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जन संकल्प से हारेगा कोरोना: ऑक्सीजन लेवल 40 था, सात दिन वेंटिलेटर पर रहकर कोरोना को दी मात

गजानंद शर्मा। - Dainik Bhaskar

मेरी उम्र 43 साल है। जब कोरोना संक्रमित हुआ तो ऑक्सीजन लेवल एकदम गिर गया था। 40 तक पहुंचा तो हालत बिगड़ गई। उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचा ताे डॉक्टर्स ने हालत गंभीर देखकर तुरंत वेंटिलेटर पर भर्ती किया। इस पर 7 दिन तक उपचाराधीन रहा।

धीरे-धीरे ऑक्सीजन लेवल 90 क्रॉस किया तो वेंटिलेटर से ऑक्सीजन बेड पर भर्ती कर दिया। मेरी जिंदगी के सबसे भयावह दिन वेंटिलेटर पर गुजरे हैं। बस अपनों की दुआओम और वीडियो कॉल पर उनका चेहरा देख व बात करके हिम्मत मिलती रही।

सात दिन बाद डॉक्टर ने कहा कि आपको नया जीवन मिला है। काफी खुश हुआ क्योंकि मुझे बचाने के लिए हेल्थ स्टाफ ने खूब मेहनत की। दूसरे वार्ड में शिफ्ट हुआ तो प्रोन वेंटिलेशन एक्सरसाइज से सांस लेने की तकलीफ दूर हुई। 10 दिन बाद सातरोड कलां में गली से घर तक चलकर पहुंचा तो परिजन स्वागत करने के लिए खड़े थे। यह देखकर हौसला और बढ़ा।

आरती उतारकर तिलक लगाकर गृह प्रवेश हुआ, जिसने मेरे अंदर नई ऊर्जा व जोश भर दिया। अब नियमित योग करता हूं। प्रोन वेंटिलेशन करने से राहत मिलती है। अब ऑक्सीजन लेवल 96 तक पहुंच गया है। शर्मा की मानें तो हिम्मत, परिवार का सहयोग और बेस्ट हेल्थ केयर से कोरोना को हराना आसान है। गजानंद शर्मा | कोरोना वॉरियर

दिल के लिए कोलेस्ट्रॉल का कितना स्तर है खतरे की घंटी, जानिए कितना होना चाहिए

कुछ आदतों को बदलकर आप हाई कोलेस्‍ट्रॉल को कम कर सकते हैं. Image : Canva

Normal Cholesterol level: शरीर में पाए जाने वाली कोलेस्ट्रॉल चिपचिपा लसलसा वसा है जिसके बढ़ जाने से शरीर में कई तरह की . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 03, 2022, 18:10 IST

हाइलाइट्स

19 साल से कम की उम्र में टोटल कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर 170 से नीचे होना चाहिए
20 साल से ज्यादा की उम्र में टोटल कोलेस्ट्रॉल 125 से 200 के बीच होना चाहिए

Normal range of Cholesterol- कोलेस्ट्रॉल शरीर में पाए जाने वाली वसा है जो कई हार्मोन को बनाती है. कोलेस्ट्रॉल शरीर में कैल्शियम का अवशोषण भी करता है. अगर कोलेस्ट्रॉल शरीर में न रहे तो हम ज्यादा दिनों तक जिंदा ही नहीं रह पाएंगे. कोलेस्ट्रॉल शरीर में टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजेन हार्मोन सहित कई हार्मोन को बनाता है. इसके अलावा मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है. यह पाचन के लिए जरूरी रसायनों को उत्पादन करता है. कोलेस्ट्रॉल लिवर और आंत को सुचारु रूप से चलाने के लिए रसायनों का उत्पादन करता है. शरीर में इतने महत्वपूर्ण काम करने के बावजूद कोलेस्ट्रॉल को कुछ मायनों में विलेन माना जाता है.

दरअसल कोलेस्ट्रॉल वसा का एक प्रकार है जिसे लाइपोप्रोटीन कहते हैं. लाइपोप्रोटीन दो तरह के होते हैं- लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या (LDL) और हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या (HDL) एचडीएल. एक तरफ एचडीएल (HDL) का बढ़ना अच्छा माना जाता है तो वहीं दूसरी तरफ एलडीएल (LDL) का बढ़ना हमारे शरीर के लिए बहुत बुरा माना जाता है. एलडीएल को ही विलेन या बैड कोलेस्ट्रॉल माना जाता है. एलडीएल ज्यादा होने पर खून की धमनियों में जमा होने लगता है जिससे हार्ट की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. तो आइए जानते हैं कि व्यक्ति में एचडीएल या एलडीएल कितना होना चाहिए.

