आकर्षक डिविडेंड वाले इस Value Pick शेयर में करें निवेश, मिलेगा बेहतरीन रिटर्न. इन 3 वजहों से अनिल सिंघवी को भी पसंद है ये कंपनी#ZeeMaalamaalWeekly @AnilSinghvi_ @AshishZBiz pic.twitter.com/j3e26lWlRd — Zee Business (@ZeeBusiness) January 13, 2020
100 रुपए से भी कम कीमत वाले इस शेयर में करें निवेश, मिलेगा बेहतरीन रिटर्न
मार्केट एक्सपर्ट एलारा कैपिटल पीटीसी इंडिया के स्टॉक को पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दे रहा है. इस समय यह स्टॉक 65 रुपये के आसपास चल रहा है.
इस समय PTC INDIA का स्टॉक 65 रुपये के आसपास चल रहा है. 84 रुपये का टारगेट लेकर इस स्टॉक की खरीदारी की जा सकती है.
पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (पीटीसी इंडिया) एक सरकारी कंपनी है और यह पावर सेक्टर में डील करती है. इस कंपनी का स्टॉक इस समय 10 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है. 6 जनवरी को यह स्टॉक 55 रुपये के आसपास था. मार्केट एक्सपर्ट मानते हैं कि इसमें आगे भी तेजी रहेगी.
यह बहुत ही शानदार स्टॉक है, क्योंकि अगर आपकी इन्वेस्टमेंट वेल्यू और कैश वेल्यू को मिलाकर आकलन करेंगे तो करीब 1882 करोड़ रुपये इस कंपनी की कुल वेल्यू है. पीटीसी इंडिया की मार्केट कैपिटल करीब 17,500 करोड़ रुपये की है.
बजट की घोषणाओं का होगा फायदा
चर्चा है कि कंपनी नॉन कोर कारोबार को बेचकर 2000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान कर रही है. आने वाले बजट में पॉवर से संबंधित कुछ घोषणाएं हो सकती हैं, जिनका पीटीसी इंडिया को सीधा फायदा मिलेगा.
बैंक का सेविंग्स रेट 6 फीसदी का होता है, जबकि PTC India का डिविडेंड यील्ड 7 फीसदी से ज्यादा का है और वह भी टैक्स फ्री. पावर ट्रेडिंग वॉल्यूम का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा पीटीसी इंडिया के पास है.
आकर्षक डिविडेंड वाले इस Value Pick शेयर में करें निवेश, मिलेगा डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें बेहतरीन रिटर्न. इन 3 वजहों से अनिल सिंघवी को भी पसंद है ये कंपनी#ZeeMaalamaalWeekly @AnilSinghvi_ @AshishZBiz pic.twitter.com/j3e26lWlRd
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कंपनी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) 1 साल के भीतर 29.5 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है. पीटीसी इंडिया ने भूटान के साथ अगले 35 साल के लिए बिजली खरीदने का करार किया है.
शानदार है मुनाफे का ट्रेंड
मुनाफे के ट्रेंड की बात करें तो इस वित्तीय वर्ष ने कंपनी ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है. साल 2019 तीसरी तिमाही में कंपनी ने 51 करोड़ का मुनाफा कमाया था, 2020 की पहली तिमाही में यह बढ़कर 63 करोड़ का हो डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें गया और इस साल की दूसरी तिमाही में यह उछलकर 135 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा.
खरीदारी की सलाह
मार्केट एक्सपर्ट एलारा कैपिटल पीटीसी इंडिया के स्टॉक डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें को पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दे रहा है. इस समय यह स्टॉक 65 रुपये के आसपास चल रहा है. 84 रुपये का टारगेट लेकर इस स्टॉक की खरीदारी की जा सकती है.
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एक अन्य एक्सपर्ट कहते हैं कि 76 रुपये का टारगेट लेकर 62 रुपये के आसपास इसकी खरीदारी करके चलनी चाहिए.
अनिस सिंघवी
- पीटीसी इंडिया एक सरकारी कंपनी है. इसलिए इस पर ज्यादा भरोसा किया जा सकता है.
- जिस कारोबार में यह कंपनी है, वह कारोबार कभी खत्म होने वाला नहीं है.
