खुला रुख: ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा भारत के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी
एक दशक से अधिक की अवधि में एक विकसित अर्थव्यवस्था के साथ हुए भारत के पहले बड़े मुक्त व्यापार समझौते यानी इस साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए समझौते के पहले चरण के जल्द ही लागू हो जाने की संभावना है। इससे भारतीय सेवाओं और वस्तुओं की ऑस्ट्रेलियाई बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी। अपने पूर्ववर्ती और अब विपक्ष के नेता स्कॉट मॉरिसन द्वारा भारत के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर हस्ताक्षर किए जाने के एक महीने बाद सत्ता संभालने वाले प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के प्रशासन ने ऑस्ट्रेलियाई संसद से इस समझौते पर मुहर लगवाने में कामयाबी हासिल की। इस तरह, भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी को कैनबरा में व्यापक और द्विदलीय समर्थन प्राप्त हुआ है। खासकर उस स्थिति में, जब ऑस्ट्रेलिया विशेष रूप से चीन द्वारा ‘व्यापार का शस्त्रीकरण’ किए जाने से परेशान है। इस साझेदारी ने निश्चित रूप से भारत के अधिक भरोसेमंद भागीदार होने संबंधी भावना को जगाने में काफी मदद की है। दोनों देश जहां पहले से ही हाल ही में गठित चार-राष्ट्रों वाले क्वाड, जोकि त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी एक सुदृढ़ पहल है और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम (आईपीईएफ) जैसे वैश्विक गुटों का हिस्सा हैं, वहीं यह द्विपक्षीय व्यापार समझौता घिसी-पिटी आपूर्ति श्रृंखलाओं से हटकर ‘चाइना प्लस वन’ की रणनीति की ओर बढ़ रही दुनिया के सामने भारत की साख के संदर्भ में एक मजबूत सकारात्मक संकेत है। विभिन्न व्यापारिक साझेदारों, जिनमें से कुछ भारत के साथ इसी किस्म के समझौते पर व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां बातचीत कर रहे हैं, की निगाहें भी इन दोनों देशों के बीच एक अपेक्षाकृत अधिक व्यापक संधि को मजबूत करने की दिशा में अगले चरण की बातचीत की रूपरेखा पर जमीं हैं।
भारत को उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मौजूदा स्तर से बढ़कर लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस बढ़ोतरी में भारतीय निर्यात की हिस्सेदारी आधी होगी। इससे श्रम प्रधान क्षेत्रों में एक लाख नए रोजगार सृजित होंगे। कुल 98.3 फीसदी ऑस्ट्रेलियाई टैरिफ लाइनों पर इस समझौते के लागू होने वाले दिन से मिलने वाले शून्य शुल्क के लाभ को पांच साल के भीतर सभी भारतीय उत्पादों तक बढ़ा
दिया जाएगा। बदले में, ऑस्ट्रेलिया को भारत को किए जाने वाले उसके 90 फीसदी निर्यात (मूल्य के संदर्भ में) पर शून्य शुल्क लाभ हासिल होगा। इसके लदान (शिपमेंट) में कोयला, धातु और ऊन जैसे कच्चे माल के वर्चस्व होने का सीधा मतलब भारतीय फर्मों के लिए सस्ता इनपुट होगा। भारतीय रसोइयों एवं योग प्रशिक्षकों के लिए वार्षिक वीजा कोटा तथा भारतीय छात्रों के लिए अध्ययन के बाद कामकाज के लिए वीजा की व्यवस्था और ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक दोहरे कराधान से बचाव संबंधी समझौते को मंजूरी से द्विपक्षीय संबंध और अधिक मजबूत होंगे। दोहरे कराधान से बचाव संबंधी समझौते से भारतीय आईटी फार्मों को एक वर्ष में लाखों डॉलर की बचत होने की उम्मीद है। अब जबकि भारत यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ व्यापारिक समझौतों को अंजाम देने के करीब है, एक उद्योग-स्तरीय