सबसे पहले समझते हैं कि आखिर मुक्त व्यापार समझौता यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) क्या है?
परखें ट्रेडर का मनोविज्ञान और धन का प्रवाह
ट्रेडिंग करते वक्त हमें दो खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक, सामनेवाले ट्रेडर का मनोविज्ञान और दो, बाज़ार में आ रहे धन का प्रवाह। मनोविज्ञान का पता भावों का ट्रेन्ड और टेक्निकल एनालिसिस के विभिन्न इंडीकेटर बता देते हैं। कैंडल के आकार और उनकी पोजिशन से ही काफी कुछ पता चल जाता है, बशर्ते उनकी ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है भाषा आपको पढ़नी आती हो। मौजूदा चढ़े हुए बाज़ार में रिटेल ट्रेडरों की मानसिकता काफी मायने रखती है। अन्यथा, सामान्य बाज़ार में संस्थाओं का रुख ही बाज़ार के लिए निर्णायक होता है। धन का प्रवाह एफआईआई व डीआईआई की खरीद-बिक्री से पता चलता है। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें.
निवेश – तथास्तु
ज्यों-ज्यों निफ्टी 20,000 अंक के करीब पहुंचता जा रहा है, बाज़ार में उन्माद बढ़ता जा रहा है। लेकिन किसी भी किस्म का उन्माद समझदारी को धुंधला कर देता है और हम बहक कर गलत फैसले ले सकते हैं। इसलिए उन्माद में भी हमें संतुलित रहना चाहिए। वहीं, अगर मान लीजिए कि निफ्टी 20,000 का स्तर छूने से पहले ही फिसलकर गिर गया या लम्बे तक सीमित रेंज में भटकता रहे, तब भी हमें न तो हताश होना […]
क्या आप जानते हैं?
जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …
भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …
Intraday Trading Vs Delivery Trading: जानें इंट्राडे तथा डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है
शेयर मार्केट में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान बनता जा रहा है, लेकिन यहाँ निवेश करने के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, जिनके बारे में एक निवेशक के तौर पर आपके लिए जानना आवश्यक है। उदाहरण के लिए कुछ शेयर मार्केट ट्रेडिंग अल्पकालिक अवधि के लिए होती हैं, जबकि कुछ ट्रेडिंग लंबी अवधि के निवेश के रूप में की जाती हैं।
हालाँकि शेयर बाज़ार में निवेश के कुछ अन्य तरीके भी हैं जैसे फ्यूचर एवं ऑप्शन में निवेश आदि, किन्तु आज इस लेख में हम मुख्यतः अवधि के आधार पर शेयर मार्केट में करी जाने वाली ट्रेडिंग के विषय में समझेंगे। इस प्रकार शेयर बाजार में दो तरीके से ट्रेडिंग करी जा सकती हैं, जिन्हें हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग (Intraday Trading Vs Delivery Trading) के रूप में जानते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) क्या है?
जब कोई ट्रेडर या निवेशक एक ही ट्रेडिंग दिन के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री करता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में शेयरों को कम ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है समय में लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदा जाता है, लंबी अवधि के निवेश के रूप में नहीं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी ट्रेडिंग दिन में शेयर की कीमत में हुए परिवर्तन के आधार पर ट्रेडर लाभ अर्जित करते हैं, गौरतलब है कि, डिलीवरी ट्रेडिंग के विपरीत यहाँ कोई ट्रेडर किसी शेयर को पहले बेचकर बाद में खरीद भी सकते हैं। ऐसा उस स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेडर को किसी शेयर की कीमतों में गिरावट का अंदेशा होता है, ऐसे में ट्रेडर ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है दिन की शुरुआत में शेयर बेच देते हैं तथा दिन के मध्य या अंत में जब शेयर के दाम गिर जाएं तो उसे खरीद लेते हैं।
Proprietary Trading क्या है?
