चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रशासन: चीन के विदेशी मुद्रा बाजार में अच्छा लचीलापन
21 नवम्बर को आयोजित 2022 वित्तीय मंच के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में चीनी जन बैंक के उपाध्यक्ष, चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रशासन के प्रधान फान कोंगशंग ने कहा कि इस वर्ष उच्च मुद्रास्फीति और सिकुड़न मुद्रा नीति विदेशी मुद्रा बाजार है? के प्रभाव से विदेशी मुद्रा समेत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार की डांवाडोल स्थिति को एक साल हो चुका है। इसके बावजूद चीनी विदेशी मुद्रा के बाजार में लचीलापन दिखता है।
फान कोंगशंग ने कहा कि इस वर्ष वैश्विक स्टॉक , बॉन्ड और अन्य वित्तीय संपत्ति की कीमतें बड़े पैमाने पर गिर चुकी हैं। यूएस डॉलर तेजी से मजबूत हो गया है और 20 वर्षों की एक नयी ऊंचाई पर पहुंचा है।
फान कोंगशंग ने कहा कि चीन की विदेशी मुद्रा के बाजार में नयी विशेषताएं दिख रही हैं और लचीलापन निरंतर मजबूत हो रहा है। वैश्विक दायरे में प्रमुख विकसित और नवोदित बाजार में मुद्राओं की तुलना में चीनी मुद्रा आरएमबी की अवमूल्यन दर औसत स्तर पर रही है। सीमा पार फंड के प्रवाह में उतार -चढ़ाव होने के बावजूद यह आम तौर पर स्थिर और व्यवस्थित रहा है।
साथ ही चीनी वित्तीय विभागों ने वित्तीय समर्थन की कई नीतियां जारी कीं, जिन्होंने बंदोबस्त की भूमिका अदा की है और बाजार में सक्रिय प्रभाव पड़ा है। भविष्य में चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रशासन वित्तीय खुलेपन और सुरक्षा का समायोजन कर उच्च स्तरीय खुल े विदेशी मुद्रा प्रबंध तंत्र की स्थापना करेगा, विदेशी मुद्रा के सुधार और खुलेपन को गहरा करेगा, सीमा पार व्यापार और निवेश के सुविधाकरण के स्तर को उन्नत करेगा और विदेशी विदेशी मुद्रा बाजार है? मुद्रा बाजार के स्वस्थ प्रचलन और राष्ट्रीय आर्थिक वित्तीय सुरक्षा की रक्षा करेगा।
थम नहीं रही विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट, 28 महीने पहले जैसे हुए हालात
21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया कमजोर हुआ। सप्ताह के दौरान 83 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था। पिछले छह हफ्तों में यह लगभग 4% लुढ़क चुका है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.8 अरब डॉलर घटकर 524.5 अरब डॉलर रह गया। जुलाई 2020 यानी करीब 28 माह बाद रिजर्व अपने सबसे निचले स्तर पर है। पिछले साल से रिजर्व में 115 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
वजह क्या है: भंडार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी मुद्रा एसेट हैं। इसमें 3.5 अरब डॉलर की कमी आई है। इसी तरह, केंद्रीय रिजर्व बैंक के पास रखे गोल्ड के मूल्य में 14 अक्टूबर की तुलना में 2.47 अरब डॉलर की गिरावट आई है। भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है।
आपको बता दें कि 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया कमजोर हुआ। सप्ताह के दौरान 83 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया था। पिछले छह विदेशी मुद्रा बाजार है? हफ्तों में यह लगभग 4% लुढ़क चुका है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.474 पर बंद विदेशी मुद्रा बाजार है? हुआ।
रुपये की रिकॉर्ड गिरावट को रोकने में मदद करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने अब तक विदेशी मुद्रा से लगभग 118 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) विदेशी मुद्रा बाजार है? का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों विदेशी मुद्रा बाजार है? के लिए लागू है ।. और अधिक
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विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व में फिर छाया गिरावट का दौर
राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। काफी समय तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में बढ़त दर्ज होने के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में भी इस बार गिरावट दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।
विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा आंकड़े : 10 जून, 2022 को
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 जून 2022 समाप्त सप्ताह में 4.599 करोड़ डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर पर आ गिरा है। जबकि, 3 जून 2022 समाप्त सप्ताह में 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर पर आ गिरा है। वहीं, उससे पहले 27 मई, 2022 को समाप्त सप्ताह में 3.9 बिलियन डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। उससे भी पहले देखा जाए तो 20 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.23 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर पर था। बताते चलें, 27 मई को विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़त लगभग 10 हफ्तों तक लगातार दर्ज हो रही गिरावट के बाद यह दूसरी बार बढ़त दर्ज हुई है। उस समय दर्ज हुई बढ़त के बाद विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर से 600 अरब डॉलर को पार कर गया था।
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय तक लगातार बढ़त दर्ज होने के बाद आज गिरावट दर्ज विदेशी मुद्रा बाजार है? हुई है। इस प्रकार समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 10 लाख डॉलर की मामूली गिरावट के साथ 40.842 अरब डॉलर पर जा पहुंची है। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में गिरावट ही दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती हैं।
आंकड़ों के अनुसार IMF :
रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़कर होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में देश का मुद्रा भंडार 4 करोड़ डॉलर घटकर 4.985 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, IMF में देश का विशेष आहरण अधिकार (SDR) 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.388 अरब डॉलर पर आ पंहुचा है।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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Money Market New Timings: RBI ने बदला ट्रेडिंग का समय, सोमवार से सुबह 9 बजे से होगा कामकाज
Market Market Timings विदेशी मुद्रा बाजार है? Update। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ट्रेडिंग के समय में बदलाव कर दिया है।आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्तीय बाजार के कारोबार का नया टाइम टेबल 18 अप्रैल, सोमवार से लागू होगा। अभी तक कारोबार का समय सुबह 10 बजे से था, लेकिन अब इसे 18 अप्रैल से 9 बजे से ही कर दिया गया है और 3.30 बजे तक जारी रहेगा। RBI ने बाजार के कारोबारी समय में 30 मिनट बढ़ा दिया है। RBI ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि कोविड प्रतिबंधों के खत्म होने और लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों को हटाने और कार्यालयों में कामकाज सामान्य होने के चलते सुबह 9 बजे से वित्तीय बाजारों में कारोबार शुरू करने का फैसला लिया गया है।
RBI के मुताबिक अब बदले हुए समय के साथ विदेशी मुद्रा बाजार और सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन संभव होगा। 18 अप्रैल 2022 से विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव, रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव, कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो आदि सहित विदेशी मुद्रा (FCY)/ भारतीय रुपया (INR) ट्रेडों जैसे RBI विनियमित बाजारों में ट्रेडिंग अपने पूर्व-कोविड समय यानी सुबह 10 बजे के बजाय 9:00 बजे सुबह से शुरू होगी
आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अप्रैल को बाजार के कारोबार के घंटे में बदलाव किया था। बाजार का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक बदल दिया गया, जिससे कारोबार के घंटे आधे घंटे कम हो गए, लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद RBI पुराने टाइम टेबल को फिर से लागू कर रहा है।
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