपरेखा सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही इस पर कोई सार्वजनिक तौर पर विचार-विमर्श हुआ है।

वित्त मंत्रालय काफ़ी समय से इस बिल पर कुछ नहीं बोल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल अगस्त से ही मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए तैयार है। इस बिल को लेकर काफ़ी सवाल जुड़े हुए हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में काफ़ी लोगों का निवेश है। अगर सरकार सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर देती है, तो उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने निवेश किया हुआ है।

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीती 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने को लेकर एक बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय बैंक, गृह और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि 'बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों' को रोका जाए। इसी दौरान यह भी पाया गया कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती है। इसी कारण सरकार इस क्षेत्र के लिए तेज़ी से क़दम उठाने को दृढ़ संकल्प है।

मालूम हो कि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करीब 600 प्रतिशत बढ़ा है।

करोड़ों निवेशकों के भविष्य खतरे में?

एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है। इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है। ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन इस बिल के बारे में कोई और जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है।

गौरतलब है कि भारत में 2013 में क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत हुई थी, लेकिन तब भी से इसे लेकर संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा विवादास्पद नोटबंदी करने के बाद क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बीते कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की बाढ़ आ क्रिप्टोकरंसी के नुकसान गई थी। कॉइनस्विचकूबर, कॉइनडीसीएक् और अन्य घरेलू क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज टीवी चैनलों, वेबसाइटों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर विज्ञापन दे रहे थे। माना जा रहा है कि सरकार ने इन सभी को ध्यान में रखते हुए इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखने का फैसला लिया है। ऐसे में अब ये बिल निवेशकों को कितनी राहत देगा या उन्हें कितना नुकसान देगा ये देखना होगा।

बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन से फायदे की जगह नुकसान होगा

​​कनाडा ने दुनिया के सबसे पहले बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को मंजूरी दे दी है.

बिट.

इसके उलट भारत में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही है. हाल में ही वित्त मंत्री राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल लाने जा रही है. इसके साथ ही यह कहा जा रहा है कि सभी निजी क्रिप्टोकरंसी को भारत से बाहर जाना पड़ेगा. इसके बाद यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक डिजिटल करेंसी लाने जा रही है.

भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने वाले बिल में क्या होगा इसकी तो अभी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन वास्तव में यह भारत सरकार के हितों की रक्षा करने से जुड़ा होगा. वास्तव में इस तरह का बिल उद्योग जगत से चर्चा करने के बाद ही लाया जा सकता है. इसके साथ ही इसमें मुख्य तकनीकी लोग, ग्लोबल रेगुलेटर और भारत के लाखों निवेशकों के हितों का ध्यान रखे जाने की उम्मीद है.

भारत सरकार सभी पक्षों से बातचीत करने के बाद इस तरह का कोई कानून बनाए, इसलिए भारत की लीडिंग क्रिप्टो करेंसी कंपनी, वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर और विशेषज्ञ आपस में मिलकर एक क्रिप्टोकरंसी के नुकसान अभियान #IndiaWantsBitcoin चला रहे हैं. इस अभियान का उद्देश्य है कि नियामक उनकी चिंताओं का ध्यान रखते हुए कोई कानून बनाए.

भारत सरकार को वास्तव में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने की दिशा में काम करना चाहिए. अगर भारत सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर सकी तो भारत के लिए यह बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. रूस और नाइजीरिया जैसे देशों में क्रिप्टो करेंसी पर बैन अप्रभावी साबित हो चुका है. क्रिप्टो करेंसी पर बैन तभी लागू हो सकता है जब इंटरनेट को बंद कर दिया जाए.

भारत में क्रिप्टो करेंसी इको सिस्टम बेहतर तरीके से मौजूद है. इस इकोसिस्टम को खराब करने से अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही इस वजह से भारत को अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की जीडीपी के समकक्ष ले जाने की योजनाओं को पलीता लग सकता है. दुनिया के यह देश क्रिप्टो करेंसी को एक्सेप्ट कर चुके हैं और नियामकीय फ्रेमवर्क बनाकर उसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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Cryptocurrency में पैसा लगाने की सोच रहे? तो पहले जानिए क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के नुकसान क्या है?

