भारत दो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों का घर है – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)। इन दोनों एक्सचेंजों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है और निवेशकों को सार्वजनिक कंपनियों में शेयर खरीदने या बेचने का अवसर प्रदान करता है।

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Equity Market क्या है? Stock और Equity में क्या अंतर है?

😊📝भारत में Equity Market में हर रोज़ लाखो करोडो रुपये की लेन-देन शेयर मार्किट के जरिये की जाती है. यदि आप इस क्षेत्र में स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है नए है और आपको इक्विटी मार्केट में प्रवेश करना है तो आपके पास इक्विटी मार्केट की सामान्य ज्ञान होना जरुरी है. यदि इक्विटी मार्केट का सामन्य आप के पास होगा तो आपको निवेश करने में कोई स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है दिक्कत नहीं होगी।

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Equity Market क्या है?

इक्विटी मार्केट क ऐसी जगह है जहा पर आप कंपनिया शेयर का व्यवसाय करती है. यहाँ आप कंपनी अपने शेयर को ट्रेड कराती है. इक्विटी मार्केट में जिन इक्विटी को ट्रेड किया जाता है वह या तो काउंटर या स्टॉक एक्सचेंज के रूप में होते है.

इक्विटी मार्केट को शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट के रूप में भी जाना जाता है, जहा पर इक्विटी मार्केट यह अनुमति प्रदान करती है की विक्रेता और खरीदार एक मंच पर शेयर का सौदा कर सकते है.

एक ही इक्विटी या शेयर में कई बिक्रेता और खरीदार हो सकते है इसलिए इक्विटी मार्केट की अच्छी जानकारी होना आपके लिए एक अच्छा सौदा हो सकता है. यदि आप अपने देश भारत में ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग शुरू करना चाहते है तो आपको एक डीमैट अकाउंट प्राप्त करना होगा।

भारत में Equity Market कैसा है?

भारत में इक्विटी ट्रेड ज्यादातर स्टॉक एक्सचेंज पर होता है. भारत में कुछ स्टॉक मार्केट एक्सचेंज है जहा पर इक्विटी ट्रेड करना उपलब्ध है जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नवीनतम प्रवेशकर्ता, मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमएसई). स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते है.

इक्विटी शेयर ट्रेडिंग को आप दो तरीके से कर सकते है- स्पॉट/कैश मार्केट और फ्यूचर्स मार्केट। ये दोनों ही इक्विटी के दो प्रकार है- स्पॉट मार्केट या कैश मार्केट एक पब्लिक फिनांशल मार्केट है जहा पर तुरंत डिलीवरी के लिए शेयर को ट्रेड किया जाता है. एक फ्यूचर मार्केट एक ऐसी जगह है जहा शेयर की डिलीवरी बाद के तारीख पर होती है.

बीएसई और एनएसई में क्या है अंतर?

दोनों में पहला अंतर तो शेयर की कीमत का होता है, लेकिन ये इतना मामूली होता है कि उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जैसे मान लीजिए कि रिलायंस का शेयर बीएसई पर 2000 रुपये का है, तो सकता है कि एनएसई पर इसकी कीमत 2001 रुपये हो। वहीं स्टॉक ब्रोकर एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार एनएसई और बीएसई पर टैक्स लगाने का तरीका अलग-अलग होता है, लेकिन इसमें भी कोई बड़ा अंतर नहीं होता है।

तो एनएसई में लगाएं पैसे या बीएसई में?

एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार अगर आप नए-नए शेयर स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है बाजार में घुसे हैं तो आपके लिए बीएसई बेहतर है, जबकि अगर आप शेयर बाजार के मझे हुए खिलाड़ी हैं तो एनएसई बेहतर विकल्प है। अगर नई कंपनियों में निवेश करते हैं तो बीएसई बेहतर विकल्प है, जबकि अगर आप ट्रेडिंग करते हैं या डेरिवेटिव्स, फ्यूचर, ऑप्शंस में पैसे लगाते हैं एनएसई बेहतर विकल्प है। एंजेल ब्रोकिग के अनुसार एनएसई के सॉफ्टवेयर बेहतर हैं, जिससे हाई रिस्क वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं। वहीं जो लोग बस एक बार पैसे लगाकर बैठकर उसे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं, उन्हें बीएसई में पैसे लगाने चाहिए।

कैसे लगाएं पैसे?

