• पंजीयन प्रमाणपत्र
  • दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र / लाइसेंस
  • बिक्री और आयकर रिटर्न,
  • सीएसटी/वैट/जीएसटी प्रमाणपत्र (अनंतिम/अंतिम),
  • बिक्री कर / सेवा कर / व्यावसायिक कर अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र / पंजीकरण दस्तावेज.
  • आईईसी (आयातक निर्यातक कोड) डीजीएफटी के कार्यालय द्वारा स्वामित्व वाली संस्था को जारी या क़ानून के तहत शामिल किसी भी पेशेवर निकाय द्वारा स्वामित्व वाली संस्था के नाम पर जारी लाइसेंस / प्रैक्टिस का प्रमाण पत्र.
  • एकमात्र स्वामी के नाम पर पूर्ण आयकर रिटर्न (सिर्फ पावती नहीं) जहां फर्म की आय परिलक्षित होती हो, आयकर अधिकारियों द्वारा विधिवत प्रमाणित / स्वीकृत.
  • स्वामित्व संस्था के नाम पर यूटिलिटी बिल जैसे बिजली, पानी और लैंडलाइन टेलीफोन बिल.
    यदि शाखाएं इस बात से संतुष्ट हैं कि उपरोक्त सूची से ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करना संभव नहीं है, तो उनके पास उन दस्तावेजों में से केवल क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? एक को एक्टिविटी सर्टिफिकेट के रूप में स्वीकार करने का विवेकाधिकार होगा. ऐसे मामलों में, शाखाओं को संपर्क केंद्र का सत्यापन करना होगा, ऐसी फर्म के अस्तित्व को स्थापित करने के लिए जानकारी एकत्र करके इसकी पुष्टि करनी होगी और स्वयं को संतुष्ट करना होगा कि व्यावसायिक गतिविधि को स्वामित्व वाली संस्था के पते से सत्यापित किया गया है.

क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है?

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केंद्र सरकार ने OCI कार्ड के दोबारा जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया, जानिए विस्तार से

ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है, साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीज़ा के भारत आ सकता है.

Govt simplifies process of re-issue of OCI cards in Hindi

केंद्र सरकार ने हाल ही में ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को फिर से जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का फैसला किया है. यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर लिया गया है. ओसीआई को अब बार-बार अपना दस्तावेज जारी करवाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.

अभी तक 20 साल की उम्र होने तक नया पासपोर्ट जारी कराते समय हर बार फिर से ओसीआई कार्ड जारी किया जाता था. ओसीआई कार्डधारकों को अब केवल 20 साल की उम्र होने पर अपने दस्तावेज को फिर से जारी कराने की आवश्यकता होगी.

दोबारा दस्तावेज जारी करवाने की जरूरत नहीं

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक 20 साल उम्र होने से पहले ओसीआई क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? कार्डधारक के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले व्यक्ति को 20 साल उम्र होने पर नया पासपोर्ट जारी करते समय ही कार्ड फिर से जारी होगा ताकि वयस्क होने पर चेहरे में आया बदलाव उसमें शामिल हो जाए.

महत्व

बयान में कहा गया कि प्रक्रिया को सरल करने और ओसीआई कार्ड फिर जारी कराने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर यह फैसला किया गया है. बयान के मुताबिक ओसीआई कार्ड अनिवासी भारतीयों के बीच लोकप्रिय होगा और भारतीय मूल के नागरिक या अनिवासी भारतीय सुगमता से देश आ सकेंगे और जब तक चाहे क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? रह सकेंगे.

मुख्य बिंदु

वर्तमान में, आवेदक के चेहरे में जैविक परिवर्तन को ध्‍यान में रखते हुए, ओसीआई कार्ड को 20 साल की उम्र तक प्रत्‍येक बार नया पासपोर्ट जारी होने और एक बार 50 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पर दोबारा जारी कराने की आवश्यकता होती है.

ओसीआई कार्डधारकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, अब भारत सरकार ने इस आवश्यकता को खत्‍म करने का निर्णय लिया है.

