1 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू
Cryptocurrency Market और Stocks Market के बीच क्या अंतर है?
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे Cryptocurrency Market और Stocks Market किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency Market and Stocks Market in Hindi की Cryptocurrency Market और Stocks Market में क्या अंतर है?
Cryptocurrency Market और Stocks Market दोनों एक दूसरे से काफी अलग है। स्टॉक मार्केट एक long-established asset वर्ग हैं जो लंबी और छोटी अवधि के रिटर्न दोनों दे सकते हैं वही दूसरी और क्रिप्टो मार्किट एक नया वित्तीय साधन है जो उच्च मूल्य अस्थिरता और जोखिम के लिए प्रवण है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और स्टॉक एक्सचेंज के बीच प्राथमिक अंतर है। एक स्टॉक एक्सचेंज कंपनी के शेयरों या शेयरों में ट्रेड करता है, जबकि एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्राओं), जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और कई अन्य में ट्रेड करता है।
Conclusion
आज के इस पोस्ट में हमने जाना की Cryptocurrency Market और Stocks Market किसे कहते है और Difference Between Cryptocurrency Market and Stocks Market in Hindi की Cryptocurrency Market और Stocks Market में क्या अंतर है।
हालांकि क्रिप्टो और स्टॉक के बीच स्पष्ट अंतर हैं, लेकिन फिर भी कुछ समानताएं हैं। क्रिप्टो और स्टॉक दोनों ही वैध निवेश विकल्प हैं, और वे आपके पोर्टफोलियो में विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट से कितना अलग है Cryptocurrency का बाजार, कम पैसे में कहां मिल रहा ज्यादा रिटर्न
यह सवाल आज हर उस आदमी के मन में उठ रहा है जो बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन (Dogecoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं. लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना चाहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों का अस्तित्व अलग है और बाजार भी. खरीदने-बेचने का तरीका भी एक दूसरे से भिन्न है. दोनों का एसेट क्लास भी अलग है और बाजार में इनका बर्ताव देखें तो दोनों के बीच 36 का आंकड़ा होता है. ऐसे में स्टॉक में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना कितना जायज है?
दोनों को समझना जरूरी
स्टॉक और क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए दोनों को समझना जरूरी है. स्टॉक के जरिये किसी कंपनी में शेयर खरीदने स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर के साथ ही कुछ अधिकार आपके हाथ में आ जाता है. हो सकता है कि कंपनी के ऑपरेशन पर आपका हक नहीं है, लेकिन उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन बैठेगा, इसके लिए जब वोटिंग होगी तो आप उसमें हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनी की प्रोपर्टी के आप भी हकदार हैं. जैसे ही कोई और व्यक्ति उस कंपनी का सामान खरीदता है, आपके शेयर में कुछ और प्रोपर्टी जुड़ जाती है. स्टॉक का सारा खेल इसी आधार पर चलता है.
कोई कॉरपोरेशन स्टॉक बेचता है और कंपनी का कुछ कंट्रोल दूसरे को दे देता है ताकि फंड जुटाया जा सके. इस फंड से कंपनी का बिजनेस बढ़ता है. कंपनी बिकती है तो कर्मचारी भी बाहर हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से कुछ शेयर दिए जा सकते हैं. कैश दिए जाने से बचा जाता है क्योंकि वह कैश कंपनी के बिजनेस में इस्तेमाल हो सकता है. कोई कंपनी पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग लाती है ताकि और फंड जुटाया जा सके. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने पुराने शेयरहोल्डर्स को शेयर बेचती है और उसके बदले कैश लेती है.
क्रिप्टो का बाजार क्या है
क्रिप्टोकरंसी में ऐसी बात नहीं होती. क्रिप्टोकरंसी का सीधा मतलब है डिजिटल करंसी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह टेक्नोलॉजी खरीदारों को सिक्योर पेमेंट की सुविधा देती है. क्रिप्टोकरंसी कभी भी सेंट्रल बैंक के सहारे नहीं चलती बल्कि इसका धंधा कंप्यूटर के नेटवर्क के जरिये चलता है और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है. आप जो भी ब्लॉकचेन इस्तेमाल करेंगे, उससे क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन का ब्लॉकचेन कुछ सिक्के खरीदारों के लिए जारी करता है. ब्लॉकचेन पर ये सिक्के एक ही बार में जारी नहीं होते बल्कि कुछ-कुछ की मात्रा में एक खास ब्लॉक में जारी किया जाता है. जब उस ब्लॉक के सिक्के की बिक्री हो जाती है तो दूसरे ब्लॉक में सिक्के उतारे जाते हैं. ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो की खरीदारी के लिए ट्रांजेक्शन के रूप में क्रिप्टोकरंसी ही दी जाती है. इथीरियम क्रिप्टोकरंसी इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलती है. लेकिन इस ब्लॉकचेन का अन्य क्रिप्टो कॉइन भी इस्तेमाल करती हैं. यूनीस्वैप (uniswap) नाम का प्रोजेक्ट इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है. इसका अपना कोई एक्सचेंज नहीं है, इसलिए यह इथीरियम के ब्लॉकचेन का उपयोग करता है.
