Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए गए डिजिटल लेनदेन में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।
Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब.
Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।
Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा
Digital डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।
रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।
इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।
Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल
Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।
इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी।
सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।
Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी
Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।
Crypto के लिए सरकार लाएगी कानून, लेकिन ये क्रिप्टो और डिजिटल करेंसी है क्या?
मोदी सरकार ने डिजिटल करेंसी पर कानून बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर बिल लाने जा रही है. इस बिल को क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है.
फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई नियम-कानून नहीं है, इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है.
लेकिन सवाल है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो में फर्क क्या है? पिछले कुुछ वक्त से डिजिटल करेंसी, डिजिटल वॉलेट्स, वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टो करेंसी, बिट कॉइन जैसे शब्दों का इस्तेमाल खूब हो रहा है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि क्या है डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में फर्क. और ये भी बताते हैं कि क्यों इसे लेकर इतना हाय तौबा हो रहा है?
क्या है डिजिटल करेंसी
सबसे पहले समझते हैं डिजिटल करेंसी के बारे में, क्योंकि डिजिटल करेंसी के समझने के बाद क्रिप्टो करेंसी के बारे में आपके लिए समझना आसान हो जाएगा.
डिजिटल करेंसी एक तरह का पैसा ही है, बस वो आपके पॉकेट में न होकर आपके बैंक अकाउंट में होता है. डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है, जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी और के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं. या फिर आप अपने फोन में मौजूद फोन पे, गूगल पे, पेटीएम जैसे पेमेंट ऐप के जरिए पैसे ट्रांसफर, शॉपिंग या बिल का भुगतान करते हैं. अब जब आप अपने बैंक अकाउंट या एटीएम से पैसे निकाल लेते हैं तो वो कैश कहलाता है. डिजिटल करेंसी को देश की सरकार द्वारा मान्यता हासिल होता है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है.
सरकार का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसी जारी करेगा. इसका उद्देश्य है, "भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना."
क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है, इसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं है, आप इसे छू नहीं सकते हैं. मतलब आप इसे कैश की तरह एटीएम से निकाल नहीं सकते हैं. इसकी वैल्यू स्टॉक की तरह बढ़ती-घटती है. डिजिटल करेंसी ज्यादातर स्थिर ही रहती है, यानी करेंसी में हल्का-उतार चढ़ाव रहता है, समझने के लिए मान लीजिए कि डॉलर और रुपए में जो उतार-चढ़ाव होता है, इससे बाजार में शेयर मार्केट की तरह उछाल या गिरावट नहीं आती है. क्रिप्टो करेंसी बाजार बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव का शिकार होता है.
क्रिप्टो इकोसिस्टम में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी डिजिटल कॉइन्स हैं. इन कॉइन्स को हाई-फाई कंप्यूटरों पर ऑनलाइन माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है.
सीबीडीसी क्या है?
भारतीय रिजर्व बैंक ने कानूनी धन के रूप में CBDC, या सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा जारी की है। CBDC किसी देश की आधिकारिक मुद्रा का एक डिजिटल टोकन या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है जो एक विनिमय माध्यम, खाता इकाई, मूल्य स्टोर और आस्थगित भुगतान मानक के रूप में कार्य करता है। सीबीडीसी एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक मुद्रा प्रकार है जो आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार कागजी नकदी से अलग है। यह इलेक्ट्रॉनिक मोड में संप्रभु मुद्रा है, और यह केंद्रीय बैंक के पर दिखाई देगाबैलेंस शीट एक दायित्व के रूप में। CBDC को तब नकद में बदला जा सकता है।
भले ही डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक से संचालित होगा, लेकिन इसे एक केंद्रीय निकाय द्वारा प्रबंधित और देखरेख किया जाएगा, जो विभिन्न कारकों के कारण मुद्रा अस्थिरता से बच जाएगा।
जैसा कि डिजिटल रुपया एक अन्य प्रकार का फिएट मुद्रा है, यह डिजिटल भुगतान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावना है। भारतीय रुपये में 1 क्रिप्टोकरेंसी एक आरबीआई डिजिटल रुपया होगा।
CBDC वर्तमान में एक प्रचार क्यों है?
