शेयर बाजार में नुकसानदायक है 'महंगा खरीदो और सस्ता बेचो' की रणनीति, मुनाफा चाहिए तो हरगिज न करें ये गलतियां
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कुछ साल पहले एक्सिस म्यूचुअल फंड की एक स्टडी के हवाले से खबर थी कि निवेशक जिस फंड में निवेश करते हैं, उसके मुकाबले उनका अपना रिटर्न कम रहता है। सरसरी तौर पर देखने पर ये बात निवेश का गणित समझने वाले किसी भी शख्स को बेतुकी लगेगी। मगर करीब से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि यहां क्या हो रहा है। इसे समझने का राज गणित में नहीं, बल्कि लोगों के व्यवहार में छुपा है।
स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, एएमसी ने पिछले 20 साल में, मार्च 2022 तक मिलने वाले म्यूचुअल फंड रिटर्न जांचा। इस अंतराल में, सक्रिय रूप से मैनेज किए गए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 19.1 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिला था। मगर इन फंड्स के निवेशकों ने केवल 13.8 प्रतिशत ही कमाया था। ये एक बड़ा फर्क है। पिछले 20 साल में, 19.1 प्रतिशत का मतलब है, एक लाख रुपये का निवेश बढ़कर 33 लाख रुपये हो गया। वहीं, 13.8 प्रतिशत का मतलब है ये केवल 13.3 लाख ही हो पाया। ये जिंदगी बदल देने वाला फर्क है। इसी तरह, हाइब्रिड फंड्स ने 12.5 प्रतिशत रिटर्न दिया, मगर निवेशकों ने करीब 7.4 प्रतिशत कमाए। फिर से ये फर्क बहुत बड़ा है। एक लाख निवेश करने पर, असल में ये फर्क 10.5 लाख और 4.2 लाख का हुआ।
उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो
मेरे अनुभव में ये आम बात है। मुझे हमेशा ही लगता रहा है कि फंड को मिलने वाले असल मुनाफे के मुकाबले निवेशक कहीं कम मुनाफा कमाते हैं। पर ऐसा होता क्यों है? दरअसल, हम निवेशक अपने ही सबसे बड़े दुश्मन हैं। एक तरफ, हम निवेश के लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड चुनने पर अमादा रहते हैं। दूसरी तरफ हम फंड्स को गलत समय पर खरीदते और बेचते हैं। और ये काम कुछ इस तरह करते हैं कि मुनाफे के कम होने की गारंटी हो जाए। नतीजा ये होता है कि हम फंड तो अच्छे चुनते हैं, पर बैंक के फिक्स्ड डिपाडिट से बेहतर रिटर्न नहीं कमा पाते। बुनियादी तौर पर, इसे 'उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो' कहा जा सकता है।
इस जुमले का मतलब साफ है। लोग तभी निवेश करते हैं, जब इक्विटी मार्केट में उत्साह छाया हो। यानी जब दाम पहले ही आसमान छू रहे होते हैं। फिर बेचते तब हैं जब इक्विटी के दाम क्रैश कर रहे होते हैं। कुल मिला कर इसका मतलब हुआ, 'महंगा खरीदो, सस्ता बेचो'। ये उसके ठीक उलट है जो किया जाना चाहिए। बजाए निवेश की 'श्रेष्ठ' रणनीति पता करने के, ऐसा व्यवहार निवेश की 'निकृष्ट' रणनीति की तरफ ले जाता है।
न करें ये गलतियां
नोट करें कि यहां म्यूचुअल फंड्स की बात सिर्फ इसलिए हो रही है, क्योंकि बात शुरू ही हुई थी एक म्यूचुअल फंड कंपनी की स्टडी से। यही बात इक्विटी निवेशकों पर भी लागू होती ही। हालांकि इक्विटी में इस तरह की साफ सुथरी तुलना मुश्किल है। असल में, स्टाक में दो तरह की गलतियां होती हैं, पहली है जल्दी बेच देना और दूसरी है बेचने में बहुत देर कर देना। और हां, स्टाक निवेश एक अलग तरह का निवेश भी है।
लोग स्टाक खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि ये उतना बढ़ गया है जितना बढ़ सकता था, तब वो उसे बेच देते हैं और इस तरह से अपना मुनाफा भुना लेते हैं। असल में, उन्हें लगता है कि ऐसा न करने से उनका मुनाफा हाथ से निकल जाएगा, या कम हो जाएगा। और बाद में पछताना पड़ सकता है या नुकसान की शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है जो बुरी बात होगी।
निवेशकों का मनोविज्ञान