टोकन में भी लगा सकते हैं पैसा
इसका मतलब यह हुआ कि यूनिस्वैप यूजर को इथीरियम के ब्लॉकचेन के अंतर्गत ही खरीदारी करनी होगी. आप चाहें तो क्रिप्टोकरंसी के टोकन डायरेक्ट स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर खरीद सकते हैं. यूनीस्वैप की तरह डेफी प्रोजेक्ट के टोकन भी बेचे जाते हैं जो यूटिलिटी टोकन होते हैं. इसी तरह कुछ गवर्नेंस टोकन भी होते हैं. यूनीस्वैप पूरी तरह से गवर्नेंस टोकन है. अब आप जब भी निवेश करने चलें तो ध्यान दें कि स्टॉक में या क्रिप्टो में पैसा लगाने जा रहे हैं. आप टोकन में भी लगा सकते हैं, लेकिन सबका प्रोफिट देने का तरीका अलग-अलग होता है.
सवाल ये भी उठते हैं कि क्या क्रिप्टो और स्टॉक में कोई सीधा संबंध है? जानकार बताते हैं कि सीधा संबंध नहीं है बल्कि ऐसा देखा जाता है कि जब क्रिप्टो का बाजार गिरता है तो स्टॉक चढ़ता है. यह भी जानना होगा कि स्टॉक की तुलना में क्रिप्टो के बाजार में ज्यादा उथल-पुथल होती है. क्रिप्टो जब चढ़ता है तो लगातार उसके भाव चढ़ते हैं और जब गिरता है तो लगातार दाम गिरते हैं. स्टॉक से इसका सीधा संबंध नहीं है. इसलिए जब भी अपना पोर्टफोलिया बनाएं, यह सोच कर बनाएं कि क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
फीचर आर्टिकल: क्रिप्टो मार्केट बनाम स्टॉक मार्केट; दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान
क्या मुझे क्रिप्टो मार्केट मैं इन्वेस्ट करना चाहिए? क्या क्रिप्टो मार्केट शेयर मार्केट से ज्यादा विश्वसनीय है? और इसी तरह के ढेरों सवालों की सूची है जो हम में से अधिकांश लोगों के मन में हैं और जिनका उत्तर हम चाहते हैं। क्रिप्टो मार्केट और स्टॉक मार्केट दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान हैं, लेकिन इससे पहले कि आप इनमें से किसी में निवेश करें, आपको यह जानना होगा कि आखिर ये दोनों मार्केट क्या हैं; इन दोनों में क्या समानताएं और क्या अंतर हैं, वे कौन सी बातें हैं जो उनकी कीमतों को और मार्केट में प्रवेश को तय करती हैं।
मुझे कहां निवेश करना चाहिए – क्रिप्टो या शेयर?
स्मार्ट निवेशक वही है जो इस बात को बखूबी जानता है कि वह किसमें निवेश कर रहा है और उसके पास अपने निवेश से संबंधित ठोस जानकारी होनी चाहिए। निवेश के जोखिम और पुरस्कार को पहले से आंकना उसकी सफलता की कुंजी है। किसी निवेशक के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना होता है; अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो और स्टॉक को शामिल करने से आपका पोर्टफोलियो मजबूत होता है।
भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए कैसा होगा भविष्य का पैसा
डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से थी, आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए एक-एक करके जानते हैं कि भविष्य का पैसा कैसा होगा?
हाल के कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर अपने देश की करेंसी को बचाए रखने का संकट भी धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है। यही वजह है कि सभी देश अपने-अपने स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज को कोई रेगुलेट नहीं करता है इसलिए इसके जरिए टेरर फंडिंग की भी बात सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज के संचालन को लेकर कई बार चिंता भी व्यक्त की है। इस साल बजट में सरकार की तरफ से जब डिजिटल रुपये का ऐलान हुआ तभी यह बात स्पष्ट हो गई थी कि भारत सरकार किसी प्रकार मौका क्रिप्टोकरेंसीज को नहीं देना चाहती है। तब रही-कही कसर स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाकर पूरा कर दिया था। आइए जानते हैं जिस डिजिटल रुपये को भारत, क्रिप्टोकरेंसी के बराबर खड़ा करने की सोच रहा है वह है क्या? रिजर्व बैंक इसे रेगुलेट कैसे करेगा? इन सबके अलावा हम और आप जैसे आम आदमी इसका उपयोग कैसे कर पाएंगे।
Crypto News: प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है?
पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी
ऐसी सभी क्रिप्टो करेंसी जिनके ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक हो उन्हें पब्लिक क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में यह पता किया जा सकता है कि यह करेंसी किस किस व्यक्ति के पास से गुजरी है। बिटकॉइन, इथर या टेलर से लेकर तमाम बड़ी क्रिप्टो करेंसी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी हैं।
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी
कई क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जिनके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, इन्हें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है, उनका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।
प्राइवेट कॉइन की खासियत
प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी यूजर के वॉलेट का बैलेंस और उसका पता जाहिर नहीं होने देते। इसी विशेषता के चलते इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो सकता है। भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी स्टॉक मार्केट और क्रिप्टो करेंसी में अंतर पर जो कानून ला रही है उसके तहत प्राइवेट किसको करेंसी को बैन किया जा सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 279