''वर्तमान में महामारी की प्रकृति को देखते हुए, सावधानी बरतने के लिए कुछ गलत करना भी विवेकपूर्ण होगा, अगर किसी को गलत करने की आवश्यकता है . इसलिए बड़ी संख्या में मनुष्यों की उपस्थिति को हतोत्साहित किया जा रहा है। एक COVID19 ​​या एक संदिग्ध COVID19 रोगी के मृत शरीर को छूना भी उचित नहीं है,इसलिए उसे भी हतोत्साहित किया गया है या मना किया गया है।''

Liger फिल्म की फंडिंग को लेकर फंसे Vijay Deverakonda ईडी ने घंटों की पूछताछ

Liger फिल्म की फंडिंग को लेकर फंसे Vijay Deverakonda ईडी ने घंटों की पूछताछ

नई दिल्ली: साउथ फिल्मों के नामित सुपरस्टार विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) को लेकर बड़ी ख़बर सामने आई है। देवरकोंडा कानूनी पचड़े में फंसते हुए नज़र आ रहे हैं। बात को ज्यादा न घुमाते हुए बताते हैं आपको आखिर किस वजह से ये साउथ अभिनेता कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहा है।

25 अगस्त 2022 को रिलीज हुई फिल्म लाइगर (Liger) को लेकर विजय देवरकोंडा मुश्किल में फंस गए हैं। फिल्म की फंडिंग को लेकर उनसे ED ने कई सवाल किए हैं। आपको बता दें ED ने कथित तौर पर एफईएमए के उल्लंघन के मामले में अभिनेता से पूछताछ की।

एनआरआई ने निगम के अफसरों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, निवेश से कतरा रहे एनआरआई..

nagar nigam jodhpur

जोधपुर निवासी एनआरआई गोविंद दोलानी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्हें टारगेट कर परेशान किया जा रहा है। वे एक एनआरआई संगठन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि उनके और भी कई एनआरआई साथी जोधपुर के हैं। उनके साथ भी एेसा ही हुआ। इसके चलते वे यहां निवेश का इरादा त्याग कर वापस चले गए। दोलानी ने संवाददाताओं को बताया कि वे इसका विरोध करने के लिए निगम कार्यालय के बाहर धरना देंगे। उन्होंने कहा कि वे मस्कट में रहते हैं, वहां टेक्सटाइल का बिजनेस है। वैसा ही व्यवसाय जोधपुर में लगाने की मंशा लेकर उन्होंने जोधपुर में नगर निगम की ओर से की गई नीलामी के दौरान ज्यादा कीमत पर दुकानें खरीद कर निवेश किया। इसके तहत शहर में विभिन्न लोकेशन पर ९ दुकानें खरीदीं, लेकिन उन्हें ले-आउट प्लान के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम में कोई भी कार्य लेनदेन के बिना नहीं होता। उन्होंने बताया कि गुरुवार को निगम ने बालकनी को गैर कानूनी तरीके से ध्वस्त किया, जबकि उन्होंने निगम निवेश के संदिग्ध तरीके द्वारा दिए गए ले आउट के अनुरूप ही निर्माण कार्य करवाया। वहीं उपायुक्त ने कहा कि पड़ोस में अधिवक्ता का भवन है और वे शिकायत कर रहे हैं, इसलिए बालकनी तोडऩी पड़ेगी। पड़ोस में नियमों के विरुद्ध निर्माण है। मेरे शिकायत करने पर नगर निगम के अधिकारी मुझे ही धमका रहे हैं।

(मेडिकल लापरवाही) कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया 18 वर्षीय COVID 19 संदिग्ध का पोस्टमॉर्टम करने का आदेश

(मेडिकल लापरवाही) कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया 18 वर्षीय COVID 19 संदिग्ध का पोस्टमॉर्टम करने का आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह COVID 19 संदिग्ध एक 18 वर्षीय लड़के के शरीर की शव परीक्षा या आॅटाप्सी करवाए। बताया गया है कि यह लड़का COVID19 से पीड़ित था और कथित तौर पर उसका सही तरीके से इलाज नहीं किया गया था।

न्यायालय ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इस लड़के के पोस्टमॉर्टम और साथ ही उसके शव के अंतिम संस्कार के समय की जाने वाली सारी धार्मिक क्रियाओं व दाह-संस्कार की वीडियोग्राफी करवाई जाए।

कोर्ट ने यह निर्देश लड़के के माता-पिता की तरफ से दायर एक रिट निवेश के संदिग्ध तरीके याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। इस याचिका में आरोप लगाया कि दो क्लीनिकल संस्थानों ने उनके बेटे का इलाज करने से मना कर दिया था। इसके बाद उसे कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसी रात उसकी मौत हो गई।

विपक्ष निवेश पर झूठा अभियान फैला रहा है, सज्जला रामकृष्ण रेड्डी की आलोचना की

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विजयवाड़ा: सरकारी सलाहकार (सार्वजनिक मामले) निवेश के संदिग्ध तरीके सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि विपक्षी दल निवेश के संदिग्ध तरीके के नेता राज्य में निवेश पर झूठे अभियान का निवेश के संदिग्ध तरीके सहारा ले रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से उद्योगों को अनुमति देने में नियमों का पालन कर रही है।

बुधवार को यहां पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सज्जला ने कहा कि कुछ नेता झूठे प्रचार का सहारा ले रहे हैं कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के रिश्तेदारों और दोस्तों को राज्य में उद्योगों के लिए मंजूरी मिल रही है।

उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और अन्य टीडीपी नेता राज्य में औद्योगिक प्रोत्साहन पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी सरकार टीडीपी निवेश के संदिग्ध तरीके शासन के दौरान जमा हुए बकाये का भुगतान कर रही है।

खट्टर सरकार के 8 साल में हरियाणा निवेश के संदिग्ध तरीके हुआ बदहाल, आंकड़े गवाह- निवेश हुआ नहीं, बेरोजगारी पहुंची आसमान पर

फोटोः सोशल मीडिया

हरियाणा में 27 अक्‍टूबर को 8 साल पूरे करने वाली मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्‍व में चल रही बीजेपी सरकार के 7 साल में औद्योगिक विकास की कहानी बड़ी दिलचस्‍प है। यह कहानी राज्‍य में औद्यौगिक निवेश को लेकर गढ़े गए बड़े दावों की असलीयत की है। यह सरकार की नीतियों और नीयत का आईना है। इन निवेश के संदिग्ध तरीके निवेश के संदिग्ध तरीके सालों में हुए औद्यौगिक निवेश के आंकड़ों के पीछे छिपे आंकड़े एक नई तस्‍वीर पेश कर रहे हैं। मसलन, 2015 में चरखी दादरी में 43 औद्यौगिक इकाईयां लगीं, जिनमें 11.90 करोड़ और फतेहाबाद निवेश के संदिग्ध तरीके में 25 इकाईयां लगीं, जिनमें 7 करोड़ का निवेश निवेश के संदिग्ध तरीके हुआ। मतलब औसतन 27 लाख रुपये प्रति इकाई निवेश हुआ।

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