साझेदारी की परिकल्पना करने वाला ऑस्ट्रेलिया के साथ शराब आयात संबंधी प्रावधान अन्य देशों के लिए एक नमूना बन सकता है। यहां यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि व्यापार समझौते नए दरवाजे खोलते जरूर हैं, लेकिन इनका स्वचालित अर्थ उच्च निर्यात या बेहतर व्यापार संतुलन नहीं होता है जैसाकि आसियान और जापान के साथ भारत के पिछले समझौतों के मामले में साफ हुआ है। भारत की समग्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बेहतर करने का कोई शॉर्टकट या आसान विकल्प उपलब्ध नहीं है।
भारत में व्यापार शुरू करना
एक बिलियन से भी अधिक जनसंख्या वाला भारतीय बाजार उचित उत्पादों, सेवाओं और प्रतिबद्धताओं वाले अमेरिकी निर्यातकों के लिए आकर्षक और विविध अवसर मुहैया कराता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण और विस्तार होने से मध्यावधि में भारत की ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखरेख, उच्च-प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, परिवहन और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपकरणों और सेवाओं की आवश्यकताएं दसियों बिलियन डॉलर से भी अधिक होगी। उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा नीतियों का उदारीकरण जारी रखने की संभावना के साथ, भारत के पास आगामी कुछ वर्षों तक सतत उच्च विकास दर कायम रखने की क्षमता है और अमेरिकी कंपनियों को विकसित होते भारतीय बाजार में प्रवेश के अवसर को अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
अमेरिका-भारत व्यापार
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत के लिए अमेरिकी निर्यातः 39.7 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत से आयातः 69.6 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार (माल और सेवाएं) 109.3 बिलियन डॉलर
कुल व्यापारः कैलेंडर वर्ष 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 109.3 बिलियन डॉलर, 2014 से 3.6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत को अमेरिकी निर्यात बढ़कर 39.7 बिलियन डॉलर, पहले के साल के मुकाबले 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष में भारत से आयात बढ़कर 69.6 बिलियन डॉलर हो गया, पहले के साल के मुकाबले 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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बिजनेस जानकारी की डाटाबेस प्रणाली (द बिजनेस इन्फोर्मेशन डाटाबेस सिस्टम) अमेरिकी उद्यमियों को विदेशी सरकार और बहुपक्षीय विकास बैंक खरीदारियों के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। एक संवादात्मक मैप इंटरफेस द्वारा उद्यमी विदेशों में अमेरिकी सरकार के आर्थिक व वाणिज्यिक विशेषज्ञों द्वारा नए निर्यात अवसरों, का पता कर सकते हैं। सरकारी व निजी हिस्सेदार मैचमेकिंग, विश्लेषण और अन्य उद्देश्यों के लिए बीआईडीएस डेटा से लिंक या डाउनलोड कर सकते हैं।
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कंट्री कमर्शियल गाइड
भारत की कंट्री कमर्शियल गाइड (सीसीजी) अमेरिकी उद्यमियों के लिए भारत में निर्यात और निवेश अवसरों की खोज करके एक उपयोगी आरंभिक जानकारी प्रदान करता है। सीसीजी भारत में अमेरिकी दूतावास के विस्तृत दस्तावेज के में तैयार है जो वार्षिक रूप से प्रकाशित होता है। यह भारत के आर्थिक रुझानों और रूपरेखा, व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां राजनीतिक वातावरण; व्यापार लिनयम, परंपराओं और मानकों; बिजनेस ट्रैवल; और आर्थिक व व्यापार आंकड़ों की जानकारी प्रदान करता है। यह भारत में अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग, अमेरिकी निर्यात व निवेश के लिए प्रमुख भारतीय औद्योगिक क्षेत्रों; अमेरिकी निर्यातकों के लिए व्यापार और परियोजना की वित्तीय सहायता और अमेरिकी व भारतीय उद्यमियों के संपर्क की जानकारी भी प्रदान करता है।
