भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है,जबकि, 12 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। वहीँ, अगर 5 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार देखे तो यह 2.23 अरब डॉलर 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 विदेशी मुद्रा व्यापार समय अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। जबकि, 29 जुलाई 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.315 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज हुई थी और यह 573.875 अरब डॉलर पर पहुच गया था। उससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर काफी समय तक जारी था।

US dollar vs rupee- India TV Hindi

रुपए के मूल्य में गिरावट के मायने

व्यापक व्यापार घाटे के साथ हाल ही में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण भारतीय रुपए के मूल्य में गिरावट दर्ज़ की गई और कुछ ही समय पहले यह अब तक के निचले स्तर पर पहुँच गया। रुपए के मूल्य में हो रही गिरावट आम आदमी से लेकर अर्थव्यवस्था तक सभी के लिये चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में यह जानकारी होना आवश्यक है कि रुपए के मूल्य में हो रही गिरावट के मायने क्या हैं?

  • विदेशी मुद्रा भंडार के घटने या बढ़ने का असर किसी भी देश की मुद्रा पर पड़ता है। चूँकि अमेरिकी डॉलर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा माना गया है जिसका अर्थ यह है कि निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं की कीमत डॉलर में अदा की जाती है।
  • अतः भारत की विदेशी मुद्रा में कमी का तात्पर्य यह है कि भारत द्वारा किये जाने वाले वस्तुओं के आयात मूल्य में वृद्धि तथा निर्यात मूल्य में कमी।
  • उदहारण के लिये भारत को कच्चा तेल आदि खरीदने हेतु मूल्य डॉलर के रूप में चुकाना होता है, इस प्रकार भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार से जितने डॉलर खर्च कर तेल का विदेशी मुद्रा व्यापार समय आयात किया उतना उसका विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ इसके लिये भारत उतने ही डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात करे तो उसके विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन यदि भारत से किये जाने वाले निर्यात के मूल्य में कमी हो तथा आयात कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही हो तो ऐसी स्थिति में डॉलर खरीदने की ज़रूरत होती है तथा एक डॉलर खरीदने के लिये जितना अधिक रुपया खर्च होगा वह उतना ही कमज़ोर होगा।

दर्ज की गई देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और स्वर्ण भंडार में बढ़त

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें लगातार गिरावट ही दर्ज की जा रही है। हालांकि, स्वर्ण भंडार में बीच-बीच में बढ़त देखने को मिली है, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट ही दर्ज की गई है। वहीं, एक बार फिर आंकड़े कुछ ऐसे ही रहे। इस बात का खुलासा RBI द्वारा शनिवार को जारी किए गए ताजा आंकड़े से हुआ है।

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार फिर लुढ़का

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए विदेशी मुद्रा व्यापार समय जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। काफी समय तक विदेशी विदेशी मुद्रा व्यापार समय मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट के बाद पिछले सप्ताह दर्ज हुई बढ़त के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में इस बार बढ़त दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से होता है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में विदेशी मुद्रा व्यापार समय भी बढ़त दर्ज होती है।

भारत को क्‍या लाभ मिलेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के विदेशी मुद्रा व्यापार समय बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार विदेशी मुद्रा व्यापार समय प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ विदेशी मुद्रा व्यापार समय कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्‍शन कॉस्‍ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्‍शन से जुड़े मार्केट रिस्‍क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।

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