डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम
Rupee All Time Low: रुपया हुआ धड़ाम, डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले लेवल पर, जाने क्या है स्थिति
इस साल अब तक रुपया करीब 7 फीसदी कमजोर हो चुका है। रुपये की वैल्यू अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार कम होते गई है। अभी प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के लगातार मजबूत होने से भी रुपये की स्थिति कमजोर हुई है। करीब दो दशक बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यूरो की वैल्यू कम हुई है।
नई दिल्ली। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने (US Rate Hike) की रफ्तार में सुस्ती नहीं आने का संकेत मिलने के बाद दुनिया भर की करेंसीज डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम हैं। फेडरल रिजर्व का संकेत मिलने के बाद इन्वेस्टर्स दुनिया भर के बाजरों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षा के लिहाज से अमेरिकी डॉलर में अपना इन्वेस्टमेंट झोंक रहे हैं। इस कारण भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' समेत तमाम अन्य करेंसीज के लिए ये सबसे खराब दौर चल रहा है। रुपये की बात करें तो इसकी वैल्यू (Indian Rupee Value) पिछले कुछ समय के दौरान बड़ी तेजी से कम हुई है। रुपया लगातार एक के बाद एक नए निचले स्तर (Rupee All Time Low) पर पहुंचता जा रहा है। आज सोमवार को शेयर बाजारों (Share Market) में भारी गिरावट के बीच रुपये ने भी गिरने का नया रिकॉर्ड बना दिया और नए सर्वकालिक निचले स्तर तक गिर गया।
रुपये ने बनाया नया ऑल टाइम लो
रुपया इससे पहले भी जुलाई महीने में एक बार कारोबार के दौरान 80 के स्तर से नीचे जा चुका है, लेकिन बाद में सेशन के दौरान भारतीय करेंसी रिकवर करने में सफल रही थी। इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज (Interbank Forex Exchange) पर आज जैसे ही कारोबार की शुरुआत हुई, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 0.25 फीसदी गिरकर 80.03 के स्तर पर आ गया। इससे पहले रुपया आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80.07 के लेवल पर खुला था और एक समय 80.13 के स्तर तक गिरा था। यह रुपये के लिए नया ऑल टाइम लो है।
इस तरह गिरी रुपये की वैल्यू
आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल अब तक रुपया करीब 7 फीसदी कमजोर हो चुका है। रुपये की वैल्यू अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार कम होते गई है। अभी प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के लगातार मजबूत होने से भी रुपये की स्थिति कमजोर हुई है। करीब दो दशक बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यूरो की वैल्यू कम हुई है, जबकि यूरो (Euro) लगातार अमेरिकी डॉलर से ऊपर रहता आया है। भारतीय रुपये की बात करें तो दिसंबर 2014 से अब तक यह अमेरिकी डॉलर के डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम मुकाबले करीब 25 फीसदी कमजोर हो चुका है। रुपया साल भर पहले अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.54 के स्तर पर था।
अन्य देशों की करेंसी का भी बुरा हाल
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय रुपये की वैल्यू (Indian Rupee Value) ही कम नहीं हो रही डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम है। आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में रुपये ने फिर भी अमेरिकी डॉलर के सामने कुछ दम दिखाया है। अन्य करेंसीज की वैल्यू रुपये से भी ज्यादा गिरी है। एशियाई करेंसीज (Asian Currencies) की बात करें तो बीते 24 घंटे के दौरान दक्षिण कोरियाई वॉन (South Korean Won) में सबसे ज्यादा 1.3 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा थाईलैंड के बहत (Thai Baht) में 0.8 फीसदी, जापान के येन (Japanese Yen) में 0.64 फीसदी, चीन के रेन्मिन्बी (China Renminbi) में 0.6 फीसदी, ताइवान के डॉलर (Taiwanese Dollar) में 0.6 फीसदी, मलेशिया के रिंगिट (Malaysian Ringgit) में 0.5 फीसदी, इंडोनेशिया के रुपिया (Indonesian Rupia) में 0.43 फीसदी और सिंगापुर के डॉलर (Sanigapore Dollar) में 0.34 फीसदी की गिरावट आई है।
न कारणों से बढ़ रहा है डॉलर का भाव
दरअसल बदलते हालात ने पूरी दुनिया के ऊपर मंदी का जोखिम डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम खड़ा कर दिया है। अमेरिका में महंगाई (US Inflation) 41 सालों के उच्च स्तर पर है। इसे काबू करने के लिए फेडरल रिजर्व (Federal Reserve Rate Hike) तेजी से ब्याज दरें बढ़ा रहा है। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का फायदा अमेरिकी डॉलर को मिल रहा है। मंदी (Recession) के डर से विदेशी निवेशक उभरते बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के तौर पर डॉलर खरीद रहे हैं। इस परिघटना ने अमेरिकी डॉलर को अप्रत्याशित तरीके से मजबूत किया है। इसी कारण कई दशक बाद पहली बार अमेरिकी डॉलर की वैल्यू यूरो (Euro) से भी ज्यादा हो गई है, जबकि यूरो अमेरिकी डॉलर से महंगी करेंसी हुआ करती थी।
19 May : डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम, 14 पैसे कमजोर खुला
