विदेशी मुद्रा रुझान: तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स
मूल अवधारणाओं में से एक है तकनीकी विश्लेषण प्रवृत्ति है.यह धारणा पर आधारित है कि बाजार में भाग लेने वाले कुछ समय के लिए परिसंपत्ति मूल्य आंदोलनों को टिकाऊ बनाने वाले झुंडों में निर्णय लेते हैं.
ट्रेंड्स के प्रकार
परिसंपत्ति मूल्यों की प्रचलित दिशा के आधार पर तीन प्रकार के रुझान हैं:
- अपवर्ड ट्रेंड
- नीचे रुझा
- साइडवे या कोई स्पष्ट प्रवृत्ति नहीं
एक अपवर्ड प्रवृत्तिउच्च स्थानीय उतार और उच्च स्थानीय चढ़ाव के लिए जा रही कीमतों की विशेषता है । चढ़ाव को जोड़ने वाली एक ऊपर की प्रवृत्ति सकारात्मक ढलान प्राप्त करती है.
एक नीचे की प्रवृत्ति कम स्थानीय उतार और कम स्थानीय चढ़ाव बनाने की कीमतों की विशेषता है । उतार को जोड़ने वाली एक नीचे की रेखा नकारात्मक ढलान प्राप्त करती है.
एक साइडवेज प्रवृत्ति दो क्षैतिज ट्रेंडलाइन द्वारा तैयार की जाती है जो कीमतों को बड़े ऊपर या नीचे की ओर आंदोलनों से रोकती है, जो एक निश्चित सीमा में उतार-चढ़ाव को रखते हुए होती है.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट मजबूत डॉलर से मूल्यांकन में बदलाव का नतीजा: सीतारमण
वाशिंगटन, 15 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण मूल्यांकन में बदलाव आना है। सीतारमण ने यहां अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है। अमेरिकी विदेशी मुद्रा रुझान डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है।’’उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी
सीतारमण ने यहां अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्त समिति (आईएमएफसी) को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 सितंबर 2022 तक 537.5 अरब डॉलर था जो अन्य समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से मूल्यांकन में आए बदलाव ने इस भंडार में आई गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया है।’’
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 4.6 अरब डॉलर का भुगतान संतुलन (बीओपी) आधार पर संचयन हुआ है। अन्य बाहरी संकेतकों में शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति और लघु अवधि का कर्ज भी कम संवेदनशीलता के सूचक हैं।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद भारत का बाहरी कर्ज और जीडीपी का अनुपात प्रमुख उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.854 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 532.664 अरब डॉलर था। इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल भंडार में प्रमुख हिस्सेदारी रखने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी आना ही 30 सितंबर को खत्म् हुए हफ्ते के दौरान भंडार में आई गिरावट की वजह है।
सीतारमण ने कहा कि आयातित उच्च मुद्रास्फीति के दबाव घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति के भावी पथ के लिए अब भी जोखिम बना हुआ है। इसमें अमेरिकी डॉलर के लगातार महंगे होते जाने की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 से ही मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर बनी हुई है।
Foreign Exchange Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर मिली अच्छी खबर, एक साल में सबसे तेज गति से बढ़ा
बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) तेजी से बढ़ा। रिजर्व बैंक से मिली सूचना के मुताबिक इस दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॅालर की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार पहुंचा 544 अरब डॉलर के पार
हाइलाइट्स
- विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर अच्छी खबर विदेशी मुद्रा रुझान मिली है
- बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही अपना विदेशी मुद्रा भंडार 544 अरब डॉलर के पार चला गया
इस साल की शुरूआत में अपना विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्तर पर था। लेकिन इसी साल रुपये के मूल्य में गिरावट भी देखने को मिली। इसी गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक को डॉलर खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है। इसका असर दिखा और बीते सितंबर के मध्य के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब पहुंचा।
रिजर्व बैंक के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में 11.8 अरब डॅालर की वृद्धि हुई है। अब यह 482.53 अरब डॅालर पर पहुंच गई हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है।
आरबीआई के मुताबिक बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी हुई। इस सप्ताह यह 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर पर पहुंच गया। दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है।
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने फिर लगाया गोता, सात दिनों में 1.09 अरब डॉलर की आई गिरावट
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 11, 2022, 20:43 IST
हाइलाइट्स
विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर.
गोल्ड रिजर्व का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर पर.
FCA 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई.
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर गिरावट आई है. 4 नवंबर, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण गोल्ड रिजर्व में आई भारी गिरावट है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर हो गया था जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.
12 करोड़ डॉलर घटी एफसीए
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए आरबीआई मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (FCA) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.
गोल्ड रिजर्व में 70.5 करोड़ डॉलर की गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्पेशल ड्राइंग राइट यानी एसडीआर (SDR) विदेशी मुद्रा रुझान 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है. आंकड़ों के अनुसार रिपोर्टिंग वीक में, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया.
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