कोई भी व्‍यक्ति जो 20 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले ओसीआई कार्डधारक के रूप में पंजीकरण कराएगा, उसे ओसीआई कार्ड केवल एक बार फिर से जारी करना होगा, जब उसकी 20 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद नया पासपोर्ट जारी किया गया हो ताकि उसके वयस्‍क होने पर उसके चेहरे के नैन नक्‍श पहचाने जा सकें.

ओसीआई कार्डधारक द्वारा प्राप्त नए पासपोर्ट के बारे में डेटा को अपडेट करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि वह हर बार ऑनलाइन ओसीआई पोर्टल पर अपनी फोटो युक्त नए पासपोर्ट की एक प्रति और एक नवीनतम फोटो अपलोड करेगा.

नया पासपोर्ट 20 वर्ष की आयु तक और 50 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद जारी किया जाता है. ये दस्तावेज़ नए पासपोर्ट प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर ओसीआई कार्डधारक द्वारा अपलोड किए जा सकते हैं.

OCI कार्ड क्या है?

ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) की श्रेणी को भारत सरकार द्वारा साल 2005 में शुरू किया गया था. OCI कार्ड भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक तरह का वीज़ा है जो पूरे जीवन के लिए वैध रहता है. गृह मंत्रालय OCI को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जो 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद भारत का नागरिक था; या उस तारीख पर भारत का नागरिक बनने योग्य था.

OCI कार्ड के लाभ

ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है, साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीज़ा के भारत आ सकता है. ओसीआई कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है. OCI कार्डधारक भारत में विशेष बैंक खाते खोल सकते हैं, वे गैर-कृषि संपत्ति (आवासीय व व्यावसायिक) खरीद सकते हैं.

पृष्ठभूमि

ओसीआई कार्ड भारतीय मूल के विदेशियों और भारतीय नागरिकों या ओसीआई कार्डधारकों के विदेशी मूल के जीवन साथी के बीच बहुत लोकप्रिय साबित हुआ है, क्योंकि यह उन्हें भारत में परेशानी मुक्त प्रवेश और असीमित प्रवास में मदद करता है. भारत सरकार अब तक लगभग 37.72 लाख ओसीआई कार्ड जारी कर चुकी है.

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अन्य बैंकों हेतु चालू खाता

कोई व्यक्ति, स्वामित्व और भागीदारी फर्म, लिमिटेड कंपनी और यहां तक कि सीमित देयता भागीदारी द्वारा भी चालू खाता खोला जा सकता है. न्‍यूनतम औसतन तिमाही बकाया शेष राशि चालू खाते के लाभों में से एक है. तथापि, यह राशि आपके द्वारा वर्तमान खाते के प्रकार के आधार पर क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? अलग-अलग होती है. चालू खाते के साथ आप एक ही दिन में अधिकाधिक लेन-देन कर सकते हैं. आप चालू खाते के प्रकार के आधार पर कई बैंकिंग सेवाओं को नि:शुल्‍क एक्सेस भी कर सकते हैं. इसमें चालू खाते में ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के लिए आवेदन करना भी शामिल है.

अन्य बैंकों हेतु चालू खाता : लाभ

  • न्‍यूनतम बकाया शेष : रु. 5,000/-
  • अधिकतम बकाया शेष : कोई सीमा नहीं
  • मासिक विवरण : नि:शुल्‍क (कैलेंडर माह में एक बार)

अन्य बैंकों हेतु चालू खाता : विशेषताएं

  • नि:शुल्‍क ऑटो पेरोल, बड़ौदा कनेक्‍ट (इंटरनेट बैंकिंग), मिस्‍ड कॉल सुविधा, 24X7 वेब चैट. एसएमएस अलर्ट सुविधा
  • पीओएस/क्यूआर कोड सुविधा उपलब्ध – यह नाममात्र शुल्‍क के भुगतान पर उपलब्‍ध है .
    खाते में औसत बकाया शेषराशि रु.1 लाख व इससे अधिक होने पर मासिक शुल्‍क में छूट दी जा सकती है जो कि लागत लाभ विश्लेषण के अधीन होगा.
  • बड़ौदा नकदी प्रबंधन सेवा (बीसीएमएस) की सुविधा उपलब्ध.
  • इंटरनेट पेमेंट गेटवे (आईपीजी) सुविधा उपलब्ध.
    • बाहरी चेकों का तत्काल जमा : रु. 20,000/- तक (6 माह के संतोषजनक लेन देन वाले खाते के लिए).

