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IMF प्रमुख क्रिस्टलिना जार्जीवा ने तेज आर्थिक रिकवरी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दी बधाई, बैठक को बताया शानदार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टलिना जार्जीवा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात की। जार्जीवा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले खतरों पर चर्चा हुई।

नई दिल्ली, एएनआइ। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जार्जीवा (IMF, Managing Director Kristalina Georgieva) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ मुलाकात को शानदार बताते हुए उन्हें धन्यवाद दिया और कोरोना महामारी के बाद भारत में तेजी से हुई आर्थिक रिकवरी पर बधाई दी। बता दें कि आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता अबकी बार भारत कर रहा है।

Nirmala Sitharaman Says Eight Percent Annual Increase In Circulation

हर संभव मदद का भरोसा दिया

जार्जीवा ने ट्विटर पर लिखा, Thank you @PMOIndia @narendramodi प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात शानदार रही। डिजिटलीकरण के साथ कोरोना महामारी के बाद भारत में तेजी से हुई आर्थिक रिकवरी के लिए बधाई। पीएम के साथ बातचीत में आइएमएफ प्रमुख ने आर्थिक हितों और वित्तीय स्थिरता के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। बातचीत के दौरान जार्जीवा ने आइएमफ सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए भारत के मजबूत नेतृत्व पर भी भरोसा जताया।

how to avoid atm frauds while withdraw money (Jagran File Photo)

वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर चर्चा

जार्जीवा (IMF, Managing Director Kristalina Georgieva) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की। केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Union Ministry of Finance) ने ट्वीट करके कहा, बैठक के दौरान सीतारमण और आइएमएफ की प्रबंध निदेशक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले खतरों और भू-राजनीतिक स्थिति पर चिंताएं साझा कीं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक दोनों ने माना कि खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि के चलते कम विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं आय वाले देश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

FPIs invest Rs 10555 cr in equities in December (Jagran File Photo)

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मंथन

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ पर्याप्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए समन्वित नीतिगत उपायों और बहुपक्षवाद के महत्व को दोहराया। उन्‍होंने क्‍लाइमेट एक्‍शन के लिए विकसित देशों की ओर से प्रतिबद्ध धन उपलब्ध नहीं कराए जाने की ओर भी इशारा किया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जार्जीवा (Kristalina Georgieva) ने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की।

सीबीडीसी को लेकर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ी

शेयर बाजार 06 नवंबर 2022 ,12:45

सीबीडीसी को लेकर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ी

© Reuters. सीबीडीसी को लेकर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंता बढ़ी

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित डिजिटल रुपये की दिशा में भारत की यात्रा शुरू होते ही साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।यूएस फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में साइबर खतरे को वित्तीय स्थिरता से संबंधित अपनी सबसे बड़ी चिंता के रूप में सूचीबद्ध किया। साथ ही हाल ही में यूके हाउस ऑफ लॉर्डस की रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा और गोपनीयता खतरों को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) विकसित नहीं करने के संभावित कारणों के रूप में वर्णित किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक, ये चिंताएं निराधार नहीं हैं।

सेंट्रल बैंकर्स न्यू साइबर सिक्योरिटी चैलेंज नामक एक आईएमपी पेपर के अनुसार, सीबीडीसी कमजोरियों का फायदा उठाकर देश की वित्तीय प्रणाली से समझौता किया जा सकता है। सीबीडीसी अभूतपूर्व पैमाने पर बड़े भुगतान और यूजर डेटा जमा करने में सक्षम है। लेकिन, गलत हाथों में इस डेटा का इस्तेमाल नागरिकों के निजी लेनदेन की जासूसी करने, व्यक्तियों और संगठनों के बारे में जरुरी विवरण प्राप्त करने विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं और यहां तक कि पैसे चोरी करने के लिए किया जा सकता है।

अगर उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के बिना लागू किया जाता है, तो सीबीडीसी आज की वित्तीय प्रणाली में पहले से मौजूद कई सुरक्षा और गोपनीयता खतरों के दायरे और पैमाने को काफी हद तक बढ़ा सकता है।

जैसा कि आरबीआई ई-रुपये पायलट प्रोजेक्ट के साथ आगे बढ़ता है, गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी को नई सीबीडीसी प्रणाली में मुख्य चुनौतियों के रूप में चिन्हित किया है।

दास ने कहा था, चिंता साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी की संभावना के कारण बढ़ती है। हमें इसके बारे में बहुत सावधान रहना होगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, कुछ साल पहले, नकली भारतीय मुद्रा नोटों पर हमारी एक बड़ी चिंता थी। इसी तरह की चीजें सीबीडीसी को लॉन्च करते समय भी हो सकती हैं।

