साइबर अपराधियों को क्यों रास आ रही है क्रिप्टो करंसी के रुप में फिरौती
बिजनेस डेस्कः कंपनियों की वैबसाइटों को हैक कर के उनसे फिरौती हासिल करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और फिरौती की यह रकम अब क्रिप्टोकरंसी के रूप में वसूली जाने लगी है। साइबर अपराध के इस ट्रैंड ने पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को चिंता में डाला है। पिछले साल ही दुनिया भर में साइबर अपराधियों ने इस तरह की हैकिंग के जरिए फिरौती के रूप में 406 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरंसी वसूल की है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्रिप्टो करंसी में साइबर फिरौती का यह ट्रेंड क्यों बढ़ रहा है।
साइबर क्राइम में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल कैसे हो रहा है
साइबर क्राइम से जुड़े हैकर्स द्वारा कंपनियों की वैबसाइट को हैक कर लिया जाता है। इससे या तो कंपनी के कर्मचारियों के सिस्टम धीमे हो जाते हैं अथवा वह काम करना बंद कर देते हैं। इसी बीच सिस्टम को हैक करने वाले अज्ञात हैकर्स कंपनियों के साथ संपर्क कर के उन्हें सिस्टम को हैक किए जाने की जानकारी देते हैं और इसके साथ ही उन्हें 26 से 34 अंकों का एक बिटकॉइन एक्सचेंज नंबर दिया जाता है और साथ ही पैसे जमा करवाने की मौहलत भी दी जाती है।
हैकर्स क्रिप्टो को प्राथमिकता क्यों दे रहे हैं?
दरअसल क्रिप्टो करंसी की आधारशिला तैयार करने वाले ब्लॉक चेन सिस्टम में व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाती है और हैकर ब्लॉक चेन सिस्टम की इसी खामी साइबर का फायदा उठा कर फिरौती की रकम किसी अन्य नाम पर ट्रांसफर करते हैं अथवा इस रकम को किसी अन्य क्रिप्टोकरंसी में तब्दील कर के किसी दूसरे क्रिप्टो अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं। हालांकि यह प्रक्रिया गैर कानूनी है और इस प्रक्रिया में पकडे जाने का जोखिम भी है।
दुनिया भर में साइबर हमलों से कितनी ठगी हो चुकी है
2020 में दुनिया भर में साइबर हमलों की शिकार हुई कंपनियों ने 406 मिलियन डॉलर की रकम साइबर हमलवारों को फिरौती के रूप में दी है जबकि इस वर्ष अब तक 81 मिलियन डॉलर की रकम फिरौती के रूप में दे चुके हैं। चेन एनालिसिस के डाटा के मुताबिक यह वह रकम है जिसका पीड़ितों ने खुलासा कर दिया है जबकि साइबर ठगों द्वारा साइबर हमलों के जरिए वसूली गई असल फिरौती इस से कहीं ज्यादा है। साइबर ठग ऐसी कंपनियों को खास तौर पर निशाना बनाते हैं जिन्होंने साइबर हमलों के कारण होने वाले नुक्सान से बचने के लिए बीमा करवाया होता है और सिस्टम हैक होने की स्थिति फिरौती की रकम बीमा कंपनी को देनी पड़ती है।
बिटकॉइन से पहले साइबर ठग फिरौती की रकम कैसे वसूलते थे
बिटकॉइन से पहले कंपनी की वैबसाइट हैक किए जाने के बाद साइबर अपराधी वैस्टर्न यूनियन के जरिए सीधा पैसा ट्रांसफर करवाने के अलावा गिफ्ट वाउचर का सहारा लेते थे अथवा अज्ञात बैंक खातों में सीधा पैसा ट्रांसफर करवाने को कहा जाता था। कुछ मामलों में तो नकदी का बैग किसी अज्ञात जगह पर पहुंचाने को कहा जाता था।
क्या क्रिप्टो करंसी के जरिए अदायगी ट्रेस हो सकती है
बिलकुल, जैसे ही किसी क्रिप्टो करंसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं तो उसका पहले चरण में पता लगाया जा सकता है लेकिन सिर्फ इतनी ही जानकरी मिल पाती है कि इस अकाउंट में पैसे आए हैं लेकिन किसने पैसे दिए हैं और कितने पैसे दिए गए हैं यह जानकारी बिना पासवर्ड के मिलना मुश्किल है और साइबर अपराधी अपने ऑपरेशन से जुड़े ठगों के अलावा यह पासवर्ड किसी को नहीं बताते।
