भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बारे में:

Social Stock Exchange क्या है?

सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने की तैयारी कर रही SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम बढ़ाया है। बता दें कि 19 सितंबर को सेबी ने एक विस्तृत फ्रेमवर्क सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? जारी किया है। इसमें गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है।

नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन अब एसएसई (SSE) पर लिस्ट होंगी। बता दें कि जो ऑर्गेनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट कराना चाहेंगे उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में कराना होगा।

जानिए क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज

अगर आसान भाषा में कहें, तो उन लोगों को बाजार से फंड जुटाने मे मदद करेगा, जो सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठन हैं। इसका मतलब है कि, अब सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्ये संस्था न) भी खुद को प्राइवेट कंपनियों की तरह शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है?

BSE सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? को अलग खंड के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए SEBI की मंजूरी मिली

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7 अक्टूबर, 2022 को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? ने BSE को मौजूदा स्टॉक एक्सचेंजों से एक अलग खंड के रूप में एक सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (SSE) शुरू करने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी।

  • SSE सामाजिक उद्यमों (SE) को धन जुटाने के लिए एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
  • UK(यूनाइटेड किंगडम), कनाडा और ब्राजील सहित कई देशों में पहले से ही SSE हैं।

i. यह गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) और लाभकारी SE सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाता है जो बाजार नियामक द्वारा अनुमोदित 16 सामाजिक गतिविधियों में लगे हुए हैं।

Social Stock Exchange के संबंध में SEBI द्वारा लागू किए गए नियम

सोशल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्ट होने वाली संस्थाओं के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड, SEBI ने कार्य रूपरेखा जारी कर दी है, जानते हैं इसके अंतर्गत क्या – क्या नियम लागू किए हैं

  • SSE में सभी लाभकारी संस्थाएं (FPE) और गैर – लाभकारी संस्थाएं (NPO) लिस्ट हो सकती हैं तथा लिस्ट होने वाली सभी सामाजिक संस्थाओं का प्राथमिक लक्ष्य वंचित और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों और क्षेत्रों में मदद तथा सेवा पहुंचाना होना चाहिए।
  • विनियम बोर्ड द्वारा योग्य सामाजिक कार्यों को 15 विभागों में बांटा गया है जिनमें गरीबी और भूखमारी को मिटाना, स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छ्ता को बढ़ावा देना, शिक्षा तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संबन्धित कार्य करना, खेल – कूद को बढ़ावा देने जैसे कार्य शामिल है। Social stock Exchange में लिस्ट होने वाली सभी संस्थाओं को इन सभी योग्य गतिविधिओं में शामिल होना होगा।
  • गैर लाभकारी संस्थान को सोशल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्ट होने से पहले वह संस्था, एक ‘चैरिटेबल ट्रस्ट’ के तौर पर रजिस्टर हो तथा कम से कम तीन साल तक सामाजिक कार्य किये हों।
  • इसके साथ – साथ पिछले वित्तीय वर्ष में सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? गैर लाभकारी संस्थान ने 50 लाख रुपये सामाजिक कार्य में खर्च किए हो तथा 10 लाख रुपयों की फ़ंडिंग संस्था को प्राप्त हुई हो।
  • सभी योग्य गैर लाभकारी संस्थायें इस stock exchange में zero coupon zero principal bond सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? के माध्यम से लिस्ट हो सकती है और इसके साथ – साथ इन सभी संस्थाओं को जुटाये गए फ़ंड का लेखा – जोखा तिमाही के अंत से 45 दिनों के भीतर तक SSE के सामने प्रस्तुत करना सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? होगा।
  • सामाजिक कार्य कर रहे विभिन्न राजनैतिक तथा धार्मिक दल, व्यापार संघ, कॉर्पोरेट फ़ाउंडेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग संस्थाएं SSE में लिस्ट नहीं हो सकती हैं।
  • गैर – लाभकारी संस्थाओं के वार्षिक प्रकटीकरण के दौरान वे सभी संस्थाएं जिन्होने social stock exchange से फ़ंड जुटाये हैं या इसमे पंजीकृत हैं, उन्हे सबसे अधिक निवेश करने वाले पाँच निवेशकों की भी जानकारी देनी होगी।
  • सभी लाभकारी संस्थाओं के ऊपर SSE में लिस्ट होते समय SEBI द्वारा निर्धारित वर्तमान समय के सभी debt और equity के नियम लागू होंगे।
  • सोशल स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्ट हुई सभी गैर – लाभकारी और लाभकारी संस्थाओं को सालाना अपनी social impact report को SEBI के सामने प्रकट करना होगा। इस रिपोर्ट में विभिन्न सामाजिक कार्यों के उद्दयेश, उनसे संबन्धित विभिन्न गतिविधियों, पूरे वर्ष में विभिन्न सामाजिक कार्यों में खर्च किए जाने वाले रुपयों का विवरण इत्यादि शामिल होगा।