Disadvantages of Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन इसमें निवेश करने से आपको खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। यहां ऐसे क्रिप्टोकरंसी के नुकसान 5 कारण बताए गए है, जिस वजह से आपको क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश से दूर रहना चाहिए।

Disadvantages of Cryptocurrency in Hindi: दुनिया के महान निवेशक वॉरेन बफे जैसे सफल निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा यानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 'अगला बुलबुला' के रूप में संदर्भित किया है। यह देखते हुए कि बुलबुले फूट रहे हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने की कमियां (Disadvantages of Cryptocurrency) क्या हैं ताकि हम निवेश के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यहां ऐसे 5 नुकसान बताए गए, जिस वजह से आपको भी Cryptocurrency में निवेश से सावधान रहना चाहिए।

नुकसान 1 - स्केलिंग समस्याएं

भारत और पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी को लेकर काफी हाइप है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सबसे बड़ी चिंताओं में से एक स्केलेबिलिटी से संबंधित है। यह अभी भी अन्य वित्तीय लेनदेन और संचालन जैसे मास्टरकार्ड या वीज़ा जैसे भुगतान आइकन की तुलना में उतना अधिक नहीं है। इसके अलावा, जिस गति से क्रिप्टो में लेन-देन किया जाता है, उसका मास्टरकार्ड और वीज़ा जैसे खिलाड़ियों के लिए कोई मुकाबला नहीं है। क्रिप्टोकुरेंसी में पैमाने की समस्याएं उनके इंफ्रास्ट्रक्चर में हैं और इस सेक्टर में इंडस्ट्री में सुधार के लिए बहुत जगह है।

नुकसान 2 - क्रिप्टो एक्सचेंज सिक्योरिटी

क्रिप्टोक्यूरेंसी डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक निर्भर करती है। इसके परिणामस्वरूप, यह साइबर सिक्योरिटी में उल्लंघनों के लिए खुला है। किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज से निपटने के बारे में कुछ चिंताओं में यह तथ्य है कि एकाउंट को हैक किया जा सकता है। कई ICO में हैकिंग की रिपोर्ट के साथ इसका पहले से ही जीवित प्रमाण है, जिसमें व्यक्तियों की लागत लाखों डॉलर है। इस प्रकार, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्तमान की तुलना में बेहतर तरीके से कंट्रोल और मैनेज किया जाना है। ट्रेडिशनल बैंकिंग सिक्योरिटी उपाय डिजिटल करेंसी सिक्योरिटी रखरखाव के लिए इसमें कटौती नहीं करने जा रहे हैं।

नुकसान 3 - क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य और अस्थिरता

भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि कई निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी की लहर की सवारी कर रहे हैं, ऐसे कई लोग हैं जो यह पता लगा रहे हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतें एक हद तक अस्थिरता के लिए प्रवण होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रिप्टोक्यूरेंसी अपने जन्मजात मूल्य में कुछ कमी दर्शाती क्रिप्टोकरंसी के नुकसान है, क्योंकि डिजिटल करेंसी किसी भी मूर्त संपत्ति से जुड़ी नहीं है।

नुकसान 4 - रेगुलेशन का अभाव

जब वॉरेन बफे ने क्रिप्टोकरंसी की कमियों पर जोर दिया, तो अनुभवी निवेशक ने इस मार्केट में एसेट को कंट्रोल करने वाले किसी भी रेगुलेटरी अथॉरिटी की कमी पर जोर दिया। किसी भी मैनेजमेंट की स्पष्ट कमी के कारण, बफे ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया, उसे उद्धृत करने के लिए सिस्टम "इम्पोड" करने के लिए बाध्य है। आप अंतर्निहित तकनीक को पूर्ण कर सकते हैं, लेकिन जब तक कोई नियामक संस्था क्रिप्टोकरंसी को नहीं अपनाती है, तब तक हमेशा बड़ा जोखिम बना रहेगा।

नुकसान 5 - टेक्नोलॉजी बदलने की चिंता

भारत और दुनिया भर में क्रिप्टोकुरेंसी में व्यापार की विशेष तार्किक समस्याएं हैं। ये काफी हद तक उस तकनीक से जुड़े हैं जिसमें डिजिटल मुद्रा शामिल है। उदाहरण के लिए, जब क्रिप्टोक्यूरेंसी से संबंधित तकनीक को बदलने की आवश्यकता होती है, तो प्रोटोकॉल को बदलने की आवश्यकता होती है। यह एक थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है और इसमें लंबा समय लगता है। इसलिए, नियमित परिचालन और कार्यात्मक प्रवाह बाधित हो सकता है और अतिरिक्त मुद्दों का कारण बन सकता है।

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