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Google India approaches NCLAT against CCI

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर हुआ 570.74 अरब डॉलर

शुक्रवार को रिजर्व बैंक द्वारा जारी Weekly Statistical Supplement के अनुसार 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट FCA में गिरावट के कारण रही

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 अरब डॉलर गिरकर 570.74 अरब डॉलर रह गया। 5 अगस्त को समाप्त पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर घटकर 572.978 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय सप्लीमेंट (Weekly Statistical Supplement) के अनुसार, 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में गिरावट के कारण थी। विदेशी मुद्रा रुझान जो कुल भंडार का एक प्रमुख घटक है। आंकड़ों से पता चलता है कि एफसीए 2.652 अरब डॉलर घटकर 506.994 अरब डॉलर रह गया।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए घटता विदेशी मुद्रा भंडार एक बड़ा जोखिम, भारत के पास है इससे निपटने का ब्लूप्रिंट

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार थाईलैंड में जीडीपी के मुकाबले विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान है। लेकिन भारतीय रुपया अब विदेशी मुद्रा रुझान धीरे-धीरे स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के सामने इन दिनों एक बड़ी मुश्किल खड़ी होती जा रही है। इन अर्थव्यवस्थाओं के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आ रही है, जो चिंता का विषय है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

ज्यादातर एशियाई अर्थव्यवस्थाएं इन दिनों डॉलर की मजबूती का शिकार हैं। बहुत से केंद्रीय बैंक अपनी मुद्राओं में होने वाली गिरावट को रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर रहे हैं। वे करेंसी मार्केट में अपने विदेशी मुद्रा कोष से डॉलर की बिक्री कर रहे हैं। लेकिन इससे हो यह रहा है कि उनका खजाना दिनों-दिन खाली होता जा रहा है। अगर विदेशी मुद्रा रुझान यह स्थिति कुछ दिन और बनी रही तो जल्द ही एशियाई देशों के केंद्रीय बैंकों को करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करना बंद करना होगा।

क्या है वास्तविक स्थिति

एक देश अपनी विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स के साथ कितने महीने का आयात अफोर्ड कर सकता है, इस हिसाब से देखें तो चीन को छोड़कर बाकी उभरती हुई एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए विदेशी मुद्रा भंडार लगभग सात महीने के आयात तक गिर गया है। 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से यह सबसे खराब आंकड़ा है। इस साल की शुरुआत में इन देशों का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10 महीने के आयात के बराबर था। अगस्त 2020 में यह 16 महीने के उच्चतम स्तर पर था।

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सिंगापुर में स्टैंडर्ड चार्टर्ड में आसियान और दक्षिण एशिया एफएक्स अनुसंधान के प्रमुख दिव्या देवेश ने कहा कि गिरावट से संकेत मिलता है कि अपनी करेंसी को सपोर्ट करने के लिए केंद्रीय बैंको का हस्तक्षेप घटता जाएगा।

किस देश के पास कितना फॉरेन रिजर्व

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, थाईलैंड ने सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट देखी, इसके बाद मलेशिया और भारत का स्थान रहा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड का अनुमान है कि भारत के पास लगभग नौ महीने, इंडोनेशिया के लिए छह, फिलीपींस के पास आठ और दक्षिण कोरिया के पास सात महीने के आयात को कवर करने के लिए विदेशी मुद्रा बची है।

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इस स्थिति को देखते हुए मंदी का कोई भी संकेत एशियाई मुद्राओं के लिए नुकसान को बढ़ा सकता है। हाल के दिनों में कई एशियाई मुद्राएं ऐसी रही हैं, जिन्होंने डॉलर के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट देखी है। बहुत संभव है कि कुछ देशों के केंद्रीय विदेशी मुद्रा रुझान बैंक डॉलर की बिक्री करने के बजाय उसकी खरीद में लग जाएं। उनका ध्यान आयातित मुद्रास्फीति से निर्यात को बढ़ावा देने की तरफ भी जा सकता है।

