संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि सांसद', 'शकुनी', 'जयचंद', 'लॉलीपॉप', 'चाण्डाल चौकड़ी', 'गुल खिलाए', 'पिठ्ठू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा.

' बुद्धि'

स्थानीय लोगों का दावा है कि रावण को उसकी 'बुद्धि और तपस्वी गुणों' के लिए पूजे जाने की परंपरा पिछले 300 वर्षों से गांव में चल रही है.

Budh Margi Effect: ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को वाणी, व्यापार, बुद्धि और धन का कारक माना गया है. बुध के मार्गी होने के कुछ राशियों की किस्मत बदल सकती है.

Friday puja : देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए विशेष पूजा पाठ और मंत्र जाप करना चाहिए. इस दिन पूजा अराधना करने से धन का अभाव कम होता है. देवी मां प्रसन्न होती हैं. बुद्धि विवेक में भी बढ़ोत्तरी होती है.

Maharashtra | Reported by: सुनील कुमार सिंह, Edited by: श्रावणी शैलजा |सोमवार जुलाई 18, 2022 11:09 AM IST

आत्मसम्मान मंच अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि गड्ढों से मुम्बईकरों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है. साथ ही उन पर दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में अब भगवान ही बीएमसी के अधिकारियों को बुद्धि दें.

' बुद्धि'

स्थानीय लोगों का दावा है कि रावण को क्यों बुद्धि विकल्प उसकी 'बुद्धि और तपस्वी गुणों' के लिए पूजे जाने की परंपरा पिछले 300 वर्षों से गांव में चल रही है.

Budh Margi Effect: ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को वाणी, व्यापार, बुद्धि और धन का कारक माना गया है. बुध के मार्गी होने के कुछ राशियों की किस्मत बदल सकती है.

Friday puja : देवी लक्ष्मी को खुश करने के लिए विशेष पूजा पाठ और मंत्र जाप करना चाहिए. इस दिन पूजा अराधना करने से धन का अभाव कम होता है. देवी मां प्रसन्न होती हैं. बुद्धि विवेक में भी बढ़ोत्तरी क्यों बुद्धि विकल्प होती है.

Maharashtra | Reported by: सुनील कुमार सिंह, Edited by: श्रावणी शैलजा |सोमवार जुलाई 18, 2022 11:09 AM IST

आत्मसम्मान मंच अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि गड्ढों से मुम्बईकरों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है. साथ ही उन पर दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में अब क्यों बुद्धि विकल्प भगवान ही बीएमसी के अधिकारियों को बुद्धि दें.

बुद्ध एक अधिकार क्यों हैं

दिग्नागा पर धर्मकीर्ति की भाष्य पर गेशे येशे थाबखे द्वारा दी गई शिक्षाओं की एक श्रृंखला का एक हिस्सा वैध अनुभूति पर संग्रह , जोशुआ कटलर द्वारा अनुवाद के साथ तिब्बती बौद्ध अध्ययन केंद्र.

  • पिछले अनुभाग का सारांश और उसका उद्देश्य
  • बौद्धों के अभ्यास और परित्याग के लिए जोर देने पर एक नया खंड पेश करना
  • How कर्मा हमारे अनुभव के निर्माता हैं
  • जैसे शिक्षक की तलाश करने के कारण बुद्धा

