मासूम को गाय ने सिंग से उठाकर फेंका, सिर में आए चार टांके
गुप्लेश्वर गली में चार साल की मासूम पर गाय ने हमला कर दिया। गाय ने बच्ची को सिंग से उठाकर फेंक दिया। रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने बच्ची को उठाकर बचाया। बच्ची अपनी बहन के साथ कन्या भोज कर घर लौट रही थी। साथ चल रही दूसरी बहन डरकर दूर हो गई। परिजन पैदल ही बच्ची को पास के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां बच्ची के सिर में टांके लगाने पड़े। 2 घंटे भर्ती रखने के बाद बच्ची की छुट्टी कर दी गई।
दादी हंसा सोनी ने बताया कि शनिवार को उनकी चार वर्षीय पौती आन्या अमित सोनी बहन कनक के साथ मोहल्ले में कन्या भोज के लिए गई थी। दोपहर करीब 2.30 बजे वापस लौट रही थी तभी अचानक गुप्तेश्वर गली में जब आन्या गाय के पास से गुजर रही थी तभी गाय ने उसे सिंग से उठाकर फेंक दिया। इससे वह सिर के बल जमीन पर गिर गई। गाय फिर हमला करने दौड़ी लेकिन आसपास से लोगों ने उसे बचाया और गाय को दूर भगाया। पिता अमित पैदल ही आन्या को निजी अस्पताल लेकर पहुंचा। जहां सिर में चार टांके आए। आन्या को दो घंटे तक भर्ती करने के बाद छुट्टी दे दी गई।
दो गायों का आंतक, 15 दिन पहले महिला पर हुआ था हमला
लोगों ने बताया कि क्षेत्र में दो गायों का आंतक है। एक सफेद और दूसरी लाल गाय है। लाल गाय बड़े लोगों पर भी हमला करती है। 15 दिन पहले एक महिला पर गाय ने हमला कर दिया था जिससे उसके शरीर पर रगड़ आई थी।
नपा में आवेदन देंगे कि गायों को पकड़ें
हंसा सोनी ने बताया कि करीब 6 माह से गायों का आंतक हमारे इलाके में है। पौती आन्या पर हमले के बाद हम नगर पालिका में आवेदन देने गए थे, लेकिन अवकाश होने की वजह से कोई नहीं मिला। सोमवार को सीएमओ को आवेदन देकर गायों की पकड़ने की मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि हमारे बच्चे अकेले भी खेलते हैं। किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों की वजह से बच्ची की जान बच गई। अगर दोबारा गाय बच्ची को उठाकर फेंकती तो कुछ भी हो सकता था।
इस मासूम का दर्द समझिए मवेशियों को खुला न छोड़ें
शहर में कई पशुपालक मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं। इनके हमले से लोगों की जान पर भी बन आती है। कुछ माह पहले ही शहर में एक बुजुर्ग की सांड के हमले में मौत हो चुकी है। पशु पालक इससे पीड़ित परिवार और मासूमों का दर्द समझें और मवेशियों को खुला नहीं छोड़ें।
नपा का फिर वही दावा- कार्रवाई करेंगे
नपा ने शहर में सांड के हमले के बाद सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया था। कुछ दिन पहले ही मवेशियों को पकड़ा था, लेकिन किसी भी पशुपालक पर बड़ा और सख्त जुर्माना नहीं लगा है। इसके चलते भी लोग मामले में गंभीरता नहीं लेते हैं।
सीएमओ बोले सोमवार को पकड़वा देंगे
हमारी टीम कार्रवाई करती है। पशुपालकों के मवेशी होते हैं। सोमवार को इस क्षेत्र में कार्रवाई करवाकर मवेशियों को पकड़ा जाएगा। अनाउंसमेंट भी करवाएंगे ताकि लोग मवेशियों को खुला नहीं छोड़ें। -आरएस मंडलोई, सीएमओ
14डीएचआर21- चार साल की मासूम आन्या को गाय ने उछालकर फेंक दिया। इससे उसके सिर में चार टांके लगाना पड़े।
जालंधर में पागल सांड का आतंक, पटक पटक के एक व्यक्ति को मार दिया, कइयों को घायल किया, देखें तस्वीरें
मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह से बचाने की कोशिश की तब तक बहुत ही देर हो चुकी थी। मरने वाले व्यक्ति की पहचान सोहन सिंह (70) के रुप में हुई। गांववासियों ने बाद में अवारा सांड को बड़ी ही मुश्किल से सांड को काबू किया और फारेस्ट डिपार्टमेंट को सूचित किया।
