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Best technical analysis books for trading and stock market

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Hello दोस्तों,

आशा करते है आप सभी अच्छे होंगे, दोस्तों हमसे कई बार पुच्छा गया आपने शेयर बाज़ार को कैसे समझा ? और कई बार लोग हमसे जानना चाहते ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल है कि क्या कोई एसी किताब है जो हमें शेयर बाज़ार से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी दे सके तथा साथ ही हम उनसे ट्रेडिंग करना भी सीख जाये ?

तो आज हम आपको कुछ एसी किताबो के बारे जानकारी देने जा रहे है जो आपको केवल शेयर बाज़ार से सम्बंधित जानकारी ही नहीं देंगी बल्कि आपको निवेश करने तथा किसी भी company या शेयर की technical तथा fundamental analysis करना भी सिखाएगी, और ट्रेडिंग का प्रो खिलाडी भी बनायेंगी, तो आइये जानते है इन बेहतरीन किताबो के बारे में |

1. Technical analysis for beginners:

इस किताब को हमने पहले स्थान पर इसलिए रखा है क्यूंकि यह किताब नए निवेशको से लेकर उच्च स्तर के निवेशको तथा traders के लिए सबसे बेहतरीन किताब मानी जाती है| यदि हम कहे की यह किताब शेयर बाज़ार में पैसा बनाने की मशीन साबित हो सकती है तो गलत नहीं होगा, लेकिन इसके लिए आपको इसमें दी गयी जानकारी को follow करना आवश्यक है| यह किताब आपको शेयर बाज़ार में बहुत ज्यादा शिक्षित करने की ताकत रखती है, तथा यह बिलकुल सरल भाषा में दी गयी ताकि कोई भी नया निवेशक इसमें दी गयी जानकारी को आसानी से समझ सके | इस किताब में आपको चार्ट पैटर्न्स को समझने तथा भाव का समय से पहले पता लगाने के तरीके सिखाये गए है, अगर कम शब्दों में कहे तो यह किताब आपको डे ट्रेडिंग में होने वाले भाव के उतार चढाव को समय से पहले समझने की ताकत देती है, जिससे आप भाव के भविष्य का पहले ही पता लगा कर आसानी से बड़ा मुनाफा कमा सकते है | यदि आप इस किताब को आज ही खरीदना चाहते है तो बनना चाहते है स्टॉक ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल मार्किट के एक्सपर्ट तो निचे दिए गए link पर जाकर खरीद सकते है |

घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?

अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे, बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी और टूल देने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करवाए.

Binomo

aajtak.in

  • 16 मार्च 2021,
  • (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)

लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.

निवेश करना क्यों है जरुरी?

बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.

निवेश करने के तरीके

‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’: बैंक के ‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’ कम समय के लिए अच्छा निवेश माना जाता है. इनमें आपको कम समय में ही आपके पैसे के साथ ब्याज भी मिल जाता है. इसमें निवेश करने के दौरान आपको बैंक के द्वारा 100 % सुरक्षा दी जाती है.

रियल एस्टेट में निवेश: मार्केट में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी में निवेश करना लोगों की पहली पसंद होती है. आमतौर पर लोग घर और निवेश के ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल लिए ली गयी प्रॉपर्टी में अंतर नहीं कर पाते. हालाँकि दोनों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग- अलग होती है. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.

गोल्ड में निवेश: गोल्ड को भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है साथ ही निवेश करने का एक सुरक्षित माध्यम भी. गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड ईटीएफ जैसे माध्यम भी हैं, जो अतिरिक्त आय और सुरक्षित धन के रूप में काम आता हैं. यही कारण है कि फिजिकल गोल्ड के साथ लोग अब लिक्विड गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं.

ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश

ट्रेडिंग किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही किसी विशेष परिसंपत्तियों की कीमत पर पूर्वानुमान लगाने के लिए उसके ग्राफ का विश्लेषण करना भी ट्रेडिंग का एक हिस्सा है. ये मुख्य रूप से अतिरिक्त आय और लाभ कमाने की आशा से की जाती है. लेकिन क्‍या आपकी कंपनी को अच्‍छा करेगी, शेयर के दाम ऊपर जाएंगे और क्‍या आपको फायदा होगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है. अगर अपनी समझदारी और सतर्कता से निवेश न किया जाये तो ये घाटे का सौदा भी हो सकता है.

अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है, जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी, टूल और प्रैक्टिस भी करवाए. ऐसे में Binomo आपके लिए एक अलग और बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. जो कुछ परिसंपत्तियों पर डील्स खोलने और इसकी कीमत पर एक पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है, चाहे वह ऊपर या नीचे जाए.

घर बैठे ट्रेडिंग अब है सुविधाजनक

अगर आप अपनी सूझभूझ से काम लें तो Binomo ट्रेडिंग के लिए एक सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यहाँ बड़े- बड़े अनुभवी ट्रेडर्स भी मात खा जाते हैं. इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले इसकी हर बारीकी को समझना बहुत जरूरी है ताकि आने वाले जोखिमों से कुछ हद तक बचा जा सके. ऐसे में Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्षेत्र में यूजर्स को ट्रेनिंग देने पर फोकस करता है और दूसरी तरफ ऑनलाइन ट्रेडिंग में अनुभवी ट्रेडर्स को इस क्षेत्र मेंविशेषज्ञ बनने में मदद करता है.

इसके अलावा डेमो अकाउंट में Binomo ट्रेडिंग ऐप आपको $1000 के साथ शुरू करने का अवसर देता है. डेमो अकाउंट पर $1000 वर्चुअल होता है, जो निकालना मुमकिन नहीं है. लेकिन ट्रेड्स में नुकसान होने पर ये वर्चुअल अमाउंट वापस हो जाता है. ये केवल प्रैक्टिस के उद्देश्य के लिए है, जिसकी मदद से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्‍स को बेहतर और तेज कर सकते हैं.

सिर्फ कुछ स्टेप्स में घर से शुरू करें ट्रेडिंग

Binomo.com की वेबसाइट पर जाकर ग्राहकों को रजिस्टर करने के बाद रियल अकाउंट पर ट्रेडिंग करने के लिए डिपॉजिट करने की जरूरत होगी. फंड विथड्रॉ करने की स्थिति में वेरिफिकेशन की जरुरत पड़ती है. 350 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ आप अपने अकाउंट को शुरू भी कर सकते हैं, जिसमें ट्रेड की न्यूनतम कीमत 70 रुपये होगी. जबकि ट्रेड्स के नंबर पर कोई पाबंदी नहीं है.

हालाँकि निवेश करना अच्छी बात है लेकिन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिमों को जानना और समझना बहुत जरुरी है. इसके साथ ही घर की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही फंड का निवेश करना चाहिए. ट्रेडिंग किसी भी प्लेटफॉर्म पर की जाए इस क्षेत्र में अनुभव और जानकारी होना बहुत जरूरी है. अपनी सूझबूझ से किया गया निवेश आपको समय आने पर फायदा भी दिला सकता है.

Technical Analysis Tool Supertrend ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल Indicator in Hindi

Supertrend indicator , Technical Analysis में एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर है जिसे प्राइस के साथ आसानी से प्लॉट किया जा सकता है। Supertrend को चार्ट में लाइन्स के माध्यम से दर्शाया जाता है, जो दो कलर की होती है। पहली लाल और दूसरी हरी , Supertrend में लाल लाइन्स को गिरावट तथा हरी लाइन्स को तेजी का संकेत माना जाता है।

Supertrend का इन्वेंटशन Olivier Seban ने किया था इसे अलग अलग टाइम फ्रेम जैसे 15 मिनट 1 घंटा आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। Supertrend की गणना शेयर के हाई -लौ और ATR के आधार पर की जाती है।

