पोर्टफोलियो प्रबंधन में पोर्टफोलियो के अधिकारी के उद्देश्यों और परिवर्तनशील आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया जाता है कि किन संपत्तियों को पोर्टफोलियो में शामिल किया जाना चाहिए। इस चुनाव के अंतर्गत यह निर्णय किया जाता है कि किन संपत्तियों को खरीदा जाना चाहिए, कितनी संख्या में खरीदा जाना चाहिए, उन्हें कब खरीदा जाना चाहिए और किन संपत्तियों को निकाल देना चाहिए।

पोर्टफोलियो प्रबंधन का परिचय - Introduction to Portfolio Management

वित्त में, पोर्टफोलियो किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा किये गए निवेशों का एक उचित संयोजन या संग्रह होता

पोर्टफोलियो रखना, निवेश व जोखिम को सीमित करने की रणनीति का एक भाग है, जिसे विविधीकरण भी कहते हैं। कई संपत्तियों का अधिकार रखने पर कुछ निश्चित प्रकार के जोखिमों (कुछ खास विशिष्ट जोखिम में) को कम किया जा सकता है। पोर्टफोलियो की संपत्ति में निम्न को शामिल किया जा पोर्टफ़ोलियो का उद्देश्य सकता है, बैंक खाता; स्टॉक, बांड विकल्प, अधिकार पत्र, स्वर्ण प्रमाणीकरण, अचल संपत्ति, भावी अनुबंध, उत्पादन इकाइयां या अन्य कोई वस्तु जिससे अपने मूल्य को बरकरार रखने की अपेक्षा की जा सकती है।

एक निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक वित्तीय संस्था आदर्श रूप से अपना स्वयं का निवेश विश्लेषण संचालित करेगी, जबकि एक निजी व्यक्ति, पोर्टफोलियो प्रबंधन की सुविधा प्रदान करने वाले वित्तीय सलाहकार या वित्तीय संस्था की सुविधा ले सकता है।

पोर्टफोलियो किसे कहते हैं?

वर्तमान शिक्षा प्रणाली सतत एवं व्यापक मूल्यांकन पर आधारित है सतत एवं व्यापक मूल्यांकन में बच्चों के व्यवहार में होने वाले व्यवहारगत परिवर्तन को समय-समय पर आकलन किया जाता है। जो कि बच्चों के चौमुखी विकास के लिए बहुत आवश्यक है। बच्चों का समय समय पर आकलन करने हेतु भिन्न भिन्न प्रकार की प्रणालियों को अपनाया जाता है जिसमें से एक पोर्टफोलियो भी है।

किसी विद्यार्थी के व्यवहार में होने वाले परिवर्तन का आकलन करने के लिए विद्यार्थी के सभी पक्षों की जानकारी होना आवश्यक है विद्यार्थी के सभी पक्षों की सूचनाओं को एकत्रित करने के लिए जो दस्तावेजों का संग्रह होता है वह पोर्टफोलियो कहलाता है। मुख्य तो पोर्टफोलियो भिन्न भिन्न प्रकार की जानकारियों का संग्रह दस्तावेज होता है और यह अलग-अलग जगह पर अलग-अलग प्रकार से बनाया जा सकता है किंतु यहां पर हम विद्यार्थियों की बात कर रहे हैं इसलिए हम विद्यार्थियों से संबंधित पोर्टफोलियो के बारे में ही पढ़ेंगे।

पोर्टफोलियो का अर्थ:-

किसी भी विषय,संस्थान /व्यक्ति विशेष से संबंधित है समस्त जानकारियों का संग्रह जिस दस्तावेज में होता है उसे पोर्टफोलियो कहते हैं।

अधिगम की प्रक्रिया के दौरान छात्र के व्यवहार में होने वाले व्यवहारगत परिवर्तन के मूल्यांकन हेतु विद्यार्थी की उपलब्धियां, कमियां, व्यक्तिगत जीवन संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, विद्यार्थी द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलापों इत्यादि अवधि अनुसार समस्त जानकारियों का संग्रह करने के लिए एक दस्तावेज तैयार किया जाता है जिससे शिक्षक को विद्यार्थी के समस्त पक्षों का मूल्यांकन करने में आसानी हो , वह दस्तावेज पोर्टफोलियो कहलाता है।