आईएमएफ पेपर के अनुसार, सीबीडीसी के लिए कई प्रस्तावित डिजाइन वेरिएंट में लेनदेन डेटा का कलेक्शन शामिल है, जो प्रमुख गोपनीयता और सुरक्षा का खतरा पैदा करता है।

पेपर में कहा गया, एक गोपनीयता के ²ष्टिकोण से, इस तरह के डेटा का उपयोग नागरिकों की भुगतान गतिविधि का सर्वे करने के लिए किया जा सकता है। एक ही स्थान पर इतने संवेदनशील डेटा को जमा करने से सुरक्षा जोखिम भी बढ़ जाता है।

आरबीआई गवर्नर दास के अनुसार, हमें साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए निवारक कदम उठाने के संबंध में और अधिक सावधान रहना होगा।

आईएमएफ पेपर ने कहा, क्रिप्टोग्राफिक टूल द्वारा सहायता प्राप्त की जा सकती है, जैसे कि जीरो-नॉलेज प्रूफ, जो बिना खुलासा किए निजी जानकारी को प्रमाणित करता है और इसे समझौता करने की अनुमति देता है।

कई देशों ने खुदरा सीबीडीसी को प्रतिबद्ध किया है, जिसका अंतर्निहित बुनियादी ढांचा वितरित खाता प्रौद्योगिकी पर आधारित है।

अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया नाइजीरिया का ई-नायरा एक विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं अच्छा उदाहरण है। इस तरह के डिजाइनों में लेनदेन के वेलिडेटर्स के रूप में तीसरे पक्ष की भागीदारी की आवश्यकता होती है।

आईएमएफ पेपर ने कहा, इन रेगुलेशन्स को समय-संवेदी और वितरित-लेजर-आधारित सीबीडीसी के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए सिस्टम में तैयार करने के लिए कोई स्पष्ट खाका नहीं है। यही कारण है कि तेजी से विकास और अपनाने के इस क्षण में अंतरराष्ट्रीय मानक-सेटिंग और बैंकों के बीच अधिक ज्ञान साझा करने की आवश्यकता है।

विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.9 अरब डॉलर पर

Foreign Exchange

मुंबई (एजेंसी)। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि घटने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 04 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.9 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 6.6 अरब डॉलर बढ़कर 531.1 अरब डॉलर पर रहा था। रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 04 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 12 करोड़ डॉलर कम होकर 470.73 अरब डॉलर रह गयी।

इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 70.5 करोड़ डॉलर की गिरावट आई और यह घटकर 37.06 विदेशी मुद्रा कोष की नई चिंताएं अरब डॉलर हो गया। आलोच्य सप्ताह एसडीआर में 23.5 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 17.4 अरब डॉलर पर आ गया। इस अवधि में आईएमएफ के पास आरक्षित निधि 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर पर आ गई।

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पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर बढ़ गई है चिंता, विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है तेजी से

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 13, 2018 14:21 IST

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।

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उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में इसी जुलाई में आम चुनाव होने हैं। इस तरह की अटकलें हैं कि पाकिस्तान चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज मांग सकता है। देश में भुगतान संतुलन संकट की आशंका है। इससे पहले देश 2013 में मुद्राकोष के पास गया था।

कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमें 25 अरब डॉलर के अपने व्यापार घाटे के अंतर को हमारे भंडार के जरिये पाटना होगा। और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समक्ष यह प्रमुख चिंता है। देश के केंद्रीय बैंक ने रुपए में 3.7 प्रतिशत का अवमूल्यन भी किया है।

पाकिस्‍तान पूरी तरह से आयात पर निर्भर है और दशकों से अपना निर्यात बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है। देश भारी बिजली संकट से ग्रस्‍त है और खराब इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ने विकास की राह में बाधा पैदा कर दी है। पाकिस्‍तान पर जीडीपी का 70 प्रतिशत सार्वजनिक कर्ज है।

वित्‍त वर्श 2017-18 में पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 5.8 प्रतिशत रही है, जो सरकार के तय लक्ष्‍य से 2 प्रतिशत पीछे है। सुरक्षा में सुधार के साथ पिछले कुछ सालों में भरोसे में थोड़ा सा सुधार हुआ है। आईएमएफ ने पिछले साल अक्‍टूबर में कहा था कि बेलआउट प्रोग्राम के पूरा होने के बाद पाकिस्‍तान संकट से बाहर आ गया है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा

Stacks of one hundred dollar notes are piled up for counting at the headquarters of the Korea Exchange Bank in Seoul February 3, 2009. South Korea

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कहा था कि 28 अक्टूबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.561 अरब डॉलर बढ़कर 531.081 अरब डॉलर हो गया था, जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी.

एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है.

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गईं.

डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है.

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया.


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