- कंपनी का 1700 करोड़ का मार्केट कैप है, 270 करोड़ रुपये कंपनी की बैलेंस शीट में नकद हैं.
- सहायक कंपनी पीटीसी इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज का मार्केट कैप 400 करोड़ रुपये का है.
- एक और सहायक कंपनी पीटीसी एनर्जी का मार्केट कैप 1500 करोड़ रुपये का है.
- मंदी के दौर में प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले सरकारी कंपनी में निवेश सुरक्षित रहता है.
Dividend Yield क्या है?
डिविडेंड यील्ड या डिविडेंड-प्राइस रेशियो एक शेयर का डिविडेंड प्रति शेयर होता है, जिसे कीमत प्रति शेयर से विभाजित किया जाता है। यह कंपनी का कुल वार्षिक लाभांश भुगतान भी उसके बाजार पूंजीकरण से विभाजित है, यह मानते हुए कि शेयरों की संख्या स्थिर है। इसे अक्सर प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
डिविडेंड डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें यील्ड क्या है? [What is Dividend Yield?In Hindi]
Dividend Yield, प्रतिशत के रूप में व्यक्त, एक वित्तीय अनुपात (लाभांश/मूल्य) है जो दर्शाता है कि कंपनी अपने स्टॉक मूल्य के सापेक्ष प्रत्येक वर्ष लाभांश में कितना भुगतान करती है।
'लाभांश यील्ड' की परिभाषा [Definition of "Dividend Yield"] [In Hindi]
डिविडेंड यील्ड वित्तीय अनुपात है जो प्रति शेयर बाजार मूल्य के सापेक्ष शेयरधारकों को भुगतान किए गए नकद लाभांश की मात्रा को मापता है। इसकी गणना प्रति शेयर लाभांश को बाजार मूल्य प्रति डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें शेयर से विभाजित करके और परिणाम को 100 से गुणा करके की जाती है। उच्च लाभांश उपज वाली कंपनी लाभांश के रूप में अपने मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा देती है। किसी कंपनी की लाभांश उपज की तुलना हमेशा उस उद्योग के औसत से की जाती है जिससे कंपनी संबंधित है।
उद्योगों में लाभांश प्रतिफल अनुपात [Dividend Return Ratio across Industries] [In Hindi]
Dividend yield ratio की तुलना केवल उसी उद्योग में काम करने वाली कंपनियों के लिए की जानी चाहिए - उद्योगों के बीच औसत उपज काफी भिन्न होती है। कई उद्योगों के लिए औसत लाभांश उपज इस प्रकार है:
- Basic materials industry: 4.92%
- Financial services industry: 4.17%
- Healthcare industry: 2.28%
- Industrial industry: 1.76%
- Services industry: 2.37%
- Technology industry: 3.2%
- Utility industry: 3.96%
क्या उच्च लाभांश प्रतिफल अच्छा है? [Is High Dividend Return Good?] [In Hindi]
Yield-oriented investors आमतौर पर उन कंपनियों की तलाश करेंगे जो उच्च लाभांश प्रतिफल की पेशकश करती हैं, लेकिन उच्च उपज के लिए परिस्थितियों को समझने के लिए गहराई से खुदाई करना महत्वपूर्ण है। निवेशकों द्वारा लिया गया एक दृष्टिकोण उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना है जिनके पास अपने लाभांश को बनाए रखने या बढ़ाने का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है, साथ ही यह भी सत्यापित करता है कि उन कंपनियों के पास भविष्य में अच्छी तरह से लाभांश का भुगतान जारी रखने के लिए अंतर्निहित वित्तीय ताकत है। ऐसा करने के लिए, निवेशक अन्य मेट्रिक्स जैसे वर्तमान अनुपात और लाभांश भुगतान अनुपात का उल्लेख कर सकते हैं। Derivative क्या हैं?