भारत कैसे निपटेगा इस स्थिति से

भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले काफी विदेशी मुद्रा रुझान बेहतर है। जीडीपी के आंकड़ों को देखें तो भारत की विकास दर इस समय सबसे अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि रुपए के अवमूल्यन का संकट नहीं आएगा। आरबीआई ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह रुपये में किसी भी तेज गिरावट को रोकने की पूरी कोशिश करेगा। आरबीआई की इन कोशिशों का असर दिखने भी लगा है और रुपया अब धीरे-धीरे स्थिर हो रहा है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को कहा कि भारत, रुपये को सहारा देने की कोशिश नहीं कर रहा है और रुपया मुद्रा बाजार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है कि रुपये की गति धीरे-धीरे बाजार के रुझान के अनुरूप हो।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को 36 पैसे की तेजी के साथ 79.17 के एक महीने के उच्च स्तर पर बंद हुआ।

फिर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, 563.5 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : लगातार पांच सप्ताह की बढ़त के बाद एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिल रही है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का कोष 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.5 अरब डॉलर पर आ गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) और स्वर्ण भंडार घटा है. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा रुझान में भी इजाफा हुआ है. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, बिहार जहरीली शराबकांड : मुख्य आरोपी समेत 5 गिरफ्तार, होम्योपैथी दवा और चीनी मिलाकर बनाते थे नकली शराब)

लगातार पांच सप्ताह से विदेशी मुद्रा भंडार में हो रहा था इजाफा

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा हुआ है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर के खत्म हुए सप्ताह में यह 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर रहा था. इससे पहले 2 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच विदेशी मुद्रा रुझान गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था.

रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गया. हालांकि इससे पहले एफसीए 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पर पहुंच गयी थी. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. एफसीए घटने के कारण ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आयी है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व 15 करोड़ डॉलर घट गया

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट दर्ज की गयी है. 16 दिसंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 15 करोड़ डॉलर घटकर 40.579 अरब डॉलर रह गया.इससे पहले 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया था. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 7.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.181 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया था.

आरबीआई के आंकड़ों के विदेशी मुद्रा रुझान अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.114 अरब डॉलर हो गयी. इससे पहले यह 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया था. आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान वैश्विक घटनाक्रमों की खूब हलचल रही. जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा का मूल्य डॉलर के मुकाबले विदेशी मुद्रा रुझान काफी घट गया. इस गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने डॉलर बाजार में बेचे. जिसका प्रभाव देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा.

लगातार तीसरे सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)

  • पीटीआई
  • Last Updated : April 01, 2022, 21:01 IST

नई दिल्ली. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में लगातार तीसरे सप्ताह कमी आई है. 25 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

इससे पहले 18 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.597 अरब डॉलर घटकर 619.678 अरब डॉलर रह गया था. रिजर्व बैंक के मुताबिक, 11 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में यह 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर रह गया जबकि 4 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया था.

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, 524.52 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा रुझान रह गया रिजर्व

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर, 524.52 अरब डॉलर रह गया रिजर्व

3.85 अरब डॉलर की गिरावट के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के सबसे निचले स्तर 524.52 अरब डॉलर रह गया है.

Foreign Exchange Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक 21 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया है. जुलाई 2020 के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है. इससे पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर की गिरावट के बाद 528.37 अरब डॉलर रह गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की जा रही है.

एफसीए और गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट

आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गई है. इसके साथ ही देश के गोल्ड रिजर्व 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक के मुताबिक स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया है.

रुपये में गिरावट को रोकने के प्रयास जारी

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को रोकने के लिए RBI मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के साथ सबसे ऊंचे स्तर पर था. आरबीआई द्वारा घरेलू करंसी के मूल्य को गिरावट से बचाने के लिए पिछले एक साल में अब तक 115 अरब डॉलर की बिकवाली कर चुका है.

विदेशी मुद्रा भंड़ार में गिरावट का असर

कोई भी देश जरूरत पड़ने पर अपने देश की करंसी में आई तेज गिरावट को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंड़ार की मदद लेता है. हालांकि इसमें गिरावट के नुकसान भी हैं. अगर मुद्रा भंड़ार ज्यादा कम हो जाता है, तो करंसी में अनियंत्रित गिरावट हो सकती है. इससे आयात पर निर्भर देशों पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि करंसी में गिरावट की वजह से आयात पर दिये जाने वाली लागत बढ़ जाती है.

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