कब आएगा क्रिप्टोकरेंसी बिल?
क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल को इस साल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने का अनुमान है. इसका उद्देश्य शामिल तकनीक के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित और वर्गीकृत करना है. क्रिप्टोक्यूरेंसी पर एक अंतर-मंत्रालयी पैनल ने हाल ही में सुझाव दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल संपत्ति के रूप में माना जाना चाहिए न कि मुद्रा के रूप में. ऐसी भी अटकलें हैं कि सरकार द्वारा लागू क्रिप्टो सिक्के आदर्श बन सकते हैं.

Gold Silver Price Today: Check Rates in Delhi, Hyderabad, Chennai, Mumbai, Jaipur, Patna, Chandigarh and other Cities

Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी

अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?

Cryptocurrency : क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी? भविष्य में क्या हैं संभावनाएं? एक क्लिक पर जानें सबकुछ

Cryptocurrency : क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी? भविष्य में क्या हैं संभावनाएं? एक क्लिक पर जानें सबकुछ

वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी भारत में कानूनी विनियमन के दायरे से बाहर हैं.

भारतीय निवेशक देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर आधिकारिक फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं. भले ही अल सल्वाडोर ने डिजिटल करेंसी क्रांति को अपना लिया हो, लेकिन भारत अभी भी इस मुद्दे पर विचार चल रहा है. पिछले हफ्ते, भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिंह ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने के लिए "विशिष्ट दृष्टिकोण" अपनाएगी.

यह भी पढ़ें

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में क्रिप्टोकरेंसी अभी भी अनियंत्रित है. भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेशकों और एक्सचेंजों का एक मजबूत आधार है लेकिन निवेशक अभी भी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अंधेरे में हैं.

क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी?
वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी भारत में कानूनी दायरे से बाहर हैं. हम उन्हें अवैध नहीं कह सकते क्योंकि वे अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. क्रिप्टोक्यूरेंसी फिलहाल किसी भी दिशा-निर्देश, विनियम या नियम के दायरे से बाहर है. इस वजह से बिटकॉइन (Bitcoin) और अल्टकॉइन (altcoin) लेनदेन जोखिम भरा है क्योंकि इन एक्सचेंजों से उत्पन्न होने वाले विवाद कानूनी रूप से बाध्य नहीं होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स?
भारत ने अभी तक क्रिप्टोकुरेंसी लेनदेन पर कोई नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए इस पर टैक्स भी नहीं हैं, लेकिन सभी उपक्रमों से पारदर्शिता बरतने के लिए कहा गया है. अप्रैल में, इसी बाबत कंपनी अधिनियम में संशोधन पेश किए गए थे. इस पारदर्शिता के कारण, डिजिटल संपत्ति और उसके लाभ को पूंजीगत संपत्ति के रूप में गिना जा सकता है, जो पूंजीगत लाभ के तहत करों से बंधी है लेकिन कंपनियां अभी तक यह सुनिश्चित नहीं कर पा रही हैं कि इस संबंध में विभिन्न प्रकार के लाभ भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? और आय पर कर गणना कैसे की जाए.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्‍पष्‍ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।

बजट में क्रिप्टो से कमाई पर टैक्स का किया गया था प्रस्ताव

बजट 2022 के मेमोरेंडम में कहा गया था कि प्रस्तावित सेक्शन 115BBH सेक्शन का मकसद यह है कि जहां व्यक्ति की कुल आय में किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से कमाई गई इनकम शामिल है, वहां इनकम टैक्स को किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर इनकम टैक्स को 30 फीसदी की दर पर कैलकुलेट करना है.

1 फरवरी को अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा था कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा जारी डिजिटल रूपी को करेंसी के तौर पर मान्यता दी जाएगी. और सरकार 1 अप्रैल से किसी दूसरे निजी डिजिटल एसेट से कमाए गए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी. बजट 2022-23 में वर्चुअल करेंसी पर साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस और मिलने वाले के हाथ में ऐसे तोहफों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है. टीडीएस के लिए सीमा कुछ लोगों के लिए सालाना 50,000 रुपये होगी, जिसमें इंडीविजुअल या HUFs शामिल हैं, जिन्हें आईटी एक्ट के तहत अपने अकाउंट्स को ऑडिट कराने की जरूरत पड़ती है.

रेटिंग: 4.83
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 844