मुनाफे को कुछ जल्दी भुना लेने में, निवेशक जीत पक्की करने के लिए प्रेरित होते हैं। और किसी खराब निवेश को बनाए रखने में उनकी प्रेरणा हार से बचने की होती है। काश, कह पाता कि एक बार निवेशक इस मुश्किल को समझ लेते, तो वो इन गलतियों से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं। मगर जिन गलतियों की जड़ें निवेशकों ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं के मनोविज्ञान से जुड़ी हों, उसे समझ जाने के बावजूद ठीक कर पाना आसान नहीं होता।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)
स्टॉक 20-20 (22 फरवरी): मुनाफे के 20 चुनिंदा स्टॉक्स जिसमें शामिल हैं आज के DEPENDABLE स्टॉक
हम आपको उन 20 ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं स्टॉक्स के बारे में जानकारी देंगे जिनमें आज ट्रेडिंग कर के आप कमा सकते हैं मुनाफा।
सीएनबीसी-आवाज़ पर हम आपके लिए लाए हैं एक ऐसा अनोखा ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं मुकाबला, जो आपके लिए है फायदेमंद। टी-20 के मजे के साथ आपको मिलेंगे शेयर बाजार में आज ट्रेड करने के लिए कई मौके।
दरअसल, हम आपको उन 20 स्टॉक्स के बारे में जानकारी देंगे जिनमें आज ट्रेडिंग कर के आप कमा सकते हैं मुनाफा। भले ही वो शेयर चढ़े या लुढ़के आपको फायदा देकर ही जाएंगे। यानी 20 शेयरों में आज खरीदने या बेचने पर सलाह।
हमारी पहली टीम के कप्तान हैं रिसर्च एनालिस्ट आशीष वर्मा। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से स्टॉक्स उनकी टीम में शामिल हैं।
NESTLE INDIA: खरीदें-16386 रुपये, लक्ष्य-16710 रुपये, स्टॉपलॉस-16300 रुपये
Stock Market में कैसे करें निवेश और किस तरह की बरतें सावधानियां ? जानिए एक्सपर्ट से हर सवालों के जवाब
क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन नहीं जानते कि इसकी शुरुआत कैसे हो ? क्या आपको शेयर बाजार की दुनिया जटिल और उलझन भरी लगी लगती है ? क्या किसी और को हुए फायदे और नुकसान का सुनकर आप फैसला नहीं कर पाए हैं कि आपके लिए शेयर बाजार सही रहेगा या नहीं ? तो आज हम आपको बताएंगे शेयर बाजार से जुड़ी हर वो बात साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे की शेयर बाजार में निवेश कैसे करें और क्या सावधानियां बरतें.
Do you want to invest in the stock market but don't know how to start? Do you find the world of stock market complicated and confusing?
Share Market Tips: शेयर बाजार में जब दिखे तेजी तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो उठाना पड़ सकता है नुकसान
Share Market: शेयर बाजार में जब तेजी दिखे तो सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसा देखा गया है कि जब शेयर बाजार में तेजी आती है तो नए या छोटे निवेशक अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर कुछ गलतियां कर जाते हैं.
By: abp news | Updated at : 20 Oct 2021 07:30 PM (IST)
Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने का चलन बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना महामारी के बाद से खासकर लोगों की रुचि शेयर बाजार में निवेश करने में बढ़ी है. ऐसा देखा गया है कि जब शेयर बाजार में तेजी आती है तो नए या छोटे निवेशक अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर कुछ गलतियां कर जाते हैं. आज हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे हैं जो कि शेयर बाजार में तेजी के दौरान आपको ध्यान में रखनी है: -
- बाजार में जब तेजी हो तो रिटेल निवेशकों को थोड़ा-थोड़ा मुनाफा निकालते रहना चाहिए और इसे किसी सुरक्षित निवेश में ट्रांसफर कर देना चाहिए. ऐसा करने का फायदा यह होता है कि जब बाजार गिरता है तो आप फिर से लो लेवल पर एंट्री कर सकते हैं.
- रिटेल निवेशकों को म्यूचुअल फंड से सीधे शेयरों में पैसा नहीं लगाना चाहिए. दरअसल म्यूचुअल फंड में आपका पैसा एक्सपर्ट निवेश करते हैं. आप खुद ये काम अच्छे से नहीं कर सकते.
- रिटेल निवेशक तेजी के दौरान उन सेक्टर्स में पैसा लगाने से बचें जो पहले से ही शानदार ग्रोथ हासिल कर चुके हैं. रिटेल निवेशकों को शेयर मार्केट में तेजी के दौरान उन सेक्टर्स में निवेश करना चाहिए जिनका प्रदर्शन अब तक कमजोर रहा है लेकिन जिनके आगे ग्रोथ करने की उम्मीद है.
