इन्वेस्टमेंट प्लान
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स, जिन्हें ELSS के नाम से जाना जाता है, भारत में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा दी जाने वाली डाइवर्सफाइड (diversified) इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स होते हैं।
इसमें इनकम टैक्स एक्ट के Sec 80C के तहत टैक्स बेनिफिट्स मिलतें हैं। इसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) या lumpsum इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस को इस्तेमाल करके इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। ज़्यादा जानने के लिए देखिए SIP क्या होता है? और What is a lump-sum investment?
खरीद की तारीख़ से ELSS म्यूच्यूअल फंड में 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। लॉक-इन पीरियड के दौरान म्यूचुअल फंड यूनिट्स को ना तो रिडीम किया जा सकता है और ना ही इसे ट्रांसफर किया जा सकता है।
लॉक-इन पीरियड के दौरान आप ₹1,50,000 तक के टैक्स डिडक्शन को इन्वेस्टमेंट प्लान क्लेम कर सकते हैं। इस स्कीम से जो प्रॉफिट मिलेगा, उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा। देखिए म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट के लिए टैक्सेशन किस प्रकार काम करता है ?
ELSS इंवेस्टमेंट्स स्टेटमेंट पाने के लिए, नीचे दिए इन्वेस्टमेंट प्लान गए स्टेप्स को फॉलो करें।
- ड्रॉपडाउन मेनू से Mutual funds पर क्लिक करें।
- ELSS statement पर क्लिक करें और financial year को सेलेक्ट करें।
ELSS स्टेटमेंट का एक उदाहरण यहाँ दिया गया है।
ELSS स्टेटमेंट को console.zerodha.com/dashboard पर जाकर और नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके भी डाउनलोड किया जा सकता है:
- Reports पर क्लिक करे।
- Downloads पर क्लिक करे।
- ड्रॉप-डाउन मेनू से, ELSS statement को सेलेक्ट करें, Financial year को सेलेक्ट करें और फिर Download पर क्लिक करें।
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- ट्रांसक्शन cum होल्डिंग स्टेटमेंट को कैसे डाउनलोड कर सकतें हैं?
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मार्केट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने का जरिया हैं ULIP प्लान, जानें इनके बारे में
Zee Business हिंदी 1 दिन पहले ऋतु शर्मा
एक यूलिप प्लान को इंवेस्टर अपनी जरुरतों के मुताबिक सब्सक्राइब करता है. प्रीमियम अमाउंट को इंश्योरेंस कवरेज और कैपिटल मार्केट फंड के बीच डिस्ट्रिब्यूट किया जाता है. कैपिटल मार्केट प्रोडक्ट की यूनिट में इंवेस्टमेंट, पॉलिसी खरीदते समय उनके बताई गई वैल्यू के आधार पर किया जाता है. इमरजेंसी की कंडीशन में अगर कोई यूलिप अमाउंट को विड्रॅा करता है. तब कुछ यूनिट लिक्विफाई हो जाती है. कुछ टर्म्स और कंडीशन को ध्यान में रखते हुए कोई इंसान पॉलिसी के मैच्योर होने से पहले ही यूलिप अमाउंट को पार्शियली विड्रॅा कर सकता है. कंपनी की पॅालिसी के आधार पर यूलिप पॉलिसी से कितनी भी राशि निकाली जा सकती है. यूलिप अमाउंट का ज्यादा ट्रांजेक्शन पॉलिसी को खत्म कर सकता है. इसलिए अपनी यूलिप स्कीम के कॅास्ट को कवर करने के लिए सफिशिएंट अमाउंट को रखना चाहिए. ऐसे मामलों में जहां प्रीमियम के साथ टॉप-अप पेमेंट किया जाता है, इनमें पहले पेमेंट से और बाद में बेस फंड वैल्यू से विड्रॅाल किया जाता है. साथ ही अगर टॉप-अप पेमेंट की ड्यूरेशन पूरी नहीं होती है, तो केवल बेस फंड से ही विड्रॅाल किया जाता है.
कितने तरह के होते हैं यूलिप विड्रॅाल
5 साल की लॉक-इन ड्यूरेशन से पहले
2010 के भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के अनुसार ULIP अमाउंट के लिक्विडेशन के लिए एलिजिबल होने का मिनिमम पीरियड 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया था. ये लॅान्ग टर्म इंवेस्टमेंट के साधनों से मैक्सिमम बैनिफिट लेने के लिए किया गया था. इसका मतलब है कि यूलिप की रकम निकालने के लिए प्लान का कम से कम पांच साल का पीरियड कंप्लीट होना चाहिए. अगर 5 साल के पूरा होने से पहले स्कीम को सरेंडर या बंद कर दिया जाता है तो किसी भी तरह के फंड की लिक्विडिटी नहीं की जा सकेगी.
