बिटकॉइन वॉलेट
बिटकॉइन एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर रहते हैं. इस डिजिटल वॉलेट को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है. यह बिटकॉइन वॉलेट यूजर के कंप्यूटर पर या फिर ऑनलाइन क्लाउड पर हो सकता है. बिटकॉइन वॉलेट एक तरह का वर्चुअल बैंक अकाउंट हैं. जिसे एक खास पासवर्ड से ही खोला जा सकता है. अगर किसी यूजर ने इस डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड गुम कर दिया तो फिर उसका बिटकॉइन भी गुम हो जाएंगे.

बिटकॉइन क्या है और किसने की थी इसकी शुरुआत? बैंक इसे लेकर क्यों हैं परेशान, जानिए सबकुछ

बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई? | History of bitcoin? A Short History Of Bitcoin.

आपने बिटकॉइन के बारे में सुना तो होगा , जो की एक क्रिप्टो करेंसी है। हालाँकि बिटकॉइन को देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इसका क्रेज प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यह क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। अमीर लोग अपनी सेविंग्स को बढ़ा रहे है जिस कारण बिटकॉइन की मूल्य में वृद्धि होती जा रही है।

सन २०१७ में बिटकॉइन उच्च कीर्तिमान (रिकॉर्ड) बनाने के बाद इसके ग्राफ में थोड़ी कमी आ गए थी। लेकिन अंतिम ३ बर्षो में इसने फिर से रेकॉर्ड कायम कर लिया है। इस क्रिप्टो करेंसी में विषेस लोग निवेश कर रहे है। आइये थोड़ा History of bitcoin? के बारे में जानते है|

बिटकॉइन का इतिहास | What is the history of bitcoin

बिटकॉइन के बारे में पहली बार सन 2008 को सातोशी नकामोटो satoshi nakamoto ने वाइट पेपर में प्रकाशित किया था। उस वाइट पेपर में बिटकॉइन काम कैसे करता है ? इसके बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन इसको बनाने वाले की स्पष्ट जानकारी किसी को मालूम नहीं चली बस बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई एक नाम उठ कर आया सातोशी नकामोटो।

हालांकि बिटकॉइन के पीछे कोई इंसान है या कोई ग्रुप ? इसके बारे में कोई भी ठीक से नहीं जानता। बिटकॉइन मुद्रा ३ जनवरी 2001 को प्रकाशित किया गया था। शुरुआत के दिनों में इसका प्रचलन बहुत धीमा रहा, लेकिन 2015 के आते ही पूरी दुनिया भर में इसका प्रचलन होने लगा। जिससे की लोगो ने इसमें ज्यादा से ज्यादा ट्रेडिंग (निवेश) करना शुरु कर दिया। देखते ही देखते बिटकॉइन कई देशो में कानूनी रूप से जाना जाने लगा।

जिस कारण इसकी कीमत में बढोतरी हुई। वर्तमान में इसकी कीमत 50000 डॉलर के आस पास है। हाल ही में भारत में इसका प्रचलन बहुत बढ़ा है।सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसकी मंजूरी दे दी है| अब भारतीय सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने पर विचार कर रही है।

बिटकॉइन में ट्रेडिंग कैसे करे ? How to trade Bitcoin?

दुनिया भर में बिटकॉइन की कीमत एक समान है जिससे लोग इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश(trading) करने लगे है। बिटकॉइन की ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के द्वारा की जाती है। और इसकी कीमत दुनिया भर की गतिबिधियो को देखते हुए बढ़ती अथवा घटती रहती है कोईभी देश बिटकॉइन की कीमत को तय नहीं कर सकता है इसे केवल डिजिटली कण्ट्रोल किया जा सकता है। बिटकॉइन में ट्रेडिंग किसी भी समय सकते है इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है। और याद रखें बिटकॉइन ट्रेडिंग में बहुत तेज़ी बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई से उतार चढाव होते रहते है। इसलिए बहुत सावधानी से इसमें निवेश करें।