SSE संचालन परिषद (SSE governing council)

बृहस्पतिवार (13 अक्तूबर) को भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड, SEBI द्वारा जारी किए गए परिपत्र में यह कहा गया हैं की 292D के ICDR Regulation के अनुसार सभी सामाजिक सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? शेयर बाजार को एक सामाजिक शेयर बाजार संचालन परिषद का संगठन करना होगा। इस संचालन परिषद का कार्य विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को Social stock exchange में पंजीकरण, पैसे जुटाना, दस्तावेजों का प्रकटीकरण से संबन्धित विभिन्न चीजों पर सलाह देना होगा।

SEBI से SSE को एक अलग खंड रूप में चलाने के लिए अंतिम स्वीकृत लेने से पहले स्टॉक एक्स्चेंज को इस संचालन परिषद का गठन करना होगा। इस संचालन परिषद में कुल सात व्यक्तियों का चयन किया जायेगा जो की गैर – लाभकारी संगठन, सामाजिक ऑडिट, जनहितैषी (philanthropic), सामाजिक प्रभाव निवेशक (social impact investors) जैसे क्षेत्रों से संबंध रखते हों। सोशल स्टॉक एक्स्चेंज के विभिन्न कार्यों के संबंध में संचालन परिषद को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम चार बार मीटिंग करनी होगी।

निष्कर्ष

विभिन्न कल्याणकारी कार्य करने वाली सामाजिक संस्थाओं के लिए फ़ंड जुटाने के लिए सोशल स्टॉक एक्स्चेंज एक अच्छा जरिया बन सकता है। इससे भी अच्छी बात SSE के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों में पारदर्शिता बनी रहेगी चाहे वह फ़ंड जुटाने के संबंध में हो या विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के संबंध में हो। Social Stock Exchange संचालन परिषद के गठन होने से सभी सामाजिक संस्थाओं को इस स्टॉक एक्स्चेंज के विभिन्न कार्य प्रक्रियाओं जैसे पंजीकरण, वार्षिक प्रकटीकरण इत्यादि को समझने में आसानी होगी।

जल्द ही सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? SSE सामाजिक संस्थाएं लिस्ट होना शुरू कर देंगी लेकिन इसके कार्य प्रवाह के संबंध में लोगों में मन अभी भी विभिन्न प्रश्न होंगे, जैसे की यह सोशल स्टॉक एक्स्चेंज भी मौजूदा स्टॉक एक्स्चेंज की तरह कार्य करेगा या फिर इसमे कुछ बदलाव होंगे? विभिन्न शेयर व्यापारी शेयर मार्केट में पैसा मुनाफा कमाने के लिए लगाते हैं तो उन्हें गैर – लाभकारी संस्थाओं में पैसा निवेश करने पर मुनाफा कैसे प्राप्त होगा? इस तरह के विभिन्न सवालों के जवाब तभी मिल पाएंगे जब ऐसा Stock Exchange व्यवहारिक रूप से शुरू होगा।

SEBI ने एफपीआई, सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सलाहकार पैनल में बदलाव किया

नई दिल्ली: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और सोशल स्टॉक एक्सचेंज से संबंधित अपनी सलाहकार समितियों का पुनर्गठन किया है। सेबी ने अपनी एफपीआई सलाहकार समिति में फेरबदल करते हुए कहा है कि पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया अब 16 सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता करेंगे। पहले इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम कर रहे थे।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक अपडेट से पता चलता है कि जीआईसी के प्रबंध निदेशक च्यू है जोंग और जेपी मॉर्गन में डायरेक्ट कस्टडी और क्लियरिंग के प्रबंध निदेशक माइकल ड्रमगोले नए शामिल हुए हैं। इससे पहले जेपी मॉर्गन चेस बैंक के माधव कल्याण अगस्त में सेबी द्वारा गठित 15 सदस्यीय समिति का हिस्सा थे। समिति को भारत में एफपीआई द्वारा व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ बांड बाजार में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उपायों पर पूंजी बाजार नियामक को सलाह देने सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? का काम सौंपा गया है।

सेबी ने बीएसई को सोशल स्टॉक एक्सचेंज स्थापित करने की मंजूरी दी

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बीएसई को बीएसई के एक अलग खंड के रूप में एक सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे सामाजिक क्षेत्र के उद्यमों को बाजार से पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2019-2020 के बजट भाषण में एसएसईकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा।

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