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भारत में व्यापार किस प्रकार करें
तेजी से बढ़ते मध्य वर्ग, आय बढ़ने और महंगे कृषि उत्पादों के उपभोग का तरीका बदलने से अमेरिकी कृषि के बड़े स्तर पर भारत में निर्यात बढ़ने की संभावनाएं हैं। भारत में आधुनिक फुटकर क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश चाहते हैं, और खाद्य सेवा के सेफ नए प्रयोग करना चाहते हैं एवं नए उत्पादों और वैश्विक व्यंजनों को चखने के इच्छुक युवाओं व उच्च आय वाले उपभोक्ताओं को आकर्षित करना चाहते है। भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के इच्छुक निर्यातकों को पहले यह पता लगाना चाहिए कि क्या उस उत्पाद की बाजार तक पहुंच हैं और छोटे स्तार शुरुआत करने तथा विशिष्ट लेबलिंग एवं पैकेजिंग आवश्यकताओं को पूरा करने लिए तैयार रहना चाहिए।
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रॉबर्ट जे. गारवेरिक, आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
स्कॉट एस सिंडलर, कृषि मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
जॉन मैक्कैसलिन, वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारी व वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
भारत सरकार
विदेश व्यापार (उत्तर पूर्वी एशिया) प्रभाग का कार्य चीन जनवादी गणराज्य, हांगकांग, ताइवान, जापान, कोरिया गणराज्य, कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य, मकाओ तथा मंगोलिया अर्थात उत्तर पूर्वी एशिया क्षेत्र के साथ भारत के व्यापार एवं आर्थिक सहयोग से संबंधित सभी क्षेत्रीय मामलों को देखना है।
ड्यूटी में संस्थानिक तंत्रों जैसे कि आर्थिक संबंध, व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संयुक्त समूह (जेईजी) / चीन के साथ संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी), भारत – जापान सीईपीए तथा भारत – कोरिया सीईपीए के तहत संयुक्त समितियों एवं उप समितियों के माध्यम से तथा इन देशों के साथ अनौपचारिक बैठकों, वार्ता एवं परामर्श का आयोजन करके व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर इन देशों के साथ भागीदारी शामिल है।
कार्य में समय समय पर इन देशों एवं क्षेत्रों के संबंध में व्यापार सांख्यिकी का संग्रहण, संकलन एवं विश्लेषण तथा व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर इन देशों में भारतीय मिशनों के साथ चर्चा भी शामिल है।
क्षेत्र की व्यापार सांख्यिकी (एनईए क्षेत्र)
उत्तर पूर्वी एशिया जिसमें चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, हांगकांग, ताइवान आदि आते हैं, के साथ 2015-16 में द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 124.95 बिलियन अमरीकी डालर था जो भारत के कुल व्यापार का 19.42 प्रतिशत है। एनईए देशों को निर्यात का मूल्य 30.84 बिलियन अमरीकी डालर था, जो भारत के कुल निर्यात का 11.76 प्रतिशत है तथा एनईए देशों से आयात का मूल्य 94.11 बिलियन अमरीकी डालर था जो भारत के कुल आयात का 24.7 प्रतिशत है। एनईए देशों के साथ भारत का व्यापार घाटा 2015-16 में 63.28 बिलियन अमरीकी डालर था जो भारत के कुल व्यापार घाटे (118.72 बिलियन अमरीकी डालर) का 53.3 प्रतिशत है।