जिन्होंने मौके छुट्टा सांडों का आंतक पर आकर सांड को बेहोश किया और बाद में देर शाम को बुलंदपुर गौशाला में छोड़ दिया। गांववासियों ने बताया कि सांड ने बल्लां में एक मोटरसाइकल पर जाते राहगीर पर हमला कर दिया था। जिसकी बाजू टूट गई। उसके बाद गांव कराड़ी में खेतों में काम करने वाले दो मजदूरों को घायल कर दिया। उन्होंने सांड को खेत से भगाने की कोशिश की थी।
गांव मन्णा में राहगीर को घायल किया और उसके बाद रायपुर में एक व्यक्ति पर हमला कर उसको मार ही डाला। सांड को काबू करने के लिए थाना मकसूदां की पुलिस ने भी लोगों का साथ दिया और तब तक वहां से नहीं गए जब तक सांड को गौशाला नही भेज दिया गया।
मक्खन सिंह, कुलविंदर सिंह, विरदी ने बताया कि अवारा सांड ने तीन गावों के लोगों को घायल करने के बाद उनके गांव में किसान सोहन सिंह को मार दिया। गांववासियों ने पहले सोचा कि किसी तरह से सांड को मार दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया।
सांड लगातार ही हमला कर रहा था। ढाई महीने हो गए थे गांव को इधर उधर भटकते हुए, 10 दिन सेे सांड ज्यादा आक्रामक हो गया था। जिस परिवार के आदमी की मौत हुई है वे परिवार गरीब है, सरकार मृतक के परिवार को मुआवजा दे ताकि वे परिवार अपना पालन पोषण कर सके। गांववासियों ने कहा कि वे इसके लिए डीसी से एसडीएम को मिलेगें।
बलजीत सिंह ने बताया छुट्टा सांडों का आंतक कि बुधवार को उनके चाचा सोहन सिंह खेतों में काम कर रहे थे और सांड खेतों में लगाए आलू की फसल को नष्ट करने लग गया। चाचा सोहन सिंह ने जब सांड को रोकने की कोशिश की तो उन पर हमला कर दिया। चाचा की आवाज सुन वे जब मौके पर पहुंचे तो किसी तरह से लोगों की मदद से सांड को दूर भगाया। लेकिन चाचा सोहन सिंह कुछ ही समय बाद बेहोश हो गए और दुनिया को छोड़ गए
प्रभदीप सिंह ने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली कि खेतों में सोहन सिंह पर सांड ने हमला कर दिया है तो वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने सोहन सिंह को जब उठाने की कोशिश की तो पसलियां टूटने की आवाज आई और गर्दन पर भी निशान थे। किसी तरह से सोहन सिंह को दूसरी जगह पर लेकर गए। लेकिन वहां जाते ही सोहन सिंह की सांसे टूट गई।
-अमरजीत सिंह
रायपुर निवासी अमरजीत सिंह ने बताया कि अवारा सांड के रास्ते में जो भी आता वे उस पर हमला कर रहा था। उनके खेतों में दो गाय, एक कुते और किसानों के चार खेतों की फसल को नुक्सान पहुंचाया। जब सांड को कोई रोकने के लिए जाता तो वे उसके लिए मारने के लिए भागता। इस कारण खेतों में बच्चों को भी आने से मना कर दिया था।
डा. एसएस कटारिया ने बताया कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे। काबू किए गए सांड को इंजेक्शन लगाया। उन्होंने इस बारे में एसडीएम-2 को भी सूचित किया कि सांड को उठाने के लिए कोई गाड़ी नहीं आ रही। कटारिया ने बताया कि वे खुद शाम को 5 बजे जाकर लम्मा पिंड से गाड़ी लेकर आए और सांड को बुलंदपुर गौशाला में छोड़ दिया। उन्हें डर था कि अगर सांड छूट गया तो दोबारा कोई एेसा काम न कर दे।
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एक तरफ छुट्टा पशु तो दूसरे तरफ बरसात ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत
■ किसानों के फसलों का बर्बाद होने का बढ़ा खतरा लालचंद्र मद्धेशिया धर्मसिंहवा,संतकबीरनगर। क्षेत्र के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। .