Supertrend Indicator का उपयोग कैसे करे

  1. Supertrend Indicator का उपयोग करने के लिए सबसे पहले अपने किसी भी पसंदीदा शेयर का चार्ट ओपन करे जिसे आप ट्रेड करना चाहते हो।
  2. अपने ट्रेड के अनुसार चार्ट के टाइम पीरियड को बदल दे अगर आप इंट्राडे के लिए ट्रेड कर रहे तो चार्ट का पीरियड 15 मिनट कर दे लकिन अगर आप शार्ट - टर्म के लिए ट्रेड कर रहे है तो चार्ट पीरियड को ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल 1 डे पर रखे
  3. चार्ट में अब इंडीकेटर्स में जाकर Supertrend इन्सर्ट करे, Supertrend की सेटिंग को आप अपने मुताबिक बदल भी सकते है
  4. अब प्राइस एक्शन और Supertrend के साथ चार्ट को ट्रैक करे Supertrend के सिगनल को फॉलो करते हुए शेयर में अपनी buy और Sell की पोजीशन बनाइये

Supertrend Indicator के लाभ

  1. Supertrend , RSI और MACD Indicator की तरह एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर है जिसे चार्ट में प्राइस के साथ आसानी से प्लॉट किया जा सकता है।
  2. Supertrend शेयर के बाइंग और सेल्लिंग के एक्यूरेट सिग्नल देता है।
  3. Supertrend को लाइन्स के माध्यम से दर्शाया गया है जिसके कारण इसे आसानी से समझा जा सकता है।
  4. Supertrend इंट्राडे के लिए बहुत महवत्पूर्ण है।
  5. Supertrend को किसी भी टाइम फ्रेम में आसानी से'देखा जा सकता है।
  6. Supertrend सभी प्लेटफॉर्म्स पर निशुल्क उपलब्ध है।

Supertrend Indicator की कमियां

  1. Supertrend ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल बाजार के केवल ट्रेंडिंग होने पर ही कार्य करता है। साइडवेज़ मार्केट में Supertrend भी साइडवेज़ हो जाता है
  2. Supertrend हर बार एक्यूरेट सिग्नल नहीं देता है।

Supertrend में कुछ कमियाँ होने के बावजूद भी Intraday ट्रेडिंग के लिए ये बहुत ही अच्छा ट्रैंड फॉलोविंग इंडिकेटर है Supertrend इंट्राडे ट्रेडर्स को तुरंत निर्णय लेने में मदद करता है।

Supertrend Indicator की विभिन्न स्थितियां

Supertrend Signal change to buy

इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से कंसोलिडेट कर रहा है या डाउनट्रेंड में चल रहा है और Supertrend में अचानक buy सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल तेजी आने वाली है।

Supertrend Signal Change to Sell

ये स्थिति पहले वाली स्थिति से पूरी तरह उलटी है ,इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से तेजी में है और Supertrend में अचानक Sell सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में गिरावट आने वाली है।

Price Nearing Supertrend Support

Supertrend, सपोर्ट और रेसिस्टेन्स के रूप में भी कार्य करता है और इसकी सहायता से स्टॉपलॉस भी आसानी से लगाया जा सकता है। अगर शेयर बार बार Supertrend के सपोर्ट पर आकर रुकता है एवम सपोर्ट से ही वापस ऊपर चला जाता है तो उस प्राइस पॉइंट को हम स्ट्रांग सपोर्ट मानेंगे एवं उसे एक स्टॉपलॉस के रूप में भी उपयोग कर सकते है।

Price Nearing Supertrend Resistance

इस स्थिति में अगर शेयर बार बार Supertrend के रेसिस्टेन्स पर जाकर वापस आ जाता है तो इसका अर्थ है उस प्राइस पॉइंट पर लगातार सेल्लिंग हो रही है अगर कभी शेयर उस प्राइस पॉइंट को ब्रेक करता है तो इसे एक बड़ा ब्रेकआउट मानेंगे इस प्राइस पॉइंट को हम स्टॉपलॉस मानकर शेयर को शार्ट भी कर सकते है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? | How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi?

How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi

शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।

स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?ट्रेडर्स के लिए एक टेक्निकल टूल

स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है ।

जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।

बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?

ट्रैडिंग अकाउंट खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।

बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।

स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।

जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।

अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।

How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI

तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI

अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।

स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।

कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI

Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

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