5 साल की लॉक-इन ड्यूरेशन के बाद
एक बार लॉक-इन पीरियड पूरी हो जाने के बाद इंश्योरर यूलिप अमाउंट पर विड्रॅाल लिमिट के तहत यूलिप अमाउंट का लिक्विडेशन कर सकता है. आमतौर पर पेमेंट किए गए टॉप-अप, पीरियॅाडिक प्रीमियम अमाउंट के साथ सब्सक्राइबर की रिक्वेस्ट पर निकाले जाते हैं. जब टॉप-अप अमाउंट खत्म हो जाता है. या अगर ऐसा कोई अमाउंट अवेलेबल नहीं होता है, तो बेस फंड के अमाउंट को खत्म करने की परमिशन दी जाती है.
LIC Scheme: एलआईसी की इस स्कीम में 200 के निवेश पर मिलेंगे 28 लाख रुपये, जानें डिटेल
सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के लिए एलआईसी की पॉलिसी सबसे बढ़िया ऑप्शन है. इस लेख में हम आपको बताएंगे एलआईसी की एक धांसू स्कीम के बारे में, जिसमें आपको बढ़िया मुनाफा मिलेगा.
LIC Plan Policy: एलआईसी अपने ग्राहकों के लिए कई शानदार प्लान इन्वेस्टमेंट प्लान पेश करती है. इस कड़ी में हम आपको भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC Plan) की एक शानदार प्लान के बारे में जानकारी देंगे. सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के लिए एलआईसी की पॉलिसी सबसे बढ़िया ऑप्शन है. यदि आप नव वर्ष में किसी योजना में निवेश करने की सोच रहे हैं तो इसके लिए एलआईसी आपके लिए बढ़िया ऑप्शन है. इस लेख में हम आपको बताएंगे एलआईसी की एक धांसू स्कीम (LIC Scheme) के बारे में, जिसमें आपको बढ़िया मुनाफा मिलेगा. तो चलिए हम आपको यहां पर एलआईसी की इस स्कीम की खासियत के बारे में बताएंगे.
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के नियमों का पालन करने वाली खास पॉलिसी का नाम है- एलआईसी जीवन प्रगति प्लान (LIC Jeevan Pragati Plan). इस पॉलिसी में रिस्क कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डेथ बेनिफिट भी मिलेगा. जो प्रत्येक 5 वर्ष की अवधि पर बढ़ता है. रकम इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी पॉलिसी कब से एक्टिव है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एलआईसी की इस पॉलिसी को 12 वर्ष की उम्र से शुरू किया जा सकता है. आपको इस योजना में 20 साल तक इन्वेस्टमेंट करना होगा. इसमें आपको प्रत्येक दिन 200 रुपये हर दिन के हिसाब से निवेश करना होगा. इस योजना में आपकी अधिकतम उम्र 45 साल है.
जानें पॉलिसी की खासियत
-पांच वर्ष तक निवेशक की मृत्यु होने पर बेसिक सम अश्योर्ड (मूल बीमित रकम) का 100 फीसदी भुगतान होगा.
-इस पॉलिसी में 6 साल से 10 साल के बीच में निवेशक की मौत हो जाने पर 125 प्रतिशत , 11 से 15 साल के बीच 150 प्रतिशत और 16 से 20 साल के बीच 200 प्रतिशत का भुगतान होगा.
-दुर्घटना लाभ और दिव्यांगता राइडर का लाभ भी मिलेगा.
- जीवन प्रगति प्लान मैच्योर स्कीम होने पर पॉलिसीधारक को 28 लाख रुपये मिलेंगे.