वैश्विक मंदी की आहट और महंगाई का डर शेयर बाजार पर साफ तौर पर दिखने को मिल रहा है। सेंसेक्स में आज एक बार फिर से भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स आज 1000 अं से अधिक टूट गया और 53180 अं तक पहुंच गया। बाजार आज भारी गिरावट के साथ 53070 अंक पर खुला और बाजार खुलने के बाद इसमे लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
खुलते ही Sensex धड़ाम, 885 अंक की गिरावट दर्ज*
नई दिल्ली,:आज शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला। आज बीएसई का सेंसेक्स करीब 884.50 अंक की गिरावट के साथ 53324.03 अंक के स्तर पर खुला। वहीं एनएसई का निफ्टी 263.30 अंक की गिरावट के साथ 15977.00 अंक के स्तर पर खुला। आज बीएसई में शुरुआत में कुल 1,670 कंपनियों में ट्रेडिंग शुरू हुई, इसमें से करीब 423 शेयर तेजी के साथ और 1,170 गिरावट के साथ खुलीं। वहीं 77 कंपनियों के शेयर के दाम बिना घटे या बढ़े खुले। इसके अलावा आज 25 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं और 25 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। वहीं 74 शेयर में आज सुबह से ही अपर सर्किट लगा है और 67 शेयर में लोअर सर्किट लगा है।
हमने अभी तक कोई हलफ़नामा दाख़िल नहीं किया है,मामले को SC ने आज सुनवाई के लिए रखा था।इसमें अतिरिक्त गतिविधियां हुई हैं,कई अतिरिक्त दस्तावेज हैं जिसे कोर्ट के रिकॉर्ड पर लाना है इसके लिए हम कोर्ट से कुछ वक्त की मोहलत मांगेगे: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन,दिल्ली
जहां तक वजू खाने के नीचे की दीवार गिराने की अर्ज़ी का सवाल है, हमें कुछ समय लगेगा। मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष भी हमारे आवेदन पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कुछ समय की मांग करेंगे: SC में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु जैन,दिल्ली
हमने वहां (वाराणसी) में भी कुछ समय मांगा है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है और हमें हर दस्तावेज को रिकॉर्ड में रखने की ज़रूरत है। तो एक साथ 2 कार्यवाही नहीं चल सकती है: SC में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु जैन, दिल्ली
Rupee की ज़ोरदार धड़ाम, अमरीकी Dollar के सामने दर्ज की रिकॉर्ड गिरावट
कहा जाता है कि जब आपका समय सही नहीं चल रहा हो, तो आप ज़ोर से गिर जाते है। ऐसा ही रुपये (Rupee) के साथ भी पिछले कुछ समय से हो रहा है। भारतीय मुद्रा (Indian Currency) रुपये पिछले कुछ समय से अमरीकी डॉलर (Dollar) के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है। कोशिशों के बाद भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। हालांकि ऐसा भी देखने को मिलता है जब रुपये में उछाल आता है, पर वह पर्याप्त नहीं होता। पर आज कुछ ऐसा हुआ, जो पहले कभी भी नहीं हुआ है। करेंसी बाज़ार के बंद होने के साथ अमरीकी डॉलर के मुकाबले आज रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम, पहली बार पहुंचा 78 के नीचे
प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
रूस और यूक्रेन के बीच तकरीबन 110 दिनों से जारी युद्ध का असर दुनियाभर के अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रही है। इससे भारत भी अछुता नहीं है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को डॉलर के डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम मुकाबले रुपया अपने ऑल टाइम लो को टच कर गया।
भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब डॉलर के मुकाबले रुपया 78 के नीचे आया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे की कमजोरी के साथ 78.12 रुपये के स्तर पर खुला। इस तरह आज पहली बार रुपया कमजोर होकर 78 रुपये के स्तर को पार कर गया है। वहीं, इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 77.83 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
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जानकारों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख, विदेशी फंड्स की लगातार निकासी और अमेरिकी डॉलर में लगातार मजबूती के कारण रुपए में इतनी बड़ी गिरावट आई है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों से डॉलर के मुकाबले रुपए में इतनी बड़ी गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम दर्ज की गई है।
कई जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है। दरअसल अमेरिका में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है। रुपया इस समय वैश्विक कारणों से साथ घरेलू कारणों से भी गिर रहा है।
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शेयर बाजारों में गिरावट तो इसके पीछे है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ग्लोबल रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपये पर दबाव आया है। कच्चा तेल महंगा होने और अन्य करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोरी के दायरे में दिखाई दे रहा है।
भारतीय मुद्रा के मुकाबले पाकी रुपया धड़ाम, बनी एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा
पाकिस्तान में चीन की महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर भारी असंतोष पनप रहा है. यह परियोजना पाकिस्तान के अलगाववादियों के निशाने पर आ गई है. योजना को निशाना बनाते हुए पिछले सप्ताह ही कई आत्मघाती हमले हो चुके हैं.