जानिए किस उम्र में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल
माइ क्लेवलैंडक्लिनिक के मुताबिक उम्र और लिंग के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल का स्तर उपर नीचे हो सकता है. एक सामान्य व्यक्ति जिसकी उम्र 19 साल से कम है उसमें टोटल कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर 170 से नीचे होना चाहिए. वहीं ऐसे व्यक्ति में नॉन- एचडीएल 120 से नीचे, एलडीएल 110 से नीचे और एचडीएल 45 से ज्यादा होना चाहिए. लेकिन अगर व्यक्ति की उम्र 20 साल से ज्यादा है तो टोटल कोलेस्ट्रॉल 125 से 200 के बीच, नॉन-एचडीएल 120 से नीचे, एलडीएल 100 से नीचे होना चाहिए. वहीं एचडीएल 60 या इससे ज्यादा होना चाहिए. जन्म के समय बेबी गर्ल को बेबी बॉय की तुलना में गुड कोलेस्ट्रॉल की अधिक आवश्यकता होती है. बेबी बॉय को जहां एचडीएल की 40 से अधिक की जरूरत होती है वहीं बेबी गर्ल को 50 से अधिक गुड कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर में मापा जाता है.

कोलेस्ट्रॉल कब हो जाता है खतरनाक
एक सामान्य व्यक्ति में अगर टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 240 या इससे ज्यादा हो तो यह बेहद खतरनाक माना जाता है. यदि गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल पुरुषों में 40 से कम हो जाता है और महिलाओं में 50 से कम तो यह बहुत खतरनाक संकेत हो सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अगर 200 से 239 के बीच है तो यह जोखिमपूर्ण संकेत है. वहीं एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) का स्तर यदि 100 से 159 के बीच है तो समझना चाहिए कि यह किसी बीमारी के खतरे की घंटी है. एक सामान्य पुरुष में यदि गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) का स्तर 40 से 59 के बीच हो लीवरेज अच्छा है या बुरा? और महिलाओं में 50 से 59 के बीच हो तो यह भी जोखिमपूर्ण है. यानी आप हाई रिस्क में हैं. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

कैसे बढ़ाएं गुड कोलेस्ट्रॉल
शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल और खान-पान में परिवर्तन करना जरूरी है. नियमित एक्सरसाइज से गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाया जा सकता है. तली-भुनी चीजों, स्मोक और शराब से परहेज करके भी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाया जा सकता है. अगर गुड कोलेस्ट्रॉल लीवरेज अच्छा है या बुरा? कम हो गया है तो डॉक्टर कुछ दवाइयों के माध्यम से भी इसे बढ़ाने की सलाह देते है.

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Blood Sugar: 60 की उम्र के बाद कितना होना चाहिये ब्लड शुगर लेवल? यहां देखें उम्र के अनुसार चार्ट

बढ़ती उम्र में इम्युनिटी कमजोर होने लगती, इस उम्र में अगर शुगर कंट्रोल नहीं रहेगी तो बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

Blood Sugar: 60 की उम्र के बाद कितना होना चाहिये ब्लड शुगर लेवल? यहां देखें उम्र के अनुसार चार्ट

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डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये बॉडी के बाकी अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। भारत में कोरोना महामारी के बाद डायबिटीज के मरीजों की तादाद में इज़ाफ़ा हुआ है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज। दोनों तरह की डायबिटीज बॉडी को नुकसान पहुंचाती है। टाइप-1 डायबिटीज में पैन्क्रियाज इंसुलिन का बिल्कुल उत्पादन नहीं करता जबकि टाइप-2 डायबिटीज में पैन्क्रियाज इंसुलिन का कम उत्पादन करता है। भारत में टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की तादाद ज्यादा है।

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव लाना जरूरी है। खराब डाइट और खराब जीवन शैली की वजह से ही ये बीमारी कम उम्र में ही लोगों को अपना शिकार बना रही है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड में शुगर के स्तर को मेनटेन रखना जरूरी है।डायबिटीज के मरीजों को नियामित रूप से शुगर चैक करना चाहिए वरना किडनी, हार्ट और लंग्स को नुकसान पहुंच सकता है।

उम्र बढ़ने पर शुगर को लगातार चेक करना जरूरी है क्यों कि उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा भी बढ़ने लगती लीवरेज अच्छा है या बुरा? है। बढ़ती उम्र में इम्युनिटी कमजोर होने लगती और शरीर कमजोर होने लगता है। इस उम्र में अगर शुगर कंट्रोल नहीं रहेगी तो बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

