🔸भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से पैसे जुटा सकेंगे
🔸सोशल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ने के लिए नियम जारी
🔸राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन@SEBI_India pic.twitter.com/dbdkEEUPGe — Zee Business (@ZeeBusiness) September 19, 2022

BSE के सोशल स्टॉक एक्सचेंज को SEBI ने दी मंजूरी, अलग सेगमेंट के तौर पर होगा ऑपरेट

सेबी ने इस वर्ष जुलाई में सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने के लिए नियमों को नोटिफाई किया था। सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए सोशल इंटरप्राइजेज फंड जुटा सकेंगे

पिछले महीने सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर नॉन प्रॉफिट आर्गनाइजेशन (NPO) के रजिस्ट्रेशन और डिसक्लोजर के लिए न्यूनतम शर्तों के साथ एक अतिरिक्त फ्रेमवर्क जारी किया था

BSE social stock exchange : स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने शुक्रवार, 7 अक्टूबर को ऐलान किया कि उसे एक अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने एनएसई (NSE) में आज दी एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “SEBI ने बीएसई पर एक अलग सेगमेंट के रूप में एसएसई (SSE) की पेशकश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।”

जुलाई में नोटिफाई हुए थे नियम

सेबी ने इस वर्ष जुलाई में सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने के लिए नियमों को नोटिफाई किया था। सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए सोशल इंटरप्राइजेज फंड जुटा सकेंगे। सोशल इंटरप्राइजेज के तहत आने वाले प्रॉफिट वाले इंटरप्राइजेज, नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकेंगे। सोशल स्टॉक एक्सचेंज मौजूदा शेयर ट्रेडिंग वाले स्टॉक एक्सचेंज से पूरी तरह अलग होगा।

डेली न्यूज़

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) द्वारा गठित कार्यकारी समूह ने गैर-लाभकारी संगठनों (Non-Profit Organisations) को बॉण्ड जारी करके सीधे सोशल स्टॉक एक्सचेंज (Social Stock Exchanges-SSE) पर सीधे सूचीबद्ध होने की अनुमति देने की सिफारिश की है।

SEBI ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का फ्रेमवर्क जारी किया, भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से जुटा सकेंगे पैसे

Social Stock Exchange: यह एक तरह से सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. 50 लाख रुपये का खर्च सामाजिक भलाई पर होना जरूरी. एक्सचेंज से जुड़ने से 1 साल पहले 10 लाख रुपये फंडिंग जरूरी. संस्था का सरकारी रजिस्ट्रेशन होना जरूरी शर्त होगी

Social Stock Exchange: भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (Sebi) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए विस्तृत फ्रेमवर्क जारी किया है. नए फ्रेमवर्क में गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है, जो इस बाजार में पंजीकरण और खुलासे के लिए जरूरी है. नियामक की तरफ से गठित एक कार्यसमूह और तकनीकी समूह की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गयी है. SSE का विचार सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 2019-20 अपने बजट भाषण में पेश किया था. इसका उद्देश्य निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को अधिक धन जुटाने का अवसर देना है.

क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज?

सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. इसका मतलब कि, अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्‍य संस्‍थान) भी खुद को शेयर बाजारमें लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे.

राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन

सेबी ने अपने सर्कुलर में SSE के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए NPO द्वारा पूरी की जाने वाली न्यूनतम आवश्यकताओं का ब्योरा दिया है. इसमें एनपीओ के लिए ‘जीरो-कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट्स’ जारी करके धन जुटाने की आवश्यकता और बाजारों में एनपीओ द्वारा किए जाने वाले वार्षिक ब्योरे के खुलासे आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है. ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों पर पंजीकृत नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा सेबी के नियमनों के अनुरूप जारी किए जाते हैं.

इसके अलावा नए फ्रेवर्क में लिस्टेड NPO को तिमाही के अंत से 45 दिन के भीतर एसएसई को धन के उपयोग का विवरण देना होगा, जैसा कि सेबी के नियमों के तहत अनिवार्य है. साथ ही सेबी ने एसएसई का उपयोग करके धन जुटाने वाले सामाजिक उद्यमों को वित्त वर्ष के अंत से 90 दिन के भीतर वार्षिक प्रभाव रिपोर्ट (एआईआर) का खुलासा करने के लिए कहा है.नए नियमों के तहत एसएसई मौजूदा शेयर बाजारों का एक अलग सोशल स्टॉक एक्सचेंज खंड होगा.

🔸भलाई के काम के लिए एक्सचेंज से पैसे जुटा सकेंगे
🔸सोशल स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ने के लिए नियम जारी
🔸राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन@SEBI_India pic.twitter.com/dbdkEEUPGe

— Zee सोशल स्टॉक एक्सचेंज Business (@ZeeBusiness) September 19, 2022

करने होंगे ये काम

सेबी ने कहा कि सामाजिक उपक्रमों को नियामक द्वारा लिस्टेड 16 व्यापक गतिविधियों में से एक में काम करना होगा. इसमें भुखमरी उन्मूलन, गरीबी, कुपोषण और असमानता, स्वास्थ्य सेवा का प्रसार, शिक्षा को समर्थन, रोजगारोन्मुखता और आजीविका और महिलाओं के सशक्तीकरण जैसी गतिविधियां शामिल हैं.

Social Stock Exchange: BSE को मिली सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की इजाजत, नॉन प्रॉफिट आर्गनाइजेशन की होगी सोशल स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग

BSE To Start Social Stock Exchange: वित्त वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखा था.

By: ABP Live | Updated at : 07 Oct 2022 01:26 PM (IST)

Edited By: manishkumar

प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )

Social Stock Exchange: देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज BSE को सोशल स्टॉक एक्सचेंज ( Social Stock Exchange) शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. शेयर बाजार ( Stock Market) के रेग्युलेटर सेबी ( SEBI) ने बीएसई ( BSE) को अलग से सोशन स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की इजाजत दी है.