क्या कभी किसी साइबर फिरौती की अदायगी नाकाम की गई है
अमरीका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन कोलोनिअल पाइपलाइन कंपनी द्वारा की गई 63.5 बिटकॉइन की अदायगी को असफल बना दिया था। अमरीकी पाइप लाइन कंपनी का सिस्टम हैक कर के साइबर ठगों ने 75 बिटकॉइन की फिरौती मांगी थी और इसमें से 63.5 बिटकॉइन की अदायगी की गई थी लेकिन साइबर अपराधियों ने फिरौती की इस रकम की एंट्री को करीब एक अकाउंट्स में से घुमा दिया तथा इसी बीच यह पेमैंट एक ऐसे निजी खाते में आ गई जिसका हैकरों ने इस्तेमाल किया था और इस प्राइवेट खाते का पासवर्ड जांच एजेंसी के पास होने के कारण इस अदायगी को असफल बना दिया गया। जिस समय जांच एजेंसी ने हैकरों का यह प्रयास नाकाम किया उस समय 63.5 बिटकॉइन की कीमत 23 लाख डॉलर थी।
इस से बचाव के लिए क्या कुछ किया जा सकता है
इसकी रोकथाम के लिए नियम जल्द ही आ सकते हैं। इंस्टीच्यूट आफ सिक्योरिटी एंड टैक्नॉलोजी ने प्राइवेट पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप में रैंसमवेयर टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फ़ोर्स ने 81 पेजों की एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें इन साइबर हमलों से बचने के तरीके बनाए गए हैं और सरकारों को इसके लिए आगे आने के लिए कहा गया है।
Crypto Investment: क्रिप्टो एफडी पर 24% तक ब्याज, जानिए इस विशेष पर्सनल अकाउंट के बारे में
Crypto Investment: क्रिप्टो से हुई आय पर अगले वित्त वर्ष से फ्लैट 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा.
कारोबारियों के बाद अब क्रिप्टो से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने वाले नियो बैंक Cashaa ने इंडिविजुअल्स के लिए व्यक्तिगत खाते खोलने की सुविधा शुरू की है जिसमें निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा. (Image- Pixabay)
Crypto Investment: कारोबारियों के बाद अब क्रिप्टो से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने वाले नियो बैंक Cashaa ने इंडिविजुअल्स के लिए व्यक्तिगत खाते खोलने की सुविधा शुरू की है जिसमें निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा. नियो बैंक का मतलब ऐसी फिनटेक कंपनियां हैं जो सिर्फ ऑनलाइन वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराती हैं. Cashaa द्वारा जारी बयान के मुताबिक इन पर्सनल खातों के जरिए यूजर्स क्रिप्टो की खरीद-बिक्री कर सकेंगे, इन्हें स्टोर बिटकॉइन की तलाश में जोखिम से कैसे बचें कर सकेंगे और बिना रिस्क ब्याज कमा सकेंगे. यह ब्याज हर दिन निवेशकों के खाते में क्रेडिट होगी और निवेशकों को डेफी (डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस) प्रोजेक्ट्स में पूंजी गंवाने का खतरा भी नहीं होगा. यहां ध्यान रहे कि भारत में क्रिप्टो से हुई आय पर अगले वित्त वर्ष से फ्लैट 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इससे जुड़ा प्रस्ताव अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने पेश किया था.
Cashaa Personal Account के फीचर्स
क्रिप्टो-फ्रेंडली नियो बैंक Cashaa के मुताबिक यह अकाउंट यूजर फ्रेंडली है और इसमें किसी वेब वालेट्स पर निर्भरता को खत्म कर दिया गया है.