लाभांश प्रतिफल क्यों महत्वपूर्ण है? [Why is dividend yield important?] [In Hindi]
कुछ निवेशक, जैसे सेवानिवृत्त, अपनी आय के लिए लाभांश पर बहुत अधिक निर्भर हैं। इन निवेशकों के लिए, उनके पोर्टफोलियो की डिविडेंड यील्ड उनके व्यक्तिगत वित्त पर एक सार्थक प्रभाव डाल सकती है, जिससे इन निवेशकों के लिए लंबे ट्रैक रिकॉर्ड और स्पष्ट वित्तीय ताकत के साथ लाभांश भुगतान करने वाली कंपनियों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। अन्य निवेशकों के लिए, लाभांश उपज कम महत्वपूर्ण हो सकती है, जैसे कि युवा निवेशकों के लिए जो विकास कंपनियों में अधिक रुचि रखते हैं जो डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें अपनी कमाई को बरकरार रख सकते हैं और उनका उपयोग अपनी वृद्धि को वित्तपोषित करने के लिए कर सकते हैं।
शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है | Dividend dene wale share list 2022
दोस्तो पैसा investing के सबसे popular platform में से एक शेयर मार्केट, जहां पर आप पैसा invest करके काफी अच्छा profits कमा सकते हो बशर्ते आपके पास शेयर मार्केट का अच्छा अनुभव और नॉलेज होना चाहिए। शेयर मार्केट money investing का ऐसा platform है जहाँ आपको कोई भी शारीरिक मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है बस आपको दिमाग का उपयोग करना होता है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि शेयर मार्केट से हमे पैसा कैसे मिलता है और शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है (share market me dividend kya hota hai) और Dividend dene wale share list 2022 .
शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है (what is dividend in share market in hindi )
दोस्तो शेयर मार्केट से हमे पैसे कैसे मिलते हैं इसके मुख्य दो तरीके है पहला है जब शेयर price बढ़ता है और दूसरा है डिविडेंड जो कंपनियां देती है इन दोनों तरीकों से हमे इनकम होती है।
दोस्तो पहला जो तरीका है इन दोनों तरीकों में से मुख्य तरीका है शेयर मार्केट से पैसे कमाने का, इसमें होता क्या है –
तो दोस्तों इसका डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें simple फंडा है इसमें जब किसी कंपनी का शेयर प्राइस कम होता है तब आप उसे खरीदते हो और जब प्राइस बड़ जाता है तब आप उसे डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें बीच देते हो ये जो buying prices(जिस मूल्य पर शेयर खरीदा जाता है) और selling prices ( जिस मूल्य पर शेयर बेचा जाता है) के बीच का जो मार्जिन होता है वो आपका income होता है।
दूसरा जो तरीका है वो है डिविडेंड , dividend का हिन्दी मे अर्थ होता है लाभांश , लाभ + अंश या लाभ का हिस्सा।
तो शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता है ,डिविडेंड का क्या मतलब होता है –
Dividend (लाभांश) कंपनी द्वारा कमाए गये लाभ(profit) के कुछ हिस्से को अपने शेयर होल्डर को वितरित करना डिविडेंड कहलाता है।
example – माना x कोई company है उसको 10 करोड़ profits होता है तो वह 10 करोड़ में से कुछ हिस्सा,माना 5 करोड़ अपने शेयर होल्डर को dividend के रूप मे देना का decide करती है ताकि कंपनी के जो shareholders हैं जिन्होने कंपनी पर अपना पैसा लगाया है उनका company पर विश्वास, भरोसा बना रहे।
डिविडेंड पॉलिसी क्या है (what is dividend policy in hindi )
किसी कंपनी की डिविडेंड पॉलिसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को दिए गए डिविडेंड की राशि और उस आवृत्ति को निर्धारित करती है जिसके साथ डिविडेंड का भुगतान किया जाता है। जब कोई कंपनी लाभ कमाती है, तो उन्हें यह निर्णय लेने की आवश्यकता होती है कि इसके साथ क्या करना है। वे या तो कंपनी में मुनाफे को बरकरार रख सकते हैं (बैलेंस शीट पर कमाई बरकरार रख सकते हैं), या वे डिविडेंड के रूप में शेयरधारकों को पैसा वितरित कर सकते हैं।