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गेशे येशे थबखे

गेशे येशे थाबखे का जन्म 1930 में मध्य तिब्बत के लहोखा में हुआ था और 13 साल की उम्र में एक भिक्षु बन गए थे। 1969 में डेपुंग लोसेलिंग मठ में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्हें गेशे ल्हारम्पा से सम्मानित किया गया, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुक स्कूल में सर्वोच्च डिग्री है। वह सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर तिब्बती स्टडीज में एक एमेरिटस प्रोफेसर हैं क्यों बुद्धि विकल्प और मध्यमा और भारतीय बौद्ध अध्ययन दोनों के एक प्रख्यात विद्वान हैं। उनकी रचनाओं में के हिंदी अनुवाद शामिल हैं निश्चित और व्याख्यात्मक अर्थों की अच्छी व्याख्या का सार लामा चोंखापा और कमलाशिला की टिप्पणी द्वारा धान की पौध सूत्र . उनकी अपनी टीका, राइस सीडलिंग सूत्र: बुद्ध की शिक्षाओं पर निर्भर समुत्थान , जोशुआ और डायना कटलर द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित किया गया था और विजडम पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया था। गेशेला ने कई शोध कार्यों को सुगम बनाया है, जैसे कि चोंखापा का पूरा अनुवाद आत्मज्ञान के पथ के चरणों पर महान ग्रंथ , द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख परियोजना तिब्बती बौद्ध अध्ययन केंद्र न्यू जर्सी में जहां वह नियमित रूप से पढ़ाते हैं।

चिकित्सा का चक्कर | Lesson 6 | Class 9 Hindi | Hindi Question Answer Assam |


(क) लेखक बीमार कैसे पड़ा?
उत्तर: एक दिन उन्होंने हॉकी खेलते वक्त रिफ्रेशमेण्ट ज्यादा खा लिया था। ऊपर से घर जाकर बारह पूरियांँ खाई और साथ ही साथ प्रसाद जी के यहांँ से आए छह बाग बाजार का रसगुल्ला भी खाया। जिसके कारण लेखक बीमार पड़ गए।


(ख) पेट में दर्द होने पर लेखक ने कैसी दवा ली?
उत्तर: पेट दर्द हो या पेट खराब होने जैसे स्थिति के लिए लेखक के पास हमेशा से औषधियों का राजा, रोगों का रामबाण, अमृतधारा की एक शीशी सदा उनके पास रहा करती थी। जैसे ही उनका पेट दर्द हुआ उन्होंने तुरंत उस शीशी में से दवा की कुछ बूंदें पी ली।

नीतीश का विपक्षी एकता का प्रेम

Aditya Chopra

लोकतन्त्र में विपक्ष इस प्रणाली की ‘प्राण वायु’ माना जाता है जिसमें मत भिन्नता व ‘असहमति’ को बराबर का स्थान प्राप्त होता है क्योंकि जनतन्त्र समग्र जनता की प्रतिध्वनि होता है। बहुमत क्यों बुद्धि विकल्प और अल्पमत का अर्थ यह कदापि नहीं होता कि जो पक्ष अल्पमत में रहकर ‘विपक्ष’ कहलाता है वह जनता का प्रतिनिधित्व न करता हो। बहुमत को सत्ता तो बेशक प्राप्त होती है मगर अल्पमत की आवाज भी सत्ता के समक्ष सर्वदा एक चुनौती बनी रहती है। इसे देखते हुए बिहार के मुख्यमन्त्री श्री नीतीश कुमार का यह वक्तव्य महत्वपूर्ण है कि क्यों बुद्धि विकल्प वह बिहार की सत्ता की बागडोर अपने युवा उपमुख्यमन्त्री श्री तेजस्वी यादव के हाथ में सौंपकर देश में समूचे विपक्ष की एकता के लिए प्रयास करेंगे। नीतीश बाबू हालांकि अब वह रुतबा खो चुके हैं जो 2014 में उनके नाम के साथ जुड़ा हुआ था और उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमन्त्री पद का सशक्त दावेदार बताया जा रहा था। इस हकीकत से नीतीश बाबू स्वयं भी परिचित लगते हैं, इसीलिए उन्होंने यह भी कहा है कि वह प्रधानमन्त्री या अगले 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में अब मुख्यमन्त्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। उनके इस कथन को क्या यह मान लिया जाये कि वह राष्ट्रीय राजनीति में ऐसे उत्प्रेरक की भूमिका निभाना चाहते हैं जिसका मिशन विपक्षी एकता हो? यदि यह सत्य है तो उन्हें सबसे पहले देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को साधना होगा क्योंकि पूरे देश में एकमात्र यही ऐसी पार्टी है जो विचारधारा और सिद्धान्तों के आधार पर सत्तारूढ़ भाजपा का विकल्प बनने की क्षमता रखती है।

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