यह पर्सनल अकाउंट दो मॉड्यूल का है. पहले मॉड्यूल में बिना किसी लॉकिंग के 13 फीसदी तक फ्लेक्स अर्निंग्स है. इसमें यूजर्स जैसे ही किसी भी सपोर्टेड क्रिप्टो को स्टोर किया जाता है, उन्हें ब्याज मिलना शुरू हो जाता है. वहीं दूसरे प्रकार के मॉड्यूल में 24 फीसदी तक का फिक्स्ड डिपॉजिट अर्निंग्स है लेकिन इसमें एक महीने से लेकर 12 महीने तक के लॉक-इन की शर्त है. फिक्स्ड डिपॉजिट्स की सुविधा कारोबारियों और पर्सनल यूजर्स दोनों के लिए उपलब्ध है. अगर ब्याज को CAS Tokens के रूप में लेते हैं तो यूजर्स को 4 फीसदी तक का अतिरिक्त बोनस मिलेगा.
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22 से अधिक करेंसीज को सपोर्ट
कंपनी द्नारा जारी बयान के मुताबिक नए वॉलेट के जरिए यूजर्स 22 से अधिक सपोर्टेड करेंसीज में फिएट डिपॉजिट्स, क्रिप्टो और स्टेबल क्वाइन में निवेश पर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं. बिनांस, कूक्वाइन, इलरोंड, पॉलीगॉन, बिटबीएनएस, क्वाइनडीसीएक्स, यूनोक्वाइन, क्वाइनस्विच समेत 400 से अधिक क्रिप्टो ब्रांड्स Cashaa की सर्विसेज ले रहे हैं.
(डिस्क्लेमर: लेख में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर सुझाव नहीं दिया जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश जोखिम भरा है तो ऐसे में इसमें पैसे लगाने से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)
बिटकॉइन की तलाश में जोखिम से कैसे बचें
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RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बिटकॉइन की तलाश में जोखिम से कैसे बचें बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Key Points
– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच
पायलट प्रोजेक्ट
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।
डमी के लिए स्टॉक में निवेश कैसे करें
शेयरों में निवेश करना कंपनी के मालिक बनने के बारे में है। इसमें एक निवेश वाहन चुनना, ब्रोकरेज खाते को वित्त पोषित करना और अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करना शामिल है। डमी के लिए स्टॉक मार्केट सभी के लिए स्मार्ट निवेश करना आसान बनाता है। यह स्टॉक खरीदने और बेचने की मूल बातें बताता है ताकि आप समझ सकें कि आप क्या कर रहे हैं।
शेयरों में निवेश एक कंपनी का मालिक बन रहा है शेयरों
में निवेश करने का पहला कदम यह समझना है कि स्टॉक क्या है। एक स्टॉक कंपनी के स्वामित्व का एक अंश है, और एक निवेशक उन कंपनियों में स्टॉक खरीदता है जिनके बारे में उन्हें लगता है कि मूल्य में वृद्धि होगी। जब कंपनी के स्टॉक का मूल्य बढ़ता है, तो निवेशक स्टॉक को लाभ के लिए बेच सकता है। इसका मतलब है कि निवेशक कंपनी का एक हिस्सा मालिक होगा, और कंपनी की कुछ कमाई का आनंद ले सकता है।
शेयरों में निवेश करना आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाने और एक सफल कंपनी का हिस्सा बनने का एक शानदार तरीका है। शेयरों में निवेश लंबी अवधि के विकास की संभावना प्रदान करता है, लेकिन जोखिम भी हैं। शेयरों से लाभांश की गारंटी नहीं है, और कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसलिए, निवेश करने से पहले विभिन्न प्रकार के शेयरों और इसमें शामिल जोखिमों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है।
एक व्यवसाय के रूप में शेयरों में निवेश करना बहुत अधिक स्टार्ट-अप पूंजी की आवश्यकता के बिना पैसा कमाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। हालांकि, शेयरों में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है और आपके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय से आपका ध्यान हटा सकता है। केवल उन फंडों के साथ निवेश करना सबसे अच्छा है जिन्हें आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं, और जोखिम भरे शेयरों से बचें।
एक निवेश वाहन चुनना
