चार दिन की गिरावट के बाद बाजार में आई रौनक, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से अधिक चढ़ा

मुंबई/भाषा। मजबूत वैश्विक रुझान के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़े शेयर में तेजी के चलते प्रमुख शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार के दौरान बढ़त देखी गई। इससे पहले चार दिन तक शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी।

इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 601.11 अंक बढ़कर 53,142.50 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर व्यापक एनएसई निफ्टी 171 अंक चढ़कर 15,863.15 पर पहुंच गया।

सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, एचडीएफसी और भारतीय स्टेट बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर पॉवर ग्रिड, भारती एयरटेल और नेस्ले में गिरावट हुई।

अन्य एशियाई बाजारों में तोक्यो, सियोल और शंघाई के बाजार हरे रंग में थे। हांगकांग के बाजार मामूली नुकसान में कारोबार कर रहे थे।

इससे पहले बुधवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 152.18 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,541.39 अंक पर बंद हुआ था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 39.95 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 15,692.15 अंक पर बंद हुआ था।

इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.68 फीसदी की बढ़त के साथ 119.32 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 3,531.15 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज

महिलाएं राशन की आपूर्ति लिए मिनी ट्रक की ओर देखती हुई।

राहत एवं भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज रिस्पांस पहुंचाने के लिए घूमता चक्र

A family sit in their house surrounded by water during floods in Assam.

कोविड - 19 पर यूनिसेफ की स्थिति रिपोर्ट नंबर 4

 मास्क पहनी हुई एक बच्ची अपने हाथों में अखबार के साथ।

कोविड-19 के रेस्पोन्स के लिए थर्मल स्कैनर

Tahera Yusuf, an Aanganwadi worker conducts a session on Early Childhood Education (ECE) while children react during an activity at the Aanganwadi centre in Arizal, Jammu & Kashmir.

निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी

भारत में यूनिसेफ बच्चों के हित में अपेक्षित परिणामों के लिए निजी क्षेत्र के सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता है |

Employee work inside top labeling machine, vail vaccine monitor and packaging department at Serum Institute of India Pvt. Ltd. in Pune, INDIA.

संस्थान एवं संगठन

यूनिसेफ बच्चों के अधिकारों की हिमायत के लिए वैश्विक संस्थानों और संगठनों के साथ सामूहिक रूप से कार्य करती है |

The Asian Games medallist is UNICEF India’s first ever youth ambassador as part of #WorldChildrensDay celebration at UNICEF with Laura Siegrist Fouché on India Children's Day.

हिमा दास

भारत के २५ करोड़ से अधिक किशोर - किशोरियों को प्रेरित करने एवं उनका बच्चों और युवाओं के मुद्दों पर समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से

Popular Bollywood actor and UNICEF Goodwill Advocate, Kareena Kapoor, congratulated a group of adolescent girls for their work in promoting improved menstrual hygiene in Uttar Pradesh.

करीना कपूर

करीना कपूर बॉलीवुड की मुख्य अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्हें अलग-अलग फिल्म शैलियों में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाने के लिए जाना जाता है।

UNICEF goodwill Ambassador, Priyanks chopra engages with adolescent girls, of Kamla Nehru School, and five girls (Bharia tribal) from Patalkot in Chhindwara district to highlight the importance of anemia prevention in Bhopal, Madhya Pradesh.

प्रियंका चोपड़ा

यूनिसेफ गुडविल एम्बैस्डर (सद्भावना राजदूत) प्रियंका चोपड़ा, भारत की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिनके प्रशंसक विश्व भर में मौजूद हैं।

UNICEF Ambassador for South Asia, Sachin Tendulkar in Mumbai during filming for the Commonwealth Games opening ceremony.

सचिन तेंदुलकर

“क्रिकेट के भगवान” या “मास्टर ब्लास्टर” कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट में विश्व के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है।

Ms. Madhuri Dixit, UNICEF Celebrity Advocate lighting the lamp on the occasion of launch of MAA programme to promote breastfeeding.

माधुरी दीक्षित

To mark India's landmark achievement of being certified polio-free, UNICEF celebrated with megastar Amitabh Bachchan who as the UNICEF Goodwill Ambassador for Polio, has played a critical role in mobilizing mass support for India's polio immunization campaign.

अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन भारत के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेता हैं, उन्होंने पहली बार 1970 के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर शोहरत हासिल की और अब 190 से अधिक फिल्मों में अभिनय करक

फाल्गुनी नायर : अपने बलबूते बनी भारतीय उद्योग जगत की ‘‘नायका’’

फाल्गुनी नायर का नाम इन दिनों चर्चा में है। उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है ।

फाल्गुनी नायर का नाम इन दिनों चर्चा में है। उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है और उन्होंने अपने बलबूते देश की सबसे रईस महिलाओं में शुमार होकर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की किसी उपलब्धि पर पुरूषों के साथ उनकी तुलना या उन्हें पुरूषों के बराबर आंकना अब बेमानी है क्योंकि महिलाएं पुरूषों से कमतर तो कभी थी ही नहीं।

देश के ज्यादातर बड़े कारोबारी घरानों की बात की जाए तो उनके बनने और शीर्ष पर पहुंचने में दो से तीन पीढ़ियों का वक्त लगा, लेकिन अगर कोई दस बरस में बाप-दादा भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज से मिली विरासत के बिना अपने बलबूते खुद को देश और दुनिया के सबसे रईस लोगों में शुमार कर ले तो यह कहा जा सकता है कि ऊपरवाले ने उन्हें उनकी मेहनत का फल छप्पर फाड़ कर नहीं बल्कि आसमान फाड़ कर दिया है।

फाल्गुनी की सफलता की यह कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है। उन्होंने खुद से यह वादा किया था कि 50 साल की उम्र में वह अपना खुद का व्यापार शुरू करेंगी और 2012 में उन्होंने नायका की स्थापना करके इस वादे को निभाया। हालांकि उस वक्त उन्हें तो क्या दुनिया में किसी को यह एहसास नहीं था कि एक दिन उसी व्यापार की वजह से वह उद्योग जगत की मलिका बन जाएंगी। ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की सूची में फाल्गुनी से पहले सिर्फ छह भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया था। 58 वर्ष की फाल्गुनी नायका के लगभग आधे शेयर्स पर मालिकाना हक रखती हैं और स्टॉक एक्सजेंज में लिस्टिंग के साथ उनके शेयर्स में आए जबर्दस्त उछाल के बाद उनकी नेटवर्थ 6.5 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। एक समय सिर्फ महिलाओं में पहचाना जाने वाला यह नाम आज दुनियाभर में गूंज रहा है। देशभर में उनकी कंपनी के 70 स्टोर और 1500 से अधिक ब्रांड हैं।

फाल्गुनी का जन्म 19 फरवरी 1963 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ। उन्होंने मुंबई में स्नातक स्तर की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान से उच्च शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1985 में नायर ने प्रबंधन परामर्श कंपनी ए एफ फर्गुसन एंड कंपनी में काम करना शुरू किया और 1993 में कोटक महिन्द्र ग्रुप के साथ जुड़ गईं। इस दौरान उन्होंने कामयाबी के नये आयाम स्थापित किए और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक तथा कोटक सिक्योरिटीज में निदेशक के पद पर रहीं।

50 की उम्र तक पहुंचते पहुंचते अमूमन लोग रिटायरमेंट और उसके बाद के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन फाल्गुनी ने इस उम्र में एक बहुत बड़ा दांव खेला और अपनी बेहतरीन नौकरी छोड़कर ‘‘नायका’’ की शुरुआत की। दरअसल उस समय देश में महिलाओं के लिए विशिष्ट सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी न होने के कारण ‘‘नायका’’ को देश की महिलाओं ने हाथों हाथ लिया। उसके बाद की कहानी तो अब हर किसी की जुबान पर है। नायका संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है अपने प्रमुख किरदार को निभाने वाली अभिनेत्री और इसमें दो राय नहीं हैं कि फाल्गुनी ने भारतीय बाजार में प्रवेश करके निवेशकों को जिस तरह से मालामाल कर दिया है, वह सही मायने में ‘दलाल स्ट्रीट’ की ‘‘नायका’’ हैं।

स्टॉक एक्सचेंज, एमआईआई को अनुपालन चूक की सूचना सेबी को देनी होगी

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंजों एवं अन्य बाजार ढांचागत संस्थानों (एमआईआई) से प्रणाली एवं नेटवर्क के ऑडिट में सामने आए कुछ बड़े गैर-अनुपालन के बारे में जानकारी देने को कहा है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को एक परिपत्र में यह निर्देश देते हुए कहा कि प्रणाली एवं नेटवर्क ऑडिट की रिपोर्ट संबंधित एमआईआई के संचालन बोर्ड के समक्ष रखी जाएगी। निदेशक मंडल की टिप्पणियों के साथ उस रिपोर्ट की जानकारी सेबी को एक महीने के भीतर देनी होगी।

सेबी ने यह कदम अपनी तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) से मिले सुझावों और एमआईआई के साथ परामर्श के बाद उठाया है।