निम्नलिखित कारणों से CBDC को अपनाना आवश्यक है:
- कागजी मुद्रा के घटते उपयोग का सामना करते हुए, केंद्रीय बैंक मुद्रा के अधिक उपयुक्त इलेक्ट्रॉनिक रूप को लोकप्रिय बनाने का प्रयास करते हैं
- केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं के लिए जनता की आवश्यकता को समायोजित करने का प्रयास कर रहे हैं, जैसा कि निजी आभासी मुद्राओं के बढ़ते उपयोग से पता चलता है
- ये बैंक ऐसी निजी मुद्राओं के अधिक हानिकारक प्रभावों से भी बच रहे हैं
डिजिटल रुपया सिक्का और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर
डिजिटल रुपया कई मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है, जो इस प्रकार है:
फ़ैक्टर भेदभाव का | cryptocurrency | डिजिटल रुपया |
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विकास और संचालन | क्रिप्टोक्यूरेंसी एक ब्लॉकचेन-आधारित, पूरी तरह से विकेन्द्रीकृत संपत्ति और एक व्यापार माध्यम है। हालांकि, इसकी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण विवाद छिड़ गया है, जिसका अर्थ है कि यह बैंकों, वित्तीय संगठनों या केंद्र सरकारों जैसे किसी भी बिचौलियों का उपयोग किए बिना संचालित होता है। | इसके विपरीत, डिजिटल रुपया आरबीआई में क्रिप्टोकुरेंसी की सभी विशेषताएं हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर बनाया गया है और इसका उद्देश्य भौतिक मुद्रा की भविष्य की जरूरतों को खत्म करना है। एक डिजिटल रुपया एक केंद्रीकृत वातावरण में काम करता है |
सरकार और सरकारी संगठनों का प्रभाव | यह सरकारी प्रभाव या हेरफेर से अप्रभावित है। इसका मूल्य भी नि:शुल्क स्थापित किया जाता है-मंडी बलों और किसी भी वस्तु से संबंधित नहीं है | जब डिजिटल रुपये की बात आती है, तो आरबीआई प्रभारी होगा, क्योंकि यह कुछ अन्य बैंकिंग संस्थानों के साथ अपना नेटवर्क स्थापित करेगा। नतीजतन, डिजिटल रुपये की नेटवर्क पहुंच स्थानीय निकायों और संस्थानों तक सीमित है |
मूल्य निर्धारण | क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं हैं | डिजिटल रुपये की कीमत आरबीआई की भौतिक नकदी के डिजिटल समकक्ष होगी और इस प्रकार सरकार द्वारा समर्थित होगी। यह एक भौतिक रुपया समकक्ष रखने के बराबर होगा। यह फिएट मुद्रा (सरकार द्वारा जारी धन) की तरह ही काम करता है और मौजूदा नकदी के लिए एक-एक के लिए कारोबार किया जा सकता है |
कानून बनाना | क्रिप्टोकरेंसी को नहीं माना जाएगाकानूनी निविदा भारत में कभी भी जल्द ही | RBI की डिजिटल मुद्रा कानूनी नकदी बन सकती है |
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What's the difference between digital currency and cryptocurrency: हम सबने Digital Currency और Crypto currency के डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी बारे में सुना ही होगा। लकिन क्या हम इन दोनों में फरक जानते है. क्या हैं जानते है के | Digital Currency Or Cryptocurrency me kya farak hai |? आज इस article के माध्यम से हम आप को इन दोनों करेंसी में अंतर समझायेंगे। इस नए युग में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है. सबसे पहले यह समझते है की डिजिटल का क्या अर्थ है.
Digital का अर्थ होता है अगर हम कोई भी काम एक electronic system दुवारा करते है. तो उसे डिजिटल सिस्टम करते है. जैसे मान ली जिए की हम कोई भी सामान खरीदते है तो और उस की पेमेंट Paytm से कर देते है तो इसे हम पेमेंट का एक डिजिटल रूप कह सकते है. यह एक digital payment system है. इसी तरह हमारे करेंसी भी डिजिटल होती जा रही है. इस के अलावा UPI भी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है.