    अन्य बैंकों हेतु चालू खाता : पात्रता

    • पात्रता - कोई भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 में अनुसूचित हों.

    अन्य बैंकों हेतु चालू खाता : आवश्यक दस्तावेज़

    • पासपोर्ट
    • फोटो सहित ड्राइविंग लाइसेंस
    • आधार नंबर होने का प्रमाण
    • भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र,
    • राज्य क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? सरकार के अधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित नरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड.
    • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम और पता का विवरण हो.
    • किसी भी सेवा प्रदाता का उपयोगिता बिल अर्थात बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप गैस, पानी का बिल (दो महीने से अधिक पुराना नहीं)
    • संपत्ति या नगरपालिका कर रसीद;
    • सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी पेंशन या परिवार पेंशन भुगतान आदेश (PPOs) यदि इसमें पता दर्शाया गया हो;
    • राज्य या केंद्र सरकार के विभागों, वैधानिक या नियामक निकायों, और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा जारी आवास का आबंटन पत्र. इसी प्रकार आधिकारिक आवास आवंटित करने वाले ऐसे नियोक्ताओं के साथ लीव व लाइसेंस एग्रीमेंट;
    • पासपोर्ट की कॉपी और वीजा की कॉपी.
    • कॉलेज / संस्थान द्वारा जारी पहचान पत्र.
    • पाठ्यक्रम के लिए कोई प्रवेश पत्र जिसमें उस पाठ्यक्रम की अवधि का उल्लेख हो जिसके लिए उसे संस्थान/कॉलेज द्वारा प्रवेश दिया गया है.
    • छात्रावास के आबंटन के लिए संस्था/महाविद्यालय के क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? लेटर हेड पर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित आबंटन पत्र , जिसमें विस्तृत पता और छात्रावास का स्थान, कमरा नं. आदि और छात्रावास आवास आदि के आबंटन की तिथि या खाता खोलने के 30 दिनों के भीतर किराए के एग्रीमेंट के रूप में स्थानीय पता दर्शाने वाला वैध पते का प्रमाण पत्र क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? हो.
    • पासपोर्ट
    • मान्य वीज़ा
    • पैन/फॉर्म60
    • पासपोर्ट
    • पीआईओ कार्ड/ओसीआई कार्ड
    • पैन/फॉर्म60
    • भारत में विदेशी दूतावासों या मिशन द्वारा जारी पत्र जिसमें आवेदक का नाम और पता हो
    • किसी भी सेवा प्रदाता का उपयोगिता बिल अर्थात बिजली, टेलीफोन, पोस्टपेड मोबाइल फोन, पाइप गैस, पानी का बिल (दो महीने से अधिक पुराना नहीं)
    • संपत्ति/नगरपालिका कर रसीद
    • राज्य या केंद्र सरकार नियामक नियामक निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, वित्तीय संस्था एवं सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा जारी आवास आबंटन पत्र/आधिकारिक आवास के आबंटन संबंधी लीव एवं लाइसेंस एग्रीमेंट.
    • पासपोर्ट
    • वैध विदेशी पासपोर्ट
    • वैध भारतीय वीजा
    • विदेशी ड्राइविंग लाइसेंस
    • विदेशी क्षेत्राधिकार के सरकारी विभाग द्वारा जारी राष्ट्रीय पहचान पत्र, ग्रीन कार्ड और सामाजिक सुरक्षा कार्ड आदि जिसमें विदेशी नागरिक का नाम और पता हो.
    • भारत में विदेशी दूतावासों या मिशन द्वारा जारी पत्र जिसमें आवेदक का नाम और पता हो