Post Office का शानदार प्लान! मात्र 100 रुपए के निवेश में मिल रहा लाखों का फायदा, यहां लें पूरी जानकारी
Post Office Recurring Deposit scheme: हमारे यहां कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है। यह बात सोलह आने सच है क्योंकि पाई-पाई जोड़कर ही एक बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। इसलिए कल की बड़ी आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए आज से ही पैसा जोड़ना शुरू करें। ऐसा नहीं है कि भविष्य में किसी बड़े खर्चे को पूरा करने के लिए आपको बड़ी बचत की जरूरत है। आप कम पैसों से भी यह काम कर सकते हैं।
आपको बता दें कि Post Office की कई सकीम लोगों का दिल चुरा रही है जिसमें आप थोड़ा निवेश करने के बाद बंपर फ़ायदा उठा सकते हैं। सरकार की स्कीम का नाम रेकरिग डिपॉजिट स्कीम है जिसमें आपको हर मंथ निवेश करना होगा। इसके बाद आपको एक मुस्त मोटे पेसो की रकम मिलेंगी।
निवेश करने पर मिलेगा बड़ा फायदा
Post Office Recurring Deposit scheme: Post Office की धासु स्कीम Recurring Deposit Account प्लान इन दिनों लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। यह पोस्ट ऑफिस की 5 साल की रेकरिंग डिपाजिट स्कीम है, जिस पर 5.8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है और इसका जोड़ तिमाही आधार पर होता है।
इसमें कम से कम 100 रुपए का निवेश कर सकते हैं 1 अप्रेल 2020 से सरकार ने ब्याज रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है। इस अकाउंट को सिंगल और अधिकतम 3 आदमी मिलकर जॉइंट अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।
मिलेगा इतने लाख रुपए का लाभ
Post Office Recurring Deposit scheme: Post Office की स्कीम में आपको हर महीने 5000 रुपए का निवेश करना होगा, जिसके बाद 5.8 प्रतिशत की ब्याज दर से अगले 5 सालों में आपको कुल 348480 रुपए मिलेंगे। आप की जमा राशि 300000 रुपए होगी। इसके बाद 16 फ़ीसदी का रिटर्न आराम से मिलेगा इस स्कीम को 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। 10 साल बाद आपको 813232 रुपए का फायदा मिल जाएगा।
PPF vs ELSS. 11.25% के ब्याज से साथ जल्दी बनेंगे करोड़पति. कम लोग जानते हैं PPF का Best विकल्प
PPF vs ELSS: PPF (Public Provident Fund) लंबे समय इन्वेस्टमेंट में अच्छे पैसे बनाने के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प में से एक हैं. यह सरकार के द्वारा सुरक्षित सेविंग प्लान में से एक है और साथ ही साथ इस पर Tax की भी छूट होती है. मौजूदा समय की बात करें तो इस पर 7.1% का ब्याज मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन इसके साथ ही और भी कई विकल्प है जो इसी काम के लिए ELSS 11.25% तक का ब्याज मुहैया कराते हैं.
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PPF की खास बातें.
पब्लिक इन्वेस्टमेंट प्लान प्रोविडेंट फंड में इन्वेस्टमेंट के लिए न्यूनतम ₹500 की जरूरत होती है और 1 साल में आप अधिकतम ₹150000 इन्वेस्ट कर सकते हैं. PPF का ब्याज दर गारंटीड होता है. लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि इस पर 15 साल का कम से कम लॉक इन पीरियड भी होता है जिस समय के भीतर आप अपने पैसे नहीं निकाल सकते हैं. और साथ ही साथ इसमें किसी प्रकार का TAX नहीं लगाया जाता है. इसमें किया हुआ इन्वेस्टमेंट इनकम टैक्स भरते समय छूट के दायरे में आता है और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का छूट आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त ले सकते हैं. मौजूदा ब्याज दर 7.1% है.
- न्यूनतम इन्वेस्टमेंट ₹500
- अधिकतम इन्वेस्टमेंट प्रतिवर्ष ₹150000
- रिटर्न गारंटीड होता है
- लॉक इन पीरियड 15 साल
- Zero Tax
- ITR Exemptions के दायरे में आता है इन्वेस्टमेंट
- मौजूदा ब्याज दर 7.1% है.
ELSS हैं तगड़ा विकल्प.
ELSS (equity-linked savings scheme) एक प्रकार का म्युचुअल फंड है जो टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है और Income Tax 80C के दायरे के तहत आप 150000 रुपये का Tax Exemption आप ले सकते हैं. इसमें आपको 3 साल का लॉकिंग पीरियड रहता है. इसमें इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको कोई अप्पर लिमिट नहीं होता है आप जितना चाहे उतने पैसे डाल सकते हैं. सामान्य तौर पर इसका ब्याज दर 10% से लेकर 12% के बीच होता है.
- यह एक प्रकार का म्युचुअल फंड है.
- आप ₹150000 तक का Tax Exemption ले सकते हैं.
- मात्र 3 साल का लॉक इन पीरियड रहता है.
- इन्वेस्टमेंट का कोई अप्पर लिमिट नहीं है.
- अमूमन ब्याज दर 10% से 12% के बीच होता है.
अगर आप चलाना केवल ₹150000 अपने Tax सेविंग के लिए डालते हैं तो ऐसी स्थिति में 20 साल में आपको पीपीएफ जहां 66.5 लाख रुपए देगा वही ELSS 1.12 करोड़ रुपए देगा.
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