भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?

Indias foreign exchange reserves- पहले के जमाने में अक्सर राजा-महाराजा अपने पास सोना भंडार रखते थे. उसी तरह से आज देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडार होता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

हम सभी ने लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?

विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट बहुत जरूरी चीज है. इसे करेंसी पोर्टफोलियो (Multi-Currency Portfolio) 50 विदेशी मुद्रा जमा के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें प्रमुख करेंसी, जैसे US डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, जापानी येन, आदि शामिल होती हैं और इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर के रूप में होता है. भारत बेशक बाकी देशों के करेंसी में भी एसेट्स होल्ड करता है लेकिन देश का विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के बांड और संस्थागत बांड के रूप में अमेरिकी डॉलर से बना है.

भारत के भंडार में ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है. कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और छोटे और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट बॉन्ड होते है.

हालांकि, सोने के भंडार, एसडीआर, और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं.

क्यों अमेरिकी डॉलर में इसकी वैल्यू आंकी जाती है?दरअसल, अमेरिकी डॉलर सबसे स्थिर ग्लोबल करेंसी है. अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए लगभग सभी देश अमेरिकी डॉलर को स्वीकार करते हैं. अंतरराष्ट्रीय 50 विदेशी मुद्रा जमा 50 विदेशी मुद्रा जमा व्यापार में डॉलर की स्थिरता के कारण, ज्यादातर देश डॉलर में विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखते हैं जिससे इसकी विनिमय दर (exchange rate) बढ़ जाती है. यहां वजह है कि ज्यादातर मूल्यांकन अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व

प्रतीकात्मक तस्वीर

India Forex Reserves: 1 अप्रैल, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 11.173 अरब डॉलर कम होकर . अधिक पढ़ें

  • पीटीआई
  • Last Updated : April 29, 2022, 20:26 IST

नई दिल्ली. वैश्विक घटनाक्रमों के दबाव के कारण देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट आई है. 1 अप्रैल, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह रिकॉर्ड 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

इससे पहले 25 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रह गया था. रिजर्व बैंक के मुताबिक, 18 मार्च, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.597 अरब डॉलर घटकर 619.678 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 11 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में यह 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर रह गया था.

10.727 अरब डॉलर घटी एफसीए
आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 10.727 अरब डॉलर घटकर 539.727 अरब डॉलर हो 50 विदेशी मुद्रा जमा गई. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.

गोल्ड रिजर्व बढ़ा
इसके अलावा रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 50.7 करोड़ डॉलर घटकर 42.734 अरब डॉलर रह गया. रिपोर्टिंग वीक में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 5.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.879 अरब डॉलर पर पहुंच गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.136 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

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विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर , 1991 में रिजर्व घटने पर गिरवी रखना पड़ा था सोना

1991 में जब चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने थे तो देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था और भारत को सोना गिरवी रखना पड़ा था

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1991 में जब चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने थे तो देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था और भारत को सोना गिरवी रखना पड़ा था

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 21 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 4.202 अरब डॉलर बढ़कर 398.649 अरब डॉलर हो गई. इस दौरान देश का सोना भंडार 22.958 अरब डॉलर के पूर्वस्तर पर रहा. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से विशेष आहरण अधिकार 42 लाख डॉलर बढ़कर 1.453 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास देश का भंडार 96 लाख डॉलर बढ़कर 3.354 अरब डॉलर हो गया.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें. इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है. साथ ही साथ सरकार और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से केंद्रीय बैंक के पास जमा किये गई राशि होती है. यह भंडार एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखे जाते हैं. ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल होता है. विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व या एफएक्स रिजर्व भी कहा जाता है.

कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होनी चाहिए. हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है. यह व्यापक आंकड़ा अधिक आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार या अंतर्राष्ट्रीय भंडार कहा जाता है.

देश की इकोनॉमी पर इसका क्या असर होता है?
देश की अर्थव्यवस्था में 50 विदेशी मुद्रा जमा विदेशी मुद्रा भंडार का अहम योगदान होता है. इसको इस उदाहरण से समझते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नवंबर 1990 से जून 1991 तक सात महीनों के लिए वे देश के प्रधानमंत्री रहे. जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने तब देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हो चुकी थी. राजनीतिक हालात भी अस्थिर थे. भारत की अर्थव्यवस्था भुगतान संकट में फंसी हुई थी. इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया. उस समय के गंभीर हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था. इतनी रकम तीन हफ्तों के आयात के लिए भी पूरी नहीं थी.

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गिरावट: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी पर लगा ब्रेक, इस सप्ताह आई 50 विदेशी मुद्रा जमा 1.425 अरब डॉलर की कमी

Forex Reserves Decline By 1.425 Billion Dollar: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में ेदेश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.425 बिलियन डॉलर घटकर 631.527 बिलियन डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह में इसमें तेजी आई थी।

फॉरेक्स

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 1.425 बिलियन डॉलर घटकर 631.527 बिलियन डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से यह जानकारी साझा की गई। गौरतलब है कि बीते कुछ हफ्तों से इसमें लगातार कमी देखने को मिल रही थी, जिस पर 18 फरवरी को समाप्त हुए सप्ताह में ब्रेक लगा था और विदेशी मुद्रा भंडार 2.50 विदेशी मुद्रा जमा 762 अरब डॉलर बढ़कर 632.952 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था।

गिरावट की ये रही बड़ी वजह
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) के घटने के कारण आई है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 2.228 अरब डॉलर घटकर 564.832 अरब डॉलर पर आ गईं। जबकि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 19.04 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.187 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश के स्वर्ण भंडार में उछाल दर्ज किया गया और यह 95.8 मिलियन डॉलर बढ़कर 42.467 अरब डॉलर हो गया।

विस्तार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 1.425 बिलियन डॉलर घटकर 631.527 बिलियन डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से यह जानकारी साझा की गई। गौरतलब है कि बीते कुछ हफ्तों से इसमें लगातार कमी देखने को मिल रही थी, जिस पर 18 फरवरी को समाप्त हुए सप्ताह में ब्रेक लगा था और विदेशी मुद्रा भंडार 2.762 अरब डॉलर बढ़कर 632.952 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था।

गिरावट की ये रही बड़ी वजह
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) के घटने के कारण आई है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 2.228 अरब डॉलर घटकर 564.832 अरब डॉलर पर आ गईं। जबकि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 12.2 करोड़ डॉलर घटकर 19.50 विदेशी मुद्रा जमा 04 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.187 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश के स्वर्ण भंडार में उछाल दर्ज किया गया और यह 95.8 मिलियन डॉलर बढ़कर 42.467 अरब डॉलर हो गया।

घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया.

Published: August 13, 2022 4:25 PM IST

घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति

भारत के विदेश मु्द्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी 50 विदेशी मुद्रा जमा आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर 50 विदेशी मुद्रा जमा हो गया. 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार चार सप्ताह पहले गिरने के बाद यह गिरावट देखी गई है. इस सप्ताह विदेशी मुद्रा संपत्ति में 1.611 अरब डॉलर की गिरावट के कारण 509.646 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है.

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विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) जो कि आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है. वह अमेरिकी ट्रेजरी बिल जैसी संपत्तियां हैं, जिन्हें आरबीआई ने विदेशी मुद्राओं का उपयोग करके खरीदा है. एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा पुर्जा है. इस बीच, हालांकि, 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 67.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.313 अरब डॉलर हो गया.

स्पेशल ड्रॉविंग राइट्स (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह में 30 लाख डॉलर घटकर 4.987 बिलियन डॉलर हो गई.

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