    (एफआरआरओ/एफआरओ प्रमाणपत्र/परमिट/भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस/ओवीडी/उपरोक्त उल्लिखित कोई भी डीम्ड ओवीडी, भारतीय क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? पते के प्रमाण के लिए प्रदान किया जाना आवश्यक है।)

    • निगमन प्रमाणपत्र
    • ज्ञापन एवं आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन.
    • कंपनी का पैन नंबर
    • निदेशक मंडल का प्रस्ताव और उसके प्रबंधकों, अधिकारियों या कर्मचारियों को उसकी ओर से लेनदेन करने के लिए दिया गया मुख्तारनामा; तथा
    • प्रबंधकों, अधिकारियों या कर्मचारियों के ओवीडी और पैन/फॉर्म 60 में से कोई एक, जो भी मामला हो, अपने फोटोग्राफ सहित अटॉर्नी द्वारा लेनदेन के लिए .

    (निम्नलिखित में से कोई दो दस्तावेज प्राप्त किए जाने हैं)

    • पंजीयन प्रमाणपत्र
    • दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत नगर निगम के अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र / लाइसेंस
    • बिक्री और आयकर रिटर्न,
    • सीएसटी/वैट/जीएसटी प्रमाणपत्र (अनंतिम/अंतिम),
    • बिक्री कर / सेवा कर / व्यावसायिक कर अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र / पंजीकरण दस्तावेज.
    • आईईसी (आयातक निर्यातक कोड) डीजीएफटी के कार्यालय द्वारा स्वामित्व वाली संस्था को जारी या क़ानून के तहत शामिल किसी भी पेशेवर निकाय द्वारा स्वामित्व वाली संस्था के नाम पर जारी लाइसेंस / प्रैक्टिस का प्रमाण पत्र.
    • एकमात्र स्वामी के नाम पर पूर्ण आयकर रिटर्न (सिर्फ पावती नहीं) जहां फर्म की आय परिलक्षित होती हो, आयकर अधिकारियों द्वारा विधिवत प्रमाणित / स्वीकृत.
    • स्वामित्व संस्था के नाम पर यूटिलिटी बिल जैसे बिजली, पानी और लैंडलाइन टेलीफोन बिल.
      यदि शाखाएं इस बात से संतुष्ट हैं कि उपरोक्त सूची से ऐसे दो दस्तावेज प्रस्तुत करना संभव नहीं है, तो उनके पास उन दस्तावेजों में से केवल एक को एक्टिविटी सर्टिफिकेट के रूप में स्वीकार करने का विवेकाधिकार होगा. ऐसे मामलों में, शाखाओं को संपर्क केंद्र का सत्यापन करना होगा, ऐसी फर्म के अस्तित्व को स्थापित करने के लिए जानकारी एकत्र करके इसकी पुष्टि करनी होगी और स्वयं को संतुष्ट करना होगा कि व्यावसायिक गतिविधि को स्वामित्व वाली संस्था के पते से सत्यापित किया गया है.

    अपने बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए अब जरूरी हैं Aadhaar, जानें ऐसे 5 सवालों के जवाब

    50,000 रुपये या उससे अधिक की सभी ट्रांजैक्‍शन (लेन-देन) में आधार की आवश्‍यकता होती है. आइए जानें ऐसे ही 5 सवालों के जवाब.

    50,000 रुपये या उससे अधिक की सभी ट्रांजैक्‍शन (लेन-देन) में आधार की आवश्‍यकता होती है. आइए जानें ऐसे ही 5 सवालों के जवाब.