■ किसानों के फसलों का बर्बाद होने का बढ़ा खतरा
धर्मसिंहवा,संतकबीरनगर। क्षेत्र के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक सप्ताह से हो रहा भारी बरसात, तो कभी खेत में घुसकर छुट्टा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्राम गौरी राई, सेंवहा चौबे, मुसहरा, धुसवा मेहदूपार, भुलकी, अंतरी नानकार, केंचुआ खोर, बरगदवा, छिबरा, धर्मसिंहवा, सेवाईचपार आदि गांवों में छुट्टा पशु गाय बछड़े अन्य जंगली जानवर नील गाय, सुअर, श्याही आदि ने किसानों के धान, मक्का, मूंगफली जैसी फसलों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहे है। मक्का व धान की कुछ फसल पककर तैयार है कुछ का अभी इंतजार है, लेकिन जानवर इन्हें चर रहे हैं। जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरने लगा है। सरकार की छुट्टा पशुओं को व्यवस्थित करने का इंतजाम नाकाफी साबित हो रहा है। एक ओर जहां प्राकतिक आपदा का सामना किसानों को करना पड़ रहा है, वहीं जानवरों के आतंक ने किसानो परेशान कर रखा है। लाठी डंडों को लेकर उन्हें रखवाली करने में रतजगा कर रहे है। बता दें जानवरों के झुंड में कभी किसानों का खदेड़ना भारी पड़ रहा है जानवर किसानों को उल्टा दौड़ाकर मारने पर उतारू हो जाते हैं किसान किसी तरह भागकर अपनी जान बचाते हैं। शाम होते ही किसानों ने छुट्टा सांडों का आंतक खेतों की सुरक्षा के लिए कई रखवाले लाठी डंडों को रखे तो हैं लेकिन जानवरों के झुंड में होने से वे असहाय हो जाते हैं। किसानों की मजबूरी है कि ये जानवरों के आंतक के बावजूद खेती करना नहीं छोड़ सकते अगर किसी गांव के लोग चाहें कि वे अपने गांव के आवारा जानवरों को दूसरे इलाके में खदेड़ दें तो ग्रामीणों में आपस में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है किसान हरिप्रसाद चौबे सेंवहा निवासी ने बताया कि हम लोग पूरी रात रात भर जाग छुट्टा सांडों का आंतक कर खेत की रखवाली करते हैं इसी तरह से अन्य सलमान मनिहार, जाकिर, रामाशंकर राव, दूर्गेश, रामनाथ शुक्ल, नगीना चौरसिया, एजाज खान, राधेश्याम निषाद, रामहित यादव आदि सैकड़ों किसान है उनका कहना है कि हम सभी का फसल जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन झुंड में कुछ बिगड़ैल किस्म के सांड है उनके डर से हम लोग असहाय मूक दर्शक की भांति देखते ही रह जाते हैं। सरकार की व्यवस्था इन्हें संरक्षण करने के लिए नाकाफी साबित हो रहा है यदि यही स्थिति रहा तो फसल लगाने में सौ बार सोचना पड़ेगा।
तारकेश्वर टाईम्स
हरैया (बस्ती) । स्थानीय क्षेत्र अंतर्गत जगदीश पुर गांव के मनिराम विश्वकर्मा पुत्र स्वर्गीय ऋषि राम विश्वकर्मा उम्र 75 साल के व्यक्ति को आज गांव में ही एक छुट्टा सांड ने हमला करके गम्भीर रुप से घायल कर दिया। व्यक्ति के पेट में काफी गहरा घाव लगा।
आनन फानन में घर के लोगों ने 108 नंबर पर फोन किया मौके पर एंबुलेंस में कार्यरत मेडिकल टेक्नीशियन मुकेश पांडेय तथा चालक जितेंद्र चौधरी ने पहुंचकर मरीज को हर्रैया सीएचसी लेकर आए। जहां डॉक्टर ने व्यक्ति का प्राथमिक उपचार करके जिला अस्पताल अयोध्या के लिए रेफर कर दिया । व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है। घायल व्यक्ति के लड़के छुट्टा सांडों का आंतक मनीष कुमार विश्वकर्मा का कहना है कि सांड़ के आंतक से आए दिन लोग भयभीत रहते हैं, तथा चोटिल भी होते हैं। लेकिन सांड को गांव से हटाने का छुट्टा सांडों का आंतक कोई स्थाई उपाय अभी तक नहीं किया गया।
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