भारतीय मुद्रा के मुकाबले पाकी रुपया धड़ाम, बनी एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा
Highlights सीपीईसी चीन के बेल्ट एंड रोड का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शिनजियांग प्रांत को ग्वादर से जोड़ेगा. पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक सोमवार को नई नीतिगत दरों का ऐलान करने वाली है.
पाकिस्तान में भारतीय रुपया अब दोगुना मूल्यवान हो गया है. शुक्रवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 70 पर था, जबकि पाकिस्तानी रुपया 150 के पार चला गया.कुछ माह से पाकिस्तानी रुपया लगातार दबाव झेल रहा है, लेकिन इस वर्ष मार्च तक भारतीय रुपए के मुकाबले उसकी कीमत आधी नहीं हुई थी. इस सप्ताह पाकिस्तानी रुपया अपने निम्नतम स्तर पर आ गया.
आईएमएफ 12 बार दे चुका है राहत पैकेज: कुछ दिन पूर्व ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज देने पर सहमत हुआ है.आईएमएफ 1980 से अब तक पाकिस्तान को 12 बार राहत पैकेज दे चुका है और इस बार के वित्तीय संकट डॉलर के मुकाबले रुपया धड़ाम से उबारने के लिए उसे 13वां पैकेज देने का फैसला किया गया है.
एशिया की सबसे ज्यादा कमजोर मुद्रा
पाकिस्तानी रुपए का भाव पिछले एक वर्ष में 20 प्रतिशत से ज्यादा घट चुका है और यह डॉलर के मुकाबले एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है. कमजोर होती मुद्रा से देश में महंगाई को बढ़ावा मिलता है.
आसमान छू रहे ईंधन के भाव: अभी पाकिस्तान 8फीसदी की महंगाई दर का सामना कर रहा है. वहां बिजली के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल, गैस जैसे ईंधन के दाम आसमान छू रहे हैं. पाकिस्तान को लेकर निवेशक सहमे हुए हैं. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने राहत पैकेज के लिए आईएमएफ की कौन-कौन सी शर्तें मानी, इसकी अटकलें आग में घी डालने का काम कर रही हैं.
निवेशक पाकिस्तान में डॉलर की अपर्याप्त आपूर्ति से सहमे हुए हैं. गिरते रुपए को थामने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने एक समिति का गठन किया है. सरकार पर्यटन के लिए विदेश जा रहे पाकिस्तानियों को सीमित मात्रा में डॉलर देने का फैसला ले सकती है.
दयनीय स्थिति में पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक सोमवार को नई नीतिगत दरों का ऐलान करने वाली है. उसने बताया कि 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 13.80 अरब करोड़ डॉलर घटकर 8.846 अरब डॉलर बचा है. इस रकम से पाकिस्तान तीन महीने से भी कम की जरूरी सामग्री आयात कर सकता है.
पाकिस्तान में चीन की महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर भारी असंतोष पनप रहा है. यह परियोजना पाकिस्तान के अलगाववादियों के निशाने पर आ गई है. योजना को निशाना बनाते हुए पिछले सप्ताह ही कई आत्मघाती हमले हो चुके हैं. इसी सप्ताह पाकिस्तान के समुद्री तट पर ग्वादर के नजदीक लग्जरी पार्ल कॉन्टिनेंटल होटल पर आत्मघाती हमला हुआ. ये हमले अरबों डॉलर की लागत से बन रहे सीपीईसी को निशाना बनाने के ताजा उदाहरण हैं.
सीपीईसी चीन के बेल्ट एंड रोड का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शिनजियांग प्रांत को ग्वादर से जोड़ेगा. इससे बीजिंग की अरब सागर तक पहुंच हो जाएगी. पाकिस्तानी प्रशासन ग्वादर की सुरक्षा में लगातार चौकस रहता है. मत्स्यपालन के लिए मशहूर ग्वादर को अब अगले दुबई के तौर पर देखा जा रहा है.
पाकिस्तान के सबसे बड़े और गरीब प्रांत बलूचिस्तान में सीपीईसी की अधिकतर योजनाओं पर काम होना है लेकिन यह अलगाववादियों और धार्मिक पंथों के संघर्ष से जूझ रहा है.शनिवार को हुए हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है. बीएलए प्रवक्ता ने बताया कि ग्वादर बंदरगाह की तरफ स्थित होटल में आने वाले चीन और पाकिस्तानी निवेशक हमारा निशाना थे.
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