    50,000 रुपये या उससे अधिक की सभी ट्रांजैक्‍शन (लेन-देन) में आधार की आवश्‍यकता होती है. आइए जानें ऐसे ही 5 सवालों के जवा . अधिक पढ़ें

    • News18Hindi
    • Last Updated : August 05, 2018, 07:21 IST

    बैंक खाते को आधार (Aadhaar) के साथ जोड़ना अब अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि 50,000 रुपये या उससे अधिक के सभी ट्रांजैक्‍शन (लेन-देन) में आधार की आवश्‍यकता होती है. कुछ इसी तरह के सवाल अक्सर आधार की वेबसाइट UIDAI पर पूछे जाते हैं. आइए जानते हैं कौन से 5 सवाल अक्सर लोग पूछते हैं.

    आधार को लेकर हमेशा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब


    (1) सवाल- क्या बैंक अकाउंट से 50,000 रुपये या उससे अधिक निकालने के लिए आधार जमा कराने की आवश्यकता है?

    जवाब- 1 जून, 2017 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, 50,000 रुपये या उससे अधिक के सभी ट्रांजैक्‍शन में आधार की आवश्‍यकता होगी. (ये भी पढ़ें-चेहरा पहचानकर काम करेगा आपका Aadhaar कार्ड, ये होंगे इसके फायदे)

    (2) सवाल- मैं अपना आधार छोड़ना चाहता हूं. कैसे और क्या किया जाना चाहिए?
    जवाब- मौजूदा स्थिति में आधार छोड़ने की कोई नीति नहीं है. आधार क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? धारक आवश्यकतानुसार अपना बायोमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन सुरक्षित कर सकता है यूआईडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट “resident.uidai.gov.in” पर “लॉक /अनलॉक बायोमेट्रिक्स” फंक्शनेलिटी के उपयोग से बायोमेट्रिक्स को लॉक अथवा अनलॉक करने पर.

    (3) सवाल- क्या भारत में पैन (PAN) के लिए आवेदन करने या टैक्स रिटर्न के लिए फाइल करने के लिए आधार नामांकन कराना अनिवार्य है? यदि हां, तो एनआरआई के लिए क्या प्रक्रिया है?

    जवाब- आयकर अधिनियम,1961 के अनुच्छेद 139 एए ,जो कि फाइनेंस एक्ट, 2017 द्वारा पुनःस्थापित किया गया है, के अंतर्गत आयकर दाखिल करने और परमानेंट अकाउंट नंबर के आवंटन के लिए आवेदन करते समय आधार /आधार आवेदन पत्र की नामांकन आईडी का हवाला देना अनिवार्य हो गया है जो कि 1 जुलाई 2017 से लागू है. यह स्पष्ट किया जाता है कि आधार अथवा नामांकन आईडी का हवाला देने की अनिवार्यता केवल उसी व्यक्ति पर लागू होती है जो आधार संख्या पाने का पात्र है. (ये भी पढ़ें-आधार कार्ड खो जाए तो करें ये काम, इस तरह आसानी से बन जाएगा यह)

    (4) क्या NRI भी आधार क्या OCI का भारत में बैंक खाता हो सकता है? प्राप्त कर सकते हैं?
    जवाब- आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी,लाभ और सेवाओं के लिए) अधिनियम, 2016 के अनुसार सिर्फ भारत का निवासी व्यक्ति ही आधार प्राप्त कर सकता है, जिसने भारत में 12 महीनों या फिर एक सौ बयासी दिन या अधिक हो तो वह रजिस्ट्रेशन करा सकता है.

    (5) सवाल- NRI/OCI कार्ड धारक है और उसका बैंक खाता भारत में है जबकि उसके पास आधार नहीं है. उसके बैंक खाते का क्या होगा?

    जवाब-NRI को सलाह दी जाती है की वह अपने बैंक को यहां का निवासी न होने की जानकारी प्रमाण के साथ दे. खाते के चालू अवस्था में न होने पर केवल संबंधित बैंक ही उत्‍तर दे सकेंगे.

    नोट: ये सभी सवाल आधार की वेबसाइट UIDAI की एफएक्यू से लिए गए हैं.

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