- आईपीओ में ध्यान से निवेश करें. अच्छे वैल्यूएशन वाले आईपीओ में ही पैसा लगाना चाहिए. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां रिटेल निवेशकों ने बाजार के रिकॉर्ड स्तर पर होने पर कुछ कंपनियों के आईपीओ में निवेश करके नुकसान कर लिया.
- रिटेल निवेशकों को मार्जिन ट्रेडिंग से बचना चाहिए. इस ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं में निवेशक एक छोटी राशि लगाता है और ब्रोकरेज फर्म का ब्रोकर अपने क्लाइंट को निवेश मूल्य पर 4-5 गुना एक्सपोजर लेने की अनुमति देता है. इसमें अगर कीमतों में उतार-चढ़ाव ट्रेडर्स के पक्ष में है तो वह बहुत पैसा कमाता है. लेकिन अगर कीमत में उतार-चढ़ाव वैसा नहीं ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं हुआ जैसा ट्रेडर ने सोचा है तो उसे भारी नुकसान भी हो सकता है.
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Published at : 20 Oct 2021 07:29 PM (IST) Tags: ABP News Share Market Investment Return investor हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं की पिच पर सेंचुरी बनाने के लिए तेंदुलकर बनना नहीं है जरूरी
ट्रेडिंग की पिच पर ज्यादातर लोग मैच हार जाते हैं. कई लोग कहते हैं कि निवेश से ही पैसा बनाया जा सकता है, मगर दीर्घावधि निवेश को लेकर कोई ठोस आंकड़े नहीं हैं.
निवेश को लेकर भी कोई सटीक आंकड़े मौजूद नहीं हैं. बाजार में हर कोई वॉरेन बफे या उनके जैसा रुतबा रखने वाले शख्स का उदाहरण देता है.
हर किसी ने स्कूल-कॉलेज में गणित और सांख्यिती पढ़ी होगी, मगर ट्रेडिंग की पिच पर ज्यादातर लोग मैच हार जाते हैं. कई लोग कहते हैं कि निवेश से ही पैसा बनाया जा सकता है, मगर दीर्घावधि निवेश को लेकर कोई ठोस आंकड़े नहीं हैं.
इस वजह से यह सिर्फ एक अवधारणा है या पुरानी सोच है. ट्रेडिंग में समय का महत्व काफी अधिक होता है. ऐसे में यदि हम समय की अवधि बढ़ा दें, तो हार के अवसर कम हो सकते हैं. यहां सवाल जीतने का नहीं, बल्कि नहीं हारने का है.
निवेश को लेकर भी कोई सटीक आंकड़े मौजूद नहीं हैं. बाजार में हर कोई वॉरेन बफे या उनके जैसा रुतबा रखने वाले शख्स का उदाहरण देता है. यह ठीक वैसा ही है कि आप क्रिकेट के प्रतिनिधि के रूप में सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हैं. यानी यदि आपको क्रिकेट खेलना ही है, तो उनके जैसा ही खेलना होगा.
मिसाल के लिए ठीक है, मगर यह मानक नहीं हो सकता है. क्रिकेट में हर कोई सचिन और निवेश में हर कोई बफे नहीं हो सकता. इसी वजह से तो बाजार में 'नया सचिन' या 'नया बफे' आते रहते हैं. हर शख्स को अपनी अलग पहचान बनाने में काफी लंबा समय लग जाता है.
सभी सफल लोगों के पीछे एक बड़ी वजह होती है कि वे 'अनंत' तक बने रहते हैं और इसका आशय समय से नहीं है. इसका आशय समय के अंत से नहीं बल्कि 'अनंत' तरीके में निहित है.
यदि हम 'अनंत' की बात कर रहे हैं, तो हमे सीमित को भी समझना होगा. एक अकेले सौदों को हम 'सीमित' के रूप में देख सकते हैं. मसलन, आप किसी दुकान में गए, सामान खरीदा और निकल गए. बस इतना ही. आप को कुछ चीज चाहिए थी, दुकानदार को बेचनी थी और एक सौदा हो गया. खेल खत्म.
हमारे जीवन में कई चीजें इसी प्रकार सीमित होती है, मगर जिंदगी जीने, लक्ष्य निर्धारित करने और उसे हासिल करने जैसे कई महत्वपूर्ण पहलू सीमित नहीं हो सकते. ये तमाम प्रक्रिया एक अनंत खेल की तरह है.