किसी कंपनी द्वारा उपयोग की जाने वाली डिविडेंड पॉलिसी कंपनी के मूल्य को प्रभावित कर सकती है। चुनी गई डिविडेंड पॉलिसी को कंपनी के लक्ष्यों के साथ संरेखित करना चाहिए। जबकि शेयरधारक कंपनी के मालिक हैं, यह निदेशक मंडल है जो यह तय करता है कि लाभ वितरित किया जाएगा या नहीं।
निदेशकों को यह निर्णय लेते समय कई कारकों को ध्यान में रखना होगा, जैसे कि कंपनी की विकास संभावनाएं और भविष्य की परियोजनाएं। डिविडेंड पॉलिसी अलग -अलग प्रकार की होती हैं जिनका कंपनी अनुसरण कर सकती है जैसे:
डिविडेंड पॉलिसी के प्रकार (Types of dividend policy in hindi )
1. नियमित लाभांश नीति (regular dividend policy)
नियमित लाभांश नीति के तहत, कंपनी हर साल अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का भुगतान करती है। यदि कंपनी असामान्य लाभ (बहुत अधिक लाभ) बनाती है, तो अतिरिक्त लाभ शेयरधारकों को वितरित नहीं किया जाएगा, लेकिन कंपनी द्वारा प्रतिधारित आय के रूप में रोक दिया जाता है। अगर कंपनी को नुकसान होता है, तब भी शेयरधारकों को पॉलिसी के तहत लाभांश का भुगतान किया जाएगा।
2. स्थिर लाभांश नीति (stable dividend policy)
स्थिर लाभांश नीति के तहत लाभांश के रूप में भुगतान किए गए लाभ का प्रतिशत निश्चित होता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी भुगतान दर को 6% पर सेट करती है, चाहे कोई कंपनी $ 1 मिलियन या $ 100,000 बनाती है, एक निश्चित लाभांश का भुगतान किया जाएगा। ऐसी नीति का पालन करने वाली कंपनी में निवेश करना निवेशकों के लिए जोखिम भरा होता है क्योंकि लाभांश की राशि मुनाफे के स्तर के साथ बदलती रहती है। शेयरधारकों को बहुत अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे सुनिश्चित नहीं हैं कि उन्हें कितना लाभांश मिलेगा।
3. अनियमित लाभांश नीति(irregular dividend policy)
अनियमित लाभांश नीति के तहत, कंपनी अपने शेयरधारकों को भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है और निदेशक मंडल यह तय कर सकता है कि मुनाफे का क्या करना है। यदि वे एक निश्चित वर्ष में असामान्य लाभ कमाते हैं, तो वे इसे शेयरधारकों को वितरित करने या किसी भी लाभांश का भुगतान नहीं करने का निर्णय ले सकते हैं और इसके बजाय व्यापार विस्तार और भविष्य की परियोजनाओं के लिए लाभ रख सकते हैं।
4. कोई लाभांश नीति नहीं (no dividend policy)
लाभांश नहीं नीति के तहत, कंपनी शेयरधारकों को लाभांश वितरित नहीं करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अर्जित किसी भी लाभ को बरकरार रखा जाता है और भविष्य के विकास के लिए व्यवसाय में पुनर्निवेश किया जाता है। कंपनियां जो लाभांश नहीं देती हैं वे लगातार बढ़ रही हैं और विस्तार कर रही हैं, और शेयरधारक उनमें निवेश करते हैं क्योंकि कंपनी के स्टॉक के मूल्य की सराहना होती है। निवेशक के लिए, लाभांश भुगतान की तुलना में शेयर की कीमत में वृद्धि अधिक मूल्यवान है।
क्या सभी कंपनियां डिविडेंड देती है
दोस्तो इसमें कोई कानून नहीं बना है कि company को डिविडेंड देना ही है ये company decided करती है कि उसे अपने profits को कहाँ invest करना है। मुख्य तय कंपनी अपने प्रॉफिट को शेयरहोल्डर में डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें बाँट देती है जिसे हम डिविडेंड कहते हैं या कंपनी अपने प्रॉफिट को reinvest कर देती या future के लिए retain कर देती है।
क्या कंपनी लॉस होने पर भी डिविडेंड देती है
company loss होने पर भी devidend दे सकती है अगर उसके पास reserve profit है तो reserve profit पिछला profits का कुछ हिस्सा होता है जो company future के लिए save रखती है।
Dividend कैसे आपको मिलता है
चरण 1 – सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां पर्याप्त आय उत्पन्न करती हैं और प्रतिधारित आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जमा करती हैं।
