डिजिटल करेंसी / CBDC कौन इस्तेमाल कर रहा है ?

Budget 2022 : जानें, Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है अंतर?

आज एडिटरजी आपको बताने जा रहा है कि आखिर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी ( Difference between Digital Currency and Cryptocurrency ) में अंतर क्या है.

ये क्रिप्टो, क्रिप्टो क्या है, ये क्रिप्टो क्रिप्टो. बजट 2022 के वक्त, क्रिप्टो में निवेश कर चुके करोड़ों लोगों का ध्यान वित्त मंत्री पर सिर्फ इसीलिए क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? था कि वे जान सकें, वित्त मंत्री इस मार्केट से जुड़ा क्या ऐलान करेंगी. वित्त मंत्री ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी ( RBI Digital Currency ) जारी करने की घोषणा की और मुनाफे पर 30 पर्सेंट टैक्स की बात भी की लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया. आज एडिटरजी आपको बताने जा रहा है कि आखिर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी ( Difference between Digital Currency and Cryptocurrency ) में अंतर क्या है.

कौन करता है जारी

Cryptocurrency Bill: भारत में क्रिप्टो पर लगेगा बैन, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल, कैसे इस पर काबू पाएगी सरकार?

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को […]

November 24, 2021

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को लेकर अब सरकार की ओर से क्रिप्टो शिकंजा कसने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करेगी। बिल आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी। आपको बता दें कि यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है।

24 घंटे में 40 प्रतिशत गिरा क्रिप्टोकरंसी का मार्केट कैप, बिटकॉइन भी 48 प्रतिशत कमजोर हुआ

बिजनेस डेस्क. कोरोनावायरस के कारण बाजार में छाई मंदी का असर क्रिप्टोकरंसी पर भी पड़ा है। बीते 24 घंटों में इसकी वैल्यू में 40 प्रतिशत की कमी आई है। कॉइनमार्केटडॉट कॉम (coinmarketcap.com) के अनुसार इसके चलते एक समय इसकी टोटल मार्केट कैप 93.5 लाख बिलियन डॉलर रह गई। वहीं सिंगापुर समय के अनुसार गुरुवार सुबह 10 बजे से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के बीच बिटकॉइन की वैल्यू में भी 48 प्रतिशत की कमी आई थी और 1 बिटकॉइन की वैल्यू 4000 डॉलर हो गई थी। हालांकिं बाद में शुकंवार शाम तक इसकी कीमत वापस 5500 डॉलर प्रति कॉइन पर पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को भारत में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता दी थी।

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है? किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

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