Proprietary Trading एक वित्तीय फर्म या वाणिज्यिक बैंक को संदर्भित करता है जो ग्राहकों की ओर से व्यापार करके कमीशन डॉलर अर्जित करने के बजाय प्रत्यक्ष बाजार लाभ के लिए निवेश करता है। "Prop Trading" के रूप में भी जाना जाता है, इस प्रकार की व्यापारिक गतिविधि तब होती है जब एक वित्तीय फर्म क्लाइंट ट्रेडिंग गतिविधि के माध्यम से प्राप्त Thin-Margin Commission के बजाय बाजार की गतिविधियों से लाभ का चयन करती है। Proprietary Trading में स्टॉक, बांड, वस्तुओं, मुद्राओं या अन्य उपकरणों का व्यापार शामिल हो सकता है।
वित्तीय फर्म या वाणिज्यिक बैंक जो Proprietary Trading में संलग्न हैं, उनका मानना है कि उनके पास एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है जो उन्हें वार्षिक रिटर्न अर्जित करने में सक्षम बनाता है जो इंडेक्स निवेश, बॉन्ड यील्ड प्रशंसा या अन्य निवेश शैलियों से अधिक है।
'स्वामित्व डेस्क' की परिभाषा [Proprietary Trading "Proprietary Desk"] [In Hindi]
जब, लाभ कमाने के उद्देश्य से, एक फर्म स्टॉक, कमोडिटीज, बॉन्ड या किसी अन्य वित्तीय साधन में ग्राहक के पैसे के बजाय फर्म के अपने पैसे से व्यापार करती है, इसे मालिकाना व्यापार कहा जाता है। मालिकाना व्यापार की इस गतिविधि में भाग लेने वाले बैंक/कंपनी के कर्मचारियों को अक्सर Proprietary desk कहा जाता है।
मालिकाना व्यापार के लाभ [Advantages of Proprietary Trading, In Hindi]
Proprietary Trading के लाभों में से एक लाभ में वृद्धि है। ब्रोकर के रूप में कार्य करने और कमीशन अर्जित करने के विपरीत, फर्म को प्रॉप ट्रेडिंग से 100% लाभ प्राप्त होता है। एक Proprietary Trading के रूप में, बैंक को व्यापार से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है।
Proprietary Trading का एक अन्य लाभ यह है कि एक फर्म भविष्य में उपयोग के लिए प्रतिभूतियों की एक सूची स्टॉक कर सकती है। यदि फर्म सट्टा उद्देश्यों के लिए कुछ प्रतिभूतियां खरीदती है, तो वह बाद में उन्हें अपने ग्राहकों को बेच सकती है जो उन प्रतिभूतियों को खरीदना चाहते हैं। प्रतिभूतियों को उन ग्राहकों को भी उधार दिया जा सकता है जो कम बेचना चाहते हैं।
प्रोप ट्रेडिंग के माध्यम से फर्म जल्दी से प्रमुख मार्केट मार्कर बन सकते हैं। एक फर्म के लिए जो विशिष्ट प्रकार की प्रतिभूतियों से संबंधित है, यह उन प्रतिभूतियों में निवेशकों के लिए तरलता प्रदान कर सकती है। एक फर्म अपने स्वयं के संसाधनों से प्रतिभूतियों को खरीद सकती है और फिर भविष्य की तारीख में इच्छुक निवेशकों को बेच सकती है। हालांकि, अगर कोई फर्म थोक में प्रतिभूतियां खरीदती है और वे बेकार हो जाती हैं, तो उसे आंतरिक रूप से नुकसान को अवशोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। फर्म को केवल तभी लाभ होता है जब ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है उनकी सुरक्षा सूची की कीमत बढ़ जाती है या अन्य लोग इसे अधिक कीमत पर खरीदते हैं। Penny Stock क्या है?
बैंकॉक में आरसीईपी समिट में भाग लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से अलग से मुलाकात करते हुए। फाइल फोटो-पीआईबी
दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। केंद्र के मंत्री दिल्ली में व्यापारियों के बीच जाकर दावा कर रहे हैं कि भारत सरकार पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा कर रही है कि ये समझौते भारतीय कारोबार के लिए फायदेमंद रहे या नुकसानदायक। दरअसल, नवंबर 2019 के पहले सप्ताह में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरसीईपी (पढ़ें, क्या है आरसीईपी) में शामिल होने से इंकार कर दिया था, तब से ही केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं कि मुक्त व्यापार समझौतों से भारत को फायदा कम हुआ, नुकसान ज्यादा। डाउन टू अर्थ अपने पाठकों के लिए मुक्त व्यापार समझौतों के असर पर एक सीरीज प्रकाशित कर रहा है। पढ़ें- पहली कड़ी…
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 566