2. स्वागबक्स डॉटकॉम(http://www.swagbucks.com)
स्वागबक्स डॉटकॉम एक प्रसिद्ध वेबसाइट है, जिस पर फ्री में रजिस्टर करके आप कमाई शुरू कर सकते हैं. फेसबुक के जरिए भी इससे जुड़ा जा सकता है. इसमें आपको पैसा तो कम मिलेगा, लेकिन आपके जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे मोबाइल, हार्ड डिस्क, मग, टीशर्ट, आदि ज्यादा मिलते हैं. गिफ्ट इस साइट पर बस आपको कुछ समय बिताना है और शॉपिंग से लेकर सर्चिंग, प्ले, सवाल-जवाब और प्रोडक्ट की जानकारी हासिल करनी है. इसकी एवज में वेबसाइट आपको कुछ प्वाइंट्स देगी. इन प्वाइंट्स को आप शॉपिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर कैश में क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है भी बदल सकते हैं.
Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के साथ शुरुआत, 82.90 के निचले स्तर पर पहुंचा
By: ABP Live | Updated at : 21 Oct 2022 10:34 AM (IST)
रुपया, डॉलर (फाइल फोटो)
Rupee Vs Dollar: करेंसी बाजार (Currency Market) में रुपये (Indian Rupee) की गिरावट लगातार चिंता का विषय बनी हुई है. आज भी रुपये की शुरुआत गिरावट के साथ ही हुई है. रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर (US Dollar) के मुकाबले 12 पैसे टूटकर 82.90 के स्तर पर आ गया है. हालिया कारोबार में रुपये की भारी गिरावट के बाद ये 83.29 रुपये प्रति डॉलर तक भी नीचे चला गया था जिसके बाद आरबीआई (Reserve Bank of India) की नजरें इस पर बनी हुई हैं.
कल कैसा रहा था रुपये का कारोबार
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशों में डॉलर के कमजोर होने के बीच रुपये में मजबूती आई. बाजार सूत्रों ने कहा कि रुपये के 83.29 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्न स्तर तक लुढ़कने के बाद संभवत: रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया, जिसके कारण स्थानीय मुद्रा में सुधार आया. उन्होंने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये की तेजी पर अंकुश लगाया.
घर बैठे विदेशी शेयर बाजारों में लगाएं पैसे, क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है महज 1 डॉलर से कर सकते हैं शुरुआत!
आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty Images)
भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)
इंटरनेट से कमाई के 5 पॉपुलर तरीके, घर बैठे सिर्फ एक घंटे में 1000 रु. तक कमाएं
कई सेक्टर ऐसे भी हैं, जहां काम बिल्कुल ठप पड़ गया है. साथ ही कमाई का भी कोई जरिया नहीं है. लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं. ऐसे वक्त में आप घर बैठे भी कमाई कर सकते हैं.
देश में लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर काम वर्क फ्रॉम होम हो रहा है.
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है. यही वजह है कि देश में इस वक्त ज्यादातर काम वर्क फ्रॉम होम क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है हो रहा है. कई सेक्टर ऐसे भी हैं, जहां काम बिल्कुल ठप क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है पड़ गया है. साथ ही कमाई का भी कोई जरिया नहीं है. लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं. ऐसे वक्त में आप घर बैठे क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है भी कमाई कर सकते हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था को लगा झटका, रुपये में आज आई गिरावट
डॉलर के कमजोर होने के बावजूद स्थानीय बाजारों में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह से शुक्रवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है नौ पैसे की गिरावट के साथ 81.35 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी बढ़ने की वजह से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई है.
कच्चे तेल में आया उछाल
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.11 पर खुला. कारोबार के दौरान रुपये का लाभ लुप्त हो गया और कारोबार के आखिर में यह नौ पैसे की गिरावट दिखाता 81.35 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ है. कारोबार के दौरान रुपये ने 81.08 के ऊंचे स्तर और 81.35 के निचले स्तर को छुआ. पिछले सत्र में रुपया चार पैसे की तेजी के साथ 81.26 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है या मजबूती को दिखाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 फीसदी की गिरावट के साथ 104.53 पर आ गया.
वहीं, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.17 फीसदी बढ़कर 87.03 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 415.69 अंक घटकर 62,868.50 अंक पर बंद हुआ है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने गुरुवार को 1,565.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे.
आपकी जिंदगी पर रुपये का क्या होता है असर?
आपको बता दें कि रुपये में तेजी और गिरावट का असर आम जन जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है. रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी का असर घट जाती है. इस वजह से कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगता है, क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाता है और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहता है.
वहीं, आम आदमी को फायदा उस स्थिति में मिलता है, जब वैश्विक बाजार में कमोडिटी के दाम गिरता है और रुपया डॉलर के मुकाबले क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है मजबूत स्थिति में आता है.
रुपया विनिमय दर क्या है?
अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की विनिमय दर अनिवार्य रूप से एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने के लिए आवश्यक रुपये की संख्या है. यह क्या सच में डॉलर कमाने वाला ऐप है न केवल अमेरिकी सामान खरीदने के लिए बल्कि अन्य वस्तुओं और सेवाओं (जैसे कच्चा तेल) की पूरी मेजबानी के लिए एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है, जिसके लिए भारतीय नागरिकों और कंपनियों को डॉलर की आवश्यकता होती है.
जब रुपये का अवमूल्यन होता है, तो भारत के बाहर से कुछ खरीदना (आयात करना) महंगा हो जाता है. इसी तर्क से, यदि कोई शेष विश्व (विशेषकर अमेरिका) को माल और सेवाओं को बेचने (निर्यात) करने की कोशिश कर रहा है, तो गिरता हुआ रुपया भारत के उत्पादों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है, क्योंकि रुपये का अवमूल्य विदेशियों के लिए भारतीय उत्पादों को खरीदना सस्ता बनाता है.
डॉलर के मुकाबले रुपया क्यों कमजोर हो रहा है?
सीधे शब्दों में कहें तो डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है, क्योंकि बाजार में रुपये की तुलना में डॉलर की मांग ज्यादा है. रुपये की तुलना में डॉलर की बढ़ी हुई मांग, दो कारकों के कारण बढ़ रही है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 531