चरण 2 – कंपनी का प्रबंधन तय करता है कि क्या उन्हें अपनी बरकरार रखी गई कमाई का पुनर्निवेश करना चाहिए या शेयरधारकों के बीच वितरित करना चाहिए।
चरण 3 – प्रमुख शेयरधारक की स्वीकृति प्राप्त करने पर बोर्ड के सदस्य कंपनी के शेयरों पर लाभांश की घोषणा करते हैं।
चरण 4 – लाभांश घोषणा से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा की जाती है।
चरण 5 – लाभांश अर्जित करने के लिए शेयरधारक की पात्रता की जांच की जाती है।
चरण 6 – शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान किया जाता है।
अगर डिविडेंड कैश के फॉम में मिलता है तो वह सीधे शेयरहोल्डर के बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।
डिविडेंड देने वाले शेयर लिस्ट (Dividend dene wale share list 2022)
दोस्तों ये थे कुछ डिविडेंड देने वाले शेयर लिस्ट डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें इन इंडिया। आज के आर्टिकल में हमने जाना शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या होता,डिविडेंड पॉलिसी क्या होती है और टॉप डिविडेंड देने वाले शेयर। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अपनी प्रतिकिर्या कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
RBI के अनुमान से मार्केट उछला: 2021 में GDP में 7.5% की गिरावट के आसार; यह दर 2% घटने से सेंसेक्स पहली बार 45 हजार पार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद को लेकर बड़ा ऐलान किया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2020-21 में GDP का अनुमान बदल दिया गया है। अब इसमें 7.5% की गिरावट के आसार हैं। अक्टूबर में GDP में 9.5% की गिरावट का अनुमान जताया गया था। यानी दो महीने में गिरावट के अनुमान में 2% की कमी की गई है। दास ने अपनी बात रखते हुए दार्शनिक सुकरात को कोट किया कि हम या तो बिगड़ सकते हैं या बेहतर हो सकते हैं।
दास ने इस कैलेंडर इयर की अंतिम मॉनिटरी पॉलिसी को पेश करते समय यह भी कहा कि कमर्शियल और सहकारी बैंक इस साल (वित्त वर्ष 2020-21 से संबंधित) कोई लाभांश (डिविडेंड) नहीं देंगे। सभी मुनाफे को अपने पास रखेंगे। नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सभी दरें अपरिवर्तित हैं।
RBI गवर्नर की 3 प्रमुख बातें
1. सप्लाई साइड महंगाई के दबाव को कंट्रोल करेंगे
सप्लाई साइड, जो महंगाई का दबाव है, उसे नियंत्रण में लाने के लिए ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है। कॉर्पोरेट आय से पता चलता है कि डिमांड सुधर रही है और प्रॉफिट के आंकड़े बढ़ रहे हैं। शहरी मांग में और वृद्धि के मद्देनजर ग्रामीण मांग में रिकवरी और ज्यादा होने की डिविडेंड से संबंधित जरूरी बातें संभावना है। वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
2. डिजिटल पेंमेट सिक्योरिटी कंट्रोल पर निर्देश
जो संस्थाएं रेग्युलेशन के दायरे में हैं, उनके लिए RBI ने डिजिटल पेमेंट सिक्योरिटी कंट्रोल के निर्देश जारी करने का प्रस्ताव रखा है। गुरुवार को ही देश के दो सबसे बड़े बैंक SBI और HDFC बैंक की डिजिटल सेवा की दिक्कतें सामने आई थी। HDFC बैंक को कोई भी नई डिजिटल सेवा लॉन्च करने पर रोक लगा दी गई है। वहीं, SBI की YONO डिजिटल सर्विस कल ठप हो गई थी।
3. शिकायतों को निपटाने में देरी पर ग्राहकों को मुआवजा
ग्राहकों की शिकायतों के बेहतर डिस्क्लोजर, समाधान में किसी भी प्रकार की देरी के लिए मौद्रिक मुआवजे (monetary compensation) के लिए एक विस्तृत व्यवस्था की भी घोषणा की गई है। प्रस्तावित डिजिटल भुगतान सुरक्षा नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देशों को शीघ्र ही सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। कुछ जगह कोरोना संक्रमण में वृद्धि हो रही है, लेकिन सकारात्मक आर्थिक स्थितियां उन पर हावी हैं।
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