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | What is the difference between cryptocurrency and digital currency?
Digital Currency और Cryptocurrency में जो अंतर है उस को समझना थोड़ा मुश्किल है. लकिन हम इसे बहुत आसानी से समझने की कोशिश करेंगे।
- Digital Currency या Cryptocurrency को रखने के लिए एक डिजिटल वॉलेट की ज़रुरत होती है.
- Digital Currency एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है हमारे अपने देश के करेंसी का जैसे हम नोट का इस्तिमाल करते है इसे की डिजिटल रूप को हम Digital Currency कहते है. इसे हम जब भी चाहे कॅश में बदल सकते है. जबकी Cryptocurrency एक दुसरी करेंसी है. जो किसे भी देश की करेंसी नही है. मार्किट में बहुत सरे क्रिप्टो करेंसी है. जैसे बिटकॉइन, डोज कॉइन, शीबा इननू, एथेरुम और भी बहुत सरे cryptocurrency है.
- Digital Currency को उस देश के सरकार द्वारा नियंत्रण में रखा जाता है. सरकार इस के लिए एक बड़ी संस्था बनती है जिस से इस में होने वाले हर गतिविधि पर नज़र रखी जाती है. जबकि Cryptocurrency में किसे सरकार का कोई निरंतरण नही है. अगर आप की डिजिटल वॉलेट से आप की Cryptocurrency गायब हो जय तो आप किसे को complain नही कर सकते है.
- Digital Currency बहुत ज़्यादा सुरक्षित है जबकि Cryptocurrency में सुरक्षा बहुत काम है. आप का Cryptocurrency का अकाउंट अगर हैक हो जाए तो आप कुछ भी नही कर सकते।
- Digital Currency में अधिक बदलाव नही होते। Digital Currency बहुत ज़ादा ऊपर नीचे नही होते है. लकिन cryptocurrency एक volatile करेंसी है. Volatile का मतलब है अचानक और अप्रत्याशित रूप से बदल जाना। कभी कभी cryptocurrency में बहुत ज़ादा तेज़ी या गिरावट आ सकती है. इसे लिए हमे cryptocurrency में बहुत सोच समझ कर निवेश करना चाहिए।
- Digital Currency में Transparency और Security बहुत जादा है. हम जो भी ट्रांसक्शन करते है. वो हमारे और जिस को पैसा ट्रांसफर किया है उसे की बीच रहता है. इस के अलावा Cryptocurrency में भी हम जो भी ट्रांसक्शन करते है वोह हमारे और जिस के साथ हम ने transaction किया है उसे के बेच रहती है.
- Digital Currency एक centralized system पर काम करता है। हमारे हर एक transaction की जानकारी सरकार के पास होती है जबकी Cryptocurrency एक decentralized system है. और इस में किसे का कोई भी कण्ट्रोल नही है.
- Digital Currency में आप को हर एक ट्रांसक्शन पर कुछ फीस देने पड़ सकती है. लकिन Cryptocurrency में ऐसा नही होता है. Cryptocurrency ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. और इस में आप को कोई एक्स्ट्रा फीस नही देनी होती है.
सीबीडीसी बनाम क्रिप्टोकरेंसी
आरबीआई की अपनी परिभाषा के अनुसार, "सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक कानूनी मुद्रा है। यह सामान्य डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा के समान है और सामान्य मुद्रा के साथ विनिमय योग्य है। केवल उसका रूप भिन्न है।"
आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, सीबीडीसी कोई वस्तु नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी का कोई जारीकर्ता नहीं होता है। वह निश्चित रूप से मुद्रा नहीं है।
कुल मिलाकर डिजिटल करेंसी (Digital Currency) रुपये के नोट डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी या सिक्कों का ही डिजिटल स्वरूप है। डिजिटल रुपए के बदले में कागजी नोट लिए जा सकते हैं। डिजिटल करेंसी को रिज़र्व बैंक द्वारा ही जारी और रेगुलेट किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
डिजिटल करेंसी के फायदे (Digital Currency Benefits)
डिजिटल करेंसी का उपयोग करने के कई लाभ होंगे। इससे नकदी पर निर्भरता कम होगी। आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी। डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे। इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा।
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