एनईए के साथ कुल व्यापार में चीन का हिस्सा 56.6 प्रतिशत है, जबकि हांगकांग, जापान और कोरिया ने क्रमश: 14.5 प्रतिशत, 11.6 प्रतिशत और 13.3 प्रतिशत का योगदान किया। ताइवान, मंगोलिया, मकाऊ और कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य ने शेष 4 प्रतिशत का योगदान किया। भारत के कुल व्यापार में चीन का हिस्सा 10.99 प्रतिशत है, जबकि हमारे कुल व्यापार घाटे में इसका हिस्सा 44.38 प्रतिशत है।
व्यापार के अलावा एनईए देश एक साथ मिलकर इस समय 4233 बिलियन अमरीकी डालर के कुल निर्यात और 3548.7 बिलियन अमरीकी डालर के आयात तथा 7781 बिलियन अमरीकी डालर के कुल व्यापार के साथ विश्व में सबसे प्रभावशाली आर्थिक खिलाडि़यों में हैं। उच्च विकास दर के साथ चीन, कोरिया, ताइवान और हांगकांग अग्रणी अर्थव्यवस्था हैं; वे भारत के लिए महत्वपूर्ण निवेश साझेदार हो सकते हैं। एनईए देशों के साथ भागीदारी भारत की ‘पूरब में काम करो नीति’ का भी अभिन्न अंग है जिसके तहत उत्तरी अमेरिका और यूरोप के परंपरागत क्षेत्रों से आगे भारत की आर्थिक भागीदारी का विस्तार करने का प्रयास किया जाता है। 2010-11 से 2015-16 के दौरान उत्तर पूर्व एशिया के देशों के साथ व्यापार को सारणी में दर्शाया गया है :
सारणी व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां 1 : उत्तर पूर्वी एशियाई देशों के साथ व्यापार
(मूल्य मिलियन अमरीकी डालर में)
वर्ष | निर्यात | आयात | कुल व्यापार | व्यापार संतुलन |
---|---|---|---|---|
2010-11 | 37,315.76 | 76,109.73 | 1,13,425.50 | (-) 38,793.97 |
2011-12 | 45,349.59 | 94,883.00 | 1,40,232.59 | (-) 49,533.41 |
2012-13 | 39,437.08 | 89,907.33 | 1,29,344.40 | (-) 50,470.25 |
2013-14 | 40,816.49 | 84,372.93 | 1,25,189.41 | (-) 43,556.44 |
2014-15 | 37,788.22 | 93,812.80 | 1,31,601.02 | (-) 56,024.58 |
2015-16 | 30,835.10 | 94,110.44 | 1,24,945.54 | (-) 63,275.34 |
2017 में नियोजित मौजूदा गतिविधियां
भारत – कोरिया सीईपीए समीक्षा वार्ता शुरू हो चुकी है
चीन के साथ मंत्री स्तर पर संयुक्त आर्थिक समूह की 11वीं बैठक की योजना बनाई गई है
ताइवान के साथव संयुक्त कार्य समूह की बैठक की योजना बनाई गई है
भारत – जापान सीईपीए के तहत सचिव स्तर पर संयुक्त समिति की चौथी बैठक
भारत तथा कोरिया गणराज्य के बीच एक व्यापक आर्थिक भागीदारी करार (सीईपीए) पर 7 अगस्त, 2009 को हस्ताक्षर किये गये थे। सीईपीए 1 जनवरी 2010 से प्रभावी हुआ तथा इस समय इसके उन्नयन के लिए वार्ता चल रही है।
भारत और जापान के बीच एक व्यापक आर्थिक भागीदारी करार (सीईपीए) पर हस्ताक्षर 16 फरवरी, 2011 को किए गए थे। यह करार 1 अगस्त, 2011 से प्रवृत्त हुआ है।
व्यापार संवर्धन की गतिविधियों में विदेशों में / एनईए देशों में आयोजित व्यापार मेलों एवं प्रदर्शनियों में उद्योगों के साथ व्यापार केन्द्रों / निर्यात संवर्धन परिषदों द्वारा भागीदारी शामिल है।
व्यापार को बढ़ावा देने एवं सुगम बनाने के लिए समय समय पर विभिन्न स्तरों पर द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन करना।
जापान और दक्षिण कोरिया के साथ हस्ताक्षरित व्यापार करार निम्नलिखित लिंक पर वाणिज्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं :
व्यापारिक दिशानिर्देश
हमारा मिशन लोगों को ऐसा जीवन बनाने की प्रेरणा देना है, जिसे वे पसंद करते हैं। हमारा मानना है कि जब लोगों को भरोसेमंद व्यापारियों से बढ़िया उत्पाद मिलते हैं, तो इससे लोग वे काम कर सकते हैं जो उनके लिए मायने रखते हैं।
