खराब ब्लड सर्कुलेशन के ये हैं 8 गंभीर संकेत, समझ लें चेतावनी
खराब याद्दाश्त और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता भी खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हो सकते हैं.
पाचन क्रिया (Digestion) को दुरुस्त रखने के लिए शरीर को एक अच्छी रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है. खराब ब्लड सर्कुलेशन ( . अधिक पढ़ें
- Myupchar
- Last Updated : August 31, 2020, 13:14 IST
शरीर के लिए सही ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) महत्वपूर्ण है. सर्कुलेटरी सिस्टम शरीर के विभिन्न भागों में रक्त, ऑक्सीजन (Oxygen) और पोषक तत्व भेजने के लिए जिम्मेदार है. जब इसमें खराबी होती है, तो शरीर में कोशिकाएं ऑक्सीजन और पोषक तत्व पाने में असमर्थ हो जाती हैं, जो उन्हें स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होती हैं. खराब ब्लड सर्कुलेशन के कुछ सामान्य कारणों में एथेरोस्क्लेरोसिस (रक्त वाहिकाओं में प्लाक का निर्माण), डायबिटीज, खून के थक्के, अधिक वजन होना, हाई ब्लडप्रेशर, गतिहीन जीवन शैली और धूम्रपान शामिल हैं. ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी के आम लक्षणों में ये शामिल हैं-
भूख में कमी
पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए शरीर को एक अच्छी रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है. खराब ब्लड सर्कुलेशन से भूख की कमी और मेटाबॉलिक रेट कम हो सकता है.
खराब याद्दाश्त
खराब याद्दाश्त और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता भी खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हो सकते हैं.
सुन्न होना
यह आमतौर पर हाथों, टांगों, पैर के पंजे, बाजुओं में होता है. यह इन क्षेत्रों में ब्लॉकेज के परिणामस्वरूप होता है.
ठंडे हाथ और पैर
हाथ-पांव फूलना खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकते हैं. ऐसा तब होता है जब वे हिस्से जो हृदय से सबसे दूर होते हैं, उन्हें गर्मी देने के लिए पर्याप्त रक्त नहीं मिलता है.
कब्ज की शिकायत
शरीर में कोशिकाओं को रक्त की आपूर्ति में कमी से पाचन उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है संबंधी समस्याएं जैसे दस्त, बार-बार पेट में दर्द, कब्ज आदि हो सकती हैं.
सुस्ती
थका हुआ शरीर या थका हुआ महसूस करना अंगों और मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण हो सकता है.
कमजोर इम्यून सिस्टम
क्या अक्सर बीमार रहते हैं? यदि हां, तो यह खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकता है. जब सर्कुलेटरी सिस्टम में खराबी होती है, तो यह बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है.
वैरिकोज वेंस
खराब सर्कुलेशन नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे वैरिकोज वेन्स का कारण बनता है. myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि वैरिकोज वेन्स बड़ी, क्षतिग्रस्त और सूजी हुई नसें होती हैं जो अक्सर पैरों और पैरों के पंजे पर दिखाई देती हैं. लंबे समय के लिए एक ही स्थिति में रहते हैं तो रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, जिससे वैरिकोज वेन्स हो सकता है.
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए करें ये काम
myUpchar से जुड़ीं डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना है कि ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से काम नहीं करेगा तो स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है सुधारने के लिए कई तरीकों की मदद ले सकते हैं
· व्यायाम सबसे बेहतरीन तरीका है ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाने का. जिस एक्टिविटी में हृदय और तेजी से रक्त को पम्प करता है उससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद मिलती है. इसलिए दौड़ना या जॉगिंग, डांसिंग, साइकिलिंग आदि नियमित रूप से करें.
· पर्याप्त पानी पीने से शरीर के अंग अच्छे से काम करते हैं और रक्त संचार बेहतर होता है.
· मसाज से भी ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद मिलती है. बॉडी उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है मसाज के लिए नारियल तेल, जैतून का तेल और बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, मसाज करवाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
· आहार इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. फल, हरी सब्जियां, अनाज, प्रोटीन और स्वस्थ वसा खाएं. सैचुरेटेड फैट से दूरी बनाएं.
· एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध ग्रीन टी कई लाभ देती है और उनमें से एक शरीर का रक्त संचार बेहतर करना भी शामिल है.
· कितने भी उपाय अपना लो लेकिन तनाव में रहे तो सारे प्रयास निरर्थक हैं. तनाव का स्तर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता है. तनाव मुक्त होने की हर संभव कोशिश करें.
· नमक कम खाएं, ताकि इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ सके. ज्यादा नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और इसका प्रभाव ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है. ज्यादा नमक खाने से धमनियां कठोर हो जाती हैं और शरीर में रक्त प्रवाह रुक जाता है.अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण और बढ़ाने के उपाय पढ़ें. न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं. सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है. myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं.
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उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है
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Index Fund: कम रिस्क में भी बाजार की तेजी से उठा सकते हैं फायदा, जानिए क्या है इंडेक्स फंड की खूबी और कैसे बढ़ जाता है इसमें रिटर्न
Index Fund: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते दुनिया भर के बाजारों में उतार-चढ़ाव है. ऐसे में निवेशक ऐसे विकल्पों की तलाश में हैं जिसमें कम रिस्क में ही बाजार की तेजी से शानदार मुनाफा कमा सकें.