प्रतिभूति बाजार में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास और उसकी वजह से बाजार की विश्वसनीयता एवं सक्षमता को लेकर पैदा हो रहे जोखिमों को देखते हुए सेबी ने जनवरी, 2020 में सालाना प्रणालीगत ऑडिट अनिवार्य कर दिया था। सभी स्टॉक एक्सचेंजों, भुगतान निगमों एवं डिपॉजिटरी को किसी प्रतिष्ठित स्वतंत्र ऑ़डिटर से यह परीक्षण कराना होता है।

नए दिशानिर्देशों के तहत एमआईआई को सेबी की तरफ से निर्धारित प्रारूप एवं शर्तों के अनुरूप प्रणाली एवं नेटवर्क का ऑडिट कराने की जरूरत है। इस दौरान किसी खास नियम का अनुपालन नहीं पाए जाने पर उसकी जानकारी सेबी को देनी होगी।

फाल्गुनी नायर : अपने बलबूते बनी भारतीय उद्योग जगत की ‘‘नायका’’

फाल्गुनी नायर का नाम इन दिनों चर्चा में है। उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है ।

फाल्गुनी नायर का नाम इन दिनों चर्चा में है। उनकी कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है और उन्होंने अपने बलबूते देश की सबसे रईस महिलाओं में शुमार होकर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की किसी उपलब्धि पर पुरूषों के साथ उनकी तुलना या उन्हें पुरूषों के बराबर आंकना अब बेमानी है क्योंकि महिलाएं पुरूषों से कमतर तो कभी थी ही नहीं।

देश के ज्यादातर बड़े कारोबारी घरानों की बात की जाए तो उनके बनने और शीर्ष पर पहुंचने में दो से तीन पीढ़ियों का वक्त लगा, लेकिन अगर कोई दस बरस में बाप-दादा से मिली विरासत के बिना अपने बलबूते खुद को देश और दुनिया के सबसे रईस लोगों में शुमार कर ले तो यह कहा जा सकता है कि ऊपरवाले ने उन्हें उनकी मेहनत का फल छप्पर फाड़ कर नहीं बल्कि आसमान फाड़ कर दिया है।

फाल्गुनी की सफलता की यह कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है। उन्होंने खुद से यह वादा किया था कि 50 साल की उम्र में वह अपना खुद का व्यापार शुरू करेंगी और 2012 में उन्होंने नायका की स्थापना करके इस वादे को निभाया। हालांकि उस वक्त उन्हें तो क्या दुनिया में किसी को यह एहसास नहीं था कि एक दिन उसी व्यापार की वजह से वह उद्योग जगत की मलिका बन जाएंगी। ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की सूची में फाल्गुनी से पहले सिर्फ छह भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया था। 58 वर्ष की फाल्गुनी नायका के लगभग आधे शेयर्स पर मालिकाना हक रखती हैं और स्टॉक एक्सजेंज में लिस्टिंग के साथ उनके शेयर्स में आए जबर्दस्त उछाल के बाद उनकी नेटवर्थ 6.5 अरब डॉलर भारत के प्रतिष्ठित स्टॉक एक्सचेंज पर पहुंच गई है। एक समय सिर्फ महिलाओं में पहचाना जाने वाला यह नाम आज दुनियाभर में गूंज रहा है। देशभर में उनकी कंपनी के 70 स्टोर और 1500 से अधिक ब्रांड हैं।

फाल्गुनी का जन्म 19 फरवरी 1963 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ। उन्होंने मुंबई में स्नातक स्तर की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान से उच्च शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1985 में नायर ने प्रबंधन परामर्श कंपनी ए एफ फर्गुसन एंड कंपनी में काम करना शुरू किया और 1993 में कोटक महिन्द्र ग्रुप के साथ जुड़ गईं। इस दौरान उन्होंने कामयाबी के नये आयाम स्थापित किए और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक तथा कोटक सिक्योरिटीज में निदेशक के पद पर रहीं।

50 की उम्र तक पहुंचते पहुंचते अमूमन लोग रिटायरमेंट और उसके बाद के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन फाल्गुनी ने इस उम्र में एक बहुत बड़ा दांव खेला और अपनी बेहतरीन नौकरी छोड़कर ‘‘नायका’’ की शुरुआत की। दरअसल उस समय देश में महिलाओं के लिए विशिष्ट सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी न होने के कारण ‘‘नायका’’ को देश की महिलाओं ने हाथों हाथ लिया। उसके बाद की कहानी तो अब हर किसी की जुबान पर है। नायका संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है अपने प्रमुख किरदार को निभाने वाली अभिनेत्री और इसमें दो राय नहीं हैं कि फाल्गुनी ने भारतीय बाजार में प्रवेश करके निवेशकों को जिस तरह से मालामाल कर दिया है, वह सही मायने में ‘दलाल स्ट्रीट’ की ‘‘नायका’’ हैं।

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