बिटकॉइन में निवेस करने के लिए “kraken” प्लेटफार्म का उपयोग किया है जो की बिटकॉइन के लेनदेन का माध्यम है। “Kraken” को साल २०११ में जारी किया गया था। बिटकॉइन को एक्सचेंज करने के लिए आपको केवल ३ पद्धति का पालन करना होगा। वो है –

2017 में रेकॉर्ड तेजी

2017-

बिटकॉइन की कीमतों में पांचवीं उछाल 2017 में आई। उस साल की शुरुआत में यह 1000 डॉलर के आसपास थी। 25 मार्च को यह 975.70 डॉलर पर थी और 17 दिसंबर को 20089 डॉलर पर पहुंच गई। इसकी तेजी से यह पूरी दुनिया में सुर्खियों में आ गई। इसके बाद एक बार फिर इसमें गिरावट आई।

इस महीने 70 फीसदी उछाल

-70-

जून 2019 में यह 10 हजार डॉलर के पास थी लेकिन दिसंबर आते-आते 7112.73 डॉलर पर आ गई। इसके बाद महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों की चिंता के बीच बिटकॉइन में फिर तेजी आई। 23 नवंबर को यह 18353 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी। दिसंबर में बिटकॉइन की कीमत 24000 डॉलर पहुंच गई थी। जनवरी 2021 में इसने 40 हजार डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। इस हफ्ते इसमें 14 फीसदी और इस महीने अब तक 70 फीसदी की उछाल आई है।

टेस्ला का निवेश

दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) ने हाल में बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। मस्क ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि रखना कैश रखने से थोड़ा बेहतर है। लेकिन यह थोड़ा अंतर ही बिटकॉइन को बेहतर एसेट (better asset) बनाता है। उनकी कंपनी टेस्ला ने दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। मस्क ने ट्वीट किया, 'हालांकि जब फिएट करेंसी का रियल इंट्रेस्ट निगेटिव हो तो कोई मूर्ख आदमी ही दूसरे विकल्प नहीं देखेगा। बिटकॉइन भी लगभग (almost) फिएट मनी की तरह ही है। इसमें लगभग (almost) ही कीवर्ड है।'

बिटकॉइन क्या है और किसने की थी इसकी शुरुआत? बैंक इसे लेकर क्यों हैं परेशान, जानिए सबकुछ

कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं. कई वेबसाइट्स भी बिटकॉइन खरीदती और बेचती हैं.

alt

6

alt

7

alt

7

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ

Bitcoin बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)

दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.

विस्तार

बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी आजकल काफी चर्चा में है, लेकिन यह सुर्खियों में उस वक्त ज्यादा आई थी, जब जुलाई 2010 के दौरान बिटक्वाइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में आई और उससे लेन-देन भी होने लगा। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, जो वर्तमान में 58 हजार डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। बिटक्वाइन भले ही आज के जमाने की काफी प्रचलित है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 1980 से भी पहले हो गई थी।

सबसे पहले बनी थी ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम

जानकारी के मुताबिक, 1980 के दौर में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम का अविष्कार किया था, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर कुछ काम नहीं हुआ।

ब्लाइंडिंग के चर्चा में आने के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र किया गया था। हालांकि, बी-मनी कभी एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।

सबसे पहले एलन मस्क ने की थी वर्चुअल करेंसी की वकालत

वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की। हालांकि, यह भी सच है कि साल 2000 के बाद जब बिटक्वाइन अस्तित्व में आया, उसके बाद ही सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में तेजी दर्ज की गई।

नोट: 'कहानी क्रिप्टो की' सीरीज में आज क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की दास्तां बताई गई। कल हम आपको बिटक्वाइन की शुरुआत होने और इसके शिखर पर चढ़ने के किस्से से रूबरू कराएंगे।

रेटिंग: 4.54
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 184