इसी तरह बाजार भी एक अनंत खेल है, जो कई सीमित खेल (लोगों के बीच सीमित लेन-देन) का समवेश है. बाजार में मात खाने की एक मुख्य वजह यह भी है कि लोग सिर्फ जीत के एक ही फॉर्मूला यानी मुनाफे पर फोकस करते हैं.
हर बाजी को जीतने या मुनाफे का दबाव प्रयासों को सीमित कर देते हैं. जैसे ही हमें घाटा या मुनाफा होता है, हमारी सोच उसी बारे में काम करने लगती है. इसे हम अपने सफलता के हिस्से के तौर पर नहीं देखते, जो हमें अपने लक्ष्य की तरफ लेकर जाएगा. यह कभी भी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बता, बल्कि नतीजा ही बन जाता है.
यदि हम निवेश या ट्रेडिंग से घाटा और मुनाफा ही हटा दें, तो हम बाजार के हर पहलू पर नजर रखना शुरू करेंग, मसलन विश्लेषण, कारोबारी का तरीका, अनुशासन, ताकि हम अपने खेल को सीमित से असीमित स्तर तक लेकर जा सकते हैं.
वॉरेन बफे ने कहा था, "ऐसे शेयर खरीदो, जो यदि अगले 10 साल भी बाजार बंद रहें, तो आपको परेशान न करें." इस तरह उन्होंने भी बाजार के अनंत खेल में शामिल होने की सलाह दी थी. यही वैल्यू निवेश है. ट्रेडिंग में भी ऐसा हो सकता है, मगर इसकी समयावधि वैल्यू निवेश की तुलना में काफी छोटी रहती है.
समयावधि कम होने से खेल का प्रारूप छोटा नहीं हो जाता है. खेलने का तरीका वही रहता है और इससे नफा-नुकसान जुड़ा रहेगा. ट्रेडिंग में आप फंसते हैं, जब आप किसी मंझे हुए खिलाड़ी से मुकाबला करते हैं. पूरा खेल यही है कि कौन कम गलतियां करता है. पलक पहले किसकी झपकती है.
जब हम जीतते हैं, तो हम एक और दांव खलेते हैं और फिर एक और. इसी तरह घाटा बढ़ने पर हम दूरी बनाने लगता है. यह एक विरोधाभास है क्योंकि हममें से कई ऐसा ही सोचते हैं. अंतत: जीत उसी की होगी, जो कारोबरी लंबे समय तक टिक सकता है.
दुख की बात यह है कि इस खेल का कोई अंत नहीं है. जीतने और हारने वालो का स्थान बदलता रहता है. कई लोग बाहर जाते हैं, कुछ नया सीख कर हिम्मत के साथ लौटते हैं और फिर ट्रेडिंग गलतियाँ जो आपके मुनाफे को खत्म कर रही हैं जीतने और हारने का सिलसिला जारी रहता है.
इस तरह के खेल में आपको लगता है कि आप लगातार जीत रहे हैं, माहिर हो गए है, मगर जल्दी आपका वास्ता हकीकत से हो जाता है और फिर पुराने स्थान तक लुढ़क जाते हैं. हम काफी सोचते हैं, कई लोगों से बात करते हैं, मगर कोई समाधान नहीं मिलता क्योंकि हम अपनी तरह के लोगों से ही बात करके हार जाते हैं.
जाहिर है कि लोग एक-दूसरे को जानते हैं, पढ़ाई-लिखाई भी कमोबेश एक जैसी ही की होगी, तो जाहिर तौर पर आपकी सोच भी एक ही दिशा में जाएगा. अंतत: आप पाएंगे कि जिस खेल को आप अनंत समझ रहे थे, वह तो सीमित था. खेल जीतने के लए धैर्य की जरूरत होती है. खुद में बदलाव सबसे मुश्किल काम है.
जैसे ही अनंत खेल की प्रक्रिया शुरू होता है, सुधार भी तेजी से आता है. आप अलग तरीके से सोचते हैं, अलग तरह से काम करते हैं. आप समझ जाते हैं कि आप ऐसे कई लोगों के साथ खेल रहे हैं, जो सीमित दांव लगाने वाले हैं. ऐसे में आपके मुनाफा कमाने के आसार बढ़ जाते हैं.
आपका फोकस बढ़ता है. अंतत: आप नतीजे की नहीं, बल्कि तरीके की सोचते हैं. फल दिखने लगता है और फिर उसका दोहराव बढ़ जाता है. चिंताएं कम होती हैं. इसी तरह आपकों ट्रेडिंग की पिच पर सेंचुरी मारने के लिए सचिन तेंदुलकर बनने की जरूरत है. संयम रखने और खुद पर भरोसा होना सबसे अहम है.
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