सामान्य व्यापारी दिशानिर्देश
हालाँकि Pinterest वस्तुओं की खरीदी बिक्री या वितरण की प्रक्रिया में शामिल नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि लोगों को Pinterest पर उत्पादों की खरीदारी करने का अच्छा अनुभव मिले। हम चाहते हैं कि व्यापारी सबसे अच्छी ग्राहक सेवा दें जिसमें उत्पाद की गुणवत्ता, कीमत, वितरण के समय और वापसी प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया हो। इस तरह, हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि व्यापारी उन अपेक्षाओं को पूरा करें।
यह देखना व्यापारियों की ज़िम्मेदारी है कि हमारी सेवाओं का उपयोग करते समय वे सभी प्रासंगिक कानूनों, विनियमों और उद्योग के नियमों को फ़ॉलो करें। व्यापारी सभी खरीदियों, वितरणों, ग्राहक सेवा व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां संबंधी प्रश्नों, शिकायतों, समस्याओं और विवादों के प्रबंधन और उनका जवाब देने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
हम इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए उत्पाद पिन को हटाने और खराब तृतीय-पक्ष रेटिंग के आधार पर या शिकायतों के रिकॉर्ड जैसे प्लेटफ़ॉर्म सिग्नल पर किसी भी व्यापारी की फ़ीड एक्सेस को बंद करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। हम किसी भी वजह से किसी भी चीज़ को हटा सकते हैं, जिसमें पिन, बोर्ड या Pinterest तक आपका एक्सेस शामिल है।
व्यापारी संबंधी आवश्यकताएँ
व्यापारियों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
- रीसेल या कंसाइनमेंट मार्केटप्लेस वाले व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां व्यापारी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते।
- व्यापारी संबद्ध मार्केटर नहीं होने चाहिए।
- व्यापारी के पास आसानी से मिलने वाली और स्पष्ट शिपिंग नीति होनी चाहिए, जो शिपिंग के अपेक्षित व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां समय को बताए।
- व्यापारी की आसानी से खोज सकने वाली और स्पष्ट वापसी नीति होनी चाहिए, जो यह बताए कि क्या व्यापारी वापसी स्वीकार करता है, वापसी की प्रक्रिया और वापसी का अपेक्षित समय क्या है और वहाँ संपर्क जानकारी दी हो।
- व्यापारी के पास एक समर्पित "हमारे बारे में" पेज होना चाहिए जिसमें उनके व्यवसाय की ऑफ़रिंग या प्रासंगिक सोशल मीडिया लिंक का विवरण हो।
- व्यापारियों के पास बढ़िया गुणवत्ता वाली वेबसाइट और उत्पाद पेज होने चाहिए। हम उन वेबसाइटों को अनुमति नहीं देते, जिनमें:
- खराब संपादकीय सामग्री, जिसमें शामिल है:
- गलत व्याकरण, बहुत ज़्यादा या साफ़ दिखाई देने वाली मात्रा की गलतियाँ या लेखन त्रुटियाँ
- धुंधली या अस्पष्ट छवियाँ हों
- अधूरे लिंक या अपूर्ण पेज
- “हमारे बारे में” अनुभाग या उत्पाद विवरणों में मौलिक सामग्री न होना
- पुरानी छवियाँ
उत्पाद संबंधी आवश्यकताएँ
कोई भी उत्पाद Pinterest पर पिन या किसी दूसरे फ़ॉर्मेट में उपयोग किया जा सके, उसके लिए उत्पाद को निम्न मानदंड पूरे करने होंगे:
- उत्पादों को हमारे समुदाय के दिशा निर्देशों और सेवा की शर्तों को पूरा करना चाहिए।
- Pinterest के पास उत्पाद की कीमत और स्टॉक की स्थिति के बारे में वर्तमान (24 घंटे के भीतर की) और सही जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए फ़ीड को रोज़ सिंक किया जाता है या Pinterest को उत्पाद लैंडिंग पेज पर मेटा-टैग को बार-बार साफ़ करने दिया जाता है।