अगर आप इक्विटी में पैसे लगाना चाहते हैं लेकिन बाजार की उतार-चढ़ाव से डर लगता है तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
Index Fund: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते दुनिया भर के बाजारों में उतार-चढ़ाव है. ऐसे में निवेशक ऐसे विकल्पों की तलाश में हैं जिसमें कम रिस्क में ही बाजार की तेजी से शानदार मुनाफा कमा सकें. ऐसा ही एक विकल्प इंडेक्स फंड्स है जो इक्विटी फंड की ही तरह होते हैं और सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स की तेजी को ट्रैक करते हैं. इसका मतलब हुआ कि अगर कोई इंडेक्स फंड निफ्टी 50 को ट्रैक करता है तो निफ्टी उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है 50 जितना मजबूत होगा, उतना ही इंडेक्स फंड भी.
ऐसे काम करता है Index Fund
अगर कोई इंडेक्स फंड निफ्टी 50 को ट्रैक करता है तो इसका मतलब है कि इसमें पैसे लगाए गए पैसे उसी अनुपात में शेयरों में लगाए जाएंगे जिसमें ये निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल हैं. इसका मतलब हुआ कि इंडेक्स फंड के जरिए निवेशक अलग-अलग शेयर खरीदने की बजाय एक अनुपात में उनमें पैसे लगा रहे हैं. निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले इंडेक्स फंड में पैसे लगाने का मतलब है कि 50 शेयरों में पैसे लगा रहे हैं और इनमें तेजी का फायदा ले सकते हैं.
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ये संकेत बताते हैं किस ग्रह का है आप पर बुरा प्रभाव, बचें इनके वार से
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ही हमें परेशानियों और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रहों का उचित उपचार करने पर उनके बुरे फलों में कमी आती है, जिससे काफी हद तक मेहनत के बल पर हम उन्नति प्राप्त कर सकते हैं । यदि आपको भी जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए यह उपाय अपनाएं-
सूर्य : करें काली गाय की सेवा
किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है। शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नाकारा होने लगते हैं। सूर्य जातकों को सुबह उठ कर सूर्य देवता को अर्ध्य देना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने पर सफेद गाय के बजाय लाल या काली गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है।
चंद्र : बुजुर्गों का लें आशीर्वाद
माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलने शुरू होते हैं। घर के बुजुर्गों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिरहाने के नीचे पानी रख कर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरुस्त होता है। घर का उत्तरी-पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।
मंगल : भाइयों की करें सहायता
आंख में किसी भी तरह की खराबी हो या फिर लंबे समय से संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो तो इसे मंगल के खराब प्रभाव के तौर पर देखा जाता है। भाइयों की सहायता और ताऊ-ताई की सेवा करें तो मंगल का अच्छा प्रभाव मिलता है। लाल रंग का रूमाल पास रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडिय़ां, सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है।
बुध : घर में जमा कचरे को हटाएं
गंध का पता न लगे और सामने के दांत गिरने लगें तो समझ लीजिए कि बुध का खराब प्रभाव आ रहा है। ऐसे में फिटकरी से दांत साफ करने से उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है बुध का खराब प्रभाव कम होता है। बुध खराब होने से व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है। गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रुका हुआ धन फिर से मिलने लगता है। छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसे हटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
गुरु : ईष्ट देव को पूजें
रमते साधु को उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है पीले वस्त्र दान करने और भोजन कराने से गुरु के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं। जिन जातकों की गुरु की दशा चल रही हो, अगर वे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं और पीपल में जल सींचें तो गुरु की दशा में अच्छे लाभ हासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्म स्थान में नियमित दान करना भी भाग्य को बढ़ाता है।
शुक्र : गाय को दें गुड़
चमड़ी के रोग और अंगूठे पर चोट से शुक्र के खराब प्रभाव का पता चलता है। अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गाय को दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी से बढ़ती है। शुक्र का खराब प्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़ देना लाभदायक होता है। सुहागिनों को समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र का प्रभाव बढ़ता है।
शनि : साधु को दें दान
जूते खोने, घर में नुक्सान, पालतू पशु के मरने और आग लगने से शनि का खराब प्रभाव देखा जाता है। डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधु को लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है। शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिर जाना चाहिए।
राहू : हरियाली का रखें वास उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है
अनचाही समस्याएं राहू से आती हैं। घर का दक्षिणी-पश्चिमी कोना राहू का है। इस कोने में कभी गंदगी नहीं रहनी चाहिए। घर के दक्षिणी-पूर्वी कोने में आवश्यक रूप से हरियाली का वास रखना चाहिए। परिवार का जो सदस्य राहू से पीड़ित हो, उसे हरियाली के पास रखें। अंधेरे और गंदगी वाले कोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोने को साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।
केतू : घर में रखें पालतू जानवर
जोड़ों का दर्द उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है और पेशाब की बीमारी मुख्य रूप से केतू की समस्या के कारण आते हैं। कान बींधना, पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू के खराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट में काला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूर होता है।
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