पोर्टफोलियो (Portfolio) क्या है? For CTET, D.El.Ed & B.Ed

आज हम लोग एक बहुत ही महत्वपूर्ण Topic के बारे में अध्ययन करेंगे इस Topic से लगभग हर साल CTET,D.El.Ed & B.Ed के Exam में एक न एक सवाल जरूर आता है वह Topic है पोर्टफोलियो क्या है? तो चलिए हमलोग जानते हैं कि पोर्टफोलियो किसे कहते हैं तथा पोर्टफोलियो का अर्थ क्या है?

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पोर्टफोलियो (Portfolio) क्या है?

पोर्टफोलियो एक प्रकार का फाइल होता है, जिसमें किसी व्यक्ति या बालक के जीवन के सभी क्षेत्रों का क्रमबद्ध जानकारी एकत्रित करके रखा जाता है यानी किसी बालक की क्या उपलब्धियां है क्या कमियां है इन सभी जानकारी पोर्टफोलियो में संचित रहता है इस प्रकार हम कर सकते हैं कि किसी बालक के जीवन का प्रत्येक अवस्था तथा करते घटना की जानकारी जिस फाइल के अंतर्गत मिलती है उस फाइल को पोर्टफोलियो कहा जाता है

यह जरूरी नहीं है कि पोर्टफोलियो सिर्फ किसी व्यक्ति या बालक का ही बनाया जाता है बल्कि
पोर्टफोलियो किसी भी व्यक्ति, पशु, पक्षी इत्यादि का बनाया जा सकता है

पोर्टफोलियो (Portfolio) के द्वारा मिलने वाली जानकारी निम्नलिखित है :-

  • पोर्टफोलियो की सहायता से व्यक्तिगत जानकारी मिलती है
  • इसकी सहायता से पारिवारिक जानकारी मिलती है
  • पोर्टफोलियो से शैक्षणिक जानकारी मिलती है
  • संस्कृति तथा सामाजिक जानकारी मिलती है
  • कला एवं खेल से संबंधित जानकारी मिलती है
  • बालक के सह- शैक्षणिक क्षेत्र की जानकारी मिलती है
  • पोर्टफोलियो से बालक की विशिष्ट उपलब्धियां इत्यादि का भी जानकारी मिलती है

पोर्टफोलियो (Portfolio) के उद्देश्य

बालकों के पोर्टफोलियो बनाने का उद्देश्य यह होता है पोर्टफोलियो की सहायता से किसी बालक का मूल्यांकन करना आसान हो जाता है क्योंकि पोर्टफोलियो समय-समय पर पोर्टफ़ोलियो का उद्देश्य बालकों के होने वाले विकास की जानकारी देता रहता है पोर्टफोलियो बालक के सभी पक्षों की जानकारी देता है तथा समय-समय पर देता रहता है इसलिए हम कर सकते हैं कि नहीं बालकों के सतत एवं व्यापक मूल्यांकन में पोर्टफोलियो का अहम भूमिका है इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पोर्टफोलियो का निर्माण किया जाता है

पोर्टफोलियो क्या होता है? पोर्टफोलियो के उद्देश्य एवं लक्ष्य (Portfolio Meaning in Hindi)

भारत में नवाचार शिक्षा पद्दति में पोर्टफोलियो को पोर्टफ़ोलियो का उद्देश्य महत्त्व दिया गया है. इसमें छात्र की विद्यालय, घर और समाज की उपलब्धियों का साक्ष्य वर्णित होता है. इसमें विद्यार्थी की विभिन्न कौशलों में पारंगतता का भी प्रदर्शन होता है. उनकी वे सभी कौशलें होती हैं, जिनका मापन परीक्षाओं द्वारा नहीं होता है.स्कूली शिक्षा को सफल बनाने के लिए पोर्टफोलियो अनिवार्य होता है. तो आज मैं आपसे Portfolio Kya Hai? के बारे में बात करेंगे.