- पिन से ऐसा कोई खास आइटम प्रदर्शित होना चाहिए जो खरीदी के लिए उपलब्ध हो, इसमें सेवाएँ शामिल नहीं हैं।
- पिन की छवि और उसके विवरण से उत्पाद के बारे में सही जानकारी मिलनी चाहिए।
प्रतिबंधित उत्पाद
हम निम्नलिखित उत्पादों को उत्पाद पिन बनाने की अनुमति नहीं देते:
- शराब
- वित्तीय उत्पाद जैसे ऋण, क्रिप्टोकरेंसी आदि
- लॉटरी जैसे जुआ संबंधी उत्पाद
- स्वास्थ्य देखभाल संबंधी उत्पाद और सेवाएँ जिसमें डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवाएँ, चिकित्सा उपकरण और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी कोई भी असुरक्षित उत्पाद जो वास्तविकता से हटकर वादे करता हो जैसे कि वज़न घटाने की गोलियाँ, शामिल हैं। बिना पर्ची के मिलने वाली दवाओं को उस किसी भी मार्केट में प्रचारित करने की अनुमति नहीं है, जिसमें उनका विज्ञापन करना प्रतिबंधित है। विवरण के लिए, हमारे विज्ञापन के दिशानिर्देश देखें।
- कोई भी उत्पाद और व्यापारी संबंधी कार्य जो हमारे विज्ञापन के दिशानिर्देशों पर हमारी निषिद्ध उत्पादों और सेवाओं की सूची के अंतर्गत आते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वयस्क उत्पाद और सामग्री
- कोई भी CBD और हेम्प सीड ऑयल उत्पादों सहित ड्रग्स और ड्रग से संबंधित उत्पाद
- लुप्तप्राय प्रजातियों और जीवित पशुओं से संबंधित उत्पाद
- गैर-कानूनी उत्पाद
- नकली या जाली उत्पाद
- राजनीतिक प्रचार-अभियान संबंधी सामान
- संवेदनशील या परेशान करने वाले उत्पाद
- तंबाकू के उत्पाद
- अस्वीकार्य व्यवसाय प्रक्रियाएँ
- हथियार और विस्फोटक उत्पाद
सत्यापित व्यापारी कार्यक्रम के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया हमारी व्यवसाय साइट पर जाएँ।
रूस के सबसे पसंदीदा राष्ट्र (Most Favored Nation – MFN) व्यापार की स्थिति को रद्द करेगा : US
राष्ट्रपति बिडेन ने घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका-जी 7, यूरोपीय संघ और नाटो के साथ-साथ रूस के सबसे पसंदीदा राष्ट्र (Most Favored Nation – MFN) व्यापार की स्थिति को रद्द कर देगा। रूस की PNTR स्थिति को रद्द करने से संयुक्त राज्य अमेरिका को सभी रूसी आयातों पर नए टैरिफ बढ़ाने और लागू करने की अनुमति मिल जाएगी। अमेरिका में, “मोस्ट फेवर्ड नेशन” का दर्जा स्थायी सामान्य व्यापार संबंध (पीएनटीआर) के रूप में भी जाना जाता है। केवल उत्तर कोरिया और क्यूबा को ही अमेरिका से “सबसे पसंदीदा राष्ट्र” का दर्जा प्राप्त नहीं है।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन पर व्यापारियों के लिए व्यापारिक स्थितियां आक्रमण के लिए रूसी सरकार को दंडित करना है। संयुक्त राज्य अमेरिका भी रूस को विलासिता के सामान का निर्यात नहीं करेगा। इससे पहले अमेरिका रूस से तेल और ऊर्जा के आयात पर रोक लगा चुका है। इस कार्रवाई से रूस को समृद्ध पश्चिमी बाजारों में निर्यात करने की उसकी क्षमता को नुकसान पहुंचाकर आर्थिक नुकसान होगा; यह अमेरिकियों और हमारे व्यापारिक भागीदारों के लिए लागत भी बढ़ाएगा जो प्रभावित रूसी उत्पादों पर भरोसा कर सकते हैं।
मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा क्या है?
एक सबसे पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा पदनाम का मतलब है कि दो देश एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम संभव शर्तों के तहत व्यापार करने के लिए सहमत हुए हैं – कम टैरिफ, व्यापार के लिए कम बाधाएं और उच्चतम संभव आयात की अनुमति है।
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