अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमैटिक मिशनों में एक है। यह इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को कितना महत्वपूर्ण मानता है। दूतावास अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट से लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन तक 17 अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसियों पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? का प्रतिनिधित्व करता है। पूरे देश में अमेरिका-भारत संबंधों में मजबूती सुनिश्चित करते हुए दूतावास चार कांसुलेट्स —मुंबई, कोलाकाता, चेन्नई और हैदराबाद के कामकाज में समन्वय स्थापित करता है। इसके साथ ही दूतावास बंगलोर के निवासियों के लिए वेबसाइट के द्वारा वर्चुअल कांसुलेट भी संभालता है।

अमेरिकन सेंटर दूतावास का सांस्कृतिक केंद्र है जो कला प्रदर्शिनियों, पुस्तक विमोचन और संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करता है। यह कनाट प्लेस में 24 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली पर स्थित है। इसमें अमेरिकन लाइब्रेरी है जो एक सार्वजनिक लाइब्रेरी है और सोमवार से शनिवार खुलती है।

1947 में भारत के स्वतंत्र होने पर राजदूतों का आदान-प्रदान करने वाला अमेरिका पहला देश था। अमेरिका-भारत के कूटनीतिक संबंधों के इतिहास के बारे में अधिक जानकारी के लिए, स्पैन में अमेरिका-भारत की दोस्ती के 60 वर्ष देखें। आज, अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध पांच स्तंभों पर आधारित हैं:रणनीतिक सहयोग, ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन; शिक्षा एवं विकास; अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं कृषि;विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य व नवप्रवर्तन।

नई दिल्ली, चाणक्यपुरी में वर्तमान दूतावास का डिज़ाइन आर्केटेक्ट एड्वर्ड डी. स्टोन ने बनाया था और इसकी शुरुआत 1959 में की गई थी। दूतावास के इतिहास के पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? बारे में और पढ़ें। चांसरी के साथ ही राजदूत का आवास है, जिसे रूज़वेल्ट हाउस कहते हैं।

यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन : कक्षा 8 हमारा इतिहास और नागरिक जीवन पाठ 1

up board solutions class 8

Solution for SCERT UP Board book हमारा इतिहास और नागरिक जीवन कक्षा 8 पाठ 1 यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन solution pdf. If you have query regarding Class 8 Hamara Itihas aur Nagrik Jivan chapter 1 European Shaktiyon ka Bharat mein Aagman, please drop a comment below.

यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन

Exercise ( अभ्यास )

प्रश्न ( 1 ) : बहुविकल्पीय प्रश्न –

(1) अमेरिका की खोज की थी –

(क) कोलम्बस ने (ख) हाकिन्स

(ग) वास्कोडिगामा ने (घ) सर टामस रो ने

(2) भारत में सर्वप्रथम कौन सा यूरोपीय व्यापारी आया –

(क) अंग्रेज (ख) पुर्तगाली

प्रश्न ( 2 ) : अतिलघु उत्तरीय प्रश्न –

(1) किस यन्त्र के आविष्कार से लम्बी समुद्र यात्राएँ आसान हो गई ?

उत्तर – कुतुबनुमा के अविष्कार से लम्बी समुद्र यात्राएँ आसान हो गई |

(2) वास्कोडिगामा किस देश का निवासी था ?

उत्तर – वास्कोडिगामा पुर्तगाल का निवासी था |

(3) मुग़ल बादशाह जहांगीर के दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज राजदूत कौन था ?

उत्तर – मुग़ल बादशाह जहांगीर के दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज राजदूत कैप्टन हाकिन्स था |

प्रश्न ( 3 ) : लघु उत्तरीय प्रश्न –

(1) भारत और यूरोप के मध्य होने वाले व्यापारिक मार्गों के बारे में लिखिए |

उत्तर – भारत और यूरोप के मध्य व्यापार जल और थल द्वारा होता था | प्रमुख व्यापारिक मार्ग निम्न हैं –

  1. फारस की खाड़ी से होता हुआ समुद्री मार्ग
  2. लाल सागर से अलेक्जेंड्रिया मार्ग
  3. मध्य एशिया से मिश्र होते हुए यूरोप

(2) व्यापारिक कंपनी से आप क्या समझते हो ?

उत्तर – व्यापारिक कम्पनी का अर्थ है – व्यापार में कई लोगों की हिस्सेदारी ( शेयर ) का होना | अर्थात कई लोगों द्वारा अपनी-अपनी पूँजी लगाना और पूँजी के अनुपात में प्राप्त मुनाफे को आपस में बाँट लेना |

प्रश्न ( 4 ) : दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –

(1) पुराने यूरोपीय व्यापारिक मार्ग कौन से थे ? नए व्यापारिक मार्गों की खोज क्यों शुरू हुई ?

उत्तर – पुराने यूरोपीय व्यापारिक मार्गों में प्रथम मार्ग फारस की खाड़ी से होते हुए ईराक , तुर्की , वेनिस और जिनेवा को था | दूसरा मार्ग लाल सागर से अलेक्जेंड्रिया को था जहाँ से समुद्र द्वारा वेनिस और जिनेवा को जाया जाता था | तीसरा मार्ग मध्य एशिया से मिस्र और फिर यूरोप के लिए था |

नए व्यापारिक मार्गों की खोज के निम्न कारण थे –

  1. राज्य की आमदनी के लिए धन इकट्ठा करना |
  2. ईसाई धर्म का दूर-दराज इलाकों में प्रचार करना |
  3. यूरोप के राष्ट्रों के झंडे को दूर-दूर के उपनिवेशों में फहराना जिससे उनका साम्राज्य बढ़ सके |

प्रोजेक्ट वर्क – छात्र स्वयं करें |

RELATED POSTS :

MasterJEE Online Solutions for Class 8 History Chapter 1 यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन . If you have any suggestions, please send to us as your suggestions are very important to us.

CONTACT US :
IMPORTANT LINKS :
RECENT POSTS :

This section has a detailed solution for all SCERT UTADAR PRADESH textbooks of class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7 and class 8, along with PDFs of all primary and junior textbooks of classes . Free downloads and materials related to various competitive exams are available.

SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 5

7⇒ 1915 में काबुल में भारत की अस्थायी सरकार की है अध्यक्ष
किसे बनाया गया था ?

उत्तर ⇒महेन्द्र प्रताप को

8⇒ जालियाबाला बाग हत्याकांड की जाँच के लिए सरकार न ने किस
समिति का गठन किया था ?

9⇒ हिन्द स्वराज पुस्तक किसने लिखी थी ?

उत्तर ⇒मोहनदास करमचंद गाँधी।

10⇒ तुर्की में खलीफा का पद किस वर्ष समाप्त किया गया।

11⇒ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष कौन थे।

उत्तर ⇒व्योमेशचन्द्र बनर्जी।

12⇒ साइमन कमीशन के अध्यक्ष कौन थे ।

उत्तर ⇒सर जॉन साइमन।

13⇒ स्पिनिंग जेनी का आविष्कार कब हुआ ?

14 सेफ्टी लैम्प का आविष्कार किसने किया ?

उत्तर ⇒हम्फ्री डेवी।

15⇒ बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़ों के मिलों की स्थापना कब हुई ?

16⇒ 1917 ई॰ में भारत में पहली जूट मिल किस शहर में स्थापित हुआ ?

17⇒ भारत में कोयला उद्योग की प्रारंभ कब हुआ ?

18⇒ जमशेद जी टाटा ने टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी की स्थापना
कब की ?

19⇒ भारत में टाटा हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन की स्थापना कब हुई।

20⇒ इंग्लैंड में सभी स्त्री एवं पुरूषों को व्यस्क मताधिकार कब प्राप्त हुआ ?

21⇒ अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?

22⇒ भारत के लिए पहला फैक्ट्री एक्ट कब पारित हुआ ?

23⇒ औधोगिक क्रांति सर्वप्रथम किस देश में हुई ?

उत्तर ⇒इंग्लैण्ड में

24⇒ इंग्लैंड में औधोगिक क्रांति किस उद्योग से आरंभ हुई।

उत्तर ⇒ वस्त्र उद्योग से

25⇒ स्पिनिंग जेनी का आविष्कार किसने किया था ?

उत्तर ⇒जेम्स हारग्रीव्स

SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 2
SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 3
SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 4
SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 6
SOCIAL SCIENCE OBJECTIVE क्रैश कोर्स PART- 7

social science class 10 question , social science class 10 question paper solved ,social science class 10 question answer , ssocial science 10th class ,social science class 10 objective question 2020 ,class 10th social science objective question 2020 ,social science ka objective question class 10th ,INTER model 2020.

यूरोप को भारत की समुद्री राह दिखाने की मुहिम के 523 साल, पढ़ें- वास्को डी गामा के सफर की पूरी डिटेल

कोलंबस (Christopher Columbus) की यात्रा के करीब 5 साल बाद पुर्तगाल के नाविक वास्को डी गामा (Vasco Da Gama) भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले. सफर का दिन पुर्तगाल के शाही ज्योतिषयों ने बड़ी सावधानी से चुना था. गामा 170 नाविकों और चार जहाजों के एक बेड़े के साथ लिस्बन से निकले थे.

यूरोप को भारत की समुद्री राह दिखाने की मुहिम के 523 साल, पढ़ें- वास्को डी गामा के सफर की पूरी डिटेल

आज से 523 साल पहले सन 1497 में 8 जुलाई (शनिवार) को पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा अपने जहाज से रवाना हुए और समुद्र के रास्ते भारत की यात्रा करने वाले पहले यूरोपीय बने. इसे भारत को खोजने जैसे पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? हास्यास्पद तथ्यों की तरह पेश किया गया. हालांकि बाद में यह साफ हो गया कि वास्को डी गामा ने यूरोप को पहली बार भारत तक पहुंचने का समुद्री मार्ग बताया था. भारत की खोज नहीं की थी.

भारत की राह तलाशने की कारोबारी वजह

दरअसल, भारत पहले यूरोप के देशों के लिए एक पहेली जैसा था. यूरोप तब अरब के देशों से मसाले और मिर्च वगैरह खरीदता था. अरब देश के कारोबारी उसे यह नहीं बताते थे कि मसाले पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? कहां उपजाते हैं या कहां से लाते हैं. यूरोप के बड़े व्यापारी इस बात को समझ चुके थे कि अरब कारोबारी उनसे जरूर कुछ छुपा रहे हैं. यूरोप वाले अरब के उस पार पूर्वी देशों से ज्यादा परिचित भी नहीं थे. इसलिए कारोबारी बुद्धि से प्रेरित होकर ही इटली के नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस उस देश का समुद्री रास्ता ढुंढने निकले जिसको उनके यहां कोई नहीं जानता था. जिसके बारे में सिर्फ सुना था.

रंग लाई कोलंबस और गामा की मुहिम

अटलांटिक महासागर में कोलंबस भम्रित हो गए और अमेरिका की तरफ पहुंच गए. उसे लगा कि अमेरिका ही भारत है. इसी कारण वहां के मूल निवासियों को रेड इंडियंस के नाम से जाना जाने लगा. कोलंबस की यात्रा के करीब 5 साल बाद पुर्तगाल के नाविक वास्को डी गामा भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले. सफर का दिन पुर्तगाल के शाही ज्योतिषयों ने बड़ी सावधानी से चुना था. गामा 170 नाविकों और चार जहाजों के एक बेड़े के साथ लिस्बन से निकले थे. उनके साथ तीन दुभाषिए भी थे जिसमें से दो अरबी बोलने वाले और एक कई बंटू बोलियों का जानकार था. बेड़े पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? में वे अपने साथ एक पेड्राओ (पाषाण स्तंभ) भी ले गए थे जिसके माध्यम से वह अपनी खोज और जीती गई भूमि को चिन्हित करता था. इसके साथ जहाज पर तोप भी रखे गए थे.

केरल में कालीकट पहुंचे वास्को डी गामा

गामा ने समुद्र के रास्ते कालीकट पहुंचकर यूरोपवासियों के लिये भारत पहुंचने का एक नया मार्ग खोज लिया. केन्या के तटीय शहर मालिंदी से एक गुजराती मुसलमान व्यापारी जो हिंद महासागर से काफी परिचित था ने गामा की मदद की थी. कालीकट या ‘कोलिकोड’ केरल राज्य का एक शहर और बंदरगाह है. 12 हजार मील का सफर कर 20 मई 1498 को वास्को डी गामा कालीकट तट पहुंचे. वहां के राजा से कारोबार के लिए इजाजत ली. 3 महीने वहां रहने के बाद पुर्तगाल लौट गए. फिर वह भारत आते-जाते रहे. साल 1499 में भारत पहुंचने के लिए रास्ते की खोज की यह खबर फैल गई.

यूरोप के लिए क्यों मुश्किल थी भारत की राह

भारत पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? के एक ओर हिमालय की ऐसी शृंखलाएं हैं जिसे पार करना उस दौर में असंभव था. वहीं तीन ओर से भारत को समुद्र ने घेर रखा था. ऐसे में यूरोप वासियों के लिए भारत पहुंचने के तीन रास्ते थे. पहला रूस पार करके चीन होते हुए बर्मा वाला लंबा और जोखिम भरा रास्ता. दूसरा अरब और ईरान को पार करके आना. इस रास्ते का इस्तेमाल अरब के कारोबारी करते थे. वे किसी दूसरे को ईधर आने नहीं देते थे. तीसरा और आखिरी रास्ता समुद्र का ही था. इस रास्ते में प्रकृति के अलावा तब कोई और चुनौती नहीं थी. इसलिए यूरोप वालों ने इसे चुना.

यूरोप को भारत का समुद्री मार्ग मिलने पर क्या हुआ

वास्को डी गामा की मेहनत के बाद यूरोप के लुटेरों, शासकों और व्यापारियों के लिए भारत पहुंचने का समुद्री रास्ता मिल गया. भारत पर कब्जा जमाने, व्यापार करने और लूटने की लगातार कोशिश होती रही. इसके साथ ही ईसाइयत के प्रचारक भी बड़ी संख्या में ईधर आने लगे. उन्होंने भारत के खासकर केरल राज्य के लोगों का धर्म बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

वास्को डी गामा के वापस पहुंचने के छह महीने बीतते ही पेद्रो अल्वारेज़ काबराल के नेतृत्व में दूसरा पुर्तगाली बेड़ा हिंदुस्तान की ओर रवाना हुआ. उस में 13 जहाज़ शामिल थे. उसकी तैयारी व्यापारिक अभियान से ज़्यादा जंगी कार्रवाई की थी. पुर्तगालियों के बाद डच और ब्रिटिश ने भी भारत की राह पकड़ी. सूरत में ईस्ट इंडिया कंपनी आने के 9-10 साल बाद 1615 में यह क्षेत्र ब्रिटिश अधिकार में आने लग गया. 1698 में भारत के अंदर फ्रांसीसी बस्तियां बसने लगी. फ्रांस और ब्रिटेन के बीच के युद्ध के दौरान यहां भी बड़े बदलाव सामने आए.

क्यों हुआ था वास्को डी गामा का चयन

दरअसल, साल 1492 में नाविक प्रिंस हेनरी की नीति का अनुसरण करते हुए किंग जॉन ने एक पुर्तगाली बेड़े को भारत भेजने की योजना बनाई थी. इससे उन्हें एशिया के लिए समुद्री रास्ते खुलने की उम्मीद थी. उनकी योजना मुसलमानों खासकर अरबी कारोबारियों को पछाड़ने की थी. उस समय भारत और अन्य पूर्वी देशों के साथ व्यापार पर अरब और मध्य पूर्व देशों का लगभग एकाधिकार था. पहले एस्टावोडिगामा को इस अभियान की अगुवाई के लिए चुना गया. उनकी अचानक मौत के बाद वास्को द गामा को इस मुहिम की कमान सौंपी गई.

भारत में ही मौत, केरल का एक हिस्सा मानता है विलेन

यूरोप से वास्को डी गामा केप ऑफ पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? गुड होप, अफ्रीका के दक्षिणी कोने से होते हुए भारत तक पहुंचे थे. साल 1503 में गामा हमेशा के लिए पुर्तगाल लौट गए. बीस साल वहां रहने के बाद वह फिर भारत वापस चले आए. 24 मई 1524 को उनकी मौत हो गई. लिस्बन में वास्को के नाम का एक स्मारक है, इसी जगह से उन्होंने भारत की यात्रा शुरू की थी. गोवा के पुर्तगाली आबादी वाले इलाके में भी एक जगह है जिसे वास्को डी गामा के नाम से जाना जाता है.

बताया जाता है कि चांद के एक गढ्ढे का और पुर्तगाल में कई सड़कों का नाम वास्को के नाम पर रखा गया है. साल 2011 में संतोष शिवन के डाइरेक्शन में बनी मलयालम फिल्म उरुमि में उसको एक खलनायक की तरह दिखाया गया है.

भारत में पुर्तगाली व्यापार का पूंजी प्रबंधन किस प्रकार किया जाता था

Bharat Me Purtgali Vyapar Ka Punji Prabandhan Kis Prakar Kiya Jata Tha

15वीं शताब्‍दी मे युरोप के लोग भारत के लिए जल मार्ग खोजने लगे क्‍योंकि भारत के साथ यूरोप का स्‍थलमार्ग महंगा तथा असुरक्षित था। इस क्रम मे सबसे पहले स्‍पेन का नाविक कोलम्‍बस 1492ई. मे भारत के धोखे मे अमेरिका पहुच गया। इस प्रकार एक नई दुनियां की खोज हुई क्‍योकि अमेरिका महाद्वीप की उस समय तक शेष दुनियां को जानकारी नही थी। इसके बाद पुर्तगाली नाविक बार्थो लेम्‍यूज डायस 1497ई. मे अफ्रीका के अंतिम छोर आशा अंतरीप Cape of Good Hope तक पहुच गया।

27 मई 1498ई. को वास्‍कोडिगामा आशा अंतरीप होते हुए भारत मे कालीकट पहुचा जहां हिन्‍दू राजा (जमोरिन ) ने उसका स्‍वागत किया। उसका यह स्‍वागत अरब व्‍यापारियों को पसंद नही आया वास्‍कोडिगामा के बाद केब्राल 1500 भारत आया। पुर्तगालियां ने पहली बस्‍ती कालीकट मे स्‍‍थापित की।

डी-अल्‍मेडा (1515) भारत मे पुर्तगाल अधिकृत प्रदेशो का पहला गवर्नर था। वह नीले पानी नीति का बडा समर्थक था। इसके अनुसार समुन्‍द्र पर पुर्तगालियों का प्रभुत्‍व ही भारत स्थित उनकी व्‍यापारिक मंडियों और कोठियो को सुरक्षित रख सकता है। डी-अल्‍मेडा ने मालद्वीप पर अधिकार किया।

अलफांसो डी-अल्‍बुकर्क 1509 ने 1510ई. मे बीजापुर से गोवा छीनकर वहां पर स्‍वतंत्र पुर्तगाली राज्‍य की स्‍थापना की। इसने भारतीयों को भी अपनी सेना मे शामिल किया। इसकी कब्र गोवा मे है। इसके बाद नुनो-डी-कुन्‍हा गवर्नर (1515) बना इसने हुबली पर प्रभुत्‍व स्‍थापित किया तथा 1530ई. मे गोवा को राजधानी बनाया। जोबा-डी-कैस्‍ट्रो ने बीजापुर को पराजित किया ।

शांहजहॉ के समय मे पुर्तगालियो ने हुबली पर से अपना अधिकार खो दिया था।

मुगल बादशाह अकबर ने लाल सागर मे नि:शुक्‍ल व्‍यापार करने के लिए पुर्तगालियों से से कार्ट्ज (परमिट) प्राप्‍त किया। यह सुरक्षा कर से छूट का परमिट था। सेंट फ्रांसि‍स जेवियर ने ईसाई धर्म के प्रचार मे महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुर्तगालियो ने भारत मे तम्‍बाकु की खेती शुरु की ।

प्रथम प्रिंटिग प्रेस पहला व्यापार मार्ग कौन सा था? की स्‍थापना भी पुर्तगालियों ने गोवा (1556) मे की।

1668ई. मे मुम्‍बई को पुर्तगालियों ने ब्रिटीश सम्राट चार्ल्‍स द्वितीय को पुर्तगाली राजकुमारी केथरीना से विवाह करने के उपलक्ष्‍य मे दहेज मे दिया।

1961ई. तक पुर्तगालियो का गोआ,दमन और दीव पर अधिकार रहा।

पुर्तगालियों पतन का मुख्‍य कारण अल्‍बुकर्क के निधन के बाद कोई शक्तिशाली वायसराय का न होना था। इसके अलावा भारत में पुर्तगाली प्रशासन भ्रष्‍ट, रिश्‍वतखोर और जन उत्‍पीडन हो गया था। ब्राजील का पता लग जाने पर पुर्तगालियों ने अपना विशेष ध्‍यान ब्राजील की ओर केन्द्रित किया।

सम्बन्धित प्रश्न

purtgal east india company ka agman wapar lungi ka parbandhan tarha vyapar ki parwirti

17vin satabdi mai mugal maratha sambandho ka aalochnatmak vislesan kijiye

Bharat mein Bharat galiyan Vyapar ka Vivah kis prakar Kiya jata tha

पुर्तगाल के भारत के साथ व्यापार की प्रकृति की चर्चा कीजिए । भारत में इस पुर्तगाली व्यापार के लिए पूँजी किस प्रकार उपलब्ध होती थी ?

Sir India main purtgali bypass is poongi prabandhan mis prakar Kiya jata that

रेटिंग: 4.72
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 166