पोर्टफोलियो एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड या फाइल होता है, जिनमें विद्यार्थी की शैक्षिक और गैर -शैक्षिक, सभी तरह की जानकारी को क्रमबद्ध तरीके से एकत्रित करके रखा जाता है.

साधारण भाषा में कहा जाए तो, विद्यार्थी की उपलब्धियों और कमियों का रिकॉर्ड पोर्टफोलियो में रखा जाता है. इसमें बालक के पूर्व निर्धारित क्रेडिट प्रदान किये जाते हैं, जो अगली कक्षा में जाने के लिए अनिवार्य होते हैं. ये क्रेडिट पुरे एक शैक्षिक सत्र या दो शैक्षिक सत्रों के आधार पर दिए जा सकते हैं.

पोर्टफोलियो के उद्देश्य

  • शैक्षिक और गैर-शैक्षिक कार्य की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए, अधिगम प्रगति और शैक्षिक उपलब्धि.
  • यह निर्धारित करने के लिए कि विद्यार्थी ने अधिगम मानक या कोर्स के लिए अन्य शैक्षिक आवश्यकताओं ग्रेड स्तर उन्नति और स्नातक प्राप्त कर लिया है.
  • विद्यार्थी को उसके शैक्षिक लक्ष्यों और प्रगति को अधिगमनकर्ता के रूप में प्रतिबिंबित करने की सहायता के लिए.
  • शैक्षिक कार्य का अंतिम परिणाम,उपलब्धियों और लेख को दर्शाना भी पोर्टफोलियो का उद्देश्य होता है.

विद्यार्थियों के पोर्टफोलियो करने वालों का तर्क है कि पोर्टफोलियो के पुनर्निरीक्षण और समयांतर विद्यार्थी के कार्य का मूल्यांकन अधिक गहन और सही तस्वीर प्रस्तुत करता है, कि विद्यार्थी ने क्या अधिगम किया है और वह क्या करने योग्य है. अपेक्षाकृत मानकीकृत परीक्षणों, प्रतियोगिता या परंपरागत गत वार्षिक परीक्षा के जो केवल एक समय विशेष पर विद्यार्थी क्या जनता है को बताते हैं.

पोर्टफोलियो का क्या अर्थ है ? पोर्टफोलियो के आधारभूत तत्त्व कौन से हैं ? अध्यापक के लिए पोर्टफोलियों आंकलन का क्या महत्त्व है ?

उत्तर – पोर्टफोलियो का अर्थ (Meaning of Portfolio )— विद्यालय में विद्यार्थी के सीखने की प्रक्रिया के दौरान जब मूल्यांकन या आंकलन साथ-साथ चल रहा होता है, उस अवस्था में शिक्षक के पास विद्यार्थियों पोर्टफ़ोलियो का उद्देश्य के बारे में बहुत सी सूचनाएँ तथा जानकारी एकत्रित हो जाती है, जिसमें विद्यार्थियों द्वारा किए गए कार्यों का संग्रह, दैनिक क्रिया के कार्यों का संग्रह या विद्यार्थी द्वारा किए गए क्रिया-कलापों के नमूने हो सकते हैं। किसी भी विद्यार्थी से सम्बन्धित ये सभी तिथि सहित एकत्रित सामग्री विद्यार्थी का जीवन वृत (बायोडाय) तथा अध्यापक द्वारा विद्यार्थी के व्यवहार में परिवर्तन हेतु अपनाए गए उपाय व विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएँ छात्र का पोर्टफोलियो कहलाता है। उक्त पोर्टफोलियो में विद्यार्थी का विद्यालय में, घर और समाज में उपलब्धियों का साक्ष्य वर्णित होता है। इसमें विभिन्न क्रियाओं, गतिविधियों तथा कौशलों में उनकी पारंगतता का प्रदर्शन भी होता है।

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