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60 साल की उम्र के बुजुर्गों का फास्टिंग शुगर, खाने के बाद का शुगर कितना होना चाहिए इसकी जांच करना जरूरी है। आइए जानते हैं कि उम्र के मुताबिक कितना होना चाहिए ब्लड में शुगर का स्तर।

60 की उम्र के बाद कितना होना चाहिये शुगर:

  • हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 60 से अधिक उम्र के लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL के बीच होना लीवरेज अच्छा है या बुरा? चाहिए।
  • खाने के बाद 140 mg/dl से कम शुगर लेवल होना जरूरी है।
  • डिनर के बाद 150 mg/dl का ब्लड शुगर लेवल सामान्य माना जाता है।
  • सोते समय ब्लड शुगर का स्तर 150 mg/dL से अधिक नहीं होना लीवरेज अच्छा है या बुरा? चाहिए।

बच्चों से लेकर युवाओं में कितनी होनी चाहिए फॉस्टिंग शुगर

Reasons Of High Cholesterol: इन 10 कारणों से गोली की स्पीड से बढ़ता है आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल, आज से ही सुधारें अपनी ये आदतें

Causes Of High Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण आपकी लाइफस्टाइल से जुड़े भी हैं. यहां ऐसे 10 कारकों के बारे में बताया गया है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं.

Reasons Of High Cholesterol: इन 10 कारणों से गोली की स्पीड से बढ़ता है आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल, आज से ही सुधारें अपनी ये आदतें

Causes Of High Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण आपकी लाइफस्टाइल से जुड़े भी हैं.

खास बातें

  • हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण आपकी लाइफस्टाइल से जुड़े हो सकते हैं.
  • शराब पीना आपके हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल लीवरेज अच्छा है या बुरा? को बढ़ा सकता हैं.
  • हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल 40 की उम्र से ऊपर के लोगों में देखा जाता है.

High Cholesterol Risk Factors: कोलेस्ट्रॉल अच्छा या बुरा हो सकता है. यह आपके शरीर में वसायुक्त अणु हैं जिनकी जरूरत आपकी कोशिकाओं को कार्य करने के लिए होती है. हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High Cholesterol Level) एथेरोस्क्लेरोसिस के आपके जोखिम को बढ़ाते हैं. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और व्हाइट ब्लड सेल्स के जमा होने से धमनियों की दीवारों में सजीले टुकड़े बन जाते हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण कई हो सकते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से बहुत कम लोगों को इनके बारे में पता होता है. हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण (Cause Of High Cholesterol) आपकी लाइफस्टाइल से जुड़े भी हैं. यहां ऐसे 10 कारकों के बारे में बताया गया है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं.

10 बड़े जोखिम कारक जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं | 10 Big Risk Factors That Raise Cholesterol Levels

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धूम्रपान: धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे कैंसर और हृदय की समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, यह हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को जन्म दे सकता है.

शराब: बहुत अधिक शराब पीना आपके हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के पीछे के कारकों में से एक हो सकता है.

आयु: हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल 40 की उम्र से ऊपर के लोगों में देखा जाता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है , लीवर ठीक से काम करने में असमर्थ हो सकता है और एलडीएल को हटाने में सक्षम नहीं हो सकता है जो कि खराब कोलेस्ट्रॉल है.

पारिवारिक इतिहास: हाई कोलेस्ट्रॉल का पारिवारिक इतिहास रखने वालों को अपने स्वास्थ्य पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे बड़े जोखिम में हो सकते हैं.

कुछ दवाएं: ट्राइग्लिसराइड्स हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा सकती हैं. इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवाएं लें.

तनाव: लंबे समय तक तनाव के कारण लोग धूम्रपान या शराब पीना शुरू कर सकते हैं और इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है.

हाइपोथायरायडिज्म और डायबिटीज: अगर आपको डायबिटीज या हाइपोथायरायडिज्म है तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल असामान्य हो सकता है.

खाने की खराब आदतें: प्रोसेस्ड या ट्रांस फैट से भरी चीजें को खाने वाले व्यक्ति का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है. सेचुरेटेड फैट डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद होते हैं. पैकेज्ड स्नैक्स या डेसर्ट में ट्रांस फैट होता है.

मोटापा: बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बढ़ने से हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावना बढ़ सकती है. अपने बॉडी वेट को कंट्रोल में रखें.

फिजिकल एक्टिविटी की कमी: व्यायाम करने से आपको अच्छे शेप में रहने में मदद मिल सकती है. यह आपकी वेलबीइंग को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. नियमित व्यायाम शरीर में "अच्छे" कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी लीवरेज अच्छा है या बुरा? तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।

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