के कई अलग-अलग तरीके हैं । विभिन्न निवेश वाहन अलग-अलग शुल्क और लागत के साथ आते हैं। अपने पैसे का निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका टैक्स-फ्री वाहन चुनना है। हालांकि, आपको कुछ निवेश वाहनों से जुड़े जोखिमों पर भी विचार करना चाहिए। उदाहरण के लिए, बांड सुरक्षित निवेश हैं, लेकिन वे स्टॉक और म्यूचुअल फंड की तुलना में कम रिटर्न देते हैं।
यदि आपके पास दीर्घकालिक निवेश क्षितिज है तो जमा प्रमाणपत्र (सीडी) एक बढ़िया विकल्प हैं। हालांकि उनके पास अन्य निवेशों की तुलना में कम रिटर्न की दर है, लेकिन अधिकांश बैंकों के साथ उन्हें खोलना आसान है। एक और बढ़िया विकल्प एक मुद्रा बाजार खाता है, जो एक ऑनलाइन बचत खाते के समान है। इन खातों से आप प्रति माह छह बार तक धनराशि निकाल सकते हैं।
ब्रोकरेज अकाउंट में फंडिंग ब्रोकरेज अकाउंट में फंडिंग
करने के दो तरीके हैं: चेक या वायर ट्रांसफर के जरिए। कुछ फर्म आपको यह बताने की अनुमति देंगी कि आपके खाते के बारे में निर्णय लेने के लिए कौन अधिकृत है। दूसरों को आपको अतिरिक्त दस्तावेज प्रदान करने की आवश्यकता होगी। किसी भी तरह से, दूसरों को अपने खाते पर अधिकार देने के जोखिमों और लाभों को समझना महत्वपूर्ण है।
यदि आप शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको ब्रोकरेज खाते में फंड देना चाहिए। यह खाता बैंक खाते से अलग है। यह आपके निवेश को रोकेगा और आपके बैंक के अलावा किसी अन्य कंपनी में हो सकता है। आप कौन सी कंपनी चुनते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना पैसा निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
एक बार आपके पास ब्रोकरेज खाता होने के बाद, आप विभिन्न प्रकार के निवेशों को खरीद और बेच सकते हैं। आप स्टॉक, बॉन्ड, ईटीएफ और म्यूचुअल फंड खरीदने और बेचने के लिए इसका इस्तेमाल करना चुन सकते हैं। आप एक वित्तीय फर्म के साथ ब्रोकरेज खाता खोल सकते हैं, या निवेश करने के लिए ऑनलाइन ब्रोकर का उपयोग कर सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म पूर्ण-सेवा निवेश योजना, व्यक्तिगत सलाह और बाजार की खुफिया जानकारी प्रदान करती हैं।
अपने पोर्टफोलियो
का प्रबंधन शेयरों में निवेश करते समय अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करना एक आवश्यक कार्य है, और एक अच्छी निवेश रणनीति में आवधिक पुनर्संतुलन शामिल है। इसमें आपके कुछ शेयरों को बेचना और दूसरों को खरीदना शामिल है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब आपका समय क्षितिज कम हो। आपको कर प्रभावों पर भी विचार करने की आवश्यकता है। जबकि निवेश से आप जो पैसा कमाते हैं, उसके कर परिणाम होंगे, अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने से आपको इस बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है।
अपने निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने के लिए, आपको अपनी जोखिम सहनशीलता निर्धारित बिटकॉइन की तलाश में जोखिम से कैसे बचें करने और अपनी संपत्ति में विविधता लाने की आवश्यकता है। अनिवार्य रूप से, जोखिम सहनशीलता से तात्पर्य है कि आप उच्च रिटर्न के बदले में कितना जोखिम स्वीकार करने को तैयार हैं। हालांकि अपने स्वयं के पैसे का निवेश किए बिना जोखिम सहनशीलता को मापने के लिए जटिल लग सकता है, कुछ सामान्य नियम हैं। आम तौर पर, जब आप अपने लक्ष्यों से आगे होते हैं, और जब आप अपने लक्ष्यों के करीब होते हैं तो अधिक रूढ़िवादी रणनीतियों का पालन करना चाहिए।
शेयरों में निवेश करते समय, अपनी समय सीमा पर विचार करना महत्वपूर्ण है। आपके पोर्टफोलियो को आपके व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों, समय सीमा और जोखिम सहनशीलता को प्रतिबिंबित करना चाहिए। एक अच्छी रणनीति में आपके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्टॉक और बॉन्ड का संतुलन शामिल होना चाहिए।
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