बीएसई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange) पर रेग्युलेटरी फाइलिंग में सूचित किया है कि सेबी ने BSE को अलग से सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने की सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है. इस वर्ष जुलाई महीने में सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज शुरू करने के लिए नियमों को नोटिफाई किया था. सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए सोशल इंटरप्राइजेज फंड जुटा सकेंगे. सोशल इंटरप्राइजेज के तहत आने वाले लाभकारी इंटरप्राइजेज, गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकेंगी. सोशल स्टॉक एक्सचेंज मौजूदा शेयर ट्रेडिंग के स्टॉक एक्सचेंज से बिलकुल अलग होगा.

पिछले महीने सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन (NPO) के रजिस्ट्रेशन और डिस्क्लोजर के लिए न्यूनत्तम शर्तों के साथ एक लिए एडिशनल फ्रेमवर्क जारी किया था. सेबी ने कहा था कि किसी भी गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन को चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर 3 साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जरुरी शर्तों में इन गैर-लाभकारी आर्गनाइजेशन ने बीते वित्त वर्षों में 50 लाख रुपये खर्च किया हो साथ ही 10 लाख रुपये की फंडिंग हासिल किया हो.

2019-20 में हुई थी घोषणा
वित्त वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद SEBI द्वारा गठित कार्यकारी समूह ने गैर-लाभकारी संगठनों को बॉण्ड जारी करके सीधे सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग कराने की सिफारिश की थी. सितंबर, 2019 में इशरात हुसैन की अध्यक्षता में सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सेबी ने एक कार्यकारी समूह का गठन किया था, जिसमें सामाजिक कल्याण (Social Welfare) की दिशा में सक्रिय लोग, वित्त मंत्रालय, स्टॉक एक्सचेंज और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे.

News Reels

क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज
सोशल स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को सामाजिक उद्यमों में शेयर खरीदने की अनुमति देता है. सोशल स्टॉक एक्सचेंज एक माध्यम होगा जिसके जरिए सोशल इंटरप्राइजेज आम जनता और निवेशकों से सामाजिक कार्यों के लिए धन जुटा सकेंगे. सोशल स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की तर्ज पर ही कार्य करेगा, हालाँकि सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) का मकसद लाभ कमाना न होकर सामाजिक कल्याण करना रहेगा.

ये भी पढ़ें

Published at : 07 Oct 2022 12:50 PM (IST) Tags: Nirmala Sitharaman SEBI BSE bombay stock exchange Social Stock Exchange Social Enterprises Non Profit Organisation हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए तैयार किया फ्रेमवर्क, समझिए क्या है एसएसई

भारत में करीब 31 लाख नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन हैं.

एसएसई पर गैर-लाभकारी संस्थान लिस्ट होते हैं. इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से ही एसएसई काम कर रहे हैं. . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 20, 2022, 15:17 IST

हाइलाइट्स

सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए फेमवर्क तैयार कर लिया है.
एसएसई पर नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन की लिस्टिंग होती है.
सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर लिस्टिंग के लिए कुछ पात्रताएं बताई हैं.

नई दिल्ली. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है. इसे 19 सितंबर को पेश किया गया. इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से ही एसएसई काम कर रहे हैं. लेकिन सोशल स्टॉक एक्सचेंज होता क्या है? जिस तरह मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंज होते हैं उसी नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस (एनपीओ) के लिए एसएसई होते हैं.

नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन जैसे की एनजीओ. एसएसई पर गैर-लाभकारी संस्थान लिस्ट होते हैं. अगर कोई कंपनी इस एक्सचेंज पर लिस्ट होना चाहती है तो पहले उसे अपना रजिस्ट्रेशन एनपीओ के तौर पर कराना होगा. मनीकंट्रोल की एक खबर के अनुसार, भारत में करीब 31 लाख एनपीओ हैं. इसका मतलब है कि देश में इस एक्सचेंज के लिए काफी संभावनाएं हैं.

2020 में जारी हुआ था ड्राफ्ट पेपर

सेबी ने इससे पहले 2020 में ही एसएसई के संबंध में एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की थी. सेबी ने जुलाई 2020 में एसएसई के बारे में लोगों से सुझाव भी मांगे थे. इसके लिए सेबी ने एक समिति भी गठित की थी. समिति ने सुझाव दिया था कि बॉन्ड इश्यू और फंडिंग के जरिए एनपीओ की डायरेक्ट लिस्टिंग की जा सकती है.

सेबी ने जारी किया सर्कुलर

बाजार नियामक ने इस बार जो सर्कुलर जारी किया है उसमें कहा गया है कि एनपीओ का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट 12 महीने के लिए मान्य होगा. एनपीओ को भारत में चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में रजिस्टर होना अनिवार्य होगा. सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज कहा है कि संस्था विभिन्न नियमों के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकती है. मसलन, संस्था जिस राज्य में काम कर रही है वहां के पब्लिक ट्रस्ट संबंधी नियमों के तहत खुद को रजिस्टर कराए. इसके अलावा सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, इंडियन ट्रस्ट एक्ट, कंपनीज एक्ट के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. उन्हें यह भी बताना होगा कि उनका मालिकाना हक सरकार के पास है या वे निजी संस्था हैं.

लिस्टिंग के लिए अन्य योग्यताएं

लिस्ट होने के लिए एनपीओ को खुले कम-से-कम 3 साल हो जाने चाहिए. उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जारी वित्त वर्ष से पिछले वर्ष में उसका खर्च न्यूनतम 50 लाख रुपये और फंडिंग कम-से-कम 10 लाख रुपये होनी चाहिए.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

रेटिंग: 4.14
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 749