वैसे तो आप जिस भी ब्रोकर के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे, वह बीएसई और एनएसई दोनों ही एक्सचेंज पर रिजस्टर्ड होगा। फिर भी अगर आप अपने पसंद के एक्सचेंज में पैसा लगाना चाहते हैं तो शेयर खरीदते वक्त आपको विकल्प मिलेगा। इसी तरह शेयर बेचते वक्त भी आपको विकल्प मिलेगा कि आप किस एक्सचेंज पर शेयर बेचना चाहते हैं। वैसे अगर आप नए-नए शेयर बाजार में आए हैं तो एक्सचेंज की चिंता ब्रोकर पर ही छोड़ दीजिए और सिर्फ कंपनी पर ध्यान दीजिए और मुनाफा कमाइए।

Stock Market Knowledge In Hindi स्टॉक और शेयर मार्केट में क्या अंतर है?

Stock और Share Market क्या अंतर है ज्यादातर लोग यही नहीं समझ पाते हैं. आइए जानते हैं स्टॉक मार्केट कैसे शेयर मार्केट से अलग है.

स्टॉक मार्केट नालेज

स्टॉक मार्केट नालेज

भले ही इन शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किया जाता है, लेकिन वे अपने संचालन के तरीकों में भिन्नता होता है. अगर समानता की बात की जाए तो स्टॉक मार्केट एवं शेयर बाजार, एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियां अपना शेयर जारी करता है और निवेशक उसे खरीद या बेच सकता है.

यह जानकारी निवेशकों को यह अनुमान लगाने में मदद कर सकती है कि भविष्य में शेयर बाजार कैसा व्यवहार करेगा और शेयरों में स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है निवेश करने या न करने के बारे में निर्णय ले सकता है।

Stock Market Kaise Kam Karta Hai?

एक बार प्राइमरी शेयर (IPO) में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद, उनका सेकेंडरी शेयर बाजार में कारोबार किया जाता है. जहां एक निवेशक दूसरे निवेशक से मौजूदा बाजार मूल्य पर या जिस भी कीमत पर खरीदार और विक्रेता दोनों सहमत होते हैं, शेयर खरीदता है

सेकेंडरी शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज नियामक प्राधिकरण स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है द्वारा नियंत्रित होते हैं। भारत में, प्राइमरी और सेकेंडरी बाजार भारतीय सुरक्षा और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा शासित स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है होते हैं.

एक स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक ब्रोकरों को कंपनी के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों का व्यापार करने की सुविधा देता है. किसी स्टॉक को केवल तभी खरीदा या बेचा जा सकता है जब वह किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो.

इस प्रकार, यह स्टॉक खरीदारों और विक्रेताओं का मिलन स्थल है. भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं.

Stock Market Trading कैसे करते हैं?

जब कई शेयरों को एक साथ रखा जाता है, तो इसे स्टॉक कहते हैं. मार्केट वह प्लेस होता है, जहां पर शेयर या स्टॉक को बेचेया खरीदे जाते हैं. ट्रेडिंग का सीधा सा मतलब होता है कि मुनाफा लेकर के खरीद-फरोख्त करना होता है.

भारत में दो Stock Market मार्केट है जिसका नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज है दूसरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है जहां पर आप ऑनलाइन Trading कर सकते हैं.

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग मुख्य तौर पर तीन प्रकार से कर सकते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है.

Intra-day Trading

इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार का स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है जो 1 दिन के ऑफिशियल आवर में पूरा कर लिया जाता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग को ही सबसे ज्यादा लोग पसंद करते हैं. हर लोग इन दिनों जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं वह सुबह सुबह कुछ शेयर को खरीद करके 3:00 बजे से पहले बेच करके बड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं.

आसान भाषा में समझें क्या होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी, इनके बीच क्या है अंतर

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अक्सर बिजनेस की खबरें पढ़ने के दौरान कुछ शब्द बार-बार सामने आते हैं जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी प्रमुख हैं। अखबार पढ़ने या टीवी देखने के दौरान पता चलता है कि सेंसेक्स ने इतना रिकॉर्ड स्तर छुआ या सेंसेक्स में गिरावट के चलते निवेशकों का लाखों का नुकसान हुआ, ऐसे में आम लोगों के मन में भी दिलचस्पी उठना स्वाभाविक होता है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या होता हैं? जिससे लोगों के नफा- नुकसान जुड़ा होता है। साथ ही, अगर शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए आप की सोच रहे हैं तो भी इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। आइए स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है इस इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

क्या है Sensex?

सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है। इसलिए इसे BSE Sensex भी कहा जाता है। बता दें कि सेंसेक्स शब्द सेंसेटिव और इंडेक्स को मिलाकर बना है। वहीं, हिंदी में इसे संवेदी सूचकांक भी कहते हैं, इसे सबसे पहले 1986 में अपनाया गया था और यह 13 अलग-अलग सेक्टर की 30 कंपनियों के शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव यानी इंडेक्स को दिखाता है। इन शेयरों में बदलाव से सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव आता है। साथ ही, सेंसेक्स का कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से किया जाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का Nifty 50 भी एक प्रमुख मार्केट इंडिकेटर है। बता दें कि, निफ्टी शब्द नेशनल और फिफ्टी को मिलाकर बना है। नाम के अनुरूप इस इंडेक्स में 14 सेक्टर की 50 भारतीय कंपनियां शामिल हैं। वहीं, इस प्रकार यह बीएसई की तुलना में अधिक डाइवर्सिफाइड होता है। बीएसई की तरह ही यह लार्ज कैप कंपनियों के मार्केट परफॉरमेंस को भी ट्रैक करता है। बता दें कि, इसे 1996 में लांच किया गया था और इसकी गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर की जाती है।

इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं Nifty और स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है Sensex

दरअसल, भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं। इसके अलावा भी कई इंडेक्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की चाल को समझने में किया जाता है। इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के तौर पर किसी दिन के कारोबार के दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की एवरेज चाल का संकेत देने वाला Banking Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index या स्टील और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स आदि।

बता दें कि ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर होता है निवेशकों या ब्रोकर या सलाहकारों के लिए बेहद जरूरी काम के होते हैं। वहीं, एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान को समझना हो या किसी स्टॉक का भविष्य का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स को मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है।

शेयर मार्केट कितने प्रकार की होती है?

शेयर बाजार दो मुख्य प्रकार के शेयरों से बना है: इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर। इक्विटी शेयर, जिन्हें सामान्य शेयर भी कहा जाता है, एक कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और शेयरधारकों को वोटिंग अधिकार प्रदान करते हैं। वे उन कंपनियों द्वारा पेश किए जाते हैं जो अपना पूंजी आधार बढ़ाना चाहती हैं।

दूसरी ओर, वरीयता शेयर, लाभांश की एक निश्चित दर प्रदान करते हैं और आमतौर पर चुकौती के मामले में इक्विटी शेयरधारकों की तुलना में अधिक रैंक करते हैं यदि कंपनी परिसमापन में जाती है। नतीजतन, वे इक्विटी शेयरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं लेकिन शेयरधारकों के लिए मतदान के अधिकार की कमी है।

जब शेयर बाजार में निवेश करने की बात आती है, तो अपने निवेश के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए इन दो प्रकार